स्टिलबर्थ के कारण, लक्षण और जोखिम कारक
Causes, symptoms and risk factors of stillbirth in hindi
Stillbirth ke karan, lakshan or jokhim karak
Introduction

स्टिलबर्थ (stillbirth), डिलीवरी के वक़्त या उससे पूर्व शिशु की मृत्यु को कहते हैं। लगभग सौ में एक गर्भवती महिला को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है, जो गर्भावस्था के बीसवें हफ्ते में या उसके बाद होता है।
प्रसव के हफ्तों या घंटों पहले बच्चे की मृत्यु हो सकती है। नेशनल स्टिलबर्थ सोसायटी के अनुसार (National Stillbirth Society), स्टिलबर्थ को अंतर्गर्भाशयी मृत्यु (intrauterine death) कहा जाता है।
लगभग 160 गर्भधारण में से एक के साथ स्टिलबर्थ जैसे स्थिति होती है। अधिकांश स्टिलबर्थ लेबर से पहले होते हैं, जबकि बहुत कम मामलों में ही लेबर या डिलीवरी के दौरान ऐसा होता है।
स्टिलबर्थ को गर्भावस्था की अवधि के अनुसार भी वर्गीकृत किया गया है :
- प्रारंभिक स्टिलबर्थ (early stillbirth)
जब गर्भावस्था के 20 से 27 सप्ताह के बीच भ्रूण की मृत्यु होती है।
- लेट स्टिलबर्थ (late stillbirth)
28 से 36 सप्ताह के बीच भ्रूण की मृत्यु।
- टर्म स्टिलबर्थ (term stillbirth)
37 सप्ताह के बाद भ्रूण की मृत्यु।
दुर्भाग्यवश स्टीलबर्थ (गर्भपात) हमारे देश में दुर्लभ नहीं है और भारत में विश्व स्तर पर सबसे अधिक संख्या में स्टिलबर्थ होते हैं।
यह जानना बहुत मुश्किल है कि भारत में कितने बच्चे अभी भी स्टिलबॉर्न (stillborn) हैं, लेकिन कुछ आकड़ों से ये पता चलता है कि 45 में से कम से कम एक बच्चा अभी भी स्टिलबॉर्न (Stillborn) होता है।
इस लेख़ में
- 1.मिसकैरेज (गर्भपात) और स्टिलबर्थ में क्या अंतर है?
- 2.स्टिलबर्थ क्यूँ होता है?
- 3.स्टिलबर्थ के लक्षण क्या हैं?
- 4.स्टिलबर्थ के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
- 5.स्टिलबर्थ का पता लगाने के लिए कौन से परीक्षण किए जाते हैं?
- 6.स्टिलबॉर्न बेबी की डिलीवरी के क्या विकल्प होते हैं?
- 7.कैसे स्टिलबर्थ के बाद खुद को संभालें?
- 8.क्या स्टिलबर्थ को रोका जा सकता है?
मिसकैरेज (गर्भपात) और स्टिलबर्थ में क्या अंतर है?
What is the difference between a miscarriage and a stillbirth? in hindi
Miscarriage or stillbirth mei kya antar hai

दोनों शब्द, गर्भावस्था के नुकसान का वर्णन करते हैं, लेकिन अंतर नुकसान के समय में है। गर्भावस्था के नुकसान (pregnancy loss) को गर्भपात (miscarriage) कहा जाता है। वहीं जब प्रेगनेंसी लॉस (pregnany loss) 20 सप्ताह के बाद होता है उसे स्टिलबर्थ (stillbirth) कहा जाता है।
स्टिलबर्थ क्यूँ होता है?
Why do stillbirth happens? in hindi
Stillborn baby kyon hota hai

मरे हुए बच्चे की डिलीवरी क्यों होती है और इसके पीछे क्या कारण है इसका पता अब तक नहीं लग पाया है लेकिन कई ऐसे कारक हैं जो स्टिलबॉर्न बेबी (stillborn baby) के होने की वजह बन सकते हैं।
निम्न कारक स्टिलबॉर्न बेबी (stillborn baby) के पैदा होने की संभावना को बढ़ाते हैं :
जन्म दोष (Birth Defects)
क्रोमोज़ोम संबंधित विकार के कारण लगभग 15-20% स्टिलबॉर्न बेबी होते हैं।
कभी-कभी एक बच्चे में संरचनात्मक विकृतियां होती हैं, जो क्रोमोज़ोमल असामान्यताओं (chromosomal abnormalities) के कारण नहीं होती हैं, लेकिन आनुवंशिक (genetic), पर्यावरणीय (environmental) या अज्ञात कारणों (unknown causes) से हो सकती हैं।
अम्बिलिकल कॉर्ड से जुड़ी समस्याएं (Umbilical cord problems)
अगर गर्भनाल में गांठ या सिकुड़न आ जाती है, तो गर्भ में बच्चे को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
गर्भनाल से संबंधित समस्याएं गर्भावस्था के अंतिम तिमाही (late in pregnancy) में स्टिलबर्थ का कारण बनती हैं।
संक्रमण (infection)
माँ में, बच्चे में या प्लेसेंटा में इन्फेक्शन होने से भी स्टिलबॉर्न बेबी हो सकता है। गर्भावस्था के 24वें हफ्ते से पहले इन्फेक्शन के कारण स्टिलबर्थ होना बहुत आम है।
विकसित होने वाले संक्रमणों में शामिल हो सकते हैं :
- साइटोमेगालोवायरस (cytomegalovirus - CMV)
- पांचवां रोग (fifth disease)
- जननांग दाद (genital herpes)
- लिस्टरियोसिस (listeriosis)
- सिफिल्स (syphilis)
- टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (toxoplasmosis)
प्लेसेंटा की समस्या (Placenta problems)
प्लेसेंटा की मदद से बच्चे तक ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व पहुँचते हैं, इसलिए अगर प्लेसेंटा से जुड़ी कोई समस्या आती है तो ये बच्चे को जोखिम में डाल सकता है। प्लेसेंटा की समस्या लगभग एक तिमाही स्टिलबर्थ के लिए ज़िम्मेदार हो सकती है।
गर्भावस्था और लेबर जटिलता (Pregnancy and labor complications)
निम्न परिस्थितियां जन्म से पहले शिशु के लिए जोखिम बढ़ा सकती हैं :
- गर्भावस्था में जटिलताओं की वजह से प्रीटर्म लेबर की संभावना
- अगर आपकी गर्भावस्था 42 सप्ताह से अधिक समय तक पहुंच जाए
- एक से अधिक बच्चे का गर्भ में होना
- गर्भावस्था के दौरान दुर्घटना या चोट
जब 24वें सप्ताह से पहले प्रसव होता है, तो गर्भावस्था और प्रसव संबंधी जटिलताएं आमतौर पर स्टिलबर्थ (मरे हुए बच्चे) का एक कारण होती हैं।
मातृ स्वास्थ्य (Maternal health)
माँ का स्वास्थ्य स्टिलबॉर्न बेबी का कारण बन सकता है। प्रीक्लेम्पसिया (pre-eclampsia) और क्रॉनिक ब्लड प्रेशर के कारण माँ की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ सकती है।
अस्पष्टीकृत स्टिलबर्थ (Unexplained stillbirth)
गर्भावस्था की अंतिम तिमाही या प्रसव के दौरान अस्पष्टीकृत स्टिलबर्थ (गर्भपात) होने की संभावना अधिक होती है।
स्टिलबर्थ के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of stillbirth? in hindi
Stillborn baby hone ke lakshan kya hain

दरअसल, स्टिलबर्थ (गर्भपात) के लक्षण विशेष तौर पर प्रारंभिक गर्भवस्था के दौरान नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि कई ऐसे लक्षण हैं जिसका अनुभव माँ को हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान स्टिलबॉर्न बेबी के पैदा होने के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- 28 सप्ताह के बाद अगर आपको लगे कि बच्चे ने मूव करना बंद कर दिया है या सामान्य से कम मूवमेंट हो रही है
- आपके पेट या पीठ में तेज़ दर्द या ऐंठन हो रही हो
- आपको पेट में झटका महसूस हो
- योनि से बहुत अधिक ब्लीडिंग हो
- यूटेरिन एरिया सॉफ्ट हो जाए
ध्यान दें कि, उपरोक्त संकेत हमेशा स्टिलबर्थ को इंगित नहीं करते हैं। लेकिन, अगर माँ की गर्भावस्था उच्च जोखिम वाली है, तो फिर स्टिलबर्थ (गर्भपात) की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
स्टिलबर्थ के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
What are the risk factors for stillborn baby? in hindi
Stillborn ke liye jokhim karak kya hain

मरे हुए बच्चे का जन्म किसी भी कारण या बिना किसी कारण के भी हो सकता है। ऐसे में इससे पूरी तरह बचाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कुछ कारक स्टिलबॉर्न बेबी (stillborn baby) होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
स्टिलबर्थ (गर्भपात) के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक निम्न हैं:
- 35 साल या उससे अधिक उम्र की महिला का गर्भवती होना
- मोटापा
- अनियंत्रित मधुमेह
- उच्च रक्त चाप
- एक से अधिक बच्चे के साथ गर्भधारण
- समय से पहले जन्म का इतिहास
- प्री-एक्लेम्पसिया
- अपर्याप्त प्रसव पूर्व देखभाल
- धूम्रपान करने, शराब पीने, अवैध दवाओं का उपयोग करने जैसी जीवनशैली की आदतें
स्टिलबर्थ का पता लगाने के लिए कौन से परीक्षण किए जाते हैं?
What tests are done to ascertain stillbirth? in hindi
Stillbirth ka pata lagane ke liye kaun se test kiye jate hain

डॉक्टर किसी भी चिकित्सा स्थितियों (medical conditions) की जांच के लिए पहले आपके परिवार के इतिहास की समीक्षा करेंगे। इसके बाद, एक या अधिक परीक्षण, स्टिलबर्थ (गर्भपात) के कारण का पता लगाने के लिए किए जाते हैं।
निम्नलिखित टेस्ट की मदद से स्टिलबॉर्न का निदान किया जाता है :
- एमनियोसेंटेसिस (Amniocentesis)
ये टेस्ट किसी जेनेटिक कंडीशन (genetic condition) या इन्फेक्शन (infection) का पता लगाने में मदद करता है, जो डेड बेबी (dead baby) का कारण हो सकता है। ये बच्चे के जन्म से पहले किया जाता है।
- आनुवंशिक परीक्षण (Genetic tests)
इस टेस्ट के माध्यम से बच्चे की आनुवंशिक स्थितियों की जाँच की जाती है।
- रक्त परीक्षण (Blood test)
ब्लड टेस्ट की मदद से माँ में होने वाले प्रीक्लेम्पसिया या प्लेसेंटा से जुड़ी समस्या का पता लगाया जाता है।
- ऑटोप्सी (Autopsy)
स्टिलबर्थ (stillbirth) के कारण, जैसे जन्म दोष या अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए स्टिलबॉर्न बेबी का शारीरिक परीक्षण (physical exam) किया जाता है।
- थायराइड परीक्षण (Thyroid test)
ये जानने के लिए कि क्या माँ की कोई स्थिति है जो थायरॉयड को प्रभावित करती है। अगर उपयुक्त टेस्ट की मदद से स्टिलबॉर्न बेबी (stillborn baby) का पता चलता है तो बिना देर किये माँ के गर्भ से डेड फीटस (dead fetus) को निकालने की आवश्यकता है।
स्टिलबॉर्न बेबी की डिलीवरी के क्या विकल्प होते हैं?
What are the options for delivery of stillborn baby? in hindi
Stillborn baby ki delivery kaise ho sakti hai

अगर माँ के गर्भ में बच्चे की मृत्यु हो जाती है, तो माँ लेबर शुरू होने का इंतज़ार कर सकती है या लेबर को प्रेरित करने के लिए दवा का सहारा भी सकती है।
मरे हुए बच्चे की डिलीवरी के लिए कुछ निम्नलिखित तरीके हैं :
लेबर को प्रेरित करना (Inducing labor)
गर्भाशय के संकुचन (uterine contractions) को उत्तेजित करने या एमनियोटिक थैली के टूटने के लिए दवाइयाँ देने से लेबर का अनुभव होना शुरू हो जाता है। इसके बाद, ज्यादातर महिलाओं को 24 घंटों के अंदर प्रसव पीड़ा शुरू होने लगती है।
सिजेरियन (cesarean)
सी-सेक्शन की सिफारिश तब ही की जाती है, जब लेबर प्रक्रिया जोखिम भरी हो।
अगर माँ स्वाभाविक रूप से लेबर के शुरू होने का इंतज़ार करना चाहती है और यह सुरक्षित माना जाता है, तो ऐसी स्थिति में :
- माँ के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले किसी भी इन्फेक्शन की जाँच के लिए हफ्ते में दो बार ब्लड टेस्ट किया जाता है।
- अगर दो से तीन सप्ताह के बाद भी लेबर शुरू नहीं होता है, तो आपके डॉक्टर लेबर को प्रेरित (induce) करने की सिफारिश कर सकते हैं।
हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि अगर प्राकृतिक रूप से लेबर शुरू होने में अगर देरी हो जाए तो इससे गर्भ में बच्चे की स्थिति और ख़राब हो सकती है और स्टिलबर्थ के कारण को समझने में मुश्किल पैदा कर सकती है।
बच्चे के जन्म के बाद, डॉक्टर स्टिलबर्थ के कारण क्या हैं ये जानने के लिए आगे के परीक्षण कर सकते हैं।
अपने बच्चे को खोने के बाद, एक महिला को अपना ध्यान रखने की ज़रूरत है क्योंकि शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से ऐसी स्थिति (condition) में वो कमज़ोर हो जाती हैं।
कैसे स्टिलबर्थ के बाद खुद को संभालें?
How to handle yourself after stillbirth? in hindi
Stillborn baby ke hone baad khud ko kaise sambhale

एक बच्चे को खोने का दर्द, एक दंपत्ति के लिए सबसे खराब और दर्दनाक अनुभवों में से एक होता है, विशेष तौर पर एक महिला को इस स्थिति से उबरने में बहुत समय लगता है। इस समय आपको अपने आप पर भी ध्यान देना ज़रूरी होता है।
निम्नलिखित तरीकों से आप स्टिलबर्थ से उबरने की कोशिश कर सकती हैं:
- अच्छी तरह से खाएं और भरपूर आराम करें। शारीरिक रूप से फिट रहें ताकि आप भावनात्मक रूप से ठीक हो सकें।
- अपने बच्चे, अपनी भावनाओं, अपने डर और अपने दुःख के बारे में बात करें या लिखना शुरू करें और अपनी भावनाओं को दबाने से बचें।
- जानकारी, मार्गदर्शन और समर्थन पाने के लिए किताबें पढ़ें, लेख लिखें और वीडियो देखें।
- अपने परिवार और दोस्तों के साथ रहें और सबके साथ खुश रहने की कोशिश करें।
स्टिलबर्थ (गर्भपात) एक दंपत्ति के लिए सबसे निराशाजनक अनुभव होता है और पूरे परिवार को दर्द दे जाती है।
ऐसे में इस स्थिति से अपना बचाव करने के लिए गर्भावस्था के दौरान अपना पूरा ख़्याल रखें और खान-पान और जीवनशैली को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करें।
क्या स्टिलबर्थ को रोका जा सकता है?
Can stillbirth be prevented? in hindi
Kya stillborn baby ko hone se roka ja sakta hai

स्टिलबर्थ (गर्भपात) के जोखिम कारक आपके कंट्रोल से बाहर होते हैं, इसलिए इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है।
लेकिन स्टिलबर्थ के जोखिम को कम करने के लिए आप निम्न कदम उठा सकते हैं:
- अगर डॉक्टर द्वारा सिफारिश की गई है, तो नियमित रूप से हल्के व्यायाम करके पूरे गर्भावस्था में स्वस्थ वज़न बनाए रखें।
- प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही अल्ट्रासाउंड कराए।
- संतुलित आहार के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
- गर्भावस्था के जोखिमों के लिए जांच करवाए और बेबी की ग्रोथ न होने की वजह का पता लगाए।
- गर्भावस्था से पहले और दौरान उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच कराए और उसे कंट्रोल करने की कोशिश करें।
- गर्भावस्था की योजना बनाते समय फोलिक एसिड का सेवन बढ़ाएं, क्योंकि इससे जन्म दोष की संभावना कम होती है।
- प्रसव पूर्व देखभाल का हिस्सा ज़रूर बनें।
- दूसरी तिमाही से भ्रूण की गतिविधियों पर ध्यान दें।
- गिरने जैसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधान रहें।
कार में यात्रा करते समय सीट बेल्ट ज़रूर पहनें और हील्स पहनने से बचें। - प्रेगनेंसी के दौरान घर का बना हेल्दी खाना खाएं।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020
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