नींद की जानकारी

Sleep related information in hindi


Introduction

Neend_ki_jankari_aur_mahatta

नींद, अनुपस्थित चेतना की वह स्थिति है जिसमे इंसान का शरीर और दिमाग दोनों ही शिथिल यानि सुस्त होता है।

शारीरिक रूप से नींद, बॉडी के फंक्शनिंग के लिए एनर्जी री-गेन (energy re-gain) करने की जटिल प्रक्रिया है। जो आमतौर पर हर रात कई घंटों के लिए होती है।
नींद के दौरान हमारा दिमाग (brain), स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) और सेंस ऑर्गन्स (sense organs ) ना के बराबर काम करते है।

आंखें बंद हो जाती हैं और दिमाग, शरीर, मांसपेशियों के अलावा बॉडी के लगभग सारे सिस्टम्स को रिलैक्स (relax) करने का मौका मिलता है।

आसान शब्दों में कहा जाए तो नींद शरीर के कार्यों की री-"स्विचिंग" (Re-"Switching) है।

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इस लेख़ में

 

नींद का महत्व

Importance of sleep in hindi

Neend ki importance and mahatav in hindi

एक अच्छी रात की नींद आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वस्थ्य रहने के लिए जितना जरुरी आपका खाना है, उतना ही जरुरी आपका सोना भी है क्योंकि:

  1. नींद आपको स्वस्थ्य और निरोग रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  2. नींद एकाग्रता और उत्पादकता (productivity) में सुधार करती है।
  3. अच्छी नींद से हृदय रोग और स्ट्रोक (cardiac stroke) का खतरा कम होता है।
  4. अच्छी नींद डिप्रेशन से बचाता है।
  5. नींद आपके इम्यून फंक्शन (Immune function) को बेहतर बनाती है।
  6. नींद भावनाओं और सामाजिक संबंधों(Emotions and social relationships) को प्रभावित करती है।
  7. अच्छी नींद लेने वालों को मोटापा का खतरा नहीं रहता।
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नींद के चरण

stages of sleep in hindi

Neend ke kitne charan hote hai in hindi

नींद के पांच चरण हैं। वैज्ञानिकों ने नींद के दौरान मस्तिष्क और शरीर की विशेषताओं के आधार पर नींद के चरणों को वर्गीकृत किया।

  1. स्टेज-1 (Stage - 1)
    यह नींद का सबसे हल्का चरण होता है। इसमें श्वास यानि सांस अपने नियमित दर पर होता है। इसे संक्रमणकालीन अवस्था (transitional phase) भी कहा जाता है।
    इस चरण में इंसान थोड़ी देर के लिए कुछ हद तक जगा हुआ हो सकता हैं।
    उनींदापन की यह अवधि (period of drowsiness) आपको एक हल्की नींद की ओर ले जाती है। यह वह समय भी है जब मांसपेशियों में झटके आते हैं, इसके बाद गिरने वाली सनसनी होती है।
  2. दूसरा चरण (Second phase)
    रात का लगभग 50% समय इंसान इसी दूसरे चरण में ही बिताता है। यह एक हल्का चरण है, इसमें हृदय गति धीमी होने लगती है और शरीर का मुख्य तापमान कम हो जाता है।
    इस चरण में आंखों की गति रुक जाती है और मस्तिष्क की तरंगें (brain waves )कभी-कभी धीमी हो जाती हैं।
  3. तीसरा और चौथा चरण (Third and Fourth phase)
    तीसरा और चौथे चरण को नींद की गहरी अवस्था होती है, नींद के अलावा, रक्तचाप और भी कम हो जाता है, और सांस गहरी, धीमी और अधिक सिस्टमैटिक (Systematic)हो जाती है।
    इस चरण में आँखों की गति नहीं होती है, और शरीर स्थिर हो जाता है।
    चरण तीन और चार को स्लो वेव स्लीप (slow wave sleep) कहा जाता है। ये ऐसे चरण हैं जब बच्चे कभी-कभी बुरे सपने, बेडवेटिंग और स्लीपवॉकिंग (bed wetting or sleep walking) का अनुभव करते हैं।
  4. पांचवा चरण (Fifth phase)
    यह सपने देखने से जुड़ी नींद की अवस्था है। यह नींद के अन्य चरणों से शारीरिक रूप से बहुत अलग है।
    इसमें हृदय गति अक्सर बढ़ जाती है। इस दौरान व्यक्ति को चोट से बचाने के लिए मांसपेशियों में एटोनिया (atonia) डेवेलप होता है।
और पढ़ें:अकेलापन कैसे दूर करें
 

नींद आपके मस्तिष्क को कैसे रिफ्रेश करती है

How sleep refreshes brain in hindi

Neend aapke mastiksh ko kaise refresh karti hai in hindi

इंसान के सोने का सटीक कारण क्या है, ये आज भी साइंस के लिए रिसर्च का कारण बना हुआ है ।

कई स्कॉलर्स (Scholars)और साइंटिस्ट्स (Scientists), जिन्होंने इस सम्बन्ध में अलग अलग थ्योरी (theory) दी, लेकिन कोई भी निश्चित तौर पर ये साबित नहीं कर पाए कि हम अपने जीवन का लगभग एक तिहाई क्यों सोते हैं।

रिसर्च में ये जरूर पता चला है की नींद हमारे मस्तिष्क को ताज़ा करने का काम करती है।

  1. यह हानिकारक विषाक्त पदार्थों को साफ करता है
  2. अल्जाइमर के जोखिम को कम करता है।
  3. शरीर की मरम्मत करने में मदद करती है।
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संतुलित नींद क्या है? आपको कितनी नींद की आवश्यकता है

Balanced sleep and how much sleep is essential in hindi

Santulit neend kya hai, aapko kitni neend ki avayashakta hai in hindi

किसी व्यक्ति को कितना सोना चाहिए ये व्यक्ति की उम्र और उसके काम दोनों पर निर्भर करती है, इसलिए संतुलित नींद (balanced sleep )की परिभाषा हर किसी की अलग होती है जैसे:

  1. नवजात (0-3 महीने)
    नवजात बच्चे को हर दिन 14 से 17 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
  2. शिशु (4-11 महीने)
    शिशुओं को 12 से 15 घंटे।
  3. छोटा बच्चा (1-2 साल)
    इनके लिए 11 से 14 घंटों की नींद अच्छी मानी जाती है।
  4. स्कूल जाने की उम्र के बच्चे (6-13 साल)
    इन बच्चों के लिए 9 से 11 घंटे नींद की नींद जरूरी है।
  5. किशोरावस्था (14-17 साल)
    इन्हें 8 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
  6. वयस्क (18-25 साल)
    नौजवान वयस्कों को 7-9 घंटों की नींद लेनी चाहिए।
  7. अधेड़ (26-64 साल)
    इनके लिए नौजवान व्यस्कों की तरह ही 7-9 घंटों की सलाह दी गई है।
  8. बुजुर्ग (65 साल से ज़्यादा)
    वैसे तो इस उम्र में लोगों को नींद कम आती है, फिर भी इस उम्र के लोगों के लिए 7-8 घंटे की नींद को सही माना गया है।
और पढ़ें:अच्छी नींद और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए आहार
 

नींद प्रभावित होने के प्रारंभिक संकेत

Early signs of disturbed sleeping in hindi

Neend prabhavit hone ke early signs in hindi

हर कोई कभी-कभी नींद की समस्याओं का अनुभव करता है, लेकिन अगर आपकी नींद बाधित हो रही है, तो आपका शरीर और दिमाग दोनों ही सांकेतिक रूप से आप तक खबर पहुंचाने की कोशिश करते है।

ये संकेत कुछ इस तरह से हो सकते है जैसे-

  1. दिन के दौरान चिड़चिड़ापन, सुस्ती और थकान महसूस करना।
  2. हमेशा शांत चुपचाप और बैठे रहने की इच्छा का होना।
  3. ड्राइविंग करते समय बहुत थकान महसूस करना या सो जाना।
  4. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना।
  5. हर वक़्त चेहरे पर थकान दिखाई देना।
  6. धीरे प्रतिक्रिया देना ।
  7. अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में परेशानी का सामना करना।
  8. अपने आप को तरोताज़ा रखने के लिए कैफीनयुक्त पेय की आवश्यकता का होना।
और पढ़ें:अच्छी नींद के लिए घरेलू उपाय
 

नींद सम्बन्धी परेशानियां क्या है

Sleep related problems in hindi

Neend se judi pareshani aur pareshaniyaan kya hai in hindi

अच्छी नींद लेने से जहाँ एक और हम स्वस्थ्य और निरोग रह सकते है तो वहीं दूसरी ओर अच्छी और सही मात्रा में नींद नहीं लेने से हमारा स्वस्थ्य तो बिगड़ेगा ही साथ ही साथ हमें कई तरह की नींद सम्बन्धी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

  1. अनिद्रा (Insomnia)
    इंसान सोना तो चाहता है पर कुछ ख़ास कारणों की वजह से उसे नींद नहीं आती और पीड़ित को सारी रात जाग कर गुजारनी पड़ती है।
  2. निद्रा पक्षाघात (Sleep Paralysis)
    यह सोते या जागते समय होता है। इसमें पीड़ित सोते समय हिलने-डुलने में भी असमर्थ हो जाता है।
  3. पैर हिलाने की बीमारी (Restless Leg Syndrome)
    पीड़ित का पैर अपने आप हिलने लगता है और साथ ही पीड़ित को जलन, झुनझुनी, या पैरों पर रेंगने वाले कीड़े की भावना शामिल होती है।
  4. नींद में चलना (Sleep walking)
    इंसान नींद की अवस्था में खुदबखुद उठ कर चलने लग जाता है, कई बार अन्य दूसरी क्रियाएं भी करता है और फिर दुबारा जा कर सो जाता है।
  5. स्लीप एपनिया (Sleep apnea)
    नींद में इंसान की सांस कुछ सेकंड के लिए रूकती है, जिसकी वजह से पीड़ित खर्राटे लेने लगता है।
  6. नार्कोलेप्सी (Narcolepsy)
    एक नींद विकार है जिसमें अत्यधिक, बेकाबू दिन की नींद शामिल है। यह ब्रेन के स्लो फंक्शनिंग के कारण होता है, जो नींद और जागने को कंट्रोल करता है।
  7. परसोम्निया (Parasomnias)
    यह नींद के दौरान रातों को किया गया असामान्य व्यवहार है जिसमे इंसान नींद में बातें करता है।
और पढ़ें:अनिद्रा में क्या खाएं
 

नींद सम्बन्धी परेशानियों के कारण क्या है

Causes of sleep related problems in hindi

Neend sambhandit pareshaniyon ke karan kya hai in hindi

अगर आप नींद को इग्नोर (ignore) कर रहे है तो कुछ ख़ास कारणों की वजह से नींद सम्बन्धी परेशानियों के शिकार हो सकते है।

  1. रात की शिफ्ट में काम करना।
  2. कई दवाएं नींद में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
  3. ६०-६५ वर्ष और उसके बाद बढ़ती उम्र के साथ नींद सम्बन्धी परेशानियों का होना सामान्य बात है।
  4. बैलेंस्ड डाइट (balanced diet) न लेना।
  5. गैजेट्स (gadgets) मोबाइल, लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल।
  6. ज्यादा चाय, कॉफ़ी या अलकोहल का सेवन।
  7. ज्याद मानसिक तनाव।
  8. योग, एरोबिक्स या व्यायाम न करना ।
  9. असमय सोने और उठने की आदत।
  10. जिंदगी की तेज़ रफ़्तार।
और पढ़ें:अनिद्रा: एक सपने देखने वाला दुःस्वप्न
 

स्वास्थ्य पर अच्छी नींद न होने के प्रभाव

Health effects of not having good sleep in hindi

Swasthya par achi neend na hone ke prabhav in hindi

अच्छी नींद हमारी सेहत के लिए बहुत जरुरी है और इसका महत्त्व तब समझ में आता है जब हमें नींद सम्बन्धी किसी भी परेशानी से जूझना पड़ता है।

  1. पाचन तंत्र (Digestive System) में गड़बड़ी की समस्या हो जाती है ।
  2. वजन का संतुलन बिगड़ सकता है।
  3. इंसान चिड़चिड़ा और धीरे धीरे डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
  4. एकाग्रता (concentration ) पर असर पड़ता सकता है।
  5. इंसान हमेशा थका महसूस करता है।
  6. अच्छी नींद की कमी से हमारी इम्युनिटी (Immunity) बिगड़ती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (Disease resistance) घटती है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 01 Jun 2020

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