रजोनिवृत्ति (मीनोपॉज) और इसके बाद की समस्याओं

Menopause and Health in hindi

Menopause mein sehat ki jankari, रजोनिवृत्ति के बाद की समस्याओं in hindi


Introduction

रजोनिवृत्ति_और_स्वस्थ्य_और_रजोनिवृत्ति_के_बाद_की_समस्याओं

एक साल तक माहवारी (Periods) के न होने को रजोनिवृत्ति (Menopause) कहा जाता है।

रजोनिवृत्ति किसी स्त्री के जीवन का वह समय है जब उसके ओवरी (ovary) की गतिविधियाँ समाप्त हो जाती हैं।

ये आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच शुरु होता है, लेकिन मेनोपॉज़ इस समय सीमा के पहले या बाद में भी हो सकता है।

रजोनिवृत्ति एक महिला की प्रजनन क्षमता (fertility) के अंत का प्रतीक है। र

जोनिवृत्ति होने पर महिला में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के परिवर्तन आने लगते हैं जिसके कारण कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्याएं हो सकती हैं, कई बार ये समस्याएं बहुत कष्टदायक होती हैं।

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इस लेख़ में

 

रजोनिवृत्ति क्यों होती है

Why menopause occurs in hindi

Menopause ya rajo nivrutti kyun hota hai in hindi

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मेनोपॉज़ होने पर स्त्री के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के परिवर्तन होते हैं। इसका मुख्य कारण होता है हार्मोन में बदलाव।

आईये जानते हैं कि किन वजहों से महिलाओं में मेनोपॉज़ होता है:

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो अंडाशय की आयु (ovaries age) और कम प्रजनन हार्मोन (less reproductive hormones) के प्रोडक्शन को उजागर करती है।

इस स्थिति में शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं और कई हारमोन का स्तर कम होता जाता है, जो इस प्रकार है:

  1. प्रोजेस्‍टेरोन (Progesterone )
  2. टेस्‍टोस्‍टेरोन (Testosterone)
  3. एस्‍ट्रोजन (Estrogen)
  4. कूप-उत्‍तेजक हार्मोन (Follicle Stimulating Hormone - FSH)
  5. ल्‍यूटिनिजिंग हार्मोन (Luteinizing hormone - LH)
  6. एक्टिव ओवेरियन फॉलिकल्स का लॉस ( Loss of active ovarian follicles)

सबसे उल्लेखनीय परिवर्तनों में से एक एक्टिव ओवेरियन फॉलिकल्स (active ovarian follicles) का नुकसान है। ओवेरियन फॉलिकल्स वे संरचनाएं हैं, जो ओवरी वॉल (ovary wall) से अंडे (eggs) को प्रोड्यूस और रिलीज़ करती है।

ओवरीज़ (Ovaries) 45 साल की उम्र के बाद अंडे का उत्पादन (Production) बंद कर देते हैं, लेकिन इससे पहले भी ऐसा हो सकता है। जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज़ (Premature menopause) कहा जाता है।

कुछ मामलों में, रजोनिवृत्ति प्रेरित (induced) होती है, या किसी चोट या फिर ओवरीज़ रिमूवल सर्जरी (ovaries removal surgery) या पेल्विक स्ट्रक्चर (pelvic structure) से संबंधित होती है।

मेनोपॉज़ के कुछ और सामान्य कारणों में शामिल हैं:

  1. बाईलैटरल औफ्रेक्टमी (Bilateral Oophorectomy), या ओवरीज़ का सर्जिकल रिमूवल (surgical removal of ovaries)
  2. ओवेरियन एब्लेशन (Ovarian ablation), या ओवरी फंक्शन का बंद होना (ovary function shut down)
  3. पेल्विक रेडिएशन (Pelvic radiation)
  4. पेल्विक की चोट (Pelvic injury), जो अंडाशय को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाती हैं या नष्ट कर देती हैं।
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रजोनिवृत्ति (मीनोपॉज) के शुरु और खत्‍म होने का समय

Start and end time of Menopause in hindi

kab shuru hota hai Menopause aur kab tak chalta hai ya menopause ke shuru aur khatam hone ka samay in hindi

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मेनोपॉज़ के लिए औसत आयु 51 वर्ष होती है।

मेनोपॉज़ शुरू होने के बाद लगभग 10 वर्षो तक महिलाएं इसके लक्षणों को महसूस करती है और कुछ महिलाओं के लिए यह अवधि 12 वर्ष तक हो सकती है।

लगभग 1 प्रतिशत महिलाएं 40 वर्ष से पहले मेनोपॉज़ शुरु होने का अनुभव करती हैं और लगभग 5 प्रतिशत महिलाएं 40 से 45 वर्ष की आयु में इसे प्रारंभ करती हैं।

इसे प्रारंभिक या समय से पहले मेनोपॉज़, या प्राइमरी ओवेरियन इनसफीशिएन्सी (primary ovarian insufficiency) कहा जाता है।

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पेरीमेनोपॉज़, मेनोपॉज़ और पोस्ट मेनोपॉज़ में क्या अंतर है

Difference between Perimenopause, menopause and postmenopause in hindi

Perimenopause, menopause and postmenopause main kya antar hai in hindi

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पेरीमेनोपॉज़, मेनोपॉज़ और पोस्टमेनोपॉज़ का अंतर :

  1. पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause)
    पेरिमेनोपॉज, मेनोपॉज़ से आठ से 10 साल पहले शुरू हो सकता है। इस दौरान ओवरी के द्वारा एस्ट्रोजेन का प्रोडक्शन धीरे-धीरे कम होने लगता है।
    आमतौर पर पेरीमेनोपॉज़ एक महिला को 40 की उम्र में शुरू होता है, लेकिन कई महिलाओं में 30 साल की उम्र में भी शुरू हो सकता है। पेरिमेनोपॉज़, मेनोपॉज़ तक रहता है, जब ओवरी पूरी तरह से अंडे को रिलीज़ करना बंद कर देता है।
    पेरिमेनोपॉज़ के आखिर एक से दो साल में, एस्ट्रोजन में गिरावट तेज़ हो जाती है। इस स्तर पर, कई महिलाएं में मेनोपॉज़ के लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं।
    हालांकि इस समय के दौरान भी महिलाओं को पीरियड्स होते हैं और महिलाएं प्रेग्नेंट भी हो सकती हैं।
  2. मेनोपॉज़ (Menopause)
    ऐसी स्थिति होती है, जहां महिलाओं में पूरे 1 वर्ष तक मासिक धर्म नहीं आता है।
    इस दौरान ओवरीज़ (ovaries) अंडे रिलीज़ करना और एस्ट्रजेन हॉर्मोन प्रोड्यूस करना बंद कर देती है।
  3. पोस्ट मेनोपॉज़ (Postmenopause)
    मेनोपॉज़ के बाद के वर्षों को पोस्टमेनोपॉज कहा जाता है।
    इस समय महिला के शरीर में एस्ट्रोजन के घटते स्तर के कारण महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और हृदय रोग जैसे कई स्वास्थ्य स्थितियों का रिस्क बढ़ जाता है।
    ऐसे में जीवनशैली में बदलाव या फिर हार्मोन थेरेपी (hormone therapy) के माध्यम से इस रिस्क को कम किया जाता है।
    इस वक़्त डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता होती है।
और पढ़ें:अनियमित माहवारी का इलाज
 

रजोनिवृत्ति के लक्षण

Symptoms of menopause in hindi

Menopause ke lakshan kya hote hai in hindi

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मेनोपॉज़ के लक्षण हर महिलाओं में अलग होते हैं।

हो सकता है किसी महिला को रजोनिवृति के दौरान कोई लक्षण नहीं दिखाई दें और इसके विपरीत अन्य महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव दिखाई देने लगें।

आईये जानते हैं मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं में किस-किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं:

  1. बहुत अधिक पसीना आना।
  2. घबराहट होना।
  3. सिर में दर्द, चक्कर आना।
  4. स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना।
  5. शारीरिक कमजोरी अधिक होना।
  6. पेट से संबंधित समस्या होना।
  7. पाचनशक्ति कमजोर हो जाना।
  8. जी मिचलाना (nausea) और उल्टियां आना।
  9. लगातार कब्ज़ की समस्या होना हो सकती है।
  10. इस समय में बहुत सी स्त्रियों को मानसिक तनाव होने लगता है।
  11. कुछ स्त्रियों को तो इस समय के बाद शरीर पर झुर्रियां (wrinkles) पड़ने लगती हैं।

लगभग 75 प्रतिशत महिलाएं रजोनिवृत्ति के समय फीवर (fever) महसूस करती हैं जिसे मेडिकल भाषा में ‘हॉट फ्लेशेज़’ (hot flashes) कहा जाता है।

इस वजह से अचानक गर्मी लगने लगती है, आमतौर पर चेहरे, गर्दन और छाती पर सबसे ज़्यादा गर्मी का एहसास होता है।

मेनोपॉज़ के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  1. वज़न बढ़ना
  2. मांसपेशियों में दर्द होना
  3. बालों का झड़ना और पतले होना
  4. ब्रेस्ट सिकुड़ना
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रजोनिवृत्ति का निदान कैसे किया जा सकता है

How is menopause diagnosed in hindi

Menopause ko kaise diagnose kiya jata hai in hindi

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मेनोपॉज़ के लक्षण आमतौर पर अधिकांश महिलाओं को ये बताने के लिए काफी है कि मेनोपॉज़ का वक़्त शुरू हो चुका है।

अगर आपको इर्रेगुलर पीरियड्स (irregular periods) या फिर फीवर (hot flashes) को लेकर चिंता हो रही है तो अपने डॉक्टर से मिलें।

आमतौर पर मेनोपॉज़ के निदान के लिए टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती है।

हालांकि कुछ परिस्थितियों में, आपका डॉक्टर ब्लड टेस्ट के लिए कह सकता है जैसे:

  1. फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Follicle stimulating hormone - FSH) और एस्ट्रोजेन (Estrogen), क्योंकि रजोनिवृत्ति के दुरान आपके एफएसएच स्तर (FSH level) में वृद्धि होती है और रजोनिवृत्ति के रूप में एस्ट्रैडियोल (estradiol) का स्तर घट जाता है।
  2. थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Thyroid stimulating hormone), क्योंकि एक अंडरएक्टिव थायरॉयड (hypothyroidism) रजोनिवृत्ति के समान लक्षण पैदा कर सकता है।
  3. वहीँ आपके यूरिन में एफएसएच (FSH) के स्तर की जांच के लिए ओवर-द-काउंटर (Over-the-counter) होम टेस्ट उपलब्ध हैं। ये टेस्ट आपको बता सकते हैं कि क्या पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause) या मेनोपॉज़ (Menopause) के दौरान आपका एफएसएच (FSH) लेवल बढ़ा है।

हालांकि एफएसएच का स्तर आपके मासिक धर्म चक्र के दौरान बढ़ता और गिरता रहता है, इसलिए घर में एफएसएच टेस्ट करने से आपको ये एकदम सही नहीं पता चल पायेगा कि आप मेनोपॉज़ के किस स्टेज में हैं।

रजोनिवृत्ति की पुष्टि करने में सहायता के लिए आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कुछ और ब्लड टेस्ट में शामिल हैं :

  1. थायराइड परीक्षण (Thyroid function tests)
  2. रक्‍त लिपिड प्रोफाइल (Blood lipid profile)
  3. लिवर परीक्षण (Liver function tests)
  4. गुर्दे का परीक्षण (Kidney function tests)
  5. टेस्‍टोस्‍टेरोन (Testosterone)
  6. प्रोजेस्‍टेरोन (Progesterone)
  7. प्रोलैक्टिन (Prolactin)
  8. एस्‍ट्राडियोल (Estradiol)
  9. कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (Chorionic Gonadotropin hormone)
और पढ़ें:अनियमित माहवारी या अनियमित पीरियड
 

रजोनिवृत्ति से जुड़ी जटिलताओं

Complications associated with menopause in hindi

menopause se kaun si pareshaniyan judi hoti hai in hindi

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रजोनिवृत्ति के बाद पहुंचने के बाद अधिक गंभीर जटिलताओं के लिए आपका जोखिम बढ़ जाता है - पोस्टमेनोपॉज अवस्था के दौरान।

रजोनिवृत्ति के बाद, कुछ चिकित्सीय स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरणों में शामिल:

  1. हार्ट एंड ब्लड वेसल्स डिसीज़ (Heart and Blood vessels diseases)
    जब आपके एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, तो आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  2. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
    इस स्थिति के कारण हड्डियां नाज़ुक और कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
    रजोनिवृत्ति के बाद, पहले कुछ वर्षों के दौरान, आप अस्थि घनत्व (bone density) खो सकते हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
    ऑस्टियोपोरोसिस के साथ पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को विशेष रूप से उनकी रीढ़, कूल्हों और कलाई के फ्रैक्चर के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
  3. यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence)
    जैसे ही आपकी वेजाइना और यूरेथ्रा की टिश्यू इलास्टिसिटी (tissue elasticity) खो देते हैं, आप बार-बार, अचानक पेशाब करने की इच्छा का अनुभव कर सकते हैं।
    इतना ही नहीं आपको खांसते-खांसते या फिर हस्ते-हस्ते भी पेशाब हो सकता है। जिससे इन्फेक्शन होना का रिस्क बढ़ जाता है।
  4. सेक्सशुअल फंक्शन (Sexual function)
    कम नमी के उत्पादन से योनि का सूखापन और इलास्टिसिटी की हानि के कारण संभोग के दौरान असुविधा और मामूली रक्तस्राव हो सकता है।
    इसके अलावा सेंसेशन में कमी के कारण सेक्स करने की भी इच्छा कम हो जाती है।
  5. वज़न बढ़ना (Weight gain)
    रजोनिवृत्ति के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद कई महिलाओं का वजन बढ़ता है क्योंकि मेटाबोलिज्म स्लो (Metabolism slow) हो जाता है।आपको अपने वर्तमान वजन को बनाए रखने के लिए कम खाने और अधिक व्यायाम करने की आवश्यकता हो सकती है।
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रजोनिवृत्ति का इलाज कैसे किया जाता है

Treatment of menopause in hindi

Menopause ka treatment kaise kiya jata hai in hindi

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मेनोपॉज़ शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान उपचार की हमेशा आवश्यकता नहीं होती है।

हालांकि, लक्षणों का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:

  1. हार्मोन थेरेपी (Hormone therapy)
  2. वेजाईनल एस्ट्रोजेन (Vaginal estrogen)
  3. लो-डोज़ एंटीडिप्रेसेंट्स (Low-dose antidepressants)
  4. गैबापेंटिन (न्यूरॉप्ट, ग्रेलिज़, अन्य) Gabapentin (Neurontin, Gralise, others)
  5. वजन कम करना और व्यायाम करना
  6. एक सहायता समूह (support group) से जुड़ना
  7. ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) को रोकने या इलाज करने के लिए दवाएं।

रजोनिवृति औरत के जीवन का वह समय है जब अण्डकोश की गतिविधियां समाप्त हो जाती है।

ऐसे में रजोनिवृत्ति होने पर तनाव न लेते हुए प्रतिदिन व्यायाम करना और संतुलित भोजन लेना शुरू कर देना चाहिए।

और पढ़ें:एचआरटी टेबलेट्स से क्यों बढ़ जाता है ब्लड क्लॉट का ख़तरा
 

सारांश

Summaryin hindi

Saransh

मेनोपॉज़ की अवस्था हर महिला के जीवन में आती है।

ऐसे में इस अवस्था से जुड़े कारणों और लक्षणों को समझकर इसके उपायों को पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 04 May 2020

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