गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई)
Urinary tract infection (uti) during pregnancy in hindi
Garbhavastha ke dauran urine infection
Introduction
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मूत्र मार्ग संक्रमण (urine infection), जिसे ब्लैडर इन्फेक्शन (bladder infections) के रूप में भी जाना जाता है, बैक्टीरिया के मूत्र पथ (urinary tract) में पहुंच जाने के बाद विकसित होता है।
यूरिन इन्फेक्शन यूरिनरी ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से का संक्रमण हो सकता है, किडनी से जहां मूत्र बनता है, यूरेट्रस (ureterus) और मूत्राशय (urinary bladder) जहां यूरिन जमा होता है, और यूरेथरा जो शरीर के बाहर यूरिन पास करता है।
यूरिन इन्फेक्शन के कारण, बैक्टीरिया सबसे अधिक होते हैं। यूरिन इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है, लेकिन महिलाओं में ये होना सबसे आम है, ख़ासकर गर्भावस्था के दौरान।
गर्भावस्था के दौरान 6 से 24वें सप्ताह तक यूटीआई (uti) होने का ख़तरा अधिक होता है। अगर प्रेगनेंसी के दौरान इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो ये प्रीटर्म लेबर का कारण बन सकता है।
यूटीआई को अनुपचारित छोड़ने से यह, जन्म के समय बच्चे के वज़न कम होने का कारण भी बन सकता है।
इस लेख़ में
- 1.गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) होना आम क्यों हैं?
- 2.गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के लक्षण क्या हैं?
- 3.यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण और प्रकार क्या हैं?
- 4.गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का निदान कैसे किया जाता है?
- 5.गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का इलाज क्या है?
- 6.क्या गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) होना खतरनाक होता है?
- 7.आप गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) को कैसे रोक सकते हैं?
गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) होना आम क्यों हैं?
Why urinary tract infection (uti) is common during pregnancy? in hindi
Garbhavastha ke dauran urinary tract infection

गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) होना आम है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बढ़ता भ्रूण ब्लैडर (bladder) और यूरिनरी ट्रैक्ट (urinary tract) पर दबाव डाल सकता है।
जिससे आपके ब्लैडर में सारे यूरिन को पास करने में कठिनाई हो सकती है।
बचा हुआ यूरिन, यूरिन इन्फेक्शन (uti) का एक स्रोत हो सकता है। इसका दूसरा कारण है हार्मोन (hormone)।
गर्भावस्था में, हार्मोन, यूरिनरी ट्रैक्ट में परिवर्तन का कारण बनते हैं, जिससे महिलाओं में संक्रमण होने की अधिक संभावना होती है।
इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाने से इन्फेक्शन जैसे कि यूटीआई होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के लक्षण क्या हैं?
What are the signs and symptoms of urinary tract infection (UTI) during pregnancy? in hindi
Garbhavastha ke dauran urine infection ke lakshan kya hain

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के यूरिन में बिना किसी लक्षण के बैक्टीरिया हो सकते हैं और आपको शायद पता भी नहीं चलेगा कि आपको संक्रमण हुआ है।
हालांकि, यूटीआई के कुछ ध्यान देने योग्य संकेत ज़रूर हैं।
मूत्र मार्ग संक्रमण के लक्षण निम्न हो सकते हैं :
- बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस करना
- पेशाब करते समय दर्द और जलन होना
- मूत्र के प्रवाह (flow of urine) को शुरू करने में कठिनाई
- मूत्र में रक्त या बलगम
- निचले पेट में ऐंठन या दर्द
- संभोग के दौरान दर्द
- मूत्राशय के क्षेत्र में दर्द, दबाव या कोमलता महसूस होना
- जब बैक्टीरिया किडनी में फैलता है तो आपको पीठ दर्द, ठंड लगना, बुख़ार, मतली और उल्टी का अनुभव हो सकता है
- यूरिन में बदबू आना
दो से दस प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का अनुभव होता है।
हालांकि, इससे भी अधिक चिंताजनक बात ये है कि गर्भावस्था के दौरान ये समस्या अक्सर दोबारा हो जाती है।
वहीं जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के पहले यूरिन इन्फेक्शन था, उन्हें गर्भावस्था के दौरान होने का ख़तरा अधिक होता है।
यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण और प्रकार क्या हैं?
What are the causes and types of urinary tract infections (UTI)? in hindi
Urinary tract infections ke karan or prakar kya hain

मूत्र मार्ग संक्रमण आमतौर पर तब होते हैं, जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग (urethra) के माध्यम से मूत्र पथ (urinary tract) में प्रवेश करते हैं और ब्लैडर में बढ़ना शुरू करते हैं।
आप निम्न कारकों में से किसी के कारण से गर्भावस्था के दौरान मूत्र मार्ग संक्रमण से पीड़ित हो सकते हैं:
- बैक्टीरिया, जैसे ई-कोलाई (E.coli) और क्लैमाइडिया (chlamydia) आपकी त्वचा, आपके मलाशय (rectum) या योनि (vagina) में मौजूद होते हैं।
- मूत्र पथ के शारीरिक रचना और कार्य में परिवर्तन, किडनी के आकर में वृद्धि, और यूरेटेस (ureters) और ब्लैडर (bladder) पर दबाव पड़ना।
- मूत्राशय गर्भावस्था के दौरान अच्छी तरह से खाली नहीं होता है, जिससे यूरिन जमा हो जाता है जिसमें एसिड के साथ-साथ शुगर, हार्मोन, और प्रोटीन मौजूद होते हैं।
उपरोक्त कारक गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के निम्न प्रकार को जन्म देते हैं :
सिस्टिटिस या मूत्राशय में संक्रमण (Cystitis or bladder infection)
कभी-कभी, बैक्टीरिया आपके ब्लैडर में फँस जाता है और वहीं पर बढ़ने का प्रयास करता है और बढ़ने लगता है।
नतीजतन, आपको यूरिन पास करते समय जलन और दर्द का अनुभव होने लगेगा, साथ ही बुख़ार और बार-बार पेशाब करने की इच्छा भी बढ़ने लगेगी।
सिस्टिटिस 20-50 आयु वर्ग की महिलाओं में और यौन सक्रिय (sexually active) महिलाओं में होना सबसे आम है।
पायलोनेफ्राइटिस या गुर्दे का संक्रमण (Pyelonephritis or kidney infection)
बैक्टीरिया आपके ब्लैडर से यूरेटर्स तक भी पहुंच सकता है, जहां ये एक या दोनों गुर्दों (kidney) को संक्रमित कर सकता है।
ये गंभीर चिकित्सा जटिलताओं में से एक है, जो माँ के साथ-साथ बच्चे के लिए जानलेवा हो सकती है।
पायलोनेफ्राइटिस (pyelonephritis) होने से प्रीटर्म लेबर होने का रिस्क बढ़ जाता है या जन्म के समय बच्चे का वज़न कम होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं ये भ्रूण या नवजात मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा होता है और लगभग दो प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है।
एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया (Asymptomatic bacteriuria)
ये यूरिनरी ट्रैक्ट का एक जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) होता है, लेकिन इसके कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।
ज़्यादातर मामलों में, ये अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे उपचार की आवश्यकता होती है।
जब अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो ये किडनी या ब्लैडर इन्फेक्शन (kidney or bladder inefction) के उच्च जोखिम का कारण बन सकता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान होना आम है।
गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का निदान कैसे किया जाता है?
How urinary tract infection (uti) is diagnosed during pregnancy? in hindi
Garbhavastha ke dauran urinary tract infection (uti) ka nidan kaise kiya jata hai

अगर एक महिला गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण का अनुभव करती है तो प्रीनेटल विज़िट के दौरान डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण का अनुभव करने पर किये जा सकते हैं निम्लिखित टेस्ट्स :
मूत्र विश्लेषण (Urine analysis)
रेड ब्लड सेल्स (red blood cells), वाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) और बैक्टीरिया (bacteria) का पता लगाने के लिए यूरिन सैंपल लिया जाता है और लैब टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है।
हालांकि, यूरिन सैंपल देने से पूर्व आपको एंटीसेप्टिक (antiseptic) का उपयोग करके आपको अपने जननांग क्षेत्र को साफ करने के लिए कहा जाएगा।
यूरिन कल्चर (Urine culture)
ये टेस्ट कभी-कभी यूरिन एनालिसिस टेस्ट के बाद किया जाता है। इस टेस्ट में यूरिन के सैंपल लिए जाते हैं और फिर लैब में ये देखा जाता है कि किस बैक्टीरिया के कारण ये इन्फेक्शन हुआ है और कौन सी दवा लेनी चाहिए।
सिस्टोग्राम (Cystogram)
इसमें किडनी की पथरी (stone) और सूजन (swelling) जैसी समस्याओं का पता लगाने के लिए यूरिनरी ट्रैक्ट का एक्स-रे (X-ray) किया जाता है।
सिस्टोस्कोपिक एग्ज़ाम (Cystoscopic exam)
मूत्रमार्ग (urethra) और मूत्राशय (bladder) की असामान्यताओं की जांच करने के लिए मूत्रमार्ग में एक छोटी ट्यूब डाली जाती है।
अगर टेस्ट के परिणाम सकारात्मक (positive) आते हैं तो फिर डॉक्टर की उपचार की सलाह दे सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का इलाज क्या है?
What is the treatment for urinary tract infection (uti) during pregnancy? in hindi
Garbhavastha ke dauran uti ka ilaj kya hai

गर्भावस्था के दौरान मूत्र मार्ग संक्रमण का एंटीबायोटिक (antibiotics) दवाओं की मदद से सुरक्षित रूप से इलाज किया जा सकता है।
अधिकांश मामलों में भी मूत्र मार्ग संक्रमण का उपचार आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जाता है।
डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का 3-7 दिन का कोर्स करने को कहते हैं, जो आपके और बच्चे के लिए सुरक्षित होता है।
कई आम एंटीबायोटिक्स जैसे एमोक्सिसिलिन (amoxicillin), एरिथ्रोमाइसिन (erythromycin) और सबसे बेहतर नाइट्रोफ्यूरेंटोइन (nitrofurantoin) , पेनिसिलिन (penicillin) गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
बुख़ार, ठंड लगना, पेट में दर्द, मतली, उल्टी, संकुचन या तीन दिनों तक दवा लेने के बाद भी अगर आपको यूरिन पास करने के दौरान जलन होती है, तो अपने डॉक्टर से आपको बात करने की आवश्यकता है।
यूरिन इन्फेक्शन का इलाज होने के दौरान आप क्या कर सकते हैं:
- तरल पदार्थ का खूब सेवन करें
तरल पदार्थ आपको हाइड्रेटेड रखते हैं और आपके शरीर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
- माइल्ड सोप का इस्तेमाल करें
कठोर साबुन, पाउडर और बबल बाथ से दूर रहें।
- क्रैनबेरी जूस पिएं
क्रैनबेरी और लिंगोनबेरी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की संभावना को कम करते हैं क्योंकि वे ई.कोली बैक्टीरिया को मूत्राशय या मूत्र पथ की दीवारों से जुड़ने से रोकते हैं।
आप क्रैनबेरी रस, सूखे क्रैनबेरी या इसके सप्लीमेंट ले सकते हैं।
- परिष्कृत खाद्य पदार्थ (refined foods) से दूर रहें
फलों के रस, कैफीन, शराब और चीनी से दूरी बनाए।
- संक्रमण के लिए पोषक तत्व लें
संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए विटामिन सी (250 से 500 मिलीग्राम), बीटा-कैरोटीन (25,000 से 50,000 IU प्रति दिन) और ज़िंक (30-50 मिलीग्राम प्रति दिन) लें।
क्या गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) होना खतरनाक होता है?
Is a urinary tract infection (UTI) dangerous during pregnancy? in hindi
Kya garbhavastha ke dauran urinary tract infection (uti) hona khatarnak hota hai

गर्भावस्था के दौरान कोई भी संक्रमण आपके और आपके बच्चे के लिए बेहद ख़तरनाक हो सकता है क्योंकि इन्फेक्शन होने से समय से पहले प्रसव का ख़तरा बढ़ जाता है।
गर्भावस्था के दौरान एक अनुपचारित यूरिन इन्फेक्शन प्रसव के बाद भी बहुत परेशान कर सकता है।
अगर समय रहते गर्भवस्था के दौरान मूत्र मार्ग संक्रमण का उपचार नहीं किया जाता है तो पायलोनेफ्राइटिस (pyelonephritis) होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
माँ और बच्चे दोनों के लिए ये बीमारी जानलेवा हो सकती है। अगर ये किडनी में फैल जाता है, तो स्थायी रूप से आपकी किडनी को नुकसान पंहुचा सकता है।
कम वज़न या समय से पहले बच्चे को जन्म देने वाली गर्भवती महिलाओं में जोखिम बढ़ जाता है।
आप गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) को कैसे रोक सकते हैं?
How can you prevent urinary tract infection (uti) during pregnancy? in hindi
Aap garbhavastha ke dauran urine infection ko kaise rok sakte hain

मूत्र मार्ग संक्रमण आम हैं लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं।
आमतौर पर आपकी व्यक्तिगत स्वच्छता और यौन आदतों में बदलाव करना शामिल है।
रोकथाम के कुछ अधिक प्रभावी तरीकों में शामिल हैं :
- बाथरूम जाने से पहले और बाद में अपने हाथ धो लें।
- हाइड्रेटेड रहने के लिए प्रतिदिन सात-आठ गिलास पानी पिएं।
- नियमित रूप से 4-5 बार यूरिन पास ज़रूर करें और यूरिन को रोक-कर न रखें।
- सेक्स के बाद यूरिन पास ज़रूर करें ताकि सेक्स के दौरान मूत्रमार्ग में गए किसी भी बैक्टीरिया को साफ़ करने में मदद मिल सके।
- सूती पैंटी (cotton underpants) पहनें और हर रोज़ बदले।
- अपने योनि के क्षेत्र को साफ़ रखें।
- टाइट पैंट या अंडरगारमेंट न पहनें।
- खान-पान पर ध्यान दें और आराम भी करें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020
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