तैलीय त्वचा के लक्षण, कारण और उपचार

Oily skin and its symptoms, causes and treatment in hindi

oily skin kaisi hoti hai


एक नज़र

  • तैलीय त्वचा तब होती है जब आपका शरीर आवश्यकता से अधिक प्राकृतिक तेल का उत्पादन करता है।
  • कई लोग मानते हैं कि मॉइस्चराइज़र के इस्तेमाल से त्वचा और ऑयली हो जाती है लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है।
  • तैलीय त्वचा के कारण एक्ने या पिंपल्स भी हो जाते हैं।
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Introduction

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एक महिला या लड़की को स्किन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होती है लेकिन सबसे अधिक परेशानी का सबब है तैलीय त्वचा का होना। तैलीय त्वचा वाले लोगों को कई समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। जिनकी त्वचा ऑयली होती है उनके फेस पर एक हल्का तेल हमेशा मौजूद रहता है, जिससे चेहरा चिपचिपा नज़र आता है।

ऑयली स्किन पर तेल की मौजूदगी के कारण एक्ने-पिंपल भी होते रहते हैं, जो कहीं-न-कहीं चाँद से मुखरे पर ग्रहण लगा देते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? तैलीय त्वचा क्या होती है? (oily skin kaisi hoti hai), तैलीय त्वचा के कारण क्या हैं? (face oily hone ke karan) फेस पर ऑयल क्यों आता है (face par oil kyu aata hai) या फिर तैलीय त्वचा का उपचार क्या है और तैलीय त्वचा का बचाव कैसे किया जा सकता है।

ये तमाम सवाल है जो आपके मन में भी आते होंगे। ऐसे ही सवालों का जवाब आज हम आपको इस लेख के माध्यम से देने जा रहे हैं। आइये तैलीय त्वचा को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।

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इस लेख़ में

 

तैलीय त्वचा क्या होती है?

What is oily skin in hindi

तैलीय त्वचा के कारण, oily skin kaisi hoti hai, तैलीय त्वचा

तैलिये त्वचा सेबेशियस ग्लैंड्स (sebaceous glands) से अधिक सीबम (sebum) के उत्पादन के कारण होती है। ऐसी त्वचा एक्ने-प्रोन (acne-prone) होती है, जिसके पोर्स खुले होते हैं। ऑयली स्किन की वजह से स्किन हमेशा चिपचिपी लगती है। अगर आपके मन में सवाल है कि तैलीय त्वचा कैसी होती है (oily skin kaisi hoti hai) तो इसका एक सीधा जवाब है कि तैलीय त्वचा चिपचिपी होती है।

दरअसल त्वचा की कोमलता बरकरार रखने के लिए प्राकृतिक तेल जरूरी है, पर जब ऑयल ग्लांड्स (oil glands) अधिक तेल का सिक्रीशन (secreation) करती है तो स्किन ऑयली हो जाती है।इस वजह से ब्लैकहेड्स, पिंपल्स और एक्ने की भी समस्या हो जाती है।

ऑयली स्किन की प्रॉब्लम से महिलाएं बहुत परेशान हो जाती है, क्योंकि ऑयली त्वचा पर मेकअप बहुत देर तक ठहर नहीं पाता है। समस्या बस इतने तक ही सीमित नहीं रहती है बल्कि सनस्क्रीन और फ़ाउंडेशन भी धूप के कांटेक्ट में आते ही पिघलने लगते हैं, जिससे स्किन ऑयली हो जाती है

ऐसे में तैलीय चेहरे का ख्याल रखना और इसलिए देखभाल करना बहुत ज़रूरी हो जाता है क्योंकि तेल युक्त त्वचा पर गंदगी बहुत जल्दी जम जाती है।

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तैलीय त्वचा के लक्षण

Symptoms of oily skin in hindi

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तैलीय त्वचा तब होती है जब आपका शरीर आवश्यकता से अधिक प्राकृतिक तेल का उत्पादन करता है।

तैलीय त्वचा के लक्षण मुख्य रूप से आपके चेहरे के "टी-ज़ोन" एरिया पर दिखाई देते हैं और इसमें शामिल हैं : -

  1. जब आपको अपनी त्वचा बहुत चिपचिपी लगने लगे, अक्सर दोपहर तक।
  2. त्वचा, जो मोटी (thick) या खुरदरी (rough) दिखाई देती हो।
  3. टी-ज़ोन (t-zone) (आपकी नाक, ठोड़ी और माथे) के चारों ओर बढ़े हुए पोर्स ऑयली स्किन होने की निशानी है।
  4. सीबम के अधिक उत्पादन के कारण स्किन पर ब्लैकहेड्स (blackheads) और एक्ने (acne) का होना।
  5. जब मोबाइल पर बात करने के बाद, फ़ोन पर तेल के निशान दिखे।
  6. जब मेकअप आपकी स्किन पर बहुत देर तक न टिके।

तैलीय त्वचा कैसी होती है (oily skin kaisi hoti hai) इसका जवाब आपको उपयुक्त लक्षणों को समझकर मिल गया होगा। इसलिए अब हम आगे ये जानते हैं कि आखिर किन करने से त्वचा ऑयली हो जाती है या फिर तैलीय त्वचा के कारण क्या होते हैं।

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तैलीय त्वचा के कारण

Causes of oily skin in hindi

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हर किसी की त्वचा पर तेल होता है और यही उसके चेहरे के चमक का कारण भी होती है। आपके हर एक पोर्स के नीचे सेबेसियस ग्लैंड होता है, जो सीबम नामक नेचुरल ऑइल प्रोड्यूस करता है। ये आपकी स्किन को हेल्दी और हाइड्रेटेड रखने में सहायता करता है।

वहीं कुछ लोगों में सेबेशियस ग्लैंड तेल का उत्पादन अधिक करता है, जिस कारण त्वचा ऑयली हो जाती है। तैलीय त्वचा के कारणों में आनुवंशिक, पर्यावरणीय और जीवन शैली कारक शामिल हैं। ऐसे में आईये तैलीय त्वचा के कारण (face oily hone ke karan) को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।

तैलीय त्वचा के कारण निम्नलिखित हैं:

1. तैलीय त्वचा के कारण है - हार्मोन में बदलाव
फेस ऑयली होने के कारण (face oily hone ke karan) की सूची में पहला कारण है हार्मोन में होने वाला बदलाव।वैसे तो ऑयली स्किन होने के कई कारण होते हैं लेकिन तैलीय स्किन का एक मुख्य कारण होता है हार्मोन में उतर-चढ़ाव। दरअसल एण्ड्रोजन हार्मोन ज्यादातर तेल उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब इस हार्मोन के स्तर में बदलाव आता है तो सीबम उत्पादन में वृद्धि हो जाती है।
ऐसा अक्सर यौवन के दौरान, मासिक धर्म से पहले, गर्भावस्था के दौरान और मेनोपॉज़ के दौरान होता है। जिससे स्किन ऑयली हो जाती है।

2. तैलीय त्वचा के कारण है - तनाव

इस बात से तो हम सब इत्तेफ़ाक़ रखते हैं कि तनाव हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है।
इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल जब कोई व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो जाता है, तो शरीर के तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर में वृद्धि हो जाती है। जिस कारण तेल के उत्पादन में भी वृद्धि हो जाती है, जिससे स्किनऑयली हो जाती है। ऐसे में फेस ऑयली होने के कारण (face oily hone ke karan) की सूची में तनाव भी अहम भूमिका निभा सकता है।

3. तैलीय त्वचा के कारण है - अनुवांशिकता
कुछ लोगों में, सेबेशियस ग्लैंड्स (sebaceous glands) बहुत अधिक तेल का उत्पादन कर सकता है और तेलीय त्वचा की वजह बन जाता है। ऐसा अधिकतर जेनेटिक कारणों से भी होता है क्योंकि अगर किसी के माता-पिता की त्वचा तैलीय है, तो माना जाता है कि उनके बच्चों की भी स्किन ऑयली हो सकती है।

4. तैलीय त्वचा के कारण है - स्किन केयर प्रोड्कट का अधिक इस्तेमाल
हमारे चेहरे की त्वचा सबसे ज्यादा सेंसिटिव होती है। बावजूद इसके, हम चेहरे को निखारने के लिए तरह-तरह के स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं।
इतना ही नहीं कभी-कभी तो हम ज़रूरत से ज्यादा चेहरे की स्क्रबिंग करने लग जाते हैं।
जिस कारण त्वचा से बहुत अधिक तेल निकल जाता है और फिर तेल की इसी कमी को दूर करने के लिए सेबेशियस ग्लैंड्स अधिक तेल का उत्पादन करते हैं। जिस कारण स्किन ऑयली हो जाती है।
वहीं ज़्यादा मेकअप करने से भी त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं और स्किन पहले की तुलना में और अधिक तेलीय हो जाती है।

5. तैलीय त्वचा के कारण है - मौसम में बदलाव
मौसम में बदलाव होने का असर चेहरे पर दिखने लगता है। फेस ऑयली होने के कारण (face oily hone ke karan) मौसम में बदलाव भी होता है। जी हां, नमी और गर्म मौसम सीबम के फ्लो को उत्तेजित करते हैं, जिससे त्वचा पर अधिक तेल बनने लगता है। इस वजह से चेहरा ज़रूरत से ज्यादा ऑयली नजर आता है। वहीं, इसके विपरीत नमी की कमी के कारण सर्दियों के मौसम में स्किन बहुत रूखी हो जाती है, ऐसे में माश्चराइजर की कमी को पूरा करने के लिए स्किन ज्यादा ऑयली हो जाती है।

6. तैलीय त्वचा के कारण है - बढ़े हुए पोर्स

कुछ मामलों में ऐसा देखा जाता है कि उम्र, वजन में उतार-चढ़ाव और पहले हुए पिंपल या एक्ने आपके छिद्र के आकार में वृद्धि हो सकती है। पोर्स के बढ़ने पर तेल का उत्पादन बढ़ जाता है और इस प्रकार त्वचा तैलीय हो जाती है।

7. तैलीय त्वचा के कारण है - मॉइस्चर का इस्तेमाल न करना

कई लोग मानते हैं कि मॉइस्चराइज़र के इस्तेमाल से त्वचा और ऑयली हो जाती है लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। आमतौर पर कहा जाए तो ये एक तरह का मिथ है। वास्तव में देखा जाए तो अगर तैलीय त्वचा के कारण त्वचा पर होने वाले एक्ने या पिंपल से निजात पाने के लिए बेंज़ोयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड का उपयोग कर रही हैं तो इससे स्किन ड्राई हो जाती है। इसलिए स्किन को ड्राई होने से बचाने के लिए मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। इसके अलावा मॉइस्चराइज़र के इस्तेमाल से स्किन अधिक तेल का प्रोडक्शन भी लगभग कम कर देती है।

ऐसे में मॉइस्चराइज़र स्किप करने की जगह आप एक ऑयली स्किन के लिए तैयार किये गए मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें। वाटर बेस्ड मॉइस्चराइज़र ऑयली स्किन के लिए अच्छे माने जाते हैं। नियमित रूप से स्किन को क्लीन्ज़ और टोनिंग करने के बाद मॉइस्चराइज़र लगाएं। इतना ही नहीं ऐसे प्रोडक्ट देखे जोऑइल-फ्री और नॉन-कमोडोजेनिक हो, जिससे पोर्स को साफ रखने में मदद मिल सकती है।

8. तैलीय त्वचा के कारण है - हार्मोनल दवाओं का सेवन

हार्मोनल दवाओं के सेवन का भी स्किन पर बहुत असर है। दरअसल हार्मोनल गर्भनिरोधक दवा या फिर हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा के लगातार सेवन करने के कारण भी स्किन ऑयली हो सकती है और आपको कील-मुंहासों का सामना करना पड़ सकता है।

9. तैलीय त्वचा के कारण है - गलत खान-पान

हालांकि इस बात को साबित करता अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन कई लोग ऐसा सोचते हैं कि ऑयली फूड्स का सेवन करने से त्वचा तेलीय हो जाती है।

तैलीय त्वचा आपके लिए अभिशाप नहीं है। हालांकि, एक बार जब आप अपनी त्वचा के प्रकार को जान लेते हैं, तो आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि इसे कैसे ठीक करने की कोशिश की जाये।

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तैलीय त्वचा का चिकित्सा उपचार

Medical treatment for oily skin in hindi

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किसी की त्वचा ड्राई होती है, किसी की नार्मल तो किसी तो किसी की सेंसिटिव लेकिन सबसे ज़्यादा परेशानी तब हो जाती है जब आपकी त्वचा ऑयली हो। ऑयली स्किन पर ऑइल की मौजूदगी कहीं-न-कहीं आपको परेशान करती रहती है। ऐसे में मेडिकल उपचार की मदद से तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। आइये आपको तफ्सील से बताते हैं तैलीय त्वचा के चिकित्सीय उपचार के बारे में।

तैलीय त्वचा का चिकित्सीय उचार : -

तैलीय त्वचा का उपचार है आईसोट्रेटीनियोन (Isotretinoin for oily skin)

ये एक ओरल रेटिनोइड है, जो विटामिन ए से भरपूर होता है। ये स्किन में सीबम के प्रोडक्शन को कम करने के लिए कारगर माना जाता है। हालांकि, इसके इस्तेमाल से स्किन रूखी हो सकती है और साथ कुछ और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर या त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद ही आईसोट्रेटीनियोन का सेवन करना चाहिए।

तैलीय त्वचा का उपचार है स्पाईरिनेलैक्टोन (Spironolactone for oily skin)

अध्ययन बताते हैं कि स्पाईरिनेलैक्टोन सीधे त्वचा में सीबम उत्पादन को कम करने में मदद करता है। हाल के दिनों में, त्वचा विशेषज्ञों ने महिलाओं में तैलीय त्वचा और मुँहासे के इलाज के लिए इस दवा का रुख किया है।

हालांकि, स्पाईरिनेलैक्टोन का उपयोग करने से पहले ये ध्यान में रखना चाहिए इससे कुछ टेम्पररी साइड इफेक्ट्स जैसे अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल का सामना करना पड़ सकता है। मुख्य तौर पर देखे तो एक स्वस्थ महिला के लिए ये एक सुरक्षित दवा साबित हो सकती है।

तैलीय त्वचा का उपचार है गर्भनिरोधक गोली (Oral Contraceptives for oily skin)

जब तैलीय त्वचा से निजात पाने में क्रीम या एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं होता है तो उस स्थिति में गर्भनिरोधक दवा की ओर रूख किया जाता है। महिला के ओवरीज़ और एड्रेनल ग्लैंड्स (adrenal glands) एण्ड्रोजन (androgens) का उत्पादन करते हैं।

अगर एण्ड्रोजन का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है तो इससे अतिरिक्त सीबम उत्पादन को गति मिल सकती है। ऐसे में गर्भनिरोधक गोली में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन होते हैं, जो सीबम उत्पादन को नियंत्रित करते हैं।

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पूरे दिन तैलीय त्वचा से कैसे बचाव करें

How to prevent oily skin throughout the day in hindi

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त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सीबम महत्वपूर्ण है। हालांकि, बहुत ज्यादा सीबम तैलीय त्वचा, भरा हुआ छिद्र और मुँहासे पैदा कर सकता है। तैलीय त्वचा को नियंत्रित करने के लिए अक्सर एक व्यक्ति को नियमित रूप से त्वचा की देखभाल करने की आदत की आवश्यकता होती है।

ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप तैलीय त्वचा से अपना बचाव कर सकते हैं : -

  • बहुत सख्त तौलिये का इस्तेमाल न करें - सख्त तौलिए सीबम उत्पादन को उत्तेजित कर सकते हैं और इस समस्या को और जटिल बना सकते हैं।
  • केमिकल युक्त साबुन का इस्तेमाल न करें - साबुन में मौजूद केमिकल सीबम के प्रोडक्शन को और बढ़ा सकते हैं। ऐसे में माइल्ड सोप का उपयोग करें।
  • खान-पान पर ध्यान दें - कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध खाना तैलीय त्वचा के लिए अच्छा नहीं होता है। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य-पदार्थ त्वचा में सीबम उत्पादन में योगदान करते हैं।
  • ऑयल-फ्री उत्पाद का उपयोग करें - सुनिश्चित करें कि आपके स्किनकेयर और मेकअप प्रोडक्ट्स ऑयल-फ्री हो।
  • सोने से पहले अपने मेकअप को हटा दें - त्वचा की स्वच्छता एक ऐसी चीज़ है, जिसे बनाए रखना चाहिए। इसलिए सोने से पहले रात में अपना मेकअप रिमूव ज़रूर करें और अपना चेहरा साफ करें। आपकी त्वचा को भी आपकी तरह सांस लेने की जरूरत है! मेकअप के साथ सोने से रोम छिद्र बंद हो सकते हैं, जिससे ऑयल का प्रोडक्शन भी बढ़ जाता है।
  • त्वचा को बहुत अधिक एक्सफोलिएट न करें - एक्सफ़ोलीएटिंग त्वचा के लिए अच्छा होता है, लेकिन तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए इसे बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। तैलीय त्वचा वाले लोगों को हफ्ते में एक बार ही स्किन को एक्सफोलिएट करना चाहिए वो भी बहुत आराम से। अगर आप त्वचा को बहुत अधिक स्क्रब करते हैं तो इससे सीबम का उत्पादन उत्तेजित हो सकता है और स्किन और ऑयली हो सकती है।

तैलीय त्वचा बहुत अच्छा स्किन टाइप नहीं माना जाता है। स्किन ऑयली होने से कई तरह की परेशानी होती है और जो एक महिला के लिए चिंता का कारण बन सकता है। हालाँकि, अगर आप त्वचा की स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो आपको कई हद्द तक फायदा मिल सकता है।

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निष्कर्ष

Conclusionin hindi

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तैलीय त्वचा की समस्या अक्सर चेहरे की टी-ज़ोन (T-Zone) एरिया पर होती है और इस स्किन टाइप के लोगों के चेहरे पर हल्का तेल हमेशा दिखता है और चेहरा चिपचिपा दिखता है।

तैलीय त्वचा के कारण एक्ने या पिंपल्स भी हो जाते हैं। हार्मोन और मौसम में बदलाव से लेकर दवाओं के अत्यधिक सेवन के कारण त्वचा तेलीय हो जाती है। अगर हम इस पर ध्यान दें और अपने दिनचर्या के साथ-साथ खान-पान पर ध्यान दें तो इससे छुटकारा पा सकते हैं।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 29 Jun 2020

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