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आपकी गर्भावस्था का चालीसवां सप्ताह

Week 40 of your pregnancy in hindi

Aapki garbhavastha ka chaliswan saptah in hindi


Introduction

Week_40_of_your_pregnancy

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आप किस तिमाही (Your trimester) में हैं : आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही (third trimester) में हैं।

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आप कितने महीने की गर्भवती हैं : आप गर्भावस्था के नौवें महीने में हैं।

कितने हफ्ते बचे हैं : 0 हफ्ते (0 दिन)

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में बच्चा कितना बड़ा हुआ है :

  • इस समय आपका शिशु अब तरबूज़ (watermelon) के आकार का है।
  • आपके शिशु की लम्बाई लगभग 20.2 इंच (51 cm) है।
  • गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में शिशु का वज़न लगभग 3.3 किलोग्राम (3.3 kg) होता है।

बधाई हो, अब आप 40 सप्ताह की गर्भवती हो गयी हैं और अब आप अपनी गर्भावस्था के अंत में हैं।

इसी के साथ आप नौ महीने पूरे कर चुकी हैं और डिलीवरी के लिए अब आप तैयार हैं।

ये नौ महीने का सफर कई महिलाओं के लिए आनंद भरा रहता है तो कुछ महिलाएं पूरे गर्भावस्था के दौरान परेशान रहती हैं।

आपका शिशु दुनिया में आने के लिए तैयार है और अब किसी भी समय आ सकता है।

इस सप्ताह गर्भ में बच्चे की गतिविधियाँ बढ़ने से माँ के गर्भ में अधिक प्रेशर पड़ता है और साथ ही दर्द होने लगता है।

हालांकि अगर आपको इस हफ्ते लेबर होता है तो गर्भाशय में संकुचन का अनुभव हो सकता है।

वहीं कुछ महिलाएं को ड्यू डेट तक भी इसका अनुभव नहीं होता है और ऐसे में डॉक्टर की ओर से प्रसव को प्रेरित करने की कोशिश की जाती है।

इस समय यह जानने के लिए नीचे की ओर आगे बढ़े कि शिशु क्या कर रहा है और आपका शरीर कैसा है।

इस समय आपको क्या करना चाहिए:

प्रसवपूर्व विटामिन लेना जारी रखें (जन्म के बाद भी अगर आप स्तनपान करा रही हैं)।

एक दिन में लगभग 8 से 12 गिलास पानी पीना जारी रखें।

ब्रीथिंग एक्सरसाइज़ का अभ्यास करते रहें।

खान-पान को लेकर सतर्क रहें।

केगल एक्सरसाइज़ भी जारी रखें।

प्रेगनेंसी सप्ताह-दर-सप्ताह की पूरी जानकारी होना हर गर्भवती महिला के लिए बेहद आवश्यक है। वीक-बाय-वीक, गर्भावस्था में होने वाले कई तरह के बदलाव और समस्याओं के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए आपको प्रेगनेंसी के हर सप्ताह से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए।

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इस लेख़ में

  1. 1.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आपका शरीर
  2. 2.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आपका बच्चा
  3. 3.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में माँ बननी वाली महिला के लिए आहार, स्वास्थ्य टि
  4. 4.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में किन लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर से जल्द-से-जल
  5. 5.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में डॉक्टर से क्या उम्मीद करें
  6. 6.चालीसवें हफ्ते की गर्भावस्था के दौरान क्या अल्ट्रासाउंड या किसी अन्य परीक्षण क
  7. 7.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में संभोग
  8. 8.गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में पिता के लिए टिप्स
 

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आपका शरीर

Your body at week 40 of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chalisvein hafte mein aapka sharir

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पिछले हफ्ते की तुलना में इस सप्ताह में बहुत कुछ सामान्य ही रहता है।

हालांकि इस समय प्रेग्नेंट महिला कुछ नए लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं और ड्यू डेट तक पहुंचते-पहुंचते अपने शरीर में कुछ बदलावों का भी अनुभव कर सकती हैं।

चालीसवें हफ्ते की गर्भावस्था के दौरान पेट में बदलाव (40 weeks pregnant belly)

इस सप्ताह गर्भवती महिला का पेट बहुत अधिक बढ़ जाता है क्योंकि विकसित शिशु पूरे गर्भाशय की जगह ले लेता है।

चालीसवें हफ्ते की गर्भावस्था के लक्षण (40 Weeks pregnant symptoms)

गर्भावस्था के 40 वें सप्ताह में, होने वाली माँ निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं :

  • पेल्विक पेन और बेचैनी (Pelvic pain and restlessness)

श्रोणि (pelvis) पर अधिक दबाव डालते हुए, बच्चा और नीचे चला जाता है और इस तरह दर्द और परेशानी का कारण बनता है।

  • ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शंस (Braxton Hicks Contractions)

फाल्स कंट्रक्शन (false contraction) अधिक बार होते हैं, और आप उन्हें रियल लेबर समझने की गलती कर सकती हैं।

  • योनि स्राव (Vaginal discharge)

एक मोटी बलगम प्लग (mucus plug) आपकी योनि के माध्यम से निकलती है, क्योंकि बच्चा बर्थिंग कैनाल को नीचे धकेलता है।

  • दर्दनाक पैर की ऐंठन (Painful leg cramps)

इस दर्द का अनुभव माँ बनने वाली महिला रात में करती है।

  • पीठ का दर्द (Back pain)

बच्चे के सिर द्वारा आगे की ओर श्रोणि में दबाव पड़ता है और आपके पोज़िशन बदलने के कारण पीठ दर्द हो सकता है।

  • लेबर के शुरुआती संकेत (Early signs of labor)

इस सप्ताह में आपको सबसे अधिक प्रसव और वाटर ब्रेक (water break) होने की संभावना है।

ऐसे मामले में, अपने डॉक्टर को बुलाएँ या अस्पताल जाएँ।

चालीसवें हफ्ते में शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन (Physical and emotional changes at 40 weeks pregnant)

40वें हफ्ते में होने वाले शारीरिक व भावनात्मक बदलाव :

शारीरिक बदलाव

  • इस दौरान बढ़े हुए पेट के कारण एक गर्भवती स्त्री को चलने और अन्य नियमित गतिविधियों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
  • इस समय स्ट्रेच मार्क्स अधिक स्पष्ट हो जाते हैं।
    मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाने से खुजली से राहत मिल सकती है।
  • आपका गर्भाशय ग्रीवा गर्भावस्था के बाद के अंतिम चरण की ओर पतला होने लगता है।
    अगर यह 10 सेमी तक फैलता है, तो यह इंगित करता है कि बच्चा अब आने वाला है।

भावनात्मक बदलाव

  • आप चिंता और अधीरता से गुज़र सकती हैं क्योंकि आप प्रसव (delivery) और पितृत्व (parenthood) के साथ मुकाबला करने के बारे में चिंतित हैं।
    हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, आपके मूड में भी बदलाव हो सकते हैं।
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गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आपका बच्चा

Your baby at week 40 of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chalisvein hafte mein aapka baccha

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40 सप्ताह पर, बच्चा फुल-टर्म का हो जाता है और अब उसका जन्म कभी भी हो सकता है।

इस समय बच्चा तरबूज़ के आकार का हो जाता है और सिर से पैर तक उसकी लंबाई 20.2 इंच (51. सेमी) और वज़न लगभग 3.3 किलो का हो जाता है।

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते के दौरान बच्चे का विकास (Growth of the baby at 40 week pregnancy)

चालीसवें सप्ताह में बच्चा पूरी तरह से इस दुनिया में आने के लिए तैयार हो जाता है और उसके सभी अंगों का विकास भी हो जाता है।

हालांकि फेफड़े (lungs) और मस्तिष्क (brain) का विकास बच्चे के जन्म के बाद भी जारी रहता है।

आपकी गर्भावस्था के अंत में, बच्चे की खोपड़ी (skull) की हड्डी को छोड़कर सभी हड्डियाँ सख्त हो जाती हैं।

दरअसल खोपड़ी हड्डी अभी भी कोमल होती हैं ताकि जन्म के समय बर्थ कैनाल का माध्यम से बच्चा आसानी से बाहर आ सके।

चालीसवें हफ्ते की गर्भवती अवस्था में शिशु की स्थिति (Baby position at 40 weeks pregnant)

बच्चा अब फुल-टर्म का हो जाता है और माँ के पेल्विस की ओर उसका सिर रहता और पैर ऊपर की ओर रहता है, इस पोज़िशन को नार्मल डिलीवरी के लिए सबसे सही माना जाता है।

अगर आपके बच्चा का पैर नीचे की ओर हो, तो उसे ब्रीच पोज़िशन (breech position) कहते हैं।

इस पोज़िशन में बच्चे के रहते हुए गर्भवती महिला बच्चे को सी-सेक्शन (C-section) के माध्यम से जन्म देती है।

और पढ़ें:आपकी गर्भावस्था का अड़तीसवां सप्ताह
 

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में माँ बननी वाली महिला के लिए आहार, स्वास्थ्य टिप्स और दिनचर्या

Diet, fitness tips and lifestyle for moms to be at 40 week of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chalisvein hafte mein maa banne wali mahila ke liye diet, fitness tips or dincharya

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इस हफ्ते होने वाली माँ को ताकत से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए ताकि लेबर के दौरान शरीर में शक्ति बरकरार रहे और साथ ही हल्के व्यायम और योग भी करते रहना चाहिए।

प्रेगनेंसी के चालीसवें हफ्ते में आपको क्या खाना चाहिए (What you should eat at 40 week of pregnancy)

  • पिछले कई हफ़्तों से पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ों का सेवन इस सप्ताह भी करना चाहिए।
    सब्ज़ियां, फल, चिकन और साबुत अनाज को ज़रुर अपने खाने में शामिल करें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने के लिए गर्भवती स्त्री को नारियल पानी ज़रूर पीना चाहिए और साथ ही पानी का भी सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
  • केला और आलू में मौजूद कार्बोहायड्रेट भी इस समय माँ बनने वाली महिला के लिए बहुत आवश्यक होता है।
  • इसके अलावा कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड के सप्लीमेंट का सेवन करते रहना चाहिए।
    500-1000 मिलीग्राम तक कैल्शियम और 30-60 आयरन और 400-600 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड नियमित रूप से लेते रहें।
    हालांकि इस संदर्भ डॉक्टर की राय आवश्यक है।

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में आपको क्या नहीं खाना चाहिए (What you should not eat or avoid at 40 week of pregnancy)

  • इस समय भी बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए और साथ ही शुगर भी खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे ब्लड शुगर होने का डर रहता है।
  • सॉफ्ट चीज़ों में मौजूद लिस्टिरिया बैक्टीरिया से (listeria bacteria) फ़ूड पोइज़निंग होने का ख़तरा होता है इसलिए होने वाली माँ को ये नहीं खाना चाहिए।

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में कौन सा व्यायाम करना सबसे अच्छा होता है (Which exercise is best at 40 week of pregnancy)

  • 40वें हफ्ते में बच्चा कभी भी हो सकता है और ऐसे में प्रेग्नेंट औरत स्क्वाट करने का अभ्यास करते रहना चाहिए क्योंकि इससे बर्थिंग प्रक्रिया आसान हो जाती है।
  • इसके साथ ही माँ बनने वाली स्त्री को सुबह और शाम आधे घंटे के लिए वॉक ज़रूर करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर एक्टिव बना रहता है।
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गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में किन लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर से जल्द-से-जल्द मिलना चाहिए

Which symptoms raises an alarm to visit doctor at 40 week of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chaliswein hafte mein kin lakshano ko dekhte hue doctor se jald se jald milna chahiye

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अगर इस हफ्ते प्रेग्नेंट महिला को निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें :

  • बच्चे की गतिविधि में कमी अनुभव करना।
  • यूरिन पास करते समय दर्द होना क्योंकि यह मूत्र संक्रमण (urinary infection) का संकेत दे सकता है।
  • लगातार पेट दर्द होना।
  • हल्के लाल रंग के खून का योनि (vagina) से निकलना।
  • बुख़ार और ठंड लगना।
  • एमनियोटिक फ्लूइड के फटने से पीले या हरे तरल पदार्थ का निकलना।

नोट- इसके अलावा अगर एमनियोटिक फ्लूइड भूरे या हरे रंग का दिखाई देता है, तो अपने चिकित्सक को तुरंत सूचित करें।

यह तब होता है जब आपका बच्चा सैक में मेकोनियम रिलीज़ करता है और एक संकेत है कि आपके बच्चे को तनाव है और जितनी जल्दी हो सके प्रसव कराने की आवश्यकता है।

और पढ़ें:आपकी गर्भावस्था का उनतीसवां सप्ताह
 

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में डॉक्टर से क्या उम्मीद करें

What to expect from your doctor in 40th week of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chaliswein hafte mein doctor se kya umeed karein

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प्रेगनेंसी की 36-40 सप्ताह के बीच महिला को हर हफ्ते डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है।

इस हफ्ते आप जब डॉक्टर से मुलाकात करने जाएंगी, तो आपकी डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा (cervical dilation) के फैलाव को देखने के लिए पर-वैजाइनल एग्मिज़ानेशन (Per-vaginal examination) कर सकती हैं।
इसकी मदद से डॉक्टर को लेबर के संभावित समय का पता चलता है।


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चालीसवें हफ्ते की गर्भावस्था के दौरान क्या अल्ट्रासाउंड या किसी अन्य परीक्षण की आवश्यकता है

Whether ultrasound or any other tests required during the fortieth week of pregnancy in hindi

Chaliswein hafte ki garbhavastha ke dauran kya ultrasound ya anya kisi parikshan ki avashyakta hai

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गर्भावस्था के 39वें हफ्ते में अल्ट्रासाउंड व टेस्ट्स :

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

प्रेगनेंसी के 34वें हफ्ते के बाद अल्ट्रासाउंड की सिफारिश नहीं की जाती है, हालांकि अगर किसी तरह की कम्प्लीकेशन होती है तो बच्चे की स्थिति को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड की सिफारिश की जा सकती है।

  • टेस्ट (Test)

इस समय एम्नियोटिक द्रव की मात्रा को मापने (measure the amniotic fluid) के लिए एमनियोटिक फ्ल्यूड इंडेक्स (Amniotic Fluid Index) की जांच की जाएगी।

सामान्य एएफआई (AFI) वैल्यू 5-25cm से होता है और तीसरी तिमाही के लिए एएफआई वैल्यू 7cm के आसपास होता है।

इसके साथ ही एक नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (non-stress test - NST) बच्चे की हृदय गति और उसके गतिविधि को देखने के लिए की जा सकती है।

और पढ़ें:आपकी गर्भावस्था का चौंतीसवां सप्ताह
 

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में संभोग

Sex in the fortieth week of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chaliswein hafte mein sex

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अगर आपकी डॉक्टर को आपकी गर्भावस्था के साथ कोई समस्या नहीं देखती हैं और सेक्स के लिए सेफ बताती हैं, तो आप अभी भी संभोग का आनंद उठा सकती हैं।
हालांकि, याद रखें कि सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन रखें ताकि इन्फेक्शन को फैलने से रोका जा सके जो आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके साथ ही सेक्स करने के लिए आरामदायक पोज़िशन की खोज करें ताकि आप आनंद ले सकें और बच्चे को नुकसान पहुँचाने के जोखिम को कम कर सकें।


और पढ़ें:आपकी गर्भावस्था का छत्तीसवां सप्ताह
 

गर्भावस्था के चालीसवें हफ्ते में पिता के लिए टिप्स

Tips for father during fortieth week of pregnancy in hindi

Garbhavastha ke chaliswein hafte mein pita ke liye tips

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इस समय होने वाले पिता के भी बच्चे की डिलीवरी और माँ को होने वाले लेबर को लेकर चिंतित रहते हैं।

जल्द होने वाले पिता के लिए कुछ टिप्स निम्न हैं :

  • जब आपके पार्टनर को लेबर शुरू हो जाए, तो उस समय उनसे समझने की कोशिश करें कि वो क्या चाहती हैं।
    क्या होने वाली माँ सी-सेक्शन का चयन करन चाहती हैं या फिर प्राकृतिक तरीके से जन्म देन चाहती हैं।
  • अपने इलाके के विभिन्न अस्पतालों के बारे में पूछताछ करें।
    उनके द्वारा पेश की जा रही सुविधाओं, उनके अस्पताल की नीतियों और उनके ट्रैक रिकॉर्ड समझें।
    इससे समय आने पर आपको अपने पसंदीदा अस्पताल से संपर्क करना आसान हो जाएगा।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020

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