प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी

Everything about pregnancy test in hindi

Pregnancy test ke bare mein jankari in hindi, प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट, प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट नाम


Introduction

Pregnancy_test_ki_sampurn_jankari_in_hindi

हर महिला के जीवन में माँ बनने का अहसास अनमोल होता है। स्वभाविक रूप से हर नारी के अंदर एक माँ छिपी होती है। लेकिन, जब माँ बनने की घड़ी आती है तब कुछ महिलाएं इस पल की शुरुआत का एहसास नहीं कर पाती हैं। अधिकतर महिलाएं माहवारी न आने को ही गर्भावस्था की शुरुआत मान लेती हैं। लेकिन वास्तविकता में इसके अलावा कुछ और निशानियां भी होती हैं जो महिला की प्रेगनेंसी को सुनिश्चित करती हैं। इसके लिए प्रेगनेंसी टेस्ट ही एक भरोसेमंद उपाय है जो किसी भी महिला के गर्भवती होने या न होने का सही जवाब दे सकता है। एक घर पर किया जाने वाला प्रेगनेंसी टेस्ट बता सकता है कि आप लगभग 99% सटीकता के साथ गर्भवती हैं, लेकिन वह उसके इस्तेमाल पर भी निर्भर करता है। यदि घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट से किया जाना वाला परीक्षण कहता है कि आप गर्भवती हैं, तो आपको गर्भावस्था की पक्की पुष्टि करने, अगले चरणों के बारे में बात करने और अन्य परीक्षण के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इन परीक्षणों मे होम प्रेगनेंसी टेस्ट, क्लिनिकल प्रेगनेंसी यूरिन टेस्ट और प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट शामिल है। इस लेख के माध्यम से आपको गर्भावस्था में किये जाने वाले संपूर्ण टेस्ट के साथ प्रेगनेंसी के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है।

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इस लेख़ में

  1. 1.प्रेगनेंसी टेस्ट क्या होते हैं
  2. 2.प्रेगनेंसी टेस्ट का महत्व क्या होता है?
  3. 3.पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे?
  4. 4.प्रेगनेंसी कनफर्म करने के लिए किए जाने वाले टेस्ट
  5. 5.प्रेगनेंसी कनफर्म करने के लिए किए जाने वाले मेडिकल टेस्ट कैसे काम करते हैं?
  6. 6.महिला के मूत्र द्वारा प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे होता है?
  7. 7.यूरिन जांच के परिणाम का क्या अर्थ हो सकता है?
  8. 8.प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट कैसे की जाती है ?
  9. 9.सारांश
 

प्रेगनेंसी टेस्ट क्या होते हैं

What are pregnancy test in hindi

Pregnancy test kya hota hai in hindi

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किसी महिला के गर्भवती होने या न होने के बारे में सूचना देने वाले टेस्ट को ही प्रेग्नेंसी टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से महिला के ह्यूमन कोरियोनिक गोनड्ट्रोपिन (hCG -Human Chorionic Gonadotropin) के स्तर को चेक किया जाता है। इसे HCG गर्भावस्था परीक्षण भी कहा जाता है। यह हार्मोन महिला के गर्भधारण करने के 10 से 14 दिन के बाद रक्त और यूरिन में पाया जा सकता है। जब महिला की माहवारी समय पर नहीं होती, तब महिला अपने संदेह को दूर करने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं या डॉक्टर के पास जा कर करवा सकती हैं। आमतौर पर यह टेस्ट 99% भरोसेमंद होता है। सामान्य रूप से यह टेस्ट महिला के यूरिन को टेस्ट करके किया जाता है। महिला द्वारा गर्भावस्था परीक्षण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। एक बार जब प्रेगनेंसी टेस्ट में महिला के प्रेगनेंसी का पता लग जाता है तब महिला उसके अनुरूप अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर सकती है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी का पता लगने पर चिकित्सक द्वारा बताए गए विभिन्न प्रकार के टेस्ट और जांच कराकर प्रेगनेंसी को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए विभिन्न उपाय कर सकती हैं।

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प्रेगनेंसी टेस्ट का महत्व क्या होता है?

What is the Importance of pregnancy tests in hindi

Pregnancy test ka mahatva kya hota hai in hindi

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महिला द्वारा गर्भावस्था परीक्षण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। एक बार जब प्रेगनेंसी टेस्ट में महिला के प्रेगनेंसी का पता लग जाता है तब महिला उसके अनुरूप अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर सकती है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी का पता लगने पर चिकित्सक द्वारा बताए गए विभिन्न प्रकार के टेस्ट और जांच कराकर प्रेगनेंसी को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए विभिन्न उपाय कर सकती हैं।

और पढ़ें:30 की उम्र के बाद गर्भावस्था के जोखिम क्या हैं ?
 

पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे?

When should one take pregnancy test in hindi

pregnancy test kab karna chahiye in hindi

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जब आपको लगे कि पीरियड्स का समय निकले एक से दो हफ्ते बीत चुके हैं तब आप प्रेगनेंसी चेक करने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। इस समय तक महिला के गर्भ का अंडा (egg), पुरुष के शुक्राणु (sperm) के साथ मिलकर गर्भाशय की दीवार पर निशेषित होकर चिपक जाता है। इसके साथ ही महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन का बनना शुरू हो जाता है। इसलिए जब पीरियड मिस होने पर 10 से 14 दिन बाद महिला के यूरिन या रक्त की जांच की जाए तब इस हार्मोन की उपस्थिति महिला के प्रेग्नेंट होने को सुनिश्चित कर देती है। इस प्रकार जब भी आपके माहवारी की तिथि 7 दिन से ऊपर हो जाये तब आप प्रेगनेंसी का टेस्ट कर सकती हैं। (यहाँ पढ़े : गर्भावस्था के अलावा पीरियड न होने के अन्य कारण )

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प्रेगनेंसी कनफर्म करने के लिए किए जाने वाले टेस्ट

Tests to confirm pregnancy in hindi

pregnancy confirm krne ke liye kiye jane wale test in hindi

महिलाओंमे पीरियड्स मिस होने के बाद या प्रेगनेंसी की शंका होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट का सहारा लिया जाता है क्युकी प्रेगनेंसी टेस्ट महिलोंमे प्रेगनेंसी है या नहीं यह कन्फर्म करने में मदत करती है आइये जानते है प्रेगनेंसी कन्फर्म करने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट क्या क्या होते है -

1. होम प्रेगनेंसी टेस्ट - एचपीटी (HPT- Home Pregnancy Test)

होम प्रेगनेंसी टेस्ट का उपयोग आपकी छूटी अवधि के पहले दिन किया जा सकता है। कुछ बहुत ही संवेदनशील परीक्षणों या प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग पीरियड्स मिस होने से पहले भी किया जा सकता है। ये परीक्षण आपके मूत्र में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) हार्मोन का पता लगाकर काम करते हैं। यह हार्मोन केवल गर्भावस्था के दौरान शरीर में पाया जाता है। इस हार्मोन के संपर्क में आने पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट में पायी जाने वाली पट्टी या डिजिटल उपकरण में रंग बदलता होता है। इस टेस्ट में सटीक रीडिंग और रिजल्ट देने में लगभग 10 मिनट लगते हैं इसलिए महिलाओं को १० मिनट तक इंतजार करना चाहिए।

कभी कभी प्रेगनेंसी टेस्ट किट झूठी नकारात्मक परिणाम देना संभव है, जो तब होता है जब आप गर्भवती होती हैं लेकिन परीक्षण कहता है कि आप नहीं हैं। यदि आप के पीरियड्स मिस हो गए है और परिणाम नकारात्मक आ रहे है तो अपने चिकित्सक सलाह ले और अन्य परीक्षणोंका सहारा ले सकती है।

2. क्लिनिकल यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट

आप अपने डॉक्टर के क्लिनिक में क्लिनिकल यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट करवा सकते हैं। एचपीटी की तुलना में ये परीक्षण आवश्यक रूप से अधिक सटीक नहीं हैं दोनों समान परिणाम देते है। हालांकि, आपका डॉक्टर किसी भी संभावित त्रुटियों को खत्म करने में और सटीकता बढ़ाने के लिए यह परीक्षण करवा सकते है।

3. प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट

ये परीक्षण आपके डॉक्टर के कार्यालय में लिए जाते हैं। प्रयोगशाला में एचसीजी का पता लगाने के लिए आपके रक्त का परीक्षण किया जाता है।

प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट दो प्रकार के होते हैं:

  • गुणात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण: (Qualitative hCG blood test)

यह परीक्षण यह जांचता है कि क्या शरीर में कोई एचसीजी हॉर्मोन का उत्पादन किया जा रहा है या नहीं।

  • मात्रात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण: (Quantitative hCG blood test)

यह परीक्षण रक्त में एचसीजी के विशिष्ट स्तर को मापता है। जो महिलाओं मे प्रेगनेंसी कन्फर्म करने में मदत करता है।

और पढ़ें:अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट क्या है और क्यों पड़ती है इसकी ज़रूरत
 

प्रेगनेंसी कनफर्म करने के लिए किए जाने वाले मेडिकल टेस्ट कैसे काम करते हैं?

How medical tests are helpful for confirming pregnancy in hindi

Pregnancy confirm karne ke liye kiye jane vale medical test kaise kaam karte hain in hindi

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गर्भवती महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति ही गर्भवती होने की सूचना देते हैं। इसीलिए इन्हें प्रेगनेंसी हार्मोन (pregnancy hormone) भी कहा जाता है। प्रेगनेंसी होने पर महिला के शरीर में इन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल ये हार्मोन्स उन कोशिकाओं (cells) द्वारा निर्मित होते हैं जो भ्रूण में प्लेसेन्टा का निर्माण करती हैं और इसी प्लेसेन्टा के माध्यम से भ्रूण को गर्भवती के गर्भ में पोषण मिलता है। यह हार्मोन महिला के शरीर में गर्भ ठहरने के 10-14 वें दिन के बाद बनने लगता है और गर्भावस्था की शुरुआत होने पर 8वें से 11 वें हफ्ते के दौरान यह अपनी चरम सीमा पर होता है। प्रेगनेंसी कनफर्म करने के लिए महिला के रक्त या यूरिन की जांच की जा सकती है।

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महिला के मूत्र द्वारा प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे होता है?

How urine test for pregnancy is done in hindi

Mahila ke mutra dwara pregnancy test kaise hota hai in hindi

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युरिन टेस्ट के लिए सबसे जरूरी ध्यान देने वाली बात यह है कि इस काम के लिए सुबह का ही यूरिन लिया जाना आवश्यक होता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी किट का प्रयोग करने से पहले उस पर लिखे निर्देशों को ध्यान से पढ़ना भी बेहद ज़रूरी है। बाज़ार में मिलने वाली विभिन्न प्रकार की प्रेगनेंसी टेस्ट किट्स को प्रयोग करने के निर्देश भी अलग-अलग होते हैं। इसलिए अच्छा यही होगा कि प्रयोग करने से पहले प्रेगनेंसी किट के सभी निर्देश ध्यान से पढ़ लिए जाएँ। प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए बाज़ार में उपलब्ध किट्स के माध्यम से आप घर पर ही प्रेगनेंसी को कनफर्म कर सकती हैं।

आमतौर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट में यूरिन के माध्यम से टेस्ट निम्न प्रकार से किया जाता है:

  • एक साफ छोटी बोतल में सुबह के यूरिन की कुछ बूंदें निकाल लें;
  • अब प्रेगनेंसी-टेस्ट किट में उपलब्ध एक जांच पट्टी पर यूरिन की कुछ बूंदें एक ड्रोपर की सहायता से डाल दें;
  • इसके बाद 5 मिनट तक इंतज़ार करें;
  • इसके बाद आपको इस जांच पट्टी पर दो गुलाबी रंग की लाइनें दिखाई देंगी;
  • इन लाइनों का अर्थ समझने के लिए आप किट के साथ ही निर्देश सूची को ध्यान से देखें;
  • इन निर्देशों के आधार पर आप गर्भधारण सुनिश्चित कर सकती हैं।
और पढ़ें:कैसे करें गर्भावस्था किट का प्रयोग ?
 

यूरिन जांच के परिणाम का क्या अर्थ हो सकता है?

What could be the possible outcome of urine test in hindi

Urine jaanch ke parinam ka kya arth ho sakta hai in hindi

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प्रेग्नेंसी किट के माध्यम से किए जाने वाले यूरिन की जांच के परिणाम कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • जब किट पर केवल एक धुंदली गुलाबी लाइन दिखाई दे तब इसका अर्थ है कि यह परिणाम नेगेटिव है, दूसरे शब्दों में आप गर्भवती नहीं हैं।
  • अगर आपको जांच पट्टी पर दो गुलाबी लाइनें दिखाई दें तो यह आपके गर्भधारण की शुभ सूचना हो सकती है।
  • अगर आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट की किट पर आपको कुछ भी न दिखाई दे तब इसके अर्थ विभिन्न हो सकते हैं जैसे -
  • टेस्ट-किट की तिथि निकल चुकी हो;
  • प्रेगनेंसी के लिए प्रयोग किया गया यूरिन खराब हो चुका हो;
  • महिला ने कुछ जल्दी ही प्रेनेंसी किट का इस्तेमाल कर लिया हो;
  • महिला ने टेस्ट से पहले कुछ अधिक तरल पदार्थ पी लिया हो, जिसके कारण यूरिन में जरूरत से ज्यादा तरलता आ गई हो;
  • प्रेगनेंसी टेस्ट के समय महिला कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन कर रही हो जिससे टेस्ट पर असर हुआ हो;
  • यह भी हो सकता है कि गर्भधारण करते ही गर्भपात हो गया हो, ऐसे में भी परिणाम नेगेटिव आ सकते हैं।

और पढ़ें:कैसे सर्विकल म्यूकस को ट्रैक कर आप जल्दी गर्भवती हो सकती हैं?
 

प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट कैसे की जाती है ?

How blood test for pregnancy is done in hindi

Rakt parikshan dwara pregnancy jaanch kaise ki jati hai in hindi

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महिला के पीरियड न आने पर, 6-8 दिनों के भीतर ही रक्त की जांच के माध्यम से भी गर्भ के होने को सुनिश्चित किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट दो प्रकार से किया जाता है:

1. गुणात्मक परीक्षण (Qualitative examination)

  • प्रेग्नेंसी की जांच के लिए यह पहली रक्त-जांच होती है;
  • इसमें एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति की जांच की जाती है;
  • अगर रक्त जांच में इस हार्मोन की उपस्थिती पाई जाती है, तब यह प्रेगनेंसी की शुरुआत को सुनिश्चित करता है;
  • महिला का यह ब्लड टेस्ट पीरियड्स के न आने की तिथि के 10 दिन बाद किया जाता है।

2. मात्रात्मक परीक्षण (Quantitative examination)

  • प्रेगनेंसी की जांच में इस ब्लड टेस्ट से यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि महिला के रक्त में एचसीजी हार्मोन की कितनी मात्रा है।
  • रक्त के परीक्षण से एचसीजी की कम से कम मात्रा का भी सरलता से पता लग सकता है।
  • इसके अतिरिक्त यदि प्रेगनेंसी में किसी प्रकार की कोई समस्या हो, तो उसका भी शुरूआत में ही पता लग जाता है।
  • प्रेगनेंसी डॉक्टर रक्त की जांच के साथ दूसरे टेस्टों के माध्यम से गर्भ के ठहरने की सही पोजीशन की जांच करते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि कहीं भ्रूण का विकास गर्भाशय के स्थान पर ट्यूब में तो नहीं हो रहा है।
  • इस स्थिति को एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) कहा जाता है। यदि महिला के गर्भधारण से पहले गर्भपात हो चुका हो तब भी रक्त की जांच बहुत सहायक हो सकती है।
  • प्रेग्नेंसी की जांच करने के लिए अधिकतर महिलाएं यूरिन टेस्ट को करना सुविधाजनक मानती हैं।
  • लेकिन यदि आपको नेगेटिव परिणाम प्राप्त हुए हैं तब आप पहले टेस्ट के एक हफ्ते बाद दोबारा चेक कर सकती हैं।
  • लेकिन यदि आपको दोनों टेस्टों में परिणाम अलग-अलग प्राप्त हुए हैं, तब डॉक्टर के पास जाकर प्रेगनेंसी जांच के लिए रक्त जांच ही करवाना अच्छा होगा।
और पढ़ें:कोरियोनिक विली सैंपलिंग/सीवीएस टेस्ट की प्रक्रिया, लाभ व जोखिम
 

सारांश

Summary in hindi

Saransh in hindi

आमतौर पर जैसे ही किसी महिला के माहवारी की तिथि अपने नियत समय पर नहीं आती है तब वह गर्भधारण को लेकर असमंजस की स्थिति में आ जाती हैं। ऐसे में महिलाएं प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए किट के माध्यम से यूरिन की जांच करने का प्रयास करती हैं। इस जांच का परिणाम कई बार पॉज़िटिव आते हैं तो कभी नेगेटिव। ऐसे में प्रेगनेंसी को कनफर्म करने के लिए डॉक्टर के द्वारा ब्लड टेस्ट करना सबसे उचित होता है। (आगे पढ़िए - प्रेगनेंसी के दौरान किये जाने वाले संपूर्ण टेस्ट)

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 21 Jul 2020

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