साइटिका के लक्षण, कारण, बचाव और इलाज
Sciatica in hindi
Sciatica ke lakshan, karan, bachaw or ilaj
एक नज़र
- सायटिका नर्व मनुष्य के शरीर की सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण नर्व होती है।
- अपनी पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करें, जो आपकी रीढ़ को सहारा देने का काम करते हैं।
- स्मोकिंग भी सायटिका की स्थिति को बढ़ावा देती है।
Introduction

आजकल अनियमित जीवन-शैली, सुविधाओं के लिए संसाधनों का बढ़ता प्रयोग और प्रदूषण का उच्च होता स्तर आदि कई बीमारियों को जन्म दे रहा है।
हम आज अधिकांश कामों के लिए संसाधनों का प्रयोग करते जा रहे हैं, जिससे हमारी शारीरिक गतिविधि शून्य होती जा रही है। दूसरी ओर इससे शारीरिक परेशानियां और उनसे होने वाली बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं।
ऐसी ही एक बीमारी का नाम है सायटिका (sciatica in hindi), जो अकसर 40 साल की उम्र के बाद तेज़ दर्द के रूप में परेशान करती है।
सायटिका नर्व (sciatica nerve) मनुष्य के शरीर की सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण नर्व होती है, जो आपके स्पाइनल कॉर्ड (spinal cord) से शुरू होती है और पैरों के पीछे के हिस्से से होते हुए ऐड़ियों तक जाती है।
इसलिए पैरों को आपके नियंत्रण करने और फील करने के आपके पावर पर इसका डायरेक्ट असर पड़ता है। जब ये नर्व परेशान हो जाती है, तो आप सायटिका पेन (sciatica pain) का अनुभव करेंगे।
ये नर्व निचले पैरों में कई मांसपेशियों को नियंत्रित करती है और पैर की त्वचा और निचले पैर के अधिकांश हिस्से को उत्तेजना प्रदान करती है।
सायटिका एक स्थिति नहीं है, बल्कि एक और समस्या का एक लक्षण है। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि 40 प्रतिशत तक लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार सायटिका का अनुभव ज़रुर करते हैं।
इस लेख़ में
सायटिका के लक्षण
Sciatica symptoms in hindi
Sciatica ke lakshan
सायटिका एक तरह का आम दर्द होता है, जो आपके सायटिक नर्व (sciatic nerve) को प्रभावित करता है। अगर आपको स्पाइनल कॉर्ड से लेकर पैरों के निचले हिस्से तक दर्द हो रहा है, तो ये सायटिका हो सकता है। सायटिक नर्व में किसी तरह का चोट या नुकसान का परिणाम है सायटिका दर्द।
इसलिए तंत्रिका क्षति (nerve damage) के अन्य लक्षण भी आमतौर पर दर्द के साथ दिखाई देते हैं।
सायटिका के अन्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं : -
- कमर के निचले हिस्से में दर्द (lower back pain)
- आपके पैर में दर्द होने से बैठने में असुविधा होना या बट में दर्द के कारण परेशानी होना
- कूल्हे का दर्द (hip pain)
- पैर के नीचे जलन या झुनझुनी होना
- पैर सुन्न पड़ सकते हैं या पैरों में कमज़ोरी का एहसास हो सकता है
- पैर की मूवमेंट में परेशानी का अनुभव करना
- आपके पैर के नीचे एक गंभीर और तेज़ दर्द, जिस कारण खड़े होने में मुश्किल होती है
सायटिका जैसी बीमारी में व्यक्ति के शरीर के निचले भाग के सिर्फ एक ओर पर प्रभाव पड़ता है। अधिकांश मामलों में दर्द की शुरुआत पीठ के निचले भाग से जांघ तक हो सकती है या फिर ये दर्द पैर मध्य भाग से लेकर पैर की उंगलियों तक भी पहुंच सकती है। दरअसल, दर्द से आपका निचला हिस्सा कहाँ तक प्रभावित हो सकता है, ये आपके सायटिका नर्व पर निर्भर करता है।
सायटिका से होने वाला दर्द कुछ लोगों के लिए सीरियस हो सकता है और उनके लिए दैनिक कामों में मुश्किल पैदा कर सकता है। वहीं दूसरी और कुछ लोगों को ये लंबे समय तक परेशान नहीं कर सकता है, लेकिन उन्हें थोड़ी समस्या ज़रूर होती है और स्थिति फिर बाद में खराब हो सकती है।
साइटिका के कारण
Sciatica causes in hindi
Sciatica ke karan
साइटिका कई अलग-अलग चिकित्सा स्थितियों का एक सामान्य लक्षण है। हालांकि, अनुमानित 90 प्रतिशत मामले हर्नियेटेड (स्लिप) डिस्क {herniated - slipped disk } या बोन स्पर (bone spur) के कारण होते हैं।
साइटिका के कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं : -
1. स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal stenosis)
स्पाइनल स्टेनोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी (spinal column) संकुचित होने लगती है।
2. स्पोंडिलोलिस्थीसिस (Spondylolisthesis)
एक रीढ़ की हड्डी की स्थिति, जो निचले वर्टिब्रे (रीढ़ की हड्डियों) को प्रभावित करती है। ये रोग लोअर वर्टिब्रे में से एक को सीधे उसके नीचे की हड्डी पर आगे खिसकाने का कारण बनता है, जिससे सायटिक नर्व पर दबाव पड़ता है।
3. रीढ़ के भीतर का ट्यूमर (Tumors within the spine)
ये सायटिका नर्व की जड़ को संकुचित कर सकता है।
4. पिरिफोर्मिस सिंड्रोम (Piriformis syndrom)
ये एक तरह का रेयर न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर है, जिसमें आपकी पिरिफोर्मिस मांसपेशी अनैच्छिक रूप से सिकुड़ने लगती है, जिससे सायटिका होता है।
पिरिफोर्मिस मसल, वह मांसपेशी है, जो स्पाइन के निचले हिस्से को जांघों से जोड़ने का काम करती है। अगर आपका वज़न अधिक है, या फिर आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करती हैं, हाई हील्स की सैंडल पहनती हैं या फिर बहुत सॉफ्ट मैट्रेस पर सोती हैं, तो इससे आपके पीठ का दर्द और बढ़ सकता है और स्थिति बदतर हो सकती है।
साइटिका से बचाव
Prevention of sciatica in hindi
Sciatica se bachav
सायटिका से बचाव करना हमेशा संभव नहीं होता है। इसकी स्थिति फिर से हो सकती है। हालांकि, कुछ उपायों को अपनाकर या फिर अपनी जीवन-शैली में शारीरिक गतिविधियों की ओर ध्यान देकर इससे बचाव किया जा सकता है। चलिए आपको कुछ ऐसे टिप्स से आपको रूबरू कराते हैं, जिन्हें अपनाकर आपको कुछ हद तक फायदा मिल सकता है।
निम्नलिखित कदम आपको सायटिका को रोकने में मदद कर सकते हैं या इसे फिर से होने से रोक सकते हैं।
सायटिका को रोकने के उपाय निम्न हैं : -
- नियमित रूप से व्यायाम करें (Exercise regularly)
अपनी पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करें, जो आपकी रीढ़ को सहारा देने का काम करते हैं।
- सही पोशचर का पालन करें (Always be in right posture)
बैठने, खड़े होने और सोने के समय अच्छी मुद्रा का प्रयोग करें। अच्छा आसन आपकी पीठ के निचले हिस्से पर दबाव को राहत देने में मदद करता है।
- अपनी मूवमेंट्स पर ध्यान दें (Take care of you body movements)
भारी वस्तुओं को उचित तरीके से उठाए, अपने घुटनों पर झुककर और अपनी पीठ को सीधा रखें।
- लंबे समय तक बैठने से बचें (Don’t sit in a same position for long)
एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से भी परेशानी हो सकती है।
- सिगरेट पीने से बचें (Don’t smoke)
स्मोकिंग भी सायटिका की स्थिति को बढ़ावा देती है।
साइटिका का परीक्षण
Diagnosis of sciatica in hindi
Sciatica ka parikshan
सायटिका का निदान करने और इसके कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपसे मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और साथ ही आपके लक्षणों की भी जानकारी लेंगे। इसके अलावा वे आपका शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं, जिनसे उन्हें आपकी समस्या को समझने में मदद मिल सके।
शारीरिक परीक्षण के तौर पर आपकी वह सीधी टाँग उठाने वाली परीक्षा (straight-leg-raise test) कर सकते हैं, जिसमें आपको अपने पैरों को सीधा रखते हुए पीठ के बल लेटने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद डॉक्टर धीरे-धीरे प्रत्येक पैर को उठाएंगे और उस ऊंचाई को नोट करेंगे, जहां से आपका दर्द शुरू होता है।
ये परीक्षण प्रभावित नसों (affected nerves) को इंगित करने और यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या आपके डिस्क (discs) में से एक के साथ कोई समस्या है।सायटिका पेन के अन्य कारणों की तलाश के लिए डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
इस तरह के परीक्षण में शामिल हो सकते हैं : -
- रीढ़ में फ्रैक्चर के लिए एक्स-रे की सलाह दी जा सकती है।
- पीठ की संरचना को देखने के लिए एमआरआई ((MRI) या कंप्यूटेड टोमोग्राफी (computed tomography - CT) की मदद ली जा सकती है।
- एक इलेक्ट्रोमोग्राफी (electromyography - EMG) परीक्षण, डॉक्टर को यह जानने में मदद कर सकता है कि आपकी पीठ में कौन सी नसें संकुचित (compressed) हो रही हैं।
- इस परीक्षण के लिए, डॉक्टर आपकी रीढ़ की हड्डी और नसों की स्पष्ट तस्वीरों को देखने के लिए आपकी रीढ़ में एक विशेष डाई इंजेक्ट करेंगे, जिसे मायलोग्राम (myelogram) कहते हैं।
साइटिका का इलाज
Sciatica treatment in hindi
Sciatica ka ilaj
सायटिका के निदान के आधार पर, आपके डॉक्टर आपको सायटिका पेन के उपचार की सलाह देंगे। आपको अपनी रोज़ की एक्टिविटी को जारी रखना चाहिए और उसमें किसी तरह का आलस नहीं करना चाहिए। बिस्तर में लेटे रहने या गतिविधि से बचने से आपकी स्थिति खराब हो सकती है।
कुछ आमतौर पर सुझाए गए घरेलू उपचार नीचे बताए गए हैं : -
1. आइस पैक (Ice pack)
आप आइस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर जमे हुए सब्जियों के पैकेज का उपयोग कर सकते हैं। एक टॉवल में आइस पैक या जमी हुई सब्जियों को रैप करें और दर्द के पहले कुछ दिनों के दौरान इसे प्रति दिन 20 मिनट के लिए या कई बार प्रभावित क्षेत्र पर रखें। इससे सूजन को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही दर्द से भी राहत मिलेगी।
2. हॉट पैक्स (Hot pack)
सायटिका से राहत पाने के लिए हीटिंग पैड या हॉट पैक का भी उपयोग कारगर साबित हो सकता है। डॉक्टर दर्द के शुरुआती दिनों में सूजन कम करने के लिए आइस पैक का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। दो या तीन दिनों के बाद, हॉट पैक का उपयोग करना शुरू करें। अगर आपको दर्द जारी रहता है, तो एक-एक दिन बीच करके आइस-पैक और हॉट-पैक का इस्तेमाल करें।
3. फिज़िकल थेरेपी (physical therapy)
फिज़िकल थेरेपी में व्यायाम आपके पोशचर को सुधारने और आपकी पीठ के मसल्स को स्ट्रांग बनाने में मदद कर सकता है। एक फिज़िकल आपकी दिनचर्या में व्यायाम और स्ट्रेचिंग को शामिल कर सकता है।
4. व्यायाम करें (Exercise)
जब आप एक्टिव होते हैं, तो सूजन ठीक हो सकता है, इसलिए थोड़ा वॉक करना एक अच्छा विचार हो सकता है।
5. वैकल्पिक उपचार (Alternative therapies)
अधिकांश लोग मानते हैं कि मसाज, योग और एक्यूपंक्चर जैसे उपचार को वैकल्पिक रूप से सायटिका की स्थिति में सुधार करने के लिए अपनाया जा सकता है।
6. सर्जरी (Surgery)
सर्जरी की आवश्यकता उन लोगों को पड़ सकती है, जिन्हें उपयुक्त उपचार या दवाओं की मदद से आराम से नहीं मिल रहा हो या फिर जिनके लक्षण दिनों-दिन और गंभीर होते जा रहे हैं या फिर दर्द बढ़ते जा रहा हो।
सर्जरी के दो सबसे आम प्रकार हैं : -
1. माइक्रोडिस्केक्टॉमी (Microdiscectomy)
ये एक हर्नियेटेड डिस्क (herniated disc) के टुकड़े को हटाने के लिए प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।
2. लैमिनेक्टॉमी (Laminectomy)
लैमिनेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो रीढ़ की हड्डी की हड्डी के एक हिस्से को हटा देती है जिसे लैमिना कहा जाता है।
सायटिका की जटिलताएं
Sciatica complications in hindi
Sciatica ki jatiltayein
चूँकि सायटिका आपकी रीढ़ में एक नर्व पर दबाव के कारण होता है, अगर दबाव से राहत नहीं मिलती है तो जटिलताएं विकसित हो सकती हैं।
सायटिका से जुड़ी जटिलताएं इस प्रकार हैं : -
- दर्द में वृद्धि
- स्लिप या हर्नियेटेड डिस्क
- अपने प्रभावित पैर में फील करने का अभाव या कमज़ोरी
- बोवेल और ब्लैडर फंक्शन की हानि
- स्थायी रूप से नर्व डैमेज हो जाना
इसलिए समय रहते इस ओर ध्यान देना चाहिए और उपचार की मदद लेनी चाहिए ताकि समय रहते दर्द से आपको राहत मिल जाए और समस्या और गंभीर न हो।
साइटिका की दवा
Medicines for sciatica in hindi
Sciatica ki dawa
आपके डॉक्टर मसल रिलैक्सर्स (muscle relaxers), नारकोटिव पैन रिलीफ (narcotic pain relief), या एंटीडेप्रेसेंट्स (antidepressants) दवाओं को प्रेस्क्राइब कर सकते हैं।
एंटीडिप्रेसेंट आपके शरीर के एंडोर्फिन (endorphin) उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।
नोट : बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें!
साइटिका की ओटीसी दवा
OTC medicines for sciatica in hindi
Sciatica ke liye OTC medicines
एस्पिरिन (aspirin)और इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएं भी दर्द, जलन और सूजन में मदद कर सकती हैं। एस्पिरिन का अत्यधिक उपयोग करने से बचे क्योंकि इससे जटिलता हो सकती है, जैसे कि पेट से खून निकलना और अल्सर।
सायटिका पेन, आमतौर पर समय के साथ और आराम करने से दूर हो जाता है। सायटिका (80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत) वाले अधिकांश लोग सर्जरी के बिना बेहतर हो जाते हैं।लगभग आधे प्रभावित व्यक्ति छह सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं।
लेकिन इसके लिए आपको सतर्क और सचेत रहने की आवश्यकता है और शुरुआती लक्षण का अनुभव करने के साथ ही आपको डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत है।
नोट: किसी भी दवा को लेने से पूर्व अपनी डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 25 Jun 2020
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