प्रसवोत्तर रक्तस्राव के लक्षण, कारण, उपचार, निदान, और जोखिम

Symptoms, causes, treatment, diagnosis, and risk of postpartum hemorrhage in hindi

Postpartum hemorrhage ke lakshan, karan, upchar, nidan or jokhim in hindi


Introduction

Postpartum_hemorrhage_ke_lakshan

बच्चे की डिलीवरी के बाद माँ को हल्का रक्तस्राव होना आम है। हालांकि, नार्मल डिलीवरी की तुलना में सिजेरियन ऑपरेशन में प्रसव के बाद ब्लीडिंग थोड़ी अधिक होती है।

लेकिन, कुछ दुर्लभ मामलों में प्रसव के 24 घंटे के बाद या फिर कुछ दिनों बाद अगर रक्तस्राव बहुत अधिक हो, तो स्थिति चिंताजनक बन जाती है।

अगर प्रसव के घंटों या कुछ दिनों बाद 500-1000 मिलीलीटर तक ब्लड लॉस हो जाए, तो इससे कई समस्या उत्पन्न हो सकती है और महिला की जान तक को ख़तरा हो सकता है।

प्रसव के बाद अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होने की स्थिति को प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) कहते हैं और जिसे अंग्रेजी में (postpartum hemorrhage) कहते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से आपको इस जटिलता के बारे में विस्तार से समझाने की कोशिश करते हैं।

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इस लेख़ में

  1. 1.प्रसवोत्तर रक्तस्राव क्या है?
  2. 2.प्रसवोत्तर रक्तस्राव के कारण क्या हैं?
  3. 3.प्रसवोत्तर रक्तस्राव के लक्षण क्या हैं?
  4. 4.प्रसवोत्तर रक्तस्राव के जोखिम कारक क्या हैं?
  5. 5.प्रसवोत्तर रक्तस्राव से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?
  6. 6.प्रसवोत्तर रक्तस्राव का निदान कैसे किया जाता है?
  7. 7.प्रसवोत्तर रक्तस्राव का उपचार क्या है?
  8. 8.प्रसवोत्तर रक्तस्राव को कैसे रोका जा सकता है?
  9. 9.प्रसवोत्तर रक्तस्राव के बाद क्या होता है?
  10. 10.क्या प्रसवोत्तर रक्तस्राव का अनुभव फिर हो सकता है अगर ये पहले हुआ था
 

प्रसवोत्तर रक्तस्राव क्या है?

What is postpartum hemorrhage in hindi

Postpartum hemorrhage kya hota hai in hindi

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जब नार्मल डिलीवरी के बाद 500 मिलीलीटर या उससे अधिक ब्लीडिंग हो और सिजेरियन डिलीवरी के बाद 1000 मिलीलीटर या उससे अधिक रक्त की हानि हो तो उसे प्रसवोत्तर रक्तस्रव (pph) कहा जाता है।

प्रसवोत्तर रक्तस्रव (pph), जो आमतौर पर प्रसव के बाद पहले 24 घंटों में होता है, उसे प्राथमिक प्रसवोत्तर रक्तस्राव (primary postpartum hemorrhage) कहा जाता है।

जब प्रसव के 24 घंटे बाद या प्रसव के 12 सप्ताह के बीच योनि से अत्यधिक रक्तस्राव जारी रहता है, तो उसे माध्यमिक प्रसवोत्तर रक्तस्राव (secondary postpartum hemorrhage) कहा जाता है।

प्राथमिक पीपीएच (primary pph) 100 महिलाओं में 5 को प्रभावित करता है, जबकि माध्यमिक पीपीएच (secondary pph) 100 महिलाओं में 2 से कम को प्रभावित करता है।

प्रसव के बाद बहुत अधिक ब्लड लॉस होना असामान्य नहीं है। हालांकि, अगर आप 1,000 मिलीलीटर से अधिक रक्त खो देते हैं, तो रक्त की हानि आपके रक्तचाप को बनाए रखने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

अगर आपका इससे अधिक ब्लड लॉस हो जाता है, तो ये सदमे या मृत्यु तक का कारण बन सकता है।

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव के कारण क्या हैं?

What are the causes of postpartum hemorrhage in hindi

Causes of pph in hindi

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डॉक्टर के अनुसार "चार टी" (“four Ts”) प्रसवोत्तर रक्तस्राव का कारण बनते हैं, जो इस प्रकार :

1. टोन (Tone - uterine atony)

प्रसवोत्तर रक्तस्राव का मुख्य कारण है यूटेरिन एटनी। आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद यूटेरस प्लेसेंटा को बाहर पुश करने के बाद संकुचित हो जाती है, जिससे ब्लीडिंग रूकने में मदद मिलती है।

हालांकि, अगर यूटेरस सही तरीके से संकुचित नहीं हो पाता है, तो रक्तस्राव जारी रहता है। एक एटोनिक गर्भाशय (uterine atony) 70 प्रतिशत प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) के मामलों के लिए ज़िम्मेदार होता है।

2. ट्रॉमा (Trauma)

प्रसवोत्तर रक्तस्राव के 20 प्रतिशत मामलों में, गर्भाशय को क्षति (damage), या आघात (trauma) पहुंचने के कारण रक्तस्राव होता है। जो एक कट या एक हेमेटोमा के कारण हो सकता है।

3. टिश्यू (tissue)

प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) के 10 प्रतिशत मामले टिश्यू के कारण होते हैं और इसमें नाल (placenta) की दो स्थितियाँ शामिल होती हैं।

नाल की दो स्थितियां जो इस प्रकार है :

  • रिटेंड प्लेसेंटा (Retained placenta)

प्लसेंटा को आमतौर पर डिलीवरी के बाद 8 से 10 मिनट के बाद बाहर निकाल दिया जाता है।

हालांकि, अगर डिलीवरी के एक घंटे बाद भी इसे नहीं निकला जाए तो ये प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) का कारण बन सकता है।

  • प्लेसेंटा एक्रिटा (Placenta accreta)

इस स्थिति में प्लेसेंटा बहुत गहरायी तक गर्भाशय की दीवार से जुड़ (uterine wall) जाती है और प्रसव के बाद भारी रक्तस्राव का कारण बनती है।

अगर आप प्रसव के बाद अपेक्षित समय में नाल को बाहर निकालने में सफल नहीं होते हैं, तो यह संभावना है कि इसे हटाने के लिए आपको सर्जरी की आवश्यकता होगी।

4. थ्रोम्बिन (Thrombin)

बहुत दुर्लभ मामलों में एक ब्लड क्लॉट डिसऑर्डर प्रसवोत्तर रक्तस्राव का कारण बनता है। थ्रोम्बिन, शरीर में ब्लड क्लॉट बनाने वाला एक प्रोटीन होता है।

थ्रोम्बिन में कमी का कारण बनने वाली स्थितियां बहुत कम होती हैं। वे 1 प्रतिशत से कम गर्भधारण में होते हैं।

इस विकार में शामिल हैं:

  • इडियोपैथिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक पप्यूरा (Idiopathic thrombocytopenic purpura)
  • थ्रॉम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पप्यूरा (Thrombotic thrombocytopenic purpura)
  • वॉन विलेब्रांड की बीमारी (Von Willebrand’s disease)
  • हीमोफिलिया (Hemophilia)
  • एचईएलपी (HELLP - hemolysis, elevated liver enzyme levels, and low platelet levels)
और पढ़ें:अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण, कारण और उपचार
 

प्रसवोत्तर रक्तस्राव के लक्षण क्या हैं?

What are the symptoms of bleeding after delivery in hindi

Postpartum hemorrhage symptoms in hindi

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आप प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) के निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं:

  • लाल रक्त कोशिका की गिनती में गिरावट या हेमटोक्रिट
  • अनियंत्रित रक्तस्राव
  • हेमटोमा ब्लीडिंग के कारण योनि और पेरिनेल क्षेत्र में दर्द और सूजन
  • रक्तचाप में गिरावट, जो समय पर इलाज नहीं होने पर सदमे या मृत्यु का कारण बन सकता है
  • बेचैनी
  • पीलापन
  • कमज़ोरी
  • हाइपोटेंशन (लो ब्लड प्रेशर)
  • तेज़ हार्ट बीट (एक मिनट में 100 बार)
  • कन्फ्यूज़न
  • बेहोशी

हर महिला प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) का सामना नहीं करती हैं, लेकिन कुछ कारक इसके जोखिम को ज़रूर बढ़ा देते हैं।

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव के जोखिम कारक क्या हैं?

What are the risk factors of pph in hindi

Postpartum hemorrhage ke jokhim karak kya hain in hindi

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कई कारक प्राथमिक प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) के लिए जोखिम बढ़ाते हैं, जिसमें शामिल हैं:

  • माँ की उम्र 40 वर्ष से अधिक होना
  • प्रसवोत्तर रक्तस्राव इतिहास होना
  • गर्भावधि उच्च रक्तचाप या प्रीक्लेम्पसिया
  • मधुमेह (diabetes)
  • प्लेसेंटा अब्रप्शन, जिसमें नाल (placenta) गर्भाशय से अलग हो जाता है
  • प्लेसेंटा प्रेविया, जिसमें नाल गर्भाशय ग्रीवा के मुख को ढँक देता है
  • एक से अधिक नाल के साथ कई गर्भधारण और गर्भाशय की अधिकता
  • मोटापा
  • एनीमिया
  • सिजेरियन डिलीवरी
  • स्टिलबर्थ
  • जन्म से पहले बीएमआई (body mass index) 35 से अधिक होना
  • लंबे समय तक प्रसव पीड़ा

अगर आप में उपयुक्त जोखिम कारक मौजूद हैं तो आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपके डॉक्टर आपके प्रसव और लक्षणों का लगातार मूल्यांकन करेंगे।

और पढ़ें:कोरोना वायरस के बारे में क्या जानना जरुरी है?
 

प्रसवोत्तर रक्तस्राव से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?

What are the complications associated with postpartum hemorrhage in hindi

Pph se judi jatiltayein kya hain in hindi

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) से शरीर में खून की कमी हो जाती है और इससे कुछ जटिलताएं भी उत्पन्न हो सकती है।

रक्त की कमी से आप अनुभव कर सकते हैं:

  • एनीमिया, या लो ब्लड लेवल
  • खड़े होने पर चक्कर आना
  • थकान

हालांकि, गंभीर रक्तस्राव, बहुत गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती हैं।

इनमें मायोकार्डियल इस्किमिया (myocardial ischemia - हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाना या हृदय में ऑक्सीजन की कमी) से मृत्यु भी हो सकती है।

प्रसवोत्तर रक्तस्राव की जटिलताओं में ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन, एनीमिया और थकान शामिल हैं, जो नवजात शिशु की मातृ देखभाल को और अधिक कठिन बना सकते हैं।

प्रसवोत्तर एनीमिया, प्रसवोत्तर अवसाद के जोखिम को बढ़ाता है।

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव का निदान कैसे किया जाता है?

How postpartum hemorrhage diagnosed in hindi

Postpartum hemorrhage diagnosis in hindi

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डॉक्टर आपकी योनि (vagina), पेरिनेम (perineum), गर्भाशय ग्रीवा (cervix) और गर्भाशय (uterus) की एक शारीरिक जांच करेंगे ताकि रक्तस्राव की जांच हो सके।

फिर, वे प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षणों की सलाह दे सकते हैं:

  • रेड ब्लड सेल्स की संख्या का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट
  • क्लॉट ऑब्ज़र्वेशन टेस्ट (clot observation test)
  • ब्लड क्लॉटिंग टेस्ट (blood clotting test)
  • रक्तचाप और पल्स मॉनिटर करना
  • रक्त को अवशोषित (absorb) करने वाले स्पंज या सैचुरेटेड पैड की संख्या को देखकर ब्लड लॉस का अनुमान लगाना
  • अल्ट्रासाउंड (ultrasound)
  • एंजियोग्राफी (angiography)
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प्रसवोत्तर रक्तस्राव का उपचार क्या है?

Postpartum hemorrhage treatment in hindi

Postpartum hemorrhage ka upchar in hindi

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) होने पर रक्तस्राव की गंभीरता के आधार पर, निम्न उपचारों में से एक की सिफारिश की जाती है:

  • अगर यूटेरिन एटनी (uterine atony) आपके रक्तस्राव का कारण है, तो आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके गर्भाशय की मालिश कर सकते हैं। इससे आपका गर्भाशय सिकुड़ सकता है और रक्तस्राव को रोक सकता है। गर्भाशय को सिकुड़ने में दवाएं भी मदद कर सकती हैं, जैसे कि ऑक्सीटॉक्सिन (oxytocin)। आपके डॉक्टर आपको नस के माध्यम से दवा दे सकते हैं, इसे आपके रेक्टम में रख सकते हैं, या इसे आपकी मांसपेशियों में इंजेक्ट कर सकते हैं। सी-सेक्शन के दौरान, डॉक्टर आपके गर्भाशय में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन भी लगा सकते हैं।
  • अगर प्लेसेंटा के टिश्यू अभी भी आपके गर्भाशय में हैं, तो आपके डॉक्टर डायलेशन और कुरेटेज (dilation and curettage) कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में आपके गर्भाशय में मौजूद ऊतक (tissue) के टुकड़ों को निकालने के लिए करेट (curette) नामक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है।
  • आपके डॉक्टर आपके गर्भाशय में स्पंज या एक मेडिकल बैलून डालकर और इसे फुलाकर गर्भाशय की चोट की मरम्मत कर सकते हैं। ये ब्लीडिंग आर्टरीज़ (bleeding arteries) पर दबाव डालती है, जिससे रक्तस्राव को रोकने में मदद मिलती है। आपके डॉक्टर रक्तस्राव को रोकने के लिए आपके गर्भाशय के निचले हिस्से के आस-पास टांके (stitches) भी लगा सकते हैं।
  • रक्तस्राव को रोकने के बाद, उपचार के तौर पर पानी (fluids) और खून चढ़ाए (blood transfusions) जाते हैं।
    इससे आप सदमे में जाने से बच जाते हैं। सदमा (shock) तब लगता है, जब आपके शरीर अधिक मात्रा में फ्लूइड और खून की कमी हो जाती है, जिस कारण आपके अंग काम करना बंद कर देते हैं।
  • दुर्लभ मामलों में, आपके डॉक्टर सर्जरी की मदद से आपके गर्भाशय को निकाल सकते हैं, या हिस्टेरेक्टॉमी (hysterectomy) कर सकते हैं।
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प्रसवोत्तर रक्तस्राव को कैसे रोका जा सकता है?

How can postpartum hemorrhage be prevented in hindi

Postpartum hemorrhage ko kaise roke in hindi

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव को रोकने के लिए आपकी गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, ब्लड टाइप की जानकारी लेंगे और गर्भावस्था के दौरान किसी भी जोखिम कारक पर विचार करें।

अगर आपका ब्लड टाइप रेयर है, रक्तस्राव विकार, या प्रसवोत्तर रक्तस्राव का इतिहास है, तो आपका डॉक्टर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रसव के दौरान आपके रक्त के प्रकार का रक्त उपलब्ध हो।

सहज रक्तस्राव सुनिश्चित करने के लिए आपके डॉक्टर को प्रसव के बाद आपकी सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए।

अचानक रक्तस्राव न हो, ये सुनिश्चित करने के लिए आपके डॉक्टर को प्रसव के बाद आपको सावधानीपूर्वक मॉनिटर करना चाहिए।

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प्रसवोत्तर रक्तस्राव के बाद क्या होता है?

What happens after a postpartum hemorrhage in hindi

Pph ke baad kya hota hai in hindi

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एक बार जब ब्लीडिंग को रोकने में सफलता मिल जाती है, तो आपकी स्थिति को अच्छे समझने की कोशिश की जाएगी।

रक्त के थक्के (blood clot) की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाएगा। साथ ही, रक्तचाप (blood pressure) और मूत्र उत्पादन (urine output) को मापा जाएगा।

जिन महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी, डॉक्टर उनकी किसी भी इंटरनल ब्लीडिंग (internal bleeding) की जाँच करेंगे।

डॉक्टर की ओर से आगे किसी भी तरह की जोखिम नहीं होने का आश्वासन देने के बाद आपको गहन वार्ड (intensive ward) में रखा जाएगा और बाद में प्रसवोत्तर यूनिट (postnatal unit) में ले जाया जाएगा।

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क्या प्रसवोत्तर रक्तस्राव का अनुभव फिर हो सकता है अगर ये पहले हुआ था

Can you experience postpartum hemorrhage if you had it before in hindi

Kya aapko bleeding after delivery ka anubhav phir ho sakta hai agar aapko ye pehle hua tha in hindi

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जी हाँ, अगर आपको पहली प्रेगनेंसी के दौरान प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) का सामना करना पड़ा था, तो दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान भी इसके होने का रिस्क बढ़ सकता है।

10 गर्भवती महिलाओं में एक के साथ ऐसा फिर से हो सकता है। अगर आपके डॉक्टर को प्रसवोत्तर रक्तस्राव (pph) होने के संदेह है, तो वो आपके ब्लड काउंट को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट कर सकते हैं।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 16 Feb 2021

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