प्रसव के दौरान बच्चे से पहले गर्भनाल का बाहर आना - अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स: कारण, निदान और प्रबंधन

Cord Prolapse: causes, diagnosis and management in hindi

Umbillical cord prolapse ke karan, nidan or prabandhan


Introduction

Cord_Prolapse_in_hindi

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह के शारीरिक व मानसिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। नौ महीने का ये सफ़र एक महिला बस इसी इंतज़ार में बिना उफ़ किये तय करती है ताकि वह नौ महीने बाद अपने शिशु को अपनी बाहों में थाम पाए।

लेकिन, समस्याएं सिर्फ गर्भावस्था के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के दौरान या गर्भावस्था के अंतिम चरणों में भी हो सकती हैं। ऐसी कई जटिलतायें होती हैं जो गर्भावस्था के अंतिम चरण में शुरू हो सकती हैं , जिससे माँ और बच्चे दोनों को ख़तरा हो सकता है।

ऐसी ही एक जटिलता है अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स (umbilical cord prolapse), जिसके कारण माँ और बच्चे दोनों को ख़तरा होता है।

आज इस लेख में हम प्रसव के दौरान बच्चे से पहले गर्भनाल के बाहर आने के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

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इस लेख़ में

  1. 1.गर्भनाल क्या है?
  2. 2.अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स क्या है?
  3. 3.कॉर्ड प्रोलैप्स के प्रकार क्या हैं?
  4. 4.कॉर्ड प्रोलैप्स के लक्षण क्या हैं?
  5. 5.कॉर्ड प्रोलैप्स के कारण क्या हैं?
  6. 6.कॉर्ड प्रोलैप्स की जटिलताएं क्या हैं?
  7. 7.अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स का निदान कैसे किया जाता है?
  8. 8.अगर घर पर कॉर्ड प्रोलैप्स होता है तो मैं क्या कर सकती हूँ?
  9. 9.कॉर्ड प्रोलैप्स के लिए प्रबंधन और उपचार क्या हैं?
  10. 10.क्या अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स को रोका जा सकता है?
 

गर्भनाल क्या है?

What is umbilical cord in hindi

Umbilical cord kya hai

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गर्भनाल एक लचीली, ट्यूब जैसी संरचना होती है, जो गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को मां से जोड़े रखती है।

गर्भनाल के सहारे ही बच्चा माँ के गर्भ में जीवित रहता है।

ये बच्चे को पोषक तत्व पहुँचाती है और बच्चे के मल को भी बाहर निकालती हैं।

गर्भनाल तीन ब्लड वेसल्स से बनी होती है :

  • दो आर्टरीज़ (arteries) और
  • एक नस यानि की वेन (vein)

तीन रक्त वाहिकाओं (blood vessels) से बनी गर्भनाल, गर्भ में भ्रूण को रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुँचाती है।

लेकिन दुर्लभ मामलों में गर्भनाल प्रसव के दौरान बच्चे के जन्म से पहले ही निकल जाती है, जिसे कॉर्ड प्रोलैप्स कहा जाता है।

ऐसी स्थिति माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

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अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स क्या है?

What is a umbilical cord prolapse in hindi

Cord prolapse definition

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अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स एक जटिलता है, जो तब होती है जब गर्भनाल, गर्भाशय की ग्रीवा से निकलकर शिशु से पहले योनि मार्ग के माध्यम से बाहर आ जाती है।

अधिकांश मामलों में ऐसा प्रसव के दौरान झिल्ली के समय से पहले टूटने (premature rupture of membranes) पर होता है।

कॉर्ड प्रोलैप्स होने के कारण अम्ब्लिकल कॉर्ड कम्प्रेशन हो सकता है या गर्भनाल पर दबाव बढ़ सकता है।

इस तरह के दबाव से बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचने में कमी हो सकती है और बच्चे की हृदय गति और रक्तचाप कम हो सकता है।

ये समस्याएं आपके बच्चे के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती हैं, जिसमें मस्तिष्क क्षति (brain injury) और बच्चे का देरी से साँस लेना शामिल है।

इस स्थिति में डॉक्टर फ्युनिक डिकम्प्रेशन करते हैं, जिसके अंतर्गत बच्चे को गर्भनाल से दूर करके कॉर्ड पर से दबाव हटाया जाता है या सिजेरियन डिलीवरी द्वारा तुरंत बच्चे की डिलीवरी करते हैं।

कॉर्ड प्रोलैप्स जैसी स्थिति का सामना लगभग 1000 गर्भवती महिलाओं में से 1.4-6.2 प्रतिशत को ही करना पड़ता है।

और पढ़ें:अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण, कारण और उपचार
 

कॉर्ड प्रोलैप्स के प्रकार क्या हैं?

What are types of cord prolapse in hindi

Umbilical cord prolapse ke prakar

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गर्भ में बच्चे की स्थिति के आधार पर कॉर्ड प्रोलैप्स को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:

ओवर्ट प्रोलैप्स (Overt prolapse)

ये तब होता है जब बच्चे के सिर के निकलने से पहले या डॉक्टर द्वारा बच्चे की सिर दिखने से पहले गर्भनाल बाहर आ जाती है।

ऑकल्ट प्रोलैप्स (Occult prolapse)

ये तब होता है जब बच्चे के बाहर आने के साथ ही गर्भनाल निकल जाती है।

दोनों प्रकार में, बच्चे को होने वाली परेशानी को रोकने के लिए तत्काल डिलीवरी की आवश्यकता होती है।

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कॉर्ड प्रोलैप्स के लक्षण क्या हैं?

What are the symptoms of a cord prolapse in hindi

Cord prolapse signs and symptoms in hindi

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ये ध्यान में रखते हुए कि प्रसव के दौरान या उससे पहले कॉर्ड प्रोलैप्स होता है, डॉक्टर इसका निदान करने के लिए निम्नलिखित संकेतों या लक्षणों की जाँच करेंगे!

कॉर्ड प्रोलैप्स के लक्षण निम्न हो सकते हैं : -

  • डिलीवरी के दौरान बच्चे से पहले गर्भनाल को महसूस करना या देखना, कॉर्ड प्रोलैप्स का सबसे स्पष्ट संकेत होता है।
  • ऑक्सीजन की कमी के कारण बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ता है और हृदय की गति भी कम जाना।

ये लक्षण अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स के संकेत हो सकते हैं। इसलिए समय रहते उपचार की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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कॉर्ड प्रोलैप्स के कारण क्या हैं?

What are the causes of cord prolapse in hindi

Umbilical cord prolapse ke karan

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कई कारक अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स (प्रसव/डिलीवरी के दौरान बच्चे से पहले गर्भनाल का बाहर आना) को जन्म दे सकते हैं।

कॉर्ड प्रोलैप्स के कारण निम्न हैं : -

झिल्ली का शीघ्र टूटना (Premature rupture of the membranes)

एमनियोटिक थैली कभी-कभी बहुत जल्दी फट सकती है या जब डॉक्टर एमनियोटॉमी (लेबर को तेज़ करने की प्रक्रिया) करते हैं तब भी यह फट सकती है, जो कॉर्ड प्रोलैप्स का कारण होती है।

पॉलीहाइड्रमनिओस - अत्यधिक एमनियोटिक द्रव (Polyhydramnios)

अगर एमनियोटिक फ्लूड बहुत अधिक होता है, तो तरल पदार्थ का दबाव गर्भनाल को शिशु के पहले, दबाव के साथ पुश करता है, जिससे बच्चे के पहले गर्भनाल बाहर आ जाती है।

एक से अधिक बच्चे की डिलीवरी (Delivering multiples)

जब गर्भ में जुड़वाँ बच्चे हो या दो से अधिक बच्चे हो तो पहला बच्चा, बाहर निकलते समय, दूसरे बच्चे की नाल को बाहर निकाल सकता है।

बच्चे की स्थिति (Position of the baby)

अगर बच्चा ब्रीच पोज़िशन (breech position) में होता है जहाँ बच्चे के पैर पहले बाहर निकलते हैं, जिससे बर्थ कैनाल से बाहर आने के लिए पहले गर्भनाल को जगह मिल जाती है और वो बाहर निकल जाती है।

इसके अलावा ट्रांसवर्स पोज़िशन (transverse position) में रहने के कारण गर्भनाल पहले बाहर आ सकती है।

समय से पहले प्रसव (Premature delivery)

बच्चे का आकार छोटा होने के साथ-साथ अधिक मात्रा में एमनियोटिक द्रव की मौजूदगी कॉर्ड को पहले बाहर निकलने के लिए ट्रिगर कर सकती है।

लंबी गर्भनाल (Long cord)

एक गर्भनाल जो सामान्य से अधिक लंबी होती है, वह भी कॉर्ड प्रोलैप्स यानि कॉर्ड भ्रंश का कारण हो सकती है।

अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स से जुड़े अन्य जोखिम कारक हैं :

  • भ्रूण के सिर का मैनुअल रोटेशन
  • जन्म के वक़्त, शिशु का वज़न कम होना
  • गर्भाशय के गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroid) या मांसपेशियों के ट्यूमर (muscle tumors)
  • जन्मजात गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं जैसे कि सेप्टेट (septate), बाइकोर्न (bicorn) आदि।
  • सेफेलोपेल्विक विषमता (cephalopelvic disproportion) - बच्चे का सिर या शरीर बहुत बड़ा होने की स्थिति
  • प्लेसेंटा प्रिविया (लो-लाइंग प्लेसेंटा)
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कॉर्ड प्रोलैप्स की जटिलताएं क्या हैं?

What are the complications of cord prolapse in hindi

Umbilical cord prolapse ki complications

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कॉर्ड प्रोलैप्स के कारण निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं :

  • ऑक्सीजन की कमी और हृदय गति में बदलाव के कारण रक्तचाप में परिवर्तन।
  • रेस्पिरेटरी एसिडोसि (respiratory acidosis) तब होता है, जब अम्बिलिकल कॉर्ड की वेन पर दबाव पड़ता है, जिससे बच्चे के रक्त में कार्बन-डाइऑक्साइड जमा हो जाता है।
  • लंबे समय तक कॉर्ड पर दबाव पड़ने से बच्चे के मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन का फ्लो प्रभावित हो सकता है जिससे बच्चे को ब्रेन इंजरी (brain injury) हो सकती है।
  • ये फीटल हाइपोक्सिया (fetal hypoxia - गर्भ में ऑक्सीजन की कमी) का कारण बन सकता है, जिससे भ्रूण की मृत्यु हो सकती है।
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अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स का निदान कैसे किया जाता है?

How is umbilical cord prolapse diagnosed in hindi

Umbilical cord prolapse ka nidan kaise kiya jata hai

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डॉक्टर एक अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स का पता निम्न तरीकों से लगा सकते हैं : -

  • फीटल हार्ट मॉनिटर की मदद से बच्चे की हार्ट रेट का पता लगाया जाता है।
    कॉर्ड प्रोलैप्स के मामले में, बच्चे की हृदय गति 120 बीट प्रति मिनट से भी कम हो जाती है।
  • उंगलियों का उपयोग करके नाल को देखने या महसूस करने के लिए पैल्विक परीक्षण (pelvic exam) किया जाता है।
  • अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स का प्रसव से पहले एक अल्ट्रासाउंड की मदद से भी पता लगाया जा सकता है।
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अगर घर पर कॉर्ड प्रोलैप्स होता है तो मैं क्या कर सकती हूँ?

What to do if cord prolapse happens at home? in hindi

Ghar par umbilical cord prolapse hone pr aap kya kar sakte hain

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चूंकि कॉर्ड प्रोलैप्स से भ्रूण को ऑक्सीजन और रक्त की कमी का खतरा होता है, इसलिए इसे जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।

लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि ये कॉर्ड प्रोलैप्स है? सबसे पहले, आपका वाटर बैग ब्रेक हो जाता है और आप महसूस करेंगी कि आपकी योनि में कुछ (नाल) है।

ऐसे मामले में, चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करें क्योंकि यह एक प्रसूति आपात स्थिति (an obstetric emergency) है और मदद आने तक निम्नलिखित उपाय करें।

  • अपने साथी की मदद से हल्के हाथों से योनि को पकड़कर रखें ताकि कॉर्ड बाहर न आए। गर्भनाल को दबाए या पिंच न करें।
  • कॉर्ड कम्प्रेशन के साथ, बच्चे तक ऑक्सीजन पहुँचने में कमी आ जाती है। इस मामले में, शांत रहें और अपने बच्चे को यथासंभव ऑक्सीजन देने के लिए गहरी साँसें लें।
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कॉर्ड प्रोलैप्स के लिए प्रबंधन और उपचार क्या हैं?

What are the treatment and management for cord prolapse in hindi

Medical management of cord prolapse

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एक बार कॉर्ड प्रोलैप्स का निदान हो जाने के बाद सबसे पहले प्रसव की आवश्यकता होती है।

कुछ मामलों में, एक चिकित्सक दबाव को दूर करने के लिए बच्चे को गर्भनाल से दूर ले जाने की कोशिश करेंगे, ताकि बच्चे को योनि से प्रसव कराने का प्रयास करते समय ऑक्सीजन की कमी होने का खतरा कम हो सके।

अधिकांश मामलों में इस प्रक्रिया में समय लगता है और तुरंत एक आपातकालीन सी-सेक्शन (emergency C-section) किया जाता है।

आमतौर पर, जब माँ को सर्जरी के लिए तैयार किया जाता है, तब बच्चे के पहले निकलने वाले हिस्से को श्रोणि (pelvis) में वापस पुश कर दिया जाता है ताकि कॉर्ड से दबाव को दूर किया जा सके।

अगर डिलीवरी जल्द-से-जल्द नहीं होती है, तो कॉर्ड कम्प्रेशन (cordc compression) और प्रोलैप्स का बच्चे पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

दरअसल जब कॉर्ड संकुचित हो जाता है, तो भ्रूण की ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है या रूक जाती है।

इससे न्यूनेटल हाइपोक्सिया (neonatal hypoxia), हाइपोक्सिक-इस्केमिक एन्सेफैलोपैथी (hypoxic-ischemic encephalopathy - HIE), और मस्तिष्क की चोट (brain injury) हो सकती है।

इस स्थिति से बचने के लिए ये ज़रूरी है कि डिलीवरी मिनटों में हो और आमतौर पर सी-सेक्शन की मदद ली जाती है।

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क्या अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स को रोका जा सकता है?

Can cord prolapse be prevented in hindi

Kya umbilical cord prolapse ko roka ja sakta hai

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अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स को रोकने के लिए कोई निश्चित तरीके नहीं हैं, लेकिन कुछ चीज़ें हैं जो इसके जोखिम को कम करने के लिए कर सकती हैं।

निम्न तरीकों से अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स के जोखिम को कम किया जा सकता है : -

  • भारी वज़न उठाने से और बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि करने से बचें क्योंकि इससे नेचुरल तरीके से लेबर शुरू होने से पहले ही वॉटर ब्रेक हो सकता है।
  • अगर स्थिति लेबर को प्रेरित करने की मांग करती है, तो सी-सेक्शन के लिए जाएं क्योंकि ये एक सुरक्षित विकल्प है।
  • यदि आप पॉलीहाइड्रामिनियोज़ (polyhydramnios) या भ्रूण के विकास की स्थितियों से अवगत हैं, तो किसी भी जोखिम के लिए पहले से तैयारी करें।
  • सर्वाइकल की जाँच कराने से बचें क्योंकि इससे झिल्ली अचानक टूट (accidental rupturing of the membranes) सकती है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 06 Nov 2020

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