सबकोरियोनिक हिमाटोमा क्या है और आपकी गर्भावस्था को ये कैसे नुकसान पहुँचाता है
Subchorionic hematoma in hindi
Subchorionic hematoma kya hai or kaise ye garbhavastha ko harm karta hai
Introduction

प्रेगनेंसी के नौ महीने के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह-तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान होने वाले बदलावों में कुछ बदलाव आंतरिक रूप से होते हैं तो कुछ बदलाव ऊपरी तौर पर दिखाई देते हैं।
लेकिन कभी-कभी गर्भावस्था के छोटे-बड़े लक्षण किसी बीमारी या किसी जोखिम की तरफ भी इशारा कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना आमतौर पर सामान्य मानी जाती है। लेकिन, कुछ मामलों में ये ब्लीडिंग किसी जोखिम या समस्या की तरफ इशारा कर सकती है।
प्रेगनेंसी में होने वाली ऐसी ही एक समस्या का नाम है सबकोरियोनिक हिमाटोमा, जिस कारण महिलाओं को रक्तस्त्राव का अनुभव हो सकता है। आखिर ये समस्या क्यों होती है और इसके कारण क्या हैं, ये समझने के कोशिश करते हैं।
इस लेख़ में
- 1.सबकोरियोनिक हिमाटोमा क्या है?
- 2.सबकोरियोनिक हेमटोमा / ब्लीडिंग अन्य प्रकार के रक्तस्राव से कैसे भिन्न होता है?
- 3.सबकोरियोनिक ब्लीडिंग होना कितना आम है?
- 4.सबकोरियोनिक हिमाटोमा के कारण क्या हैं?
- 5.सबकोरियोनिक हिमाटोमा के लक्षण क्या हैं?
- 6.सबकोरियोनिक हिमाटोमा का निदान कैसे किया जाता है?
- 7.क्या सबकोरियोनिक हिमाटोमा हानिकारक है?
- 8.सबकोरियोनिक हिमाटोमा का उपचार कैसे किया जाता है?
- 9.सबकोरियोनिक हिमाटोमा को कैसे मैनेज करें?
सबकोरियोनिक हिमाटोमा क्या है?
What is subchorionic hematoma in hindi
Subchorionic hematoma kya hai in hindi

सबकोरियोनिक हिमाटोमा, एक ऐसी स्थिति है, जब गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय की दीवार (uterine wall) और कोरियोनिक झिल्ली (chorionic membrane) के बीच खून जमा हो जाता है।
कोरियोन (chorion) गर्भाशय और प्लेसेंटा के बीच की बाहरी झिल्ली होती है, जो गर्भाशय के पास होती है।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा को सबकोरियोनिक हेमरेज (subchorionic hemorrhage) या सबकोरियोनिक ब्लीडिंग (subchorionic bleeding) भी कहा जाता है।
हिमाटोमा के परिणामस्वरूप प्लेसेंटा फीटल मेम्ब्रेन से अलग हो जाती है, जो सबकोरियोनिक ब्लीडिंग का कारण बनती है।
लगभग 25 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं, पहली तिमाही के दौरान सबकोरियोनिक ब्लीडिंग या हिमाटोमा का अनुभव करती हैं।
ये हल्के से भारी स्पॉटिंग या रक्तस्राव का कारण बन सकता है, लेकिन ऐसे लक्षण नहीं भी दिख सकते हैं।
अधिकांश मामलों में सबकोरियोनिक हेमरेज जैसी जटिलता अपने आप ठीक हो जाती है, और महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं।
हालांकि, ब्लीडिंग या थक्के जैसे कुछ मामले समस्या पैदा कर सकते हैं, इसलिए सबकोरियोनिक ब्लीडिंग को मॉनिटर करना आवश्यक है।
सबकोरियोनिक हेमटोमा / ब्लीडिंग अन्य प्रकार के रक्तस्राव से कैसे भिन्न होता है?
How subchorionic hematoma/bleeding differs from other types of bleeding in hindi
Subchorionic hemorrhage any prakar ki bleeding se kaise alag hai in hindi

रक्तस्राव ही, गर्भावस्था में सबकोरियोनिक ब्लीडिंग को दर्शाने वाला एकमात्र लक्षण है। इसके होने का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल सका है।
हालांकि, बिना ब्लीडिंग के सबकोरियोनिक हिमाटोमा भी होते हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनाकोलॉजिस्ट के अनुसार पहली तिमाही के दौरान लगभग 15 से 25 प्रतिशत महिलाओं में स्पॉटिंग (खून के धब्बे) होती है।
जबकि स्पॉटिंग गर्भावस्था के किसी भी चरण में हो सकती है लेकिन पहली तिमाही में होना सबसे आम है।
स्पॉटिंग के कारणों में शामिल हैं : -
- प्रत्यारोपण
- गर्भाशय का विस्तार
- हार्मोन के स्तर में वृद्धि
- संभोग
- सरवाइकल पॉलीप्स (cervical polyps) सहित ग्रीवा परिवर्तन
- योनि परीक्षण
कुछ धब्बों से ज़्यादा होने वाला रक्तस्राव, जिसमें एक छोटे पैड की आवश्यकता होती है, अक्सर अन्य समस्याओं के संकेत होते हैं। ये सबकोरियोनिक ब्लीडिंग का संकेत हो सकता है।
रक्तस्राव ही केवल सबकोरियोनिक हिमाटोमा के लक्षण को दर्शाता है। आपको इस जटिलता के बारे में तब तक पता नहीं चलेगा, जब तक आपका अल्ट्रासाउंड नहीं होता है।
सबकोरियोनिक ब्लीडिंग होना कितना आम है?
How common is Subchorionic bleeding in hindi
Subchorionic hemorrhage hona kitna aam hai in hindi

लगभग 5-25% गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सबकोरियोनिक हेमरेज का अनुभव होता है। योनि से रक्तस्राव, लगभग 20-25% गर्भधारण को जटिल बना देता है।
जो 20 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं योनि से रक्तस्राव के साथ अस्पताल जाती हैं, उनमें अक्सर सबकोरियोनिक हेमरेज का निदान किया किया जाता है।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा के कारण क्या हैं?
What are the causes of Subchorionic Hematoma bleeding in hindi
Subchorionic hemorrhage causes in hindi

सबकोरियोनिक हिमाटोमा होने का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। ये पहले से मौजूद ऑटोइम्म्यून रोग (autoimmune disease), इम्युनोलॉजिकल कारकों (immunological factors) या फिर जेनेटिक कारणों का परिणाम माना जाता है।
हालांकि, कुछ मामलों में, रक्तस्राव तब हो सकता है, जब नाल (placenta) पूरी तरह से या आंशिक रूप से गर्भाशय की दीवार (uterine wall) से अलग हो जाता है।
एक और संभावना यह है कि, जब निषेचित अंडा (fertilized egg) गर्भाशय की दीवार में असामान्य रूप से प्रत्यारोपित हो जाता है।
वहीं अध्ययन में पाया गया है कि, जो महिलाएं आईवीएफ या फ्रोजन भ्रूण स्थानांतरण (frozen embryo) के माध्यम से गर्भधारण करती हैं, उनमें सबकोरियोनिक हेमरेज होने की संभावना अधिक होती है।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा ब्लीडिंग के अन्य कारण हो सकते हैं :
- ट्रोमा (troma)
- ब्लड क्लॉटिंग डिसॉर्डर (Blood clotting disorder)
- पहले हुए डिलेटेशन और करेटेज (D&C) के कारण घाव के निशान
- माँ की आयु 35 वर्ष से अधिक हो
- गर्भाशय की खराबी
- संक्रमण
सबकोरियोनिक हिमाटोमा के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of subchorionic hematoma in hindi
Subchorionic hematoma symptoms in hindi

सबकोरियोनिक हिमाटोमा के सबसे आम लक्षणों में से एक है, योनि से खून आना। ये या तो स्पॉटिंग या फिर भारी रक्तस्राव के रूप में हो सकता है।
रक्तस्राव के साथ गंभीर पेट दर्द (abdominal pain) या चक्कर आना (dizziness) और ऐंठन (cramping) भी अनुभव हो सकता है।
कुछ महिलाओं को किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होगा। ऐसे में नियमित अल्ट्रासाउंड के दौरान उन्हें सबकोरियोनिक हेमरेज का पता चलेगा।अल्ट्रासाउंड के अलावा इसके बारे में पता लगा पाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा का निदान कैसे किया जाता है?
How is subchorionic hematoma diagnosed in hindi
Subchorionic hemorrhage ka nidan in hindi

सबकोरियोनिक ब्लीडिंग का पता लगाने का एकमात्र तरीका है अल्ट्रासाउंड। योनि से रक्तस्राव की तीव्रता के आधार पर, डॉक्टर रक्तस्राव का कारण जानने के लिए पेट (abdominal) या ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (transvaginal ultrasound) का उपयोग कर सकते हैं।
एक अल्ट्रासाउंड गर्भाशय और प्लेसेंटा के बीच रक्त के थक्कों का पता लगा सकता है। ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड योनि के माध्यम से गर्भाशय क्षेत्र की जांच करने में मदद करता है।
एक बार जब स्कैन से सबकोरियोनिक ब्लीड होने का पता चलता है, तो डॉक्टर हेमरेज के आकार (size of the hemorrhage) का निर्धारण करेंगे, क्योंकि आकार समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
क्या सबकोरियोनिक हिमाटोमा हानिकारक है?
Is subchorionic hematoma harmful in hindi
Kya subchorionic hematoma hanikarak hota hai in hindi

छोटे आकर के हिमाटोमा आपकी गर्भावस्था को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, ये सिर्फ रक्तस्राव (bleeding) का कारण बनते हैं।
हालांकि, बड़े आकर के हिमाटोमा कुछ गंभीर गर्भावस्था जोखिमों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि प्रसव पूर्व लेबर (preterm labor) और प्लेसेंटल अब्रप्शन (placental abruption)।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा के जोखिम हैं : -
- सबकोरियोनिक हिमाटोमा गर्भावस्था के पहले 20 हफ्तों में गर्भपात के जोखिम को बढ़ाता है। हालांकि, गर्भावस्था में लगातार योनि से खून आना गर्भपात की संभावना को नहीं बढ़ाता है।
- सबकोरियोनिक हेमरेज के साथ-साथ कई और गर्भावस्था की जटिलता जैसे तनाव और चोट से भी गर्भपात की संभावना बढ़ जाता है।
- सबकोरियोनिक हेमरेज गर्भावस्था को किस तरह प्रभावित कर सकता है, ये हिमाटोमा के आकार, माँ की उम्र और गर्भकालीन आयु पर निर्भर करता है।
- सबकोरियोनिक ब्लीड के साथ जुड़े अन्य जोखिमों में इंट्रायूटेरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (intrauterine growth restriction), प्री-एक्लम्पसिया (pre-eclampsia), प्लेसेंटल अब्रप्शन (placental abruption) या ऑलिगोहाइड्रामनियोस (oligohydramnios) शामिल हैं।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा का उपचार कैसे किया जाता है?
How is subchorionic hematoma treated in hindi
Subchorionic hemorrhage treatment in hindi

अगर योनि से रक्तस्राव का कारण सबकोरियोनिक हिमाटोमा है, तो आपके डॉक्टर गर्भपात को रोकने के लिए जल्द-से-जल्द उपचार शुरू करेंगे।
आपके डॉक्टर इस स्थिति के इलाज के लिए निम्नलिखित सलाह दे सकते हैं : -
- अगर हिमाटोमा का आकार छोटा है, तो डॉक्ट र आपको आराम करने या आपकी गतिविधियों को कम करने की सलाह दे सकते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान सेक्स न करने की सलाह दे सकते हैं।
- डॉक्टर आपकी गर्भावस्था को मज़बूत करने के लिए एस्ट्रोजन (estrogen) या प्रोजेस्टेरोन थेरेपी (progesterone therapy) का उपयोग कर सकते हैं। डाईड्रोजेस्टरोन (dydrogesterone), एक सिंथेटिक प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (40mg / दिन) सबकोरियोनिक ब्लीडिंग के इलाज के लिए दिया जाता है।
- रक्त के थक्के को हटाने में मदद करने के लिए खून को पतला (anticoagulants) करने की सलाह दी जा सकती है।
- इसके अलावा आपके डॉक्टर भ्रूण और गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए आपके स्वास्थ्य की बारीकी से निगरानी करेगा।
- हेमेटोमा गर्भावस्था (hematoma pregnancy) के प्रबंधन में ओरल डाइड्रोजेस्टेरोन (oral dydrogesterone) के साथ रख-रखाव चिकित्सा बहुत प्रभावी होते हैं और इससे गर्भपात होने की संभावना भी कम हो जाती है।
सबकोरियोनिक हिमाटोमा को कैसे मैनेज करें?
How to deal with subchorionic hematoma in hindi
Subchorionic bleed se kaise deal karein in hindi

इस गर्भावस्था की स्थिति से निपटने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं : -
- गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के योनि से रक्तस्राव पर नज़र रखें।
- कब्ज़ और मल में खिंचाव को रोकने के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें।
- शांत और तनाव मुक्त रहें।
- भारी काम और व्यायाम से बचें।
- नियमित रूप से फाइबर युक्त आहार लें।
- प्रेगनेंसी के दौरान प्रीनेटल विज़िट मिस न करें।
आराम और गतिविधि के स्तर के बारे में डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन करें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 24 Nov 2020
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