महिलाओं की कामेच्छा
Women’s sex drive (libido) in hindi
Mahilaon kee kameskha in hindi
Introduction

यौन सम्बन्ध या सम्भोग क्रिया मानव जीवन का अहम अंग है जिसकी अपनी महत्ता है।
इस प्राकृतिक प्रक्रिया को कई मानसिक एवं शारीरिक कारक प्रभावित करते हैं, जिससे सम्भोग करने की इच्छा पर असर पड़ता है।
शारीरिक सम्बन्ध बनाने की इच्छा को सेक्स ड्राइव (Sex drive), कामेच्छा या लिबिडो (Libido) के नाम से जाना जाता है।
इस लेख़ में
सेक्स ड्राइव क्या है?
What is sex drive? in hindi
Kya hai sex drive in hindi
सेक्स ड्राइव को लिबिडो या कामलिप्सा के रूप में भी जाना और समझा जाता है।
सेक्स ड्राइव का तात्पर्य किसी व्यक्ति की सेक्स करने की इच्छा को दर्शाता है, यानि सेक्स कितना और कितनी बार करने की चाह को मापता है।
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार पुरुष सेक्स के बारे में महिलाओं से अधिक सोचते हैं इसलिए यह माना जाता है कि पुरुष और महिला की सेक्स ड्राइव़ अलग होती है।
क्या कामेच्छा का कोई सामान्य स्तर होता है
Is there a ‘Normal’ level of sex drive in hindi
kya kameksha ka koi saamanye star hota hai
महिलाओं व पुरूषों में सामान्य (normal) सेक्स ड्राइव क्या है, इसका कोई प्रमाण नहीं है। कामेच्छा को अनेक शारीरिक, पारिवारिक व मनोवैज्ञानिक कारक प्रभावित करते हैं। जिसके कारण महिलाओं की कामुकता हमेशा एक- सी नहीं रहती है और यौन इच्छा को मापने का कोई पैमाना भी नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि नार्मल सेक्स ड्राइव क्या है और उसका स्तर कितना हो।
हाँ, यदि दोनों पार्टनर यौन संबंध से खुश व संतुष्ट हैं और महिला को गर्भ धारण (pregnant) होने में कोई परेशानी नहीं है तो कहा जा सकता है कि सेक्स ड्राइव सामान्य एवं उपयुक्त है।
हालांकि , कुछ अध्ययनों एवं वैज्ञानिको के अनुसार, एक पुरुष के लिए 34 बार तक का सोचना ‘सामान्य’ माना गया है और स्त्रियाँ दिन में 18 बार से अधिक सेक्स के बारे में सोचती हैं जो उनके लिए सामान्य है।
महिलाओं में कामेच्छा की कमी के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of low sex drive in women? in hindi
mahilaon mein kaameksha ki kami ke lakshan
महिलाओं में कामेच्छा की कमी के लक्षण निम्न हैं :
- यदि महिला अपने पार्टनर के साथ सेक्स का आनंद नहीं उठा पाती है और सेक्स करने के बाद भी संतुष्टि नहीं मिलती है और परेशान रहती हैं तो यह यौन इच्छा में कमी का लक्षण है।
- यदि महिला का पार्टनर उससे सेक्स करने की इच्छा (sex desire) जाहिर करता है और महिला उसे बिना किसी विशेष कारण के बार-बार मना कर देती है तो यह उसकी यौन इच्छा में कमी का सबसे अहम लक्षण माना जा सकता है।
- यदि विवाह के तुरंत बाद (new married couple) भी सेक्स करने की पहल नहीं करती है या उस तरह से इच्छा नहीं दिखाती है जितना पार्टनर करता है, तो इसका अर्थ है कि उत्तेजना कम है।
- यदि कोई महिला कभी रोमांटिक (romantic) नहीं हो पाती और उसे हस्तमैथुन (masturbation) करने का भी मन नहीं करता, उसे अंतरंग बातों में भी कोई दिलचस्पी न हो, तो इसका मतलब भी यह है कि उसकी सेक्स करने की इच्छा घट रही है।
- यदि किसी महिला को योनी (vagina) को छूने पर उत्तेजना नहीं होती, सेक्स करने के अलग-अलग पोशचर (posture) के बारे में वह नहीं सोचती और न ही अपने पार्टनर को उत्तेजित करने के लिए अपनी तरफ से कोई पहल (initiate) करती है, तो यह इस बात का लक्षण है कि यौन इच्छा में कमी आ गई है।
- पार्टनर पर प्यार आने के बजाय उससे डर लगना, उसे छूने, किस (kiss) करने और प्यार करने का मन न करना, सुस्त पड़े रहना, पार्टनर से अंतरंग बातें न करना, उसे न छेड़ना आदि सभी लक्षण इस बात का संकेत (signs) हैं कि महिला की यौन इच्छा कम हो रही है।
महिलाओं में यौन इच्छा को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?
What are the factors that affect sexual desire in women? in hindi
mahilaon mein yaun iccha ko prabhavit karne wale karak
महिलाओं में यौन इच्छा को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैं :
1. स्वास्थ्य (Health)
मानसिक बीमारी और अवसाद, कामलिप्सा (libido) में कमी का कारण बनते हैं। नींद न आना, तनाव, रजोनिवृत्ति (menopause), हार्ट की समस्याओं (heart problems) और थायराइड के इलाज (Thyroid treatment) की वजह से भी कामलिप्सा में कमी आ सकती है। स्ट्रेस (stress) का महिलाओं की सेक्सुअल लाइफ (sexual life) पर बहुत नकारात्मक असर होता है।
2. मौसम और सेरोटोनिन हॉर्मोन (Climate and Serotonin hormone)
सेरोटोनिन हार्मोन मूड को अच्छा करने में मदद करता है। इसलिए इस हॉर्मोन की कमी होने के कारण सम्भोग करने की इच्छा में कमी आ जाती है। मौसम भी शरीर में इस हॉर्मोन की मात्रा पर असर डालता है। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों को अधिक धूप या सर्दी से काफी परेशानी होती है जिसका कारण सेरोटोनिन हॉर्मोन की मात्रा में कमी आना होता है।
3. व्यायाम (Exercise)
व्यायाम सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में सहायता करता है, रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, तनाव घटाने वाले और मूड अच्छा करने वाले एंडोरफिन (endorphine) नामक हार्मोन का रक्त में संचार करता है।
4. मासिक धर्म चक्र (Menstruation cycle)
मासिक चक्र का आना सेक्स ड्राइव (sex drive) को प्रभावित करता है। हर महीने महिला का शरीर गर्भधारण के लिए तैयार होता है।
महिलाओं में हर माह होने वाले पीरियड की वजह से अक्सर शरीर में आयरन (iron) और कई एसिडों की कमी देखी जाती है, जिसके कारण महिलाएं एनिमिया (anemia) की शिकार हो जाती है। एनिमिया या आयरन की कमी की वजह से महिलाओं के जननांगों (sexual organs) में सही से ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) नहीं होता और सेक्स ड्राइव कम होने लगती है।
माना जाता है कि महिलाओं में लिबिडो, पीरियड आने के 2 हफ्ते पहले होने वाले ‘ओव्यूलेशन’ (Ovulation) के दौरान अधिक होती है।
5. शराब और ड्रग्स (Alcohol and Drugs)
शराब और ड्रग्स लेने से थकान बढ़ती है, एस्ट्रोजन (estrogen) और टेस्टोस्टेरॉन (testosterone) जैसे हारमोन की उत्पत्ति में कमी आती है, जिसका प्रभाव सेक्स ड्राइव पर पड़ता है। शराब और ड्रग्स के अधिक सेवन से कई बार कामेच्छा समाप्त तक हो जाती है।
6. दवाइयों का असर (Effects of Medicines)
कई बार दवाइयों के कारण भी कामेच्छा में कमी आती है। कुछ बर्थ कंट्रोल पिल्स (birth control pills) और ब्लड प्रेशर (blood pressure) की दवाइयों के असर से भी सेक्स में दिलचस्पी ख़त्म हो सकती है। अतः ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सेक्स ड्राइव में कमी को अधिकांश महिलाएं गंभीरता से नहीं लेतीं हैं। उन्हें लगता है कि व़क्त के साथ यह समस्या ठीक हो जाएगी, मगर ऐसा होता नहीं है। कई बार यह कपल्स (couples) के बीच दूरियाँ बढ़ा देता है। अतः अपने रिश्ते की मधुरता बनाये रखने के लिए ज़रूरी है कि इस समस्या को समझा जाये और बेझिझक उसके समाधान के लिए डॉक्टर/एक्सपर्ट की हेल्प लें।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
सम्भोग या यौन क्रिया करने की इच्छा का स्तर यौन जीवन को प्रभावित करता है जिसे मेडिकल फील्ड में लिबिडो (libido) कहते हैं। कामलिप्सा या कामेच्छा को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं और इसमें कमी आने के कई लक्षण भी होते हैं जिनको नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 07 Feb 2020
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