समय से पहले प्रसव क्या होता है?
What is preterm labor? in hindi
Samay se pehle prasav kya hota hai in hindi
Introduction

समय से पहले प्रसव (preterm labor), जिसे प्रीमैच्योर लेबर (premature labor) भी कहा जाता है, गर्भावस्था से जुड़ी एक ऐसी जटिलता है जो गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है।
समय से पहले प्रसव तब होता है, जब गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले नियमित संकुचन शुरू होता है और उसके बाद गर्भाशय ग्रीवा का फैलाव होने लगता है।
समय से पहले प्रसव को समयानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है :
- 28 सप्ताह से कम समय - अत्यंत अपरिपक्व (extremely preterm)
- 28 से 32 सप्ताह - बहुत पहले (very preterm)
- 32 से 37 सप्ताह - देर से मध्यम समय में होने वाला प्रसव (moderate to late preterm)
यदि बच्चे का जन्म प्रेगनेंसी के 20वें और 37वें सप्ताह के बीच होता है, तो इसे प्रीटर्म बर्थ (preterm birth) या समय से पहले प्रसव कहा जाता है।
समय से जितना पहले बच्चे का जन्म होता है, बच्चे के लिए स्वास्थ्य जोखिम उतना ही अधिक बढ़ जाता है।
ऐसी स्थिति में बच्चे को मॉनिटर करने और पूरी देखभाल करने के लिए न्यूनेटल केयर यूनिट (neonatal care unit) में रखने की आवश्यकता होती है।
कई महिलाएं समय से पहले प्रसव के संकेतों को नहीं समझ पाती हैं। लक्षणों की प्रारंभिक पहचान समय से पहले बच्चे के जन्म को रोकने में मददगार साबित हो सकती है।
इसके साथ ही यह गर्भावस्था की अवधि पूरी करने में भी मदद करती है और बच्चे को जीवित रहने का बेहतर मौका देती है।
इस लेख़ में
- 1.समय से पहले प्रसव के कारण क्या हैं?
- 2.समय से पहले प्रसव होने के लक्षण क्या हैं?
- 3.समय से पहले प्रसव या डिलीवरी होने का जोखिम किसे होता है?
- 4.समय से पहले प्रसव की संभावित जटिलताएं क्या हैं?
- 5.समय से पहले प्रसव को कैसे पहचानें?
- 6.समय से पहले प्रसव का निदान कैसे किया जाता है?
- 7.समय से पहले प्रसव का उपचार कैसे किया जाता है?
- 8.समय से पहले प्रसव के लिए निवारक उपाय क्या हैं?
- 9.अगर मेरा बच्चा जल्दी पैदा होता है तो क्या होगा है?
समय से पहले प्रसव के कारण क्या हैं?
What are the causes of preterm labor? in hindi
Premature labor ke karan kya hain

अधिकांश महिलाओं में ज़्यादातर प्रीटर्म लेबर के कारण अज्ञात होते हैं, लेकिन कुछ ज्ञात कारण हैं जो समय से पहले प्रसव की वजह बनते हैं।
समय से पहले प्रसव के ज्ञात कारण निम्न हैं :
- संक्रमण
- योनि से खून बहना
- हार्मोन में बदलाव
- गर्भाशय की स्ट्रेचिंग (uterus stretching - ये गर्भ में एक से अधिक बच्चे होने या बच्चे का आकर बहुत बड़ा होने या बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव के कारण हो सकता है)
समय से पहले प्रसव होने के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of premature labor? in hindi
Premature labor ke lakshan kya hain

अगर आपको लगता है कि आपको समय से पहले प्रसव हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।
अगर संदेह है, तो जल्द जांच कराए क्योंकि एक बार लेबर शुरू हो जाने के बाद इसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है।
हालांकि, सिर्फ संकुचन का मतलब यह नहीं है कि आपको समय से पहले प्रसव (preterm labor) हो रहा।
इस दौरान आपके गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन (आपके गर्भाशय के निचले सिरे) होना अधिक मायने रखता है।
ऐसे में समय से पहले प्रसव के लक्षणों को समझना ज़रूरी हो जाता है।
समय से पूर्व प्रसव पीड़ा के लक्षण निम्न हो सकते हैं :
- एक घंटे में पांच से अधिक बार संकुचन (contractions) या ऐंठन (cramp) होना
- हल्के लाल रंग का योनि से स्राव (bleeding) होना
- योनि से तरल पदार्थ का निकलना
- पीठ में हल्का दर्द होना
- पेल्विक प्रेशर (यह महसूस करना कि बच्चा नीचे पुश कर रहा है)
अगर आपको इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो, तो जल्द-से-जल्द अपने डॉक्टर को कॉल करें।
हालांकि, कुछ महिलाएं ये सोचने की गलती करती हैं कि उनकी ड्यू डेट अभी दूर है।
गर्भवस्था के दौरान आपको सचेत रहना चाहिए और अगर हल्का भी दर्द या संकुचन महसूस हो तो अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें।
समय से पहले प्रसव या डिलीवरी होने का जोखिम किसे होता है?
Who are at risk of premature labor? in hindi
Kise premature labor hone ka jokhim hota hai

ज्यादातर महिलाएं जिन्हें समय से पूर्व प्रसव पीड़ा होती है, उनमें कोई जोखिम कारक नहीं होते हैं।
लेकिन कुछ कारक प्रीटर्म लेबर के लिए महिला के जोखिम को बढ़ा देते हैं।
समय से पहले प्रसव के जोखिम कारक निम्न हो सकते हैं :
- गर्भावस्था से पहले अधिक या कम वज़न होना
- गर्भाशय ग्रीवा (cervix) से जुड़ी समस्याएं
- अच्छी प्रसव पूर्व देखभाल नहीं मिलना
- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान, शराब का सेवन या अवैध दवा का सेवन
- उच्च रक्तचाप (high blood pressure), प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia), मधुमेह (diabetes), रक्त के थक्के विकार (blood clot disorder), या संक्रमण (infection) जैसी स्वास्थ्य की स्थिति होना
- आईवीएफ (IVF) की मदद से गर्भवती होना
- बच्चे में कुछ जन्म दोष (birth defects) होना
- गर्भ में एक से अधिक बच्चे का होना
- अतिरिक्त या अपर्याप्त एमनियोटिक द्रव (amniotic fluid) होना
- योनि में संक्रमण जैसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis) और ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis), क्लैमाइडिया संक्रमण (chlamydia infection), नॉनजेनिटल ट्रैक्ट इन्फेक्शन (nongenital tract infection) जैसे - एसिम्प्टोमेटिक बैक्टीरियूरिया (asymptomatic bacteriuria), निमोनिया (pneumonia), एपेंडिसाइटिस (appendicitis)
- समय से पहले जन्म का इतिहास
- प्रेग्नेंट होने के दौरान महिला की उम्र 18 से कम या 35 वर्ष से अधिक होना
- जीवन शैली और पर्यावरणीय कारक
जितने अधिक जोखिम कारक होते हैं, समय से पहले लेबर की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है और यह बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है।
समय से पहले प्रसव की संभावित जटिलताएं क्या हैं?
What are the possible complications of premature labor? in hindi
Preterm labor ki sambhavit jatiltayein kya hain

समय से पहले प्रसव के परिणामस्वरूप बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है।
हालांकि, अधिकांश शिशुओं का जन्म 37 सप्ताह के बाद होता है, फिर भी जन्म लेने वाले बच्चों में कई जटिलताओं का ख़तरा बढ़ जाता है।
समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों के शरीर और अंग प्रणालियां पूरी तरह परिपक्व (mature) नहीं होते हैं।
ये बच्चे अक्सर छोटे आकार के होते हैं, जन्म के समय ऐसे बच्चों का वज़न (2,500 ग्राम या 5.5 पाउंड से कम) भी कम होता है।
ऐसे बच्चों को सांस लेने, खाने, संक्रमण से लड़ने और गर्म रहने के लिए भी देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
28 सप्ताह से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में बहुत समस्याएं होती हैं।
प्रीमैच्योर बेबी में निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं :
- शरीर के तापमान को बनाए रखने या गर्म रहने में परेशानी
- साँस लेने में तकलीफ़
- हृदय और रक्त वाहिकाओं की समस्याएं, जिसमें हार्ट डिफेक्ट्स और ब्लड और हार्ट रेट से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं
- खून से जुड़ी समस्याएं, जिनमें रेड ब्लड सेल्स की कमी (एनीमिया), जॉन्डिस और ब्लड शुगर का कम होना (low blood sugar (hypoglycemia) शामिल है
- किडनी से जुड़ी समस्याएं
- पाचन संबंधी समस्याएं, जिसमें भोजन खिलाने में परेशानी और पाचन खराब होना शामिल है
- तंत्रिका तंत्र (nervous system) से जुड़ी समस्याएं
- संक्रमण
- इंट्रावेंट्रिकुलर हैमरेज - मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव (Intraventricular hemorrhage - bleeding inside the brain)
- मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव के कारण दौरे (seizures) पड़ते हैं
- समयपूर्वता की रेटिनोपैथी (Retinopathy of prematurity - ROP), जो रेटिना में ब्लड वेसल्स की असामान्य वृद्धि का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप आंख के पीछे से रेटिना अलग हो सकती है और अंधेपन का कारण बन जाती है
समय पूर्व जन्मा बच्चा लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान हो सकता है।
आमतौर पर, समय से पहले जन्मे बच्चे को अधिक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
समय से पहले प्रसव को कैसे पहचानें?
How to recognize preterm labor? in hindi
Premature labor ko kaise pehchane

समय से पहले प्रसव के दौरान महिलाओं को संकुचन का अनुभव होता है लेकिन प्रेगनेंसी के अंतिम हफ़्तों में संकुचन का अनुभव करना आम भी होता है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि समय से पहले प्रसव के दौरान होने वाले संकुचन की पहचान कैसे करें।
संकुचन के लिए जाँच, प्रारंभिक लेबर को समझने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, जो आप इस प्रकार कर सकती हैं:
- अपनी उंगलियों को अपने पेट पर रखें।
- अगर आप अपने गर्भाशय को लगातार नर्म और कड़ा होता हुआ महसूस करती हैं, तो यह संकुचन है।
- संकुचन के समय को नोट करें।
- संकुचन रोकने की कोशिश करें। अपने पैरों को नीचे रखें। अपनी पोज़िशन में बदलाव करें। आराम करें। दो या तीन गिलास पानी पिएं।
- अगर आपको हर दस मिनट बाद संकुचन का अनुभव हो या दर्द बहुत गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को कॉल करें।
ध्यान रखें कि कई महिलाओं में ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (Braxton hicks contraction) नामक हानिरहित फॉल्स लेबर (false labor) होता है।
ये आमतौर पर अनिश्चित होते हैं, एक बार में बहुत गंभीर नहीं होते हैं, और पोज़िशन में बदलाव करने या आराम करने से ये रुक जाते हैं। वे लेबर का हिस्सा नहीं होते हैं। अगर आप इस प्रकार के संकुचन के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो आप चिकित्सीय सलाह लें।
समय से पहले प्रसव का निदान कैसे किया जाता है?
How is premature labor diagnosed? in hindi
Preterm labor ka nidan kaise kiya jata hai

आपके डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास और अपरिपक्व प्रसव के जोखिम कारकों की समीक्षा करेंगे और आपके संकेतों और लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे।
यदि आप नियमित रूप से गर्भाशय के संकुचन का अनुभव कर रही हैं और गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले आपकी गर्भाशय ग्रीवा नरम व पतली होने लगती है और खुलने लगती है, तो यह समय पूर्व प्रसव पीड़ा हो सकती है।
ऐसे में समय से पहले प्रसव का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट या प्रोसीजर की सलाह दे सकते हैं।
अपरिपक्व प्रसव का निदान करने के लिए परीक्षण और प्रक्रिया में शामिल हैं:
गर्भाशय को समझने के लिए एक पैल्विक परीक्षा (A pelvic exam to understand uterus)
पैल्विक परीक्षा, डॉक्टर को गर्भाशय (uterus) की मोटाई और बच्चे के आकार और स्थिति को जानने में मदद करती है।
यह मूल्यांकन करने में भी मदद करती है कि क्या गर्भाशय ग्रीवा, वाटर ब्रेक (water break) के लिए 10 सेमी तक पतला हो गया है।
इसके साथ ही पैल्विक परीक्षा में प्लेसेंटा प्रीविया (placenta previa - गर्भाशय ग्रीवा को कवर करने वाला प्लेसेंटा) की भी जाँच की जाती है।
बच्चे के आकार की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound to check baby’s size)
ये बच्चे के आकार, वज़न, उम्र और स्थिति के साथ-साथ बच्चे के चारों ओर एमनियोटिक द्रव (amniotic fluid) के स्तर को निर्धारित करने में मदद करता है।
गर्भाशय की निगरानी (Uterine monitoring)
संकुचन (contractions) कितने देर तक के लिए हो रहा है और दोबारा कितने देर बाद हो रहा है, इसे मापने के लिए टोकोमीटर (tocometer) का उपयोग किया जाता है।
फीटल फाइब्रोनेक्टिन टेस्ट (Fetal fibronectin test)
फीटल फाइब्रोनेक्टिन, भ्रूण के सेल्स से निकलने वाला प्रोटीन होता है। अगर योनि स्राव में ये प्रोटीन मौजूद होता है तो ये समय से पहले प्रसव का संकेत दे सकता है। इसलिए टेस्ट की मदद से योनि स्राव में प्रोटीन की मात्रा को मापा जाता है।
टेस्ट के दौरान एक कॉटन स्वैब (cotton swab) की मदद से योनि स्राव के सैंपल लिए जाते हैं और उसे लैब में भेजा जाता है। अगर टेस्ट के परिणाम पॉज़िटिव आते हैं तो इससे प्रीटर्म लेबर का संकेत मिल सकता है।
समय से पहले प्रसव का उपचार कैसे किया जाता है?
How is premature labor treated? in hindi
Preterm labor ka upchar kaise kiya jata hai

एक बार जब आप लेबर में होती हैं, तो अस्थायी रूप से लेबर को रोकने के लिए कोई दवा या सर्जिकल प्रक्रिया नहीं होती है।
हालांकि, अगर प्रीनेटल विज़िट के दौरान आपके प्रीटर्म लेबर के रिस्क का पता चलता है तो उस स्थिति में डॉक्टर आपको कुछ दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं।
प्रीनेटल विज़िट के दौरान आपके प्रीटर्म लेबर के रिस्क का पता चलने पर डॉक्टर निम्न दवाओं की सलाह दे सकते हैं :
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
अगर समय से पहले प्रसव, संक्रमण या सूजन से जुड़ा हुआ है और झिल्ली समय से पहले टूट जाती है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक एरिथ्रोमाइसिन (arithromaxin) लेने की सलाह देते हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)
गर्भावस्था के 24 से 34 सप्ताह के बीच गर्भवती महिला को स्टेरॉयड इंजेक्शन (कॉर्टिकोस्टेरॉइड को अक्सर "स्टेरॉयड" भी कहा जाता है) दिया जाता है। जन्म से पहले माँ को स्टेरॉयड देने से बच्चे के फेफड़ों को अधिक तेज़ी से विकसित होने में मदद मिल सकती है।
- टोकलिटिक (Tocolytics)
इस दवा को अस्थायी रूप से अपरिपक्व प्रसव के संकुचन को रोकने के लिए दिया जाता है। ये संकुचन को कम करने या बंद करने में मदद करता है। इसे इंजेक्शन के रूप में या नसों के द्वारा दिया जा सकता है।
हालांकि, इस दवा की सलाह उन महिलाओं को नहीं दी जाती है, जिन्हें गर्भवस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है।
आमतौर पर गर्भाशय के संकुचन को रोकने के लिए बेटासिमपैथोमैमैटिक (Betasympathomimetic) ड्रग्स रैटाडारिन (ritodrine), टेरबुटालीन (terbutaline) और सल्बुटामोल (salbutamol) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
लेकिन अध्ययनों में पाया गया है कि कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (निफेडिपिन - Nifedipine) बीटासिमपैथोमिमेटिक ड्रग्स की तुलना में अधिक प्रभावी है।
- सर्वाइकल सरक्लेज (cervical cerclage)
जिन प्रेग्नेंट महिलाओं की सर्विक्स (cervix) छोटी या कमज़ोर होती है, उनकी सर्वाइकल सेरक्लेज नामक एक सर्जिकल प्रक्रिया की जाती है। इस सर्जरी की मदद से समय से पहले प्रसव की संभावना को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
इस प्रक्रिया में सर्विक्स को मज़बूत टांके के साथ स्टिच किया जाता है। हालांकि, इसकी सिफारिश हर स्थिति में नहीं की जा सकती है।
निम्न स्थितियों में ही सर्वाइकल सरक्लेज की सिफारिश की जाती है :
- अगर आप 24 सप्ताह से कम की गर्भवती हैं
- अगर पहले आपकी समय से पहले डिलीवरी हुई थी
- गर्भाशय ग्रीवा की लंबाई 25 मिमी से कम है
ये उपचार आपकी गर्भावस्था की अवधि को पूरा करने में मदद कर सकते हैं और नहीं भी।
लेकिन अगर आप कुछ निवारक उपायों का पालन करती हैं, तो आपके समय से पहले प्रसव होने की संभावना कम हो सकती है।
समय से पहले प्रसव के लिए निवारक उपाय क्या हैं?
What are the preventive measures for premature labor? in hindi
Samay se pehle prasav ke nivaran upay kya hain

मेडिकल साइंस की उन्नति के कारण समय से पहले बच्चे का जन्म (premature) होने के बावजूद, बच्चा स्वस्थ हो सकता है और अच्छा जीवन व्यतीत कर सकता है।
हालांकि, बेहतर ये होगा कि समय रहते कोशिश की जाए और समय से पहले बच्चे का जन्म से बचाव के तरीकों के बारे में सोचा जाए।
समय से पहले प्रसव को रोकने और स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने के उपाय :
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और अवैध ड्रग्स लेने से बचें।
- अपने डॉक्टर की अनुमति के बिना कोई दवा न लें।
- दो गर्भधारण के बीच, अच्छा अंतर रखें क्योंकि छह महीने से कम समय के अंतराल से समय से पहले प्रसव का ख़तरा बढ़ सकता है।
- अगर आपकी हाई प्रेगनेंसी है, तो डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के साप्ताहिक शॉट (injection) की सिफारिश कर सकते हैं, जो 17 अल्फा-हाइड्रॉक्सीप्रोजेस्टेरोन कैप्रोएट (17-Hydroxyprogesterone caproate) के रूप में जाना जाता है।
- तनावपूर्ण शारीरिक गतिविधियों से भी प्रसव पीड़ा हो सकती है।
इसलिए, ऐसी गतिविधियों को शुरू करने से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें। - गर्भावधि मधुमेह या उच्च रक्तचाप होने पर नियमित रूप से अपने स्तर पर नज़र रखें।
- चिंता जैसे नकारात्मक भावनाओं पर नियंत्रण रखें।
- अगर आपको संकुचन का अनुभव होता हैं, तो अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।
किसी भी एंटीनेटल विज़िट को मिस न करें।
अगर आपको किसी अजीब लक्षण का अनुभव होता है, तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में ज़रूर बताएं।
इससे उन्हें समय पूर्व प्रसव पीड़ा को समझने में मदद मिलेगी।
अगर मेरा बच्चा जल्दी पैदा होता है तो क्या होगा है?
What happens if my baby is born early? in hindi
Agar mera bacha jaldi paida hota hai to kya hoga

आपका बच्चा अधिक समय तक या पूरे 40 हफ्ते तक गर्भ में रहेगा, उसके स्वस्थ होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को मस्तिष्क और अन्य न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं के साथ-साथ सांस लेने और पाचन संबंधी समस्याओं का अधिक ख़तरा होता है।
कुछ प्रीमैच्योर बेबी का विकास धीरे-धीरे होता है या उन्हें आगे चलकर कुछ सीखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।
गर्भावस्था में समय से जितना जल्दी बच्चा पैदा होता है, उसमें स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।
24 सप्ताह से पहले पैदा हुए अधिकांश शिशुओं में जीवित रहने की संभावना कम होती है।
हालांकि, 32 सप्ताह के बाद जन्म लेने वाले शिशुओं में जीवित रहने की दर बहुत अधिक होती है और आमतौर पर आगे होने वाली जटिलताएं नहीं होती हैं।
अगर उस समय से उन्हें न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (neonatal intensive care units - NICU) में देखभाल के लिए रखा जाता है तो उसके परिणाम अच्छे होते हैं।
क्या यह लेख सहायक था? हां कहने के लिए दिल पर क्लिक करें
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020
हमारे ब्लॉग के भीतर और अधिक अन्वेषण करें
लेटेस्ट
श्रेणियाँ
प्रसवोत्तर रक्तस्राव के लक्षण, कारण, उपचार, निदान, और जोखिम
.jpg)
गर्भावस्था के दौरान राउंड लिगामेंट पेन के कारण, लक्षण और उपचार

सबकोरियोनिक हिमाटोमा क्या है और आपकी गर्भावस्था को ये कैसे नुकसान पहुँचाता है

प्रसव के दौरान बच्चे से पहले गर्भनाल का बाहर आना - अम्ब्लिकल कॉर्ड प्रोलैप्स: कारण, निदान और प्रबंधन

गर्भपात के लक्षण, कारण और उपचार क्या हैं

