आईवीएफ भ्रूण स्थानांतरण के बाद गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण
First signs of pregnancy after IVF embryo transfer in hindi
IVF bhrun sthanantaran ke baad garbhavastha ke shuruati lakshan in hindi
एक नज़र
- आईवीएफ प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के दौरान हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
- शुरुआत में एक महिला को लक्षण के रूप में थकावट का एहसास हो सकता है।
- पीरियड्स का न आना आईवीएफ प्रेगनेंसी के सबसे शुरुआती संकेत होते हैं।
Introduction

जब दम्पत्ति को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है, तो वे सफल गर्भावस्था के लिए कई सहायक प्रजनन टेक्नोलॉजी (assistant reproductive technology) का सहारा लेते हैं। [1]
इन विधियों में से एक आईवीएफ भी है, जिसे टू स्टेप प्रोसीज़र (two-step procedure) भी कहा जाता है।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत लैब में शुक्राणु (sperm) के साथ अंडे (eggs) को फर्टीलाइज़ (fertilization) किया जाता है।
इस प्रक्रिया को इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन (in-vitro-fertilization) कहते हैं।[2]
फर्टिलाइजेशन के बाद महिला के गर्भाशय में भ्रूण को डाल दिया जाता है।
आमतौर पर भ्रूण को गर्भाशय में सफलतापूर्वक डालने के दो हफ्ते बाद प्रारंभिक गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण महसूस होने लगते हैं।
मगर यहाँ सवाल उठता है कि क्या आईवीएफ की मदद से गर्भवती होने वाली महिलाओं में भी वही लक्षण दिखाई देते हैं जो प्राकृतिक रूप से गर्भवती हुई महिला में दिखते हैं?
ऐसे में इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि एम्ब्र्यो ट्रांसफर (embryo transfer) के बाद क्या होता है व आईवीएफ प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं।
इस लेख़ में
- 1.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर रक्तस्राव हो सकता है
- 2.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण तौर पर हो सकती है ऐंठन
- 3.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर हो सकती है थकान
- 4.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला के पीरियड्स मिस हो सकते हैं
- 5.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला के ब्रेस्ट में बदलाव हो सकत
- 6.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला को बार-बार पेशाब आ सकता है
- 7.आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर मूड में बदलाव हो सकता है
- 8.निष्कर्ष
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर रक्तस्राव हो सकता है
Spotting can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur pe raktsrav ho sakta hai in hindi
गर्भावस्था का पहला संकेत जिसे आप अपने आईवीएफ भ्रूण स्थानांतरण प्रक्रिया के बाद नोटिस कर सकती हैं वह है हल्का रक्तस्राव (bleeding) या स्पॉटिंग (spotting)।
इस दौरान रक्तस्राव गहरे भूरे या संभवतः काले रंग का हो सकता है।
अगर ऐसा होता है, तो यह एक अच्छा संकेत है, क्योंकि इसका मतलब है कि आपके गर्भाशय में भ्रूण का आरोपण (implantation) सफल हो चुका है और यह भ्रूण स्थानांतरण के बाद सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, अगर खून का रंग गहरा लाल हो और आपके पीरियड्स आने वाले हों तो ऐसी संभावना है कि ये ब्लीडिंग, एम्ब्र्यो इम्प्लांटेशन के कारण नहीं हो रही है।
जिसका मतलब है कि शायद भ्रूण का आरोपण (implantation) सफल नहीं हुआ और प्रक्रिया विफल हो गई है।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण तौर पर हो सकती है ऐंठन
Cramping can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF bhrun sthanantaran ke garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur par ho sakti hai aithan in hindi
भ्रूण को गर्भाशय में डालने के बाद हल्की ऐंठन और पेल्विक एरिया (pelvic area) में परेशानी या असुविधा होना आम है।
ऐंठन आमतौर पर तब होती है जब गर्भाशय का विस्तार होता है और लिगामेंट्स (ligaments) और मांसपेशियों (muscle) के कारण इसमें खिंचाव होता है।
हल्की ऐंठन होना भ्रूण स्थानांतरण के बाद गर्भावस्था का लक्षण/आईवीएफ प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं लेकिन अगर किसी मरीज़ को गंभीर ऐंठन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
दरअसल, गंभीर ऐंठन ओवेरियन हाइपरस्टिम्युलेशन सिंड्रोम (ovarian hyper-stimulation syndrome) या ओवेरियन टॉरशन (ovarian torsion) के संकेत हो सकते हैं।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर हो सकती है थकान
Tiredness can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur par ho sakti hai thakan
भ्रूण (embryo) को गर्भाशय में रखने के बाद एक महिला का थका हुआ महसूस करना भी अन्य आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण में से एक हो सकता है।
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बढ़े हुए स्तर के कारण शुरुआती गर्भावस्था के चरणों (early stages of pregnancy) के दौरान महिलाएं थका हुआ महसूस कर सकती हैं।
ये हार्मोन्स, भ्रूण के विकास में मदद करने में और साथ ही गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करते हैं।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला के पीरियड्स मिस हो सकते हैं
Missed period can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur pr mahila ke periods miss ho sakte hai in hindi
गर्भावस्था के शुरुआती और महत्वपूर्ण संकेतों में से एक है मिस्ड पीरियड।
नार्मल प्रेगनेंसी के सबसे शुरुआती लक्षण की तरह आईवीएफ प्रेगनेंसी में भी पीरियड का मिस होना आपके प्रेग्नेंट होने का संकेत हो सकता है।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला के ब्रेस्ट में बदलाव हो सकता है
Change in breast can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur pr mahila ke breast mei badlaw ho sakta hai in hindi
आईवीएफ भ्रूण के ट्रांसफर के बाद, एक महिला के स्तन में कोमलता, दृढ़ता या सूजन सामान्य रूप से देखी जा सकती है।
ऐसा हार्मोन्स के बदलाव के कारण होता है। इस दौरान एक महिला के निपल्स के रंग में भी बदलाव हो सकता है।
कुछ महिलाएं आईवीएफ करवाने के एक या दो हफ्ते बाद ही इन लक्षणों को महसूस करती हैं, बशर्ते आईवीएफ गर्भावस्था सफल हो।
ये लक्षण आईवीएफ और नार्मल प्रेगनेंसी, दोनों ही अवस्थाओं में नज़र आते हैं।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर महिला को बार-बार पेशाब आ सकता है
Frequent urination can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur par mahila ko baar-baar peshab aa sakta hai
एक महिला अपनी गर्भावस्था के छठे हफ्ते से प्रेगनेंसी के आठवें हफ्ते के बीच बार-बार पेशाब (urination) और अधिक प्यास का अनुभव कर सकती है।
ऐसा बच्चे के बढ़ते आकार व गर्भाशय (uterus) के मूत्राशय (bladder) पर दबाव बनाने के कारण होता है।
ये लक्षण आईवीएफ गर्भावस्था और नार्मल प्रेगनेंसी दोनों हीं अवस्थाओं में दिखते हैं।
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण के तौर पर मूड में बदलाव हो सकता है
Mood swings can be the first sign of IVF pregnancy in hindi
IVF garbhavastha ke shuruati lakshan ke taur par mood mein badlav ho sakta hai in hindi
महिलाओं में गर्भावस्था के चरणों के दौरान होने वाले हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
दरअसल, मूड को कंट्रोल करने वाले ब्रेन केमिकल्स (brain chemicals) जिसे न्यूरोट्रांसमीटर्स (neurotransmitters) कहा जाता है, वो हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण प्रभावित हो जाते हैं।
मूड स्विंग्स ज्यादातर गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान छह से गर्भावस्था के दसवें हफ्ते के बीच महसूस होते हैं।
वहीं गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में कई बार अनुभव किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
ऊपर बताए गए तमाम लक्षणों का अनुभव एक महिला कर भी सकती है या नहीं भी कर सकती है।
ऐसे में इस दौरान महिलाओं को धैर्य बनाए रखना चाहिए और अपने आपको सकारात्मक रखने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसा करने से आप मानसिक और शारीरिक रूप में अपने आप को मज़बूत बनाए रखने में सक्षम हो पाएंगी और हर स्थिति को अच्छे से समझ पाएंगी।
एम्ब्र्यो ट्रांसफर या ivf के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए आप दो हफ्ते के बाद ब्लड टेस्ट के ज़रिए यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
MedlinePlus. "Assisted Reproductive Technology". MedlinePlus, 06 August 2019.
Mayoclinic. “In vitro fertilization (IVF)”. Mayoclinic, 22 June 2019.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 13 May 2020
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