गर्भावस्था के नौवें महीने की सम्पूर्ण जानकारी

All about 9 month of pregnancy in hindi

Navein mahine ki wo saari baatein jo aapko janni chahiye in hindi


एक नज़र

  • प्रेग्नेंसी का नौवां महीना गर्भकाल में 37वें हफ्ते से शुरू होता है और 42 हफ्ते तक आते-आते गर्भकाल पूर्ण माना जाता है।
  • कुछ महिलाएं स्वयं को गर्भावस्था के नौवें महीने में पहले से अधिक ऊर्जावान भी महसूस कर सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में योनि स्त्राव में वृद्धि भी होने लगती है।
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Introduction

जैसे ही कोई महिला प्रेग्नेंसी के नवें महीने में प्रवेश करती है, उसे अपनी अनदेखी खुशी को देखने का हर पल इंतज़ार रहता है।

महिला के हाथ उन नन्हें हाथों को छूने के लिए बेताब होते हैं और जिन पैरों को अभी तक वह गर्भ में महसूस करती है, उन्हें अपने सामने देखना चाहती है।

इस खुशी के साथ थोड़ी चिंता इस बात की भी है कि नौवें महीने में क्या होता है और क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

आपकी मदद के लिए इस लेख में हम आपको वह सब बता रहे हैं जो गर्भावस्था के नौवें महीने के लिए जरुरी हैं और वो सब बातें जो आपको इस समय जाननी चाहिए!

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इस लेख़ में

  1. 1.गर्भावस्था के नवें महीना के लक्षण क्या हो सकते हैं?
  2. 2.गर्भावस्था के नौवें महीने में बच्चे का विकास कैसे होता है?
  3. 3.गर्भावस्था के नवें महीने में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन क्या हो सकत
  4. 4.गर्भावस्था के नवें महीने में महिला को क्या खाना चाहिए?
  5. 5.गर्भावस्था के नवें महीने में किन खाद्य पदार्थों से परहेज करें?
  6. 6.गर्भावस्था के नवें महीने में सेक्स कब और कैसे करें?
  7. 7.गर्भावस्था के नवें महीने में डॉक्टर से अपॉइंटमेंट कब लेना चाहिए?
  8. 8.गर्भावस्था के नवें महीने में जल्द-से-जल्द डॉक्टर से मिल लेना चाहिए?
  9. 9.गर्भावस्था के नवें महीने के दौरान अल्ट्रासाउंड या अन्य परीक्षण कब और कौन से हो
  10. 10.गर्भावस्था के नवें महीने में पिता के लिए टिप्स क्या हो सकते हैं?
  11. 11.गर्भावस्था के नौवें महीने में आपको क्या-क्या करना चाहिए?
  12. 12.प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए?
 

गर्भावस्था के नवें महीना के लक्षण क्या हो सकते हैं?

What are the symptoms of pregnancy in ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Navaan mahine ke Lakshan kya ho sakte hain in hindi

प्रेग्नेंसी का नौवां महीना गर्भकाल में 37वें हफ्ते से शुरू होता है और 42 हफ्ते तक आते-आते गर्भकाल पूर्ण माना जाता है।

सामान्य रूप से गर्भावस्था के नवें महीना के लक्षण निम्न हो सकते हैं : -

1. थकान और बेचैनी (Exhausted and uncomfortable in ninth month of pregnancy in hindi)

आमतौर पर महिलाएं गर्भावस्था के 9 महीने तक आते-आते थकान और बेचैनी महसूस करने लगती हैं।

इस समय महिलाएं अपने नन्हें शिशु को जल्द से जल्द देखने के लिए उत्सुक और व्याकुल होने लगती हैं।

इसके साथ ही नौवें महीने में महिलाओं को अपने कूल्हे और मूत्राशय पर अधिक भार भी महसूस हो सकता है।

इस दबाव का कारण वह भार है जो शिशु का प्रसव के लिए तैयार होने की दिशा में नीचे की ओर आने के कारण शरीर के इन अंगों पर पड़ने लगता है।

इस भार का दोहरा असर होता है।

एक तो शिशु का थोड़ा नीचे की ओर आ जाने से महिला को सांस लेने में थोड़ी सुविधा हो सकती है और साथ ही वह बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होने के कारण टॉयलेट की ओर भागने लगती है।

इसके अतिरिक्त जोड़ों पर भार अधिक होने के कारण कमर के दर्द में वृद्धि भी होने लगती है।

इसके लिए बर्फ की ठंडी सिकाई या गरम पानी की बोतल से सिकाई करके आराम दिया जा सकता है।

अगर संभव हो तब इस जगह की हल्के हाथ से मालिश करने से भी आराम आ सकता है।

2. अधिक ऊर्जावान (Pregnancy energy in ninth month of pregnancy in hindi)

कुछ महिलाएं स्वयं को गर्भावस्था के नौवें महीने में पहले से अधिक ऊर्जावान भी महसूस कर सकती हैं।

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि ऐसा उस व्याकुलता के कारण हो सकता है, जो कुछ ही दिनों बाद एक नए शिशु को देखने के कारण उत्पन्न होती है।

3. चेहरे के बाल (Facial hair growth in ninth month of pregnancy in hindi)

कभी-कभी कुछ महिलाओं को गर्भकाल के नौवें महीने में अपने चेहरे पर बाल भी दिखाई दे सकते हैं।

यह एक सामान्य बात है, क्योंकि यह परिवर्तन शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है।

यह बाल प्रसव के बाद हार्मोन्स के वापस अपनी स्थिति में आने पर फिर ठीक हो सकते हैं।

4. सीने की जलन में तेज़ी (The heartburn will worsen in ninth month of pregnancy in hindi)

गर्भावस्था के नौवें महीने में सीने में जलन की अनुभूति भी कुछ महिलाओं को परेशान कर सकती है।

ऐसे में वो जो भी खाती-पीती हैं, वो वापस उल्टी के रूप में बाहर भी आ सकता है।

लेकिन यह भी समय के साथ ठीक होने वाली स्थिति है।

5. शारीरिक वज़न में वृद्धि (Weight gain in ninth month of pregnancy in hindi)

सामान्य रूप से नौ मास की गर्भवती महिला का शारीरिक वज़न बढ़ जाता है।

यह वज़न महिला के मूल वज़न के अनुरूप लगभग 5-11 किलो तक बढ़ जाता है।

6. म्यूकस प्लग का निकलना (Passing out of Mucus Plug in ninth month of pregnancy in hindi)

अधिकतर महिलाओं का नौवें महीने में म्यूकस प्लग निकल जाता है।

आमतौर पर महिला यदि पहली बार गर्भवती है, तब प्रसव के 2-3 हफ्ते पहले यह निकल जाता है।

कभी-कभी तो दूसरे या तीसरे प्रसव की स्थिति में म्यूकस प्लग प्रसव प्रक्रिया के साथ ही निकलता है।

दरअसल, म्यूकस प्लग गर्भाशय ग्रीवा पर लगी एक श्लेष्मा झिल्ली (muscus membrane) होती है, जो गर्भ की सुरक्षा के लिए गर्भाशय ग्रीवा की चिकनाई से बनती है।

इसके निकल जाने का अर्थ है कि प्रसव प्रक्रिया कुछ ही समय बाद शुरू हो सकती है।

अधिकतर यह महिला का स्नान करते समय निकलता है, इसलिए कभी-कभी इसके बारे में पता भी नहीं चलता है।

देखने में यह नाक से निकले बलगम जैसा होता है और कभी-कभी इसके साथ रक्त की हल्की रेखा भी हो सकती है।

7. योनि स्त्राव में वृद्धि (Increased in vaginal discharge in ninth month of pregnancy in hindi)

प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में योनि स्त्राव में वृद्धि भी होने लगती है।

इसका कारण गर्भाशया व गर्भाशया ग्रीवा की दीवारें नरम होना माना जाता है।

इस प्रकार के स्त्राव से गर्भनाल की किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया से बचाव हो जाता है।

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गर्भावस्था के नौवें महीने में बच्चे का विकास कैसे होता है?

How Baby Grow during Ninth Month of Pregnancy in hindi

Pregnancy ke Nave mahine mein baby ka vikas kaise hota hai in hindi

जब महिला गर्भवस्था के नौवें माह में प्रवेश करती है, तब उसके गर्भ में पल रहा शिशु पूर्ण रूप से विकसित हो चुका है।

फिर भी प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में एक शिशु के शरीर में परिवर्तन हो सकते हैं, जिनके बारे में आगे बताया गया है।

गर्भावस्था के 9 महीने में शिशु में होने वाले शारीरिक परिवर्तन निम्न हो सकते हैं : -

1. बच्चे की स्किन अब चिकनी और गुलाबी रंगत वाली हो जाती है।

इसपर से झुररिया अब कभी कम हो जाती हैं।

2. शिशु के शरीर के ऊपरी अंग जैसे आँखें, सिर, नाखून इत्यादि पूर्ण आकार ले चुके होते हैं।

इस समय बच्चा अपनी आँखों को खोलने और बंद करने की स्थिति में आ जाता है।

इसके साथ ही सिर पर पूरे बाल आ जाते हैं और उसके नाखून भी पूरे होकर आगे तक बढ़ जाते हैं।

अब शिशु के शरीर पर उगे हुए छोटे-छोटे रोएँ भी गायब होने लगते हैं।

कान की बनावट पूरी हो जाती है।

3. नवें महीने में यदि शिशु लड़का है, तब उसके जननांग पेट से बाहर आकर अपने स्थान पर आ जाती है।

शिशु के लड़की होनी की स्थिति में भी उनके गुप्तांग पूरे बन जाते हैं।

 

गर्भावस्था के नवें महीने में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन क्या हो सकते हैं?

What would be physical, psychological and emotional changes in the ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth Month mein physical, psychological and emotional kya changes ho sakte hain in hindi

जब महिला गर्भावस्था के नौवें पड़ाव पर पहुँचती है, तब उसके न केवल शरीर में बल्कि वह कुछ मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन भी महसूस करती है।

तो आइये देखते हैं कि गर्भवस्था के नवें महीने में होने वाले शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन हो कैसे हो सकते हैं।

महिला के शरीर में नवें महीने में होने वाले परिवर्तन निम्न हो सकते हैं : -

1. इस समय महिला का पेट थोड़ा आगे की ओर निकल आता है।

इसके साथ ही नाभि भी काफी फूल जाती है।

2. गर्भवती महिला के स्तन पूरी तरह से स्तनपान करवाने के लिए तैयार हैं और अब उसमें से पीले रंग का पदार्थ भी निकल सकता है, जो बच्चे के लिए पहले दूध के नाम से जाना जाता है।

3. स्तन के निप्पल थोड़े बड़े हो जाते हैं और उनके घेरे थोड़े बड़े और गहरे रंग के भी हो जाते हैं।

4. इस समय हार्मोनल परिवर्तन के कारण सिर के बाल थोड़े घने महसूस हो सकते हैं।

5. महिला के पेट पर बाल की वह रेखा जो गर्भाशय के ऊपर से नीचे ग्रीवा तक आती है, उसका रंग और अधिक गहरा हो जाता है।

नौवें महीने महिला में होने वाले भावनात्मक परिवर्तन निम्न हो सकते हैं : -

1. महिला के मानसिक भावों में भारी उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं, जो घबराहट, उत्तेजना और आकुलता के रूप में हो सकते हैं।

2. कभी-कभी घबराहट अधिक होने के कारण भूलने की समस्या अधिक हो सकती है।

3. कुछ महिलाएं आने वाले समय को निकट जानकार घर के काम अधिक से अधिक पूरे करने की कोशिश करती हैं।

उनका मानना है कि शिशु जन्म के बाद पता नहीं वो दोबारा कब काम कर पाएँगी, इसलिए वो इस समय का अपनी समझ में सदुपयोग कर लेना चाहती हैं।

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गर्भावस्था के नवें महीने में महिला को क्या खाना चाहिए?

Diet plan in ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Nave mahine mein lady ko kya khana chahiye in hindi

महिला जब गर्भावस्था के नवें महीने में प्रवेश करती है, तब उसकी अन्य सावधानियों में खाने-पीने में बरतने वाली सावधानी सबसे पहला स्थान रखती है।

ऐसे में अगर आप यह सोच रही हैं कि गर्भावस्था के नवें महीने में महिला को क्या खाना चाहिए तो आपको परेशानी होने की ज़रूरत नहीं है।

आपकी मदद के लिए हमने यह लिस्ट तैयार की है, जिसे आप डॉक्टर की सुझाव से फॉलो कर सकती हैं।

1. कैल्शियम युक्त वस्तुएँ (Calcium food item in ninth month of pregnancy in hindi)

गर्भवस्था में कैल्शियम युक्त वस्तुएँ लेने से महिला व गर्भस्थ शिशु के दाँत व हड्डियों का स्वास्थ्य मजबूत होता है।

इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, साबुत अनाज, दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट का सेवन कर सकती हैं।

यदि दूध हजम नहीं होता तब आप डॉक्टर की सलाह से सोया ले सकती हैं।

चिकित्सकों की मानें तो एक सामान्य गर्भवती महिला को प्रतिदिन अपनी डाइट में लगभग 1000 mg कैल्शियम का सेवन करना ज़रूरी माना जाता है।

2. फोलिक एसिड वाली खाद्य वस्तुएँ (Folic acid rich food items in ninth month of pregnancy in hindi)

ऐसा माना जाता है कि सामान्य गर्भवती महिला को प्रतिदिन अपनी डाइट में 600 mg फोलिक एसिड का सेवन करना चाहिए।

इससे गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क को मज़बूती मिलती है और वह स्वस्थ रहता है।

हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, बथुआ, सोया, सरसों, ब्रोकली आदि वो सब्जियां जिनमें फोलिक एसिड की मात्रा भरपूर होती है।

इसके अलावा राजमा, लोबिया, दालों के अतिरिक्त सभी प्रकार के खट्टे फल और मेवे भी फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने में समर्थ होते हैं।

3. भोजन में आयरन (Iron in ninth month of pregnancy in hindi)

सामान्य व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन के पौष्टिक गुणों का सेवन करना ज़रूरी माना जाता है।

गर्भावस्था में आयरन वह पौष्टिक गुण है जिसके सेवन के लिए महिला साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सूखे मेवे आदि ले सकती हैं।

4. विटामिन युक्त भोजन (Vitamins in ninth month of pregnancy in hindi)

वैसे तो विटामिन की सारी श्रंखला प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज़रूरी होती है, लेकिन गर्भावस्था में विटामिन ए, सी और डी का सेवन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

इनके सेवन से न केवल हड्डियों का स्वास्थ्य मजबूत होता है, बल्कि आँखों और दांतों के स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए भी इनका सेवन ज़रूरी समझा जाता है।

इसके लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दूध और दूध से बनी वस्तुएँ और सभी प्रकार के खट्टे फल ले सकती हैं।

विटामिन डी के सेवन के लिए पॉल्ट्री प्रोडक्ट्स और मटर, सोया व सभी प्रकार की फलियाँ भी ली जा सकती हैं।

इन सभी के सेवन में बस इस बात का ध्यान रखें कि अगर किसी खाने की वस्तु से आपकी अरुचि हो या खाने से परेशानी हो तो उसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही लें।

 

गर्भावस्था के नवें महीने में किन खाद्य पदार्थों से परहेज करें?

What Foods to avoid in the ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth Month mein kya nahi khana chahiye in hindi

आपको नवें महीने की गर्भवस्था में क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए आप इस सूची को ध्यान से देखें!

9 महीने की गर्भावस्था में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन न करें : -

1. बहुत मात्रा में ली गई चाय और कॉफी और इससे संबंधित वस्तुएँ

2. किसी भी प्रकार का कच्चा या आधा पका हुआ कच्चा मांस

3. कोई भी वह समुद्री खाने की डिश जिसमें मर्करी या पारे की मात्रा काफी अधिक हो

4. अन्पेश्चरिसेड़ दूध और नरम चीज़

5. अधिक तला और भुना व मसाले वाला खाना जो अपच कर सकता हो

6. यदि ग्लूटोन हजम न हो तब आप डेयरी संबंधी प्रोडकट न लें

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गर्भावस्था के नवें महीने में सेक्स कब और कैसे करें?

Does sex allowed in ninth month of pregnancy or not in hindi

kya pregnancy ke ninth month mein sex kar sakte hain in hindi

गर्भावस्था के नौवें महीने में सेक्स करना कितना सुरक्षित है, इस प्रश्न का उत्तर केवल आप या आपके डॉक्टर ही दे सकते हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि आपकी गर्भवस्था में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है और आपके डॉक्टर ने आपको ऐसा करने से मना नहीं किया है तब आप इस अवस्था में भी संभोग सुख उठा सकती हैं।

अनेक महिलाएं यह भी सोचती हैं कि गर्भावस्था के नवें महीने में सेक्स किस प्रकार कर सकते हैं?

इस संबंध में केवल यही कहा जा सकता है कि इसके लिए कोई लिखित नियम या सुझाव नहीं दिया जा सकता है।

क्योंकि यह स्थिति आपकी और केवल आपकी सुविधा और असुविधा पर निर्भर करता है।

इसलिए इस समय आपको जिस स्थिति और पोजीशन में सुविधा हो और आपके पेट पर ज़ोर न पड़े, आप संभोग कर सकती हैं।

बस इस बात का ध्यान रखें कि पुरुष के लिंग का आपकी योनि में प्रवेश असुविधाजनक नहीं होना चाहिए।

 

गर्भावस्था के नवें महीने में डॉक्टर से अपॉइंटमेंट कब लेना चाहिए?

When should seek appointment with doctor in Ninth Month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth mahine mein doctor se kab milna chahiye in hindi

गर्भावस्था के नवें महीने में डॉक्टर से अपॉइंटमेंट देने के लिए सामान्य रूप से साप्ताहिक या दो सप्ताह में एक बार बुलाना पसंद करते हैं।

यह गर्भवती की उस समय की स्थिति पर निर्भर करता है।

इस अपॉइंटमेंट में वे गर्भवती महिला के सामान्य रूप जांच के द्वारा यह देखने का प्रयास करते हैं कि क्या महिला का शरीर प्रसव के लिए तैयार होना शुरू हो गया है या नहीं।

इसके साथ ही सामान्य रूप से इस समय तक बच्चा भी अपनी पोजीशन बादल कर यानि सिर नीचे वाली अवस्था में आ गया है या नहीं, यह भी मुख्य जांच का विषय होता है।

अगर ऐसा नहीं हुआ होता है तब डॉक्टर उसे हाथ से करने का प्रयास करते हैं।

हालांकि, इस तरह की कोशिश सभी नहीं करते हैं।

इसके अतिरिक्त हर बार कि जाने वाली जांच जिसमें ब्लड प्रेशर और शारीरिक वज़न की जांच भी की जाती है।

 

गर्भावस्था के नवें महीने में जल्द-से-जल्द डॉक्टर से मिल लेना चाहिए?

Appointment with doctor in ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth mahine mein kin situations mein doctor se turant milna chahiye in hindi

कुछ स्थितियाँ ऐसी हो सकती हैं जिनके नज़र आने पर नौ मास की गर्भवती महिला को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए!

निम्न स्थितियों में डॉक्टर से जल्द-से-जल्द मिलें : -

1.योनि से होने वाला रक्त स्त्राव (Vaginal bleeding)

2. बुखार होना या ठंड लगना (Fever or chills)

3.पेट के निचले हिस्से या टांगों में तेज़ दर्द होना (Belly or pelvic pain)

4.गर्भाशय से अमिनियोटिक द्रव्य का रिसाव या पानी की थैली फटना (Water break)

5. धुंधला दिखाई देना (Blurred vision)

6. सिर में तेज़ दर्द का होना (Headaches)

7. बेहोशी आना (Dizziness)

8. पेट के निचले हिस्से में मरोड़ उठना (Cramps in the lower belly)

9. पेशाब करने में हल्का या तेज़ दर्द होना (Less or painful urination)

10. एकदम तेज़ नकसीर का छूटना और देर तक रक्त का बहना (Nosebleed that doesn’t stop)

11. पांवों में लगातार बल पड़ना (Constant leg cramps)

12. किसी हफ्ते में एकदम से 2 पाउंड वज़न का बढ़ जाना (Sudden weight)

अगर इनमें से कोई एक या एक से अधिक लक्षण दिखाई दें तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।

 

गर्भावस्था के नवें महीने के दौरान अल्ट्रासाउंड या अन्य परीक्षण कब और कौन से होते हैं?

Ultrasound and other tests in ninth month of pregnancy ?in hindi

Pregnancy ke Ninth Month mein kis tarah ke tests nur ultrasound ho sakte hain in hindi

डॉक्टर, गर्भवती महिला के नौवें महीने में अल्ट्रासाउंड या अन्य परीक्षण तब तक कोई विशेष नहीं करते हैं, जब तक कि महिला को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

सामान्य रूप में अल्ट्रासाउंड में गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन और उसके क्रिया-कलाप की जांच की जाती है।

इसके साथ ही ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट से प्रोटीन और यूरिन इन्फेक्शन की जांच की जाती है।

अगर इनमें से किसी भी टेस्ट या परीक्षण के परिणाम में अंतर आता है तब उसकी गहन जांच करने का प्रयास किया जाता है।

 

गर्भावस्था के नवें महीने में पिता के लिए टिप्स क्या हो सकते हैं?

Tips for Father in Ninth Month of Pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth Month mein father ke liye kya tips ho sakte hain in hindi

गर्भवस्था का नौवां महीना पिता के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना एक महिला के लिए होता है।

इसलिए इस समय एक पिता के रूप में आपको निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए : -

1. गर्भवती महिला के साथ डॉक्टर के पास हर विजिट में जाएँ;

2. महिला द्वारा तैयार किए जाने वाले मेटरनीटि बैग में आप भी मदद करें;

3. घर के काम में गर्भवती महिला का अधिक से अधिक साथ दें;

4. अपने कार्यालय के काम को इस प्रकार व्यवस्थित करें जिससे आपको समय आने पर छुट्टी लेने में मुश्किल न हो;

5. गर्भवती महिला से समय पूर्व प्रसव के लक्षण और उस समय बरतने वाली सावधानियों की पूरी स्पष्ट जानकारी लें।

6. डॉक्टर के पास ले जाने वाले सभी कागज़ और फाइल संभाल कर एक जगह रख लें।

7. इस समय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बीमा और मेडिक्लेम आदि के बारे में पता करके उसकी समुचित व्यवस्था कर लें।

8. बच्चे के प्रसव के समय और उसके बाद की व्यवस्था के लिए वित्त की समुचित व्यवस्था कर लें।

9. अगर संभव हो सके घर में मदद करने के लिए किसी महिला चाहे वो परिवार से हो या किसी एजेंसी से, की व्यवस्था कर लें।

10. गर्भवती महिला के मानसिक और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को समझते हुए उसे शांत रखने का प्रयास करें।

 

गर्भावस्था के नौवें महीने में आपको क्या-क्या करना चाहिए?

What you can do in ninth month of pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth month mein main kya kar sakti hoon in hindi

गर्भावस्था का नौवां महीना प्रत्येक महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

यह वह समय है जब कुछ ही दिन बाद उसके हाथों में वह शिशु होगा जो अब तक उसके लिए अनदेखा तो था लेकिन वह उसे महसूस कर सकती है।

इस समय को महिला को सबसे अधिक शांतिपूर्ण तरीके से और प्रसन्नतापूर्वक मनःस्थिति में बिताना चाहिए।

गर्भावस्था के 9 महीने में आपको निम्न कार्यों को ज़रूर करना चाहिए : -

1. यदि आप कामकाजी महिला हैं, तब अपने कार्यालय से या तो छुट्टी ले लें और घर पर आराम से आने वाले शिशु के स्वागत की तैयारी करें।

लेकिन यदि कार्यालय में समुचित व्यवस्था है तब आप अपने काम को इस प्रकार व्यवस्थित कर लें जिससे आपके छुट्टी लेने पर आपको या सहयोगियों को कठिनाई न हो।

2. अपने और शिशु के पहनने वाले कपड़ों को ठीक प्रकार से व्यवस्थित करे लें।

3. प्रसव उपरांत खाई जाने वाली सूखी वस्तुओं को किचन में संभाल कर रख कर उनपर लेबल लगा लें।

4. किचन को इस प्रकार व्यवस्थित कर लें जिससे आपकी अनुपस्थिति में किसी अन्य को काम करने में कठिनाई न हो।

5. प्रसव के समय अपनी सहायता के लिए किसी महिला सदस्य की व्यवस्था अगर हो सकती है तो कर लें।

अगर यह व्यवस्था न हो सके तब पति के साथ मिलकर घर को व्यवस्थित करें।

6. सभी कामों को करते समय अपनी थकान को होने से रोकें और अपने शरीर को अनावश्यक थकने से बचाएं।

7. अगर आपको पार्लर का काम करवाना है तब आप अपना समय उसमें भी लगा सकती हैं।

इस समय को आपको पूरी तरह से तनाव मुक्त रहते हुए प्रसन्न रहते हुए बिताना है।

 

प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए?

What you should not do in Ninth month of Pregnancy in hindi

Pregnancy ke Ninth month mein mujhe kya nahi karna chahiye in hindi

गर्भवस्था के नवें महीने में सावधानी की दृष्टि से आपको कुछ ऐसे काम हैं जो नहीं करने चाहिए!

गर्भावस्था के 9 महीने में निम्न सावधनी बरतें : -

1. अधिक देर तक खड़े रहने और एक ही अवस्था में बैठे रहने से बचें।

2. कभी भी बैठी अवस्था से एकदम खड़े न हों, इससे आपके ब्ल्ड्प्रेशर में एकदम कमी आ सकती है।

3. गर्भ में हो रही बच्चे की हलचल को गिनें।

आमतौर पर इस समय बच्चों की हलचल बहुत बढ़ जाती है और उनकी किक की संख्या बढ़ जाती है।

अगर आपको इसमें थोड़ी कमी महसूस होती है तब थोड़ा मीठा खाएं क्योंकि इससे बच्चे की हलचल बढ़ सकती है।

4. धूम्रपान, मदिरापन और मादक पदार्थों के सेवन से बचें।

5. लेटते समय सीधे न लेटें बल्कि बाईं करवट ही लेटें।

6. कोई भारी वस्तु या सामान न उठाएँ।

7. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा अपने आप न लें।

8. अगर आपके घर में पालतू बिल्ली है तब उसके मल-मूत्र के बर्तन को साफ न करें।

इससे इन्फेक्शन होने का डर होता है।

गर्भवस्था के नौवें महीने में समयपूर्व प्रसव की सावधानी रखनी सबसे जरूरी होती है।

कुछ स्थितियों में सबकुछ सामान्य होने पर भी इस समय, समयपूर्व प्रसव की आशंका बनी रहती है।

इसलिए गर्भवती महिला को नवें महीने में निम्न लक्षणों या स्थितियों की ओर ध्यान देना होगा : -

1. मासिक धर्म के समय पड़ने वाले मरोड़ आना

2. योनि से तरल पदार्थ का रिसाव होना और कुछ समय बाद उसका तेज़ हो जाना

3. एक घंटे में पाँच या पाँच से अधिक अथवा हर दस मिनट पर प्रसव पीड़ा का उठना

4. योनि से रक्त जैसा या गुलाबी स्त्राव का होना

5. पेट में मरोड़ उठना और उसके साथ दस्त का होना या दस्त नहीं भी हो सकते हैं

6 पेल्विक में दबाव बढ़ना

7 कमर के निचले हिस्से में दर्द होना

अगर आपको इनमें से कुछ भी लक्षण दिखाई दें तो यह मानिए कि आपकी प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी है।

लेकिन आपको इस समय बिना घबराए अपने को शांत रखना होगा।

इसके अतिरिक्त आप निम्न कार्य भी कर सकती हैं : -

1. अगर प्रसव पीड़ा तेज़ हो रही है तब अपनी बाईं ओर की करवट लेकर लेट जाएँ और अगर संभव है तब थोड़ा सा चल कर देखें

2. अगर पानी की थैली फट गई है तब सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल कर सकती हैं

3. अस्पताल जाने से पहले मूत्र त्याग करके जाएँ।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020

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