पुरुष बांझपन के लक्षण, कारण, निदान व उपचार

Male Infertility - Causes, Symptoms, Diagnosis and Treatment in hindi

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Introduction

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पुराने समय से केवल महिला को ही संतान उत्पत्ति का कारण माना जाता रहा है और इसी कारण संतान न होने का दोषी भी महिला को ही माना जाता था।

लेकिन चिकित्सा जगत में हुए अनेक क्रांतिकारी शोधों और उनके परिणाम से यह सिद्ध हो चुका है कि एक शिशु के जन्म के लिए महिला और पुरुष समान रूप से भागीदार होते हैं।

साधारण शब्दों में कहा जाये तो पुरुष बांझपन (male infertility) के कारण कई बार पुरुष, महिला के साथ बिना किसी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किए, लंबे समय तक सेक्स करने पर भी महिला को गर्भधारण करवाने में असमर्थ होते हैं।

पुरुष बांझपन का निदान सबसे कठिन चुनौतियों में से एक हो सकता है। बांझपन को प्रजनन क्षमता में कमी भी कहा जाता है जिसका पता फर्टिलिटी टेस्ट द्वारा लगाया जाता है।

डॉक्टर आमतौर पर उन जोड़ों को प्रजनन मूल्यांकन यानि फर्टिलिटी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, जो असुरक्षित संभोग के 12 महीनों के बाद गर्भ धारण करने में असमर्थ रहते हैं।

अगर एक साल तक असुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी गर्भधारण नहीं हो पा रहा हैं, तो इसका कारण महिला या पुरुष का बाँझपन हो सकता हैं। शोध के अनुसार बाँझपन के हर ३ में से 1 कारण पुरुष बांझपन से जुड़े होते हैं।

हालांकि कुछ मामलों में गर्भधारण न कर पाने के कारणों का पता लगाना कठिन हो जाता हैं, और इस तरह की इनफर्टिलिटी को अस्पष्टीकृत बांझपन (unexplained infertility) कहा जाता है।

आइये इस लेख में जानते हैं की पुरुष बांझपन के लक्षण क्या हैं? पुरुष बांझपन का पता कैसे लगाया जाता हैं और मेल इनफर्टिलिटी का इलाज क्या हैं, और बांझपन से गुज़र रहे कपल आधुनिक मेडिकल तकनीकों की मदद से कैसे संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।

साथ ही साथ यह भी जानते है की पुरुष बांझपन से बचाव कैसे किया जा सकता हैं। यूँ तो पुरुष बांझपन के मेडिकल कारण होते हैं लेकिन हाल ही के एक अध्ययन में यह साबित हुआ है की आधुनिकीकरण का भी पुरुष के फर्टिलिटी पर असर पड़ता है जैसे की जल प्रदूषण, कीटनाशक का इस्तेमाल और पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण में पुरुष बांझपन अधिक आम है।

पुरुष बांझपन से जुड़ी अन्य जानकारियाँ जानिए इस लेख में।

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इस लेख़ में

  1. 1.पुरुष बांझपन क्या होता है?
  2. 2.पुरुष के सामान्य प्रजनन स्थिति में क्या होता है?
  3. 3.सामान्य स्थितियों में गर्भधारण कैसे होता है?
  4. 4.पुरुष बांझपन के कारण क्या हैं?
  5. 5.पुरुष बांझपन के जीवनशैली संबंधी कारण और जोखिम कारक क्या हैं?
  6. 6.पुरुष बांझपन के लक्षण क्या हैं?
  7. 7.पुरुष बांझपन के कारण का निदान कैसे हो सकता है?
  8. 8.पुरुष बांझपन के उपचार के क्या विकल्प हैं?
  9. 9.पुरुष बांझपन का गैर-सर्जिकल उपचार क्या हैं?
  10. 10.पुरुष बांझपन के बचाव के उपाय क्या हैं?
  11. 11.पुरुष बांझपन के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
  12. 12.निष्कर्ष
 

पुरुष बांझपन क्या होता है?

What is male Infertility? in hindi

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जो कपल एक वर्ष या उससे अधिक समय तक लगातार असुरक्षित संभोग करने पर भी गर्भधारण करने में सक्षम नहीं हो पाते है, उनमें बांझपन की परेशानी हो सकती है।

इन जोड़ों में एक तिहाई से अधिक में, पुरुष बांझपन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सामान्य रूप से पुरुष बांझपन (male infertility) एक प्रकार की स्वास्थ्य समस्या मानी जाती है, जिसके अंतर्गत पुरुष में महिला को गर्भधारण करवाने की क्षमता में कमी आ जाती है।

पुरुष बांझपन, कम स्पर्म प्रोडक्शन, असामान्य शुक्राणु समारोह(abnormal sperm production) या शारीरिक संरचना के कारण होता है, जो शुक्राणु या स्पर्म के डिस्ट्रीब्यूशन (distribution) को रोकता है या प्रभावित करता है।

बीमारियाँ, चोटें, पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं, खराब जीवनशैली और अन्य कारक भी पुरुष बांझपन पैदा करने में भूमिका निभा सकते हैं।

किसी महिला के गर्भ ठहरने के लिए पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं (sperm) की संख्या का महत्व होता है।

स्पर्म पुरुष जननांग द्वारा उत्पादित होते हैं।

जब किसी पुरुष के शरीर में किसी कारणवश स्पर्म पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न नहीं हो पाते हैं तो यह स्थिति पुरुष बांझपन कहलाती है। [1]

एक बच्चे को पैदा करने में सक्षम नहीं होने से पुरुषों में तनाव और निराशा उत्पन्न हो सकती है, लेकिन इससे निराश होने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि आज आधुनिकता के इस दौर में पुरुष बांझपन के कई उपचार उपलब्ध हैं।

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पुरुष के सामान्य प्रजनन स्थिति में क्या होता है?

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सामान्य स्थितियों में पुरुष के शरीर में छोटे-छोटे सेल्स या कोशिकाओं का निर्माण होता है जिसे स्पर्म (sperm) या शुक्राणु कहा जाता है। [2]

महिला-पुरुष के सेक्स संबंध स्थापित करने पर स्पर्म पुरुष जननांग (penis) के माध्यम से महिला के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

पुरुष के जननांग ही इन स्पर्म का निर्माण, स्टोरेज और महिला के शरीर में पहुंचाने का काम करते हैं।

महिला की भांति पुरुष के शरीर में बनने वाले विभिन्न हार्मोन्स इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने का काम करते हैं।

पुरुष के जननांग में प्रमुख दो अंडकोश (testicles) होते हैं जिनमें स्पर्म और पुरुष सेक्स हार्मोन - टेस्टोस्टेरोन (testosterone) का निर्माण होता है। [3]

यह अंडकोश की थैली (scrotum) से ढँके होते हैं जो पुरुष के लिंग के नीचे स्थित होती है।

अंडकोश से निकले शुक्राणु, प्रत्येक अंडकोश के पीछे बनी एपीडीडीमिटिस (epididymis) नामक ट्यूब में चले जाते हैं।

सेक्स संबंध के समय स्खलन (ejaculation) से ठीक पहले स्पर्म एपीडीडीमिटिस से निकलकर दूसरी ट्यूब के जोड़े में चले जाते हैं। इन ट्यूब के जोड़े को वास डेफरेंस (vas deferens) कहा जाता है।

प्रत्येक वास डेफरेंस ट्यूब एपीडीडीमिटिस से लेकर पेलविस (pelvis) में मूत्राशय के पीछे तक जाती है।

वहाँ से प्रत्येक वास डेफरेंस शुक्राणुओं को बाहर ले जाने वाली नस या शुक्राशय (seminal vesicle) साथ जुड़ जाती हैं।

सेक्स के समय पुरुष के स्खलन के समय शुक्राणु, पौरुष ग्रंथि या प्रोस्टेट (prostate) और शुक्राशय से निकले तरल पदार्थ के साथ मिल जाते हैं। यह मिश्रण सीमन (semen) या वीर्य कहलाता है। [4]

इसके बाद यह वीर्य मूत्राशय से होता हुआ लिंग के माध्यम से बाहर निकल जाता है।

 

सामान्य स्थितियों में गर्भधारण कैसे होता है?

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पुरुष बांझपन का संबंध इस बात से होता है कि किसी पुरुष का शरीर सामान्य रूप से शुक्राणु का निर्माण करके उन्हें बाहर निकाल रहा है या नहीं।

सेक्स के समय वीर्य महिला की योनि के माध्यम से होते हुए पहले फैलोपिन ट्यूब (fallopian tube) और अंत में गर्भाशय तक पहुंचते हैं।

अब यदि इस प्रक्रिया में महिला के अंडाणु के साथ पुरुष के शुक्राणु मिल जातें हैं तब निषेचन (fertilization) की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है। [5]

यहां इस बात का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि महिला के अंडे रिलीज़ होने के बाद सिर्फ 24 घंटे तक ही जीवित रहते हैं। वहीं पुरुष के शुक्राणु (sperm) महिला के शरीर में प्रवेश करने के बाद 3-7 दिन तक जीवित रहते हैं।

इसका कारण महिला के ओवुलेशन के समय यानि अंडे के रिलीज़ होने के वक्त पर बनाए गए संबंध से प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

लेकिन यह प्रक्रिया इस रूप में तभी संभव हो पाती है जब महिला व पुरुष के जीन्स, हार्मोन लेवल और सभी अन्य जरूरी स्थितियाँ स्वस्थ व सामान्य होती हैं।

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पुरुष बांझपन के कारण क्या हैं?

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सामान्य रूप से पुरुष बांझपन के कारण को दो मुख्य आधार जैसे स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधी कारणों के रूप में बाँटा जा सकता है।

पुरुषों को कुछ ऐसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ होती हैं, जिनका समय पर इलाज न करवाया जाये तो वह बांझपन के रूप में बदल जाती हैं।

पुरुष बांझपन के कारण निम्न हैं :

1. हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी विकार (Hypothalamic or pituitary disorder)

प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में एक ग्रंथि होती है, जिसे पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary Gland) कहते हैं।

यह ग्रंथि शरीर में बनने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (Testosterone Hormone) के निर्माण के लिए जिम्मेदार होती है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में स्पर्म निर्माण के लिए आवश्यक हैं, किसी कारणवश जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है, तो इससे पुरुष के शरीर में स्पर्म का निर्माण भी प्रभावित हो सकता है।

यह स्थिति हाइपोथैलेमस (hypothalamus) या पिट्यूटरी ग्रंथी विकार (pituitary disorder) कहलाती है। [6]

2. गोनैड या जननांग विकार (Gonad disorder)

जब पुरुष के जननांग विशेषकर अंडकोष (testicles) के कार्यों में बाधा आती है, तब इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन (erectile dysfunction) की परेशानी उत्पन्न हो सकती है।

इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन, वह स्थिति होती है जब पुरुष सेक्स के दौरान अपनी उत्तेजना को अधिक समय तक बनाए रखने में असफल रहते हैं। [6]

इस प्रकार इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन पुरुष बांझपन का कारण बन जाती है, जिसमें पुरुष अंडकोष में स्पर्म का निर्माण तो होता है लेकिन इन स्पर्म के स्वस्थ न होने की भी संभावना बन जाती है। इसके अतिरिक्त वैरिकोसिल (varicocele) [7]नाम की परेशानी भी जननांग विकार का ही एक रूप है।

इस परेशानी में अंडकोष की नसों में सूजन आ जाती है। कभी-कभी व्यक्ति के शरीर के इस अंग में ब्लड पंप करने वाली वाल्व में ख़राबी आ जाती है या फिर इस क्षेत्र की नसों में किसी प्रकार का दबाव आ जाता है और ब्लड का फ्लो रुक जाता है ।

इसके कारण अंडकोष की नसों में ब्लड के इकट्ठा हो जाने से इनका साइज़ बढ़ जाता है या यूँ कहें कि इनमें सूजन आ जाती है।

इस परेशानी के कारण स्पर्म या तो सूख जाते हैं या फिर कमजोर हो जाते हैं। इस बीमारी को वेरिकोसिल( (varicocele) भी कहा जाता है। वरिकोसिल के कारण स्पर्म की संख्या में कमी आ जाती है।

एक शोध के अनुसार बांझपन की समस्या से ग्रस्त पुरुषों में से लगभग 30-40% पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं।

3. स्पर्म से जुड़े विकार (Sperm related disorder)

स्खलन नलिकाओं (ejaculatory ducts) में रुकावट, एपीडीडेमिस (epididymis) और वास डेफ़्रेंरेंस (vas deferens) आदि में कोई परेशानी होने से स्पर्म का निर्माण प्रभावित हो सकता है।

इन परेशानियों के कारण पुरुष गुप्तांगों में सूजन आ जाती है, जिससे स्पर्म बनाने वाली नसों में भी सूजन आ जाती है।

ऐसे में, या तो स्पर्म के बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है या फिर स्खलन (ejaculation) के समय स्पर्म

बाहर निकल ही नहीं पाते हैं। कुछ मामलों में स्पर्म बाहर स्खलित होने की बजाय मूत्राशय में भी प्रवेश कर सकता है।

लगभग 10-20% पुरुष बांझपन की परेशानी स्पर्म के बाहर निकलने की प्रक्रिया में बाधा आने के कारण भी होती है। [7]

4. एज़ूस्पर्मिया (Azoospermia)

जब किसी कारण से पुरुष के वीर्य (semen) में शुक्राणु (sperm) नहीं होते हैं, तब यह बीमारी एज़ूस्पर्मिया कहलाती है।[8]

पुरुष के शरीर में बनने वाला वीर्य ही वह हेल्दी तरल पदार्थ होता है, जो शुक्राणु को शरीर में तैरने में सहायता करता है। फर्टिलाइज़ेशन के लिए महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु का मिलना आवश्यक है।

ऐसे में जब वीर्य में स्पर्म या शुक्राणु नहीं होते हैं, तब निषेचन यानि फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है और यह स्थिति पुरुष बांझपन की कहलाती है।

5. ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia)

एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में सामान्य रूप से, एक वीर्य कोशिका (semen cell) में लगभग 15 लाख शुक्राणु होते हैं।

अगर किसी कारण से इस संख्या में कमी आती है, तब यह बीमारी ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia) कहलाती है। [8]

जब सीमेन में 5 लाख शुक्राणु से कम स्पर्म पाए जाते हैं, उसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है और यह अवस्था पुरुष बांझपन की स्थिति बन जाती है।

6. जेनेटिक कारण (Genetic disorder)

कुछ पुरुष जेनेटिक परेशानी के कारण भी बांझपन के शिकार हो जाते हैं। [9]

इसमें प्रमुख है क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Qvaainfeltar Syndrome)।

यह एक गुणसूत्र दोष (chromosomal defect) है। जिसमें एक पुरुष दो एक्स क्रोमोसोम (X chromosomes) और एक वाई (Y) क्रोमोसोम (एक एक्स और एक वाई के बजाय) के साथ पैदा होता है। इससे पुरुष प्रजनन अंगों का असामान्य विकास होता है।

इसके कारण पुरुष के अंडकोष का आकार छोटा हो जाता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (testerone hormone) के निर्माण में रुकावट आती है।

बांझपन से जुड़े अन्य आनुवंशिक सिंड्रोम में सिस्टिक फाइब्रोसिस(cystic fibrosis), कल्मन सिंड्रोम(Kallmann's syndrome) और कार्टाजेनर सिंड्रोम(Kartagener's syndrome) शामिल हैं।

7. सीमन विकार (Semen Disorder)

एक स्वस्थ पुरुष शरीर में बनने वाला वीर्य ही वह हेल्दी तरल पदार्थ होता है, जो शुक्राणु को शरीर में तैरने में सहायता करता है।

लेकिन यदि किसी कारण से शरीर में वीर्य या सीमन की कमी हो जाती है तब इसका सीधा प्रभाव शुक्राणु पर होता है। इस स्थिति में भी पुरुष की प्रजनन क्षमता में कमी पाए जाती है।

9. ट्यूमर और कैंसर (Tumour and cancer)

कैंसर और नॉनमलिग्नेंट ट्यूमर (non-malignant tumor) पुरुष प्रजनन अंगों को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।

कैंसर और नॉनमलिग्नेंट ट्यूमर पुरुषों मे प्रजनन से संबंधित हार्मोन को जारी करने वाली ग्रंथियों को , जैसे कि पिट्यूटरी ग्रंथि, प्रभावित करता है।

इससे पुरुषों में बांझपन का निर्माण हो सकता है। कुछ मामलों में, ट्यूमर का इलाज करने के लिए सर्जरी, विकिरण(radiation) या कीमोथेरेपी (chemotherapy) पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

 

पुरुष बांझपन के जीवनशैली संबंधी कारण और जोखिम कारक क्या हैं?

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कभी-कभी पुरुष बांझपन के कारण जीवनशैली से संबंधित भी हो सकते हैं, जिनके कारण पुरुष बांझपन की परेशानी बढ़ भी सकती हैं। [10]

पुरुष बांझपन के जीवनशैली संबंधी कारण और जोखिम निम्न हैं:

1. शराब और सिगरेट (Alcohol and cigarette)

अत्यधिक मात्रा में शराब और सिगरेट पीने से पुरुष हार्मोन यानि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आ जाती है।

धूम्रपान और यहां तक ​​कि धूम्रपान रहित तंबाकू भी पुरुषों में पेनिस के रक्त वाहिकाओं (blood vessels) के संकुचित होने के महत्वपूर्ण कारण हो सकते है।

इसके परिणामस्वरूप स्खलन में परेशानी और स्पर्म के बनने पर भी प्रभाव पड़ता है।

शराब का सेवन बहुत सावधानी से करना चाहिए क्योंकि यह अस्थायी रूप या फिर लंबे समय के लिए स्तंभन दोष (Erectile Disfunction) दोनों का कारण बन सकता है।

इस तरह शराब और सिगरेट पीने के कारण पुरुष बांझपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

2. तनाव (Stress)

जीवन में हर समय तनाव का बने रहना किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

पुरुष के शरीर में तनाव के कारण उन हार्मोन पर बुरा असर पड़ता है, जो स्पर्म के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

3. व्यायाम की कमी (Less exercise)

बिना व्यायाम के जीवनशैली बिताने वाले लोग या वे लोग जिनका अधिकतम समय बैठ कर काम करने में निकलता है वह भी पुरुष बांझपन के शिकार हो सकते हैं।

पुरुष बांझपन के लिए नियमित व्यायाम करने की आवश्यकता है।

4. बढ़ता वजन (Weight gain)

शरीर के वजन का अनियमित रूप से बढ़ना भी पुरुष प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है।

एक जाँच से यह साबित हुआ है की सामान्य पुरुष की तुलना में अधिक वजन और मोटे पुरुष में शुक्राणु एकाग्रता (concentration), गतिशीलता (motility) और जीवन शक्ति (viability) में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज हुई हैं।

मोटापे के कारण भी स्पर्म की गुणवत्ता पर बुरा असर होता है।

5. अंडकोष का सिकुड़ना (Contraction of scrotum sacs)

मांसपेशियो को मजबूत करने वाली दवा के लंबे प्रयोग से अंडकोष सिकुड़ जाते हैं और स्पर्म के निर्माण में कमी आ जाती है।

इसके अतिरिक्त कोकेन (cocaine) और मारिजुईयाना (marijuana) जैसी मादक दवाएँ भी स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या में कमी कर लाती हैं।

6. अवसाद (Depression)

जो पुरुष अधिकतम अवसाद में रहते हैं उनके प्रजनन क्षमता में भी कमी आ जाती है।

अवसाद के कारण पुरुषों में सेक्स इच्छा में कमी का आना, स्खलन में परेशानी और वीर्य का देर से या कम मात्रा में निकालने जैसी स्थिति हो सकती है।

7. एक्सरे या रेडिएशन (X-ray or radiation)

कभी-कभी एक्सरे या रेडिएशन के कारण भी पुरुष के शरीर में स्पर्म के निर्माण और क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है।

इससे भी पुरुष बांझपन का शिकार हो जाते हैं।

8. दवाइयों का सेवन (Medicines)

मांसपेशियों की ताकत और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ली गयी एनाबॉलिक स्टेरॉयड(Anabolic steroids) दवाओं से अंडकोष सिकुड़ सकता है और शुक्राणु उत्पादन कम हो सकता है।

कोकीन या मारीजुआना (cocaine or marijuana) का उपयोग अस्थायी रूप से आपके शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को कम कर सकता है।

बैन की गई दवाइयों का सेवन भी नियमित रूप से करने से स्पर्म के निर्माण पर बुरा असर पड़ता है और पुरुषों में बांझपन या नपुंसकता आ सकती है।

9. इन्फेक्शन (Infection)

कुछ विशेष प्रकार के इन्फेक्शन का होना या जीवन में पहले कभी हुआ कोई इन्फेक्शन पुरुष जननांग को नुकसान पहुँच सकता है।

10. ज़हरीली गैस (Poisonous gas)

ज़हरीली गैसों के संपर्क में लंबे समय तक रहने से भी स्पर्म के निर्माण में कमी आ सकती है।

11. गर्म कपड़े (Warm clothes)

अंडकोष को हर समय गरम रखने वाले कपड़े पहनने से स्पर्म की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है और इससे पुरुषों में बांझपन आ सकता है।

उसके साथ ही लंबे समय तक लैपटॉप कंप्यूटर पर काम करने से आपके अंडकोष (scrotum) का तापमान बढ़ सकता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

12. दुर्घटना (Accident)

किस तरह की दुर्घटना होने से अगर अंडकोष प्रभावित हो जाता है तो इससे भी पुरुष बांझपन की समस्या पैदा हो सकती है।

13.मोबाइल फोन का इस्तेमाल

ट्राउजर की जेब में मोबाइल फोन रखने की आदत या इसके ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने से पुरुष के ब्लड का टेम्परेचर(temperature) बढ़ सकता और इससे हाइपरथर्मिया की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही तनाव पर भी असर पड़ सकता है।

मोबाइल से निकलने वाले विकिरण(Radiation) डीएनए को नुकसान पहुँचाकर शुक्राणु को नुकसान पहुंचा सकता है।

जो पुरुष दिन में चार घंटे से अधिक समय तक अपने मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, उनमें शुक्राणु की गतिशीलता और गुणवत्ता में 40% की गिरावट दर्ज की गई और इससे पुरुषों में बांझपन हो सकता है।

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पुरुष बांझपन के लक्षण क्या हैं?

What are the symptoms of male infertility? in hindi

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पुरुष बांझपन के लक्षण निम्न भी हो सकते हैं :

  • सेक्स संबंध के समय स्खलन (ejaculation) में परेशानी होना या फिर वीर्य का बहुत कम मात्रा में निकलना।
  • इसके अलावा सेक्स की इच्छा में कमी या इरेक्शन (erection) को बनाए रखने में परेशानी आदि भी पुरुष बांझपन के लक्षण हो सकते हैं।
  • अंडकोष (testicle area) में दर्द, सूजन या गांठ का होना।
  • पुरुष वक्ष (Male breast) का असामान्य रूप से बढ़ा होना।
  • शरीर पर कुछ निशानी जैसे शरीर और चेहरे पर कम बाल होना।
  • व्यक्ति के श्वसन तंत्र में बार-बार इन्फेक्शन होना, साथ ही उनके अंदर सूंघने की क्षमता में भी कमी होने लगना।
  • वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में प्रति मिली लीटर में 15 लाख से कम की संख्या का होना।
 

पुरुष बांझपन के कारण का निदान कैसे हो सकता है?

How to diagnose causes of male infertility? in hindi

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पुरुष बांझपन का पता लगाने के लिए सामान्य रूप से डॉक्टर जिन तकनीकों का सहारा लेते हैं वो इस प्रकार हैं : [11]

1.गहन शारीरिक जांच (Intense physical examination)

पुरुष बांझपन की जांच के लिए सबसे पहले डॉक्टर मरीज़ की शारीरिक जांच का सहारा लेते हैं।

इसके लिए डॉक्टर मरीज़ की पेनीस या टेस्टीकल्स में होने वाली कोई बीमारी जैसे एपिडिमिस, वास डेफ्रेंस आदि की जांच करते हैं।

इसके अलावा अंडकोष में होने वाली सूजन यानि वेरिकोसिल आदि की भी जांच की जाती है।

चिकित्सक यह भी जानने का प्रयास करते हैं कि सेक्स संबंध के समय पुरुष का स्खलन सामान्य है या इसमें कोई परेशानी है।

इसके साथ ही कुछ रक्त परीक्षण और अन्य टेस्ट करने का भी सुझाव देते है।

2. सीमन विश्लेषण (Semen analysis)

सीमन की जांच के माध्यम से डॉक्टर इसकी गुणवत्ता की जांच करने का प्रयास करते हैं।

दूसरे शब्दों में इसकी तरलता, रंग और इसमें नमी के गुणों को जांचा जाता है।

यदि पुरुषों में शुक्राणु विश्लेषण सामान्य आता है, तो आपके डॉक्टर किसी ओर पुरुष बांझपन परीक्षण की सलाह देने से पहले आपकी महिला साथी के पूर्ण परीक्षण की सिफारिश करेंगे ।

3. ट्रांसरेक्टरल अल्ट्रासाउंड (Transrectal ultrasound)

इस अल्ट्रासाउंड के माध्यम से पुरुष प्रजनन अंगों, विशेषकर वीर्य ले जाने वाली नसों की जांच करते हैं।

इस जांच में यह देखा जाता है कि कहीं कोई रुकावट तो नहीं है, जिसके कारण सीमेन के फ्लो में कठिनाई हो रही है।

इसके अलावा इस अल्ट्रासाउंड की मदद से कैलिफिकेशन (calcification), सिस्ट (cysts) या स्टोन (stone) के मौजूद होने कारण वास डेफेरेंस (vas deferens), सेमीनल वेसिक्ल्स (seminal vesicles) या एजैकुलेटरी डक्ट्स (ejaculatory ducts) में किसी तरह की रुकावट (occlusion) के कारण का पता लगाया जा सकता है।

कुछ मामलों में ये रुकावट इन अंगों के आकार में किसी गड़बड़ी के कारण भी होती है।

इस तरह ट्रांसरेक्टरल अल्ट्रासाउंड पुरुष बांझपन का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

4. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड (Scrotal ultrasound)

डॉप्लर स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड (doppler scrotal ultrasound) की मदद से टेस्टीकुलर टौरशन (testicular torsion), ट्रौमा (trauma), एपिडाइडिमिटीस (epidydimitis), औरचिसटीस (orchitis), वरीहकोशील (varicocele) और ट्यूमर (tumors) जैसी बीमारियों का पता लगाया जाता है, जिसके कारण पुरुष बांझपन हो सकता है।

5. क्लैमिडिया टेस्ट (Chlamydia test)

क्लैमिडिया एक प्रकार का सेक्स जनित रोग होता है और यह भी पुरुष बांझपन का कारण होता है। इसलिए डॉक्टर इसकी जांच करके भी कारण जानने का प्रयास करते हैं।

6. टेस्टीक्यूलर बायोप्सी (Testicular biopsy)

अगर पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम निकलती है तब टेस्टीक्युलर बायोप्सी की जाती है।

इसमें मरीज़ के दोनों अंडकोषों में से छोटा टुकड़ा लेकर उसकी माक्रोस्कोप के माध्यम से जांच की जाती है।

7. हार्मोनल प्रोफाइल (Hormonal profile)

इस जांच में यह देखा जाता है कि मरीज़ के अंडकोष में स्पर्म कितनी मात्रा में बन रहे हैं।

इसके साथ ही इस टेस्ट के माध्यम से महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन, एल एच और फॉलिकल ल्यूटेनाइज़िंग हार्मोन (Luteinizing and Follicle Stimulating Hormones) और एस्ट्रोजन (estrogen) के स्तर की भी जांच की जाती है।

8.आनुवंशिक परीक्षण (Genetic test)

जब सीमेन एनालिसिस में शुक्राणु की एकाग्रता(sperm concentration) बहुत कम होती है, तो वह आनुवंशिक कारण हो सकता है।

इसके लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है और उससे यह पता चल सकता है कि क्या y गुणसूत्र(y-chromosome) में सूक्ष्म परिवर्तन हैं। ये आनुवंशिक असामान्यता (genetic abnormality) का संकेत हो सकता है।

विभिन्न जन्म से जुड़े या परिवार से मिले सिंड्रोम का निदान करने के लिए आनुवंशिक परीक्षण करने की सलाह दी जाती है।

 

पुरुष बांझपन के उपचार के क्या विकल्प हैं?

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पुरुष बांझपन के उपचार किस प्रकार किया जा सकता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस परेशानी का कारण क्या है?

सामान्य रूप से उपचार, सर्जिकल और गैर सर्जिकल तरीकों से किया जा सकता है। [12]

पुरुष बांझपन के उपचार इस प्रकार हैं :

1. वैरिकोसिल उपचार (Varicocele treatments)

इस तकनीक के उपचार के रूप में मरीज़ को छोटी सी सर्जरी के लिए अस्पताल में जाना होता है, जो कुछ घंटों में ही हो जाती है।

इसमें सूजे हुए अंडकोषों को ठीक करने की कोशिश की जाती है। इसके बाद स्पर्म के निकास, संख्या और बनावट में अंतर आ जाता है।

2. एज़ूस्पर्मिया उपचार (Azoospermia treatments)

एज़ोस्पर्मिया की स्थिति में मरीज़ में, किसी प्रकार की रुकावट के कारण स्पर्म में शुक्राणु शून्य होते हैं।

इस परेशानी को भी सर्जिकल उपचार के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसके लिए यदि ट्यूब में किसी प्रकार की बाधा या रुकावट है तो उसे सर्जरी के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाता है।

3. माक्रोसर्जिकल वासोवइक्सोटोमी (Microsurgical vasovasostomy)

इस सर्जरी में प्रत्येक अंडकोष में वास डेफेरेंस के कटे हुए हिस्सों को जोड़ने के लिए एक सर्जरी की जाती है।

इसे पुरुष नसबंदी (vasectomy) को पलटने की क्रिया भी कहा जाता है।

4. ट्रान्स्यूरेथ्रेल्यल रिसेक्षन (Transurethral resection)

पुरुष प्रजनन अंगों में वो नलियाँ या ट्यूब जो वीर्य निर्वहन (semen discharge) का काम करती हैं, अगर उनमें रुकावट आ जाती, तब इस सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा उन्हें दूर किया जाता है।

इसके बाद वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।

 

पुरुष बांझपन का गैर-सर्जिकल उपचार क्या हैं?

What are the non-surgical treatment of male infertility? in hindi

Purush banjhpan ka gair surgical upchar in hindi

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कुछ स्थितियों में पुरुष बाझपन के उपचार के लिए सर्जरी के स्थान पर दवा या किसी अन्य विकल्प का सहारा लिया जाता है।

पुरुष बांझपन के गैर-सर्जिकल उपचार विकल्प निम्न हैं :

1. एनेजुक्यूलेशन (Anejaculation)

जब पुरुष के शरीर में वीर्य का निर्माण बंद हो जाता है तब यह स्थिति एनेजुक्यूलेशन कहलाती है।

डॉक्टर इस परेशानी को ठीक करने के लिए पहले कुछ दवाएँ देकर इसे ठीक करने का प्रयास करते हैं।

लेकिन अगर सफलता नहीं मिलती है तब एक सर्जरी के माध्यम से रुके हुए स्पर्म को दोबारा से शुरू करने या पेनिस को अपने आप उत्तेजित करने लायक बनाया जाता है।

इसके अतिरिक्त आईवीएफ (IVF), आईयूआई (IUI) और आईसीएसआई (ICSI) तकनीक के माध्यम से भी इस परेशानी को दूर करने का प्रयास किया जाता है

2. हॉरमोन थेरेपी (Hormone therapy)

कई बार कुछ पुरुष के शरीर में जन्मजात रूप से कुछ हार्मोन की कमी के कारण भी पुरुष बांझपन की शिकायत हो जाती है। ऐसे में हार्मोन थेरेपी के माध्यम से इस तकलीफ़ को दूर करने की कोशिश की जाती है।

3. जननांग का इन्फेक्शन (Genitals infection)

पुरुष जननांग का हर इन्फेक्शन बांझपन का कारण नहीं होता है। लेकिन फिर भी कुछ इन्फेक्शन जटिल हो भी सकते हैं।

इसका पता सीमन टेस्ट के माध्यम से लग सकता है। इसके लिए दवाइयों के माध्यम से इन्फेक्शन को दूर किया जा सकता है।

 

पुरुष बांझपन के बचाव के उपाय क्या हैं?

What are the prevention tips for male infertility? in hindi

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पुरुष बांझपन यदि आनुवंशिक कारण से है तब तो इसका न तो कोई इलाज हो सकता है और न ही इसके बचाव का कोई उपाय हो सकता है।

लेकिन फिर भी अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तब पुरुष बांझपन से निम्न उपायों के माध्यम से बचा जा सकता है : [13]

  • मादक पदार्थों जैसे शराब आदि और ड्रग्स के अत्यधिक सेवन से बचें।
  • स्वयं को ज़हरीली वस्तुओं के प्रभाव और संपर्क से स्वयं को पूरी तरह से बचा कर रखें।
  • जहां तक संभव हो स्वयं को रेडिएशन के संपर्क में आने से सुरक्षित रखें।
  • नहाने के लिए अधिक गरम पानी के प्रयोग से बचें क्योंकि इसके कारण अंडकोष में उस गर्मी का असर खराब हो सकता है।
  • अपने अंदर पहनने के कपड़े (undergarments) ढीले पहनें, कसे हुए कपड़े जननांग को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • अपने को मानसिक तनाव से दूर रखें प्रसन्न चित्त रहें।
  • शारीरिक वजन को हमेशा नियंत्रित रखें।
  • हमेशा हेल्दी भोजन करें।
  • किसी भी जोखिम वाले काम में जननांग को क्षति से बचाने का पूर्ण प्रयास करें।
 

पुरुष बांझपन के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

When to see a doctor for male infertility? in hindi

Male infertility ke liye doctor se kab milna chahiye in hindi

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कोई भी पुरुष यह कब निर्णय ले सकता है कि उसे बांझपन की शिकायत है और इसके लिए उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए।

पुरुष बांझपन के लिए डॉक्टर से निम्न स्थितियों में मिलें :

  • जब पुरुष को उत्तेजना या स्खलन में समस्या हो, सेक्स की इच्छा में कमी हो या सेक्स संबंधी क्रिया में कोई कमी या परेशानी दिखाई दे।
  • अंडकोष संबंधी कोई पुरानी परेशानी हो, प्रोस्टेट या सेक्स संबंधी कोई अन्य परेशानी हो।
  • जीवन में कभी पेट और जांघ के बीच की जगह (groin), लिंग (penis) या अंडकोष की थैली (scrotum) की सर्जरी हुई हो।
  • यदि जांघ और पेट के बीच की जगह में किसी प्रकार की सूजन या गांठ महसूस हो या लिंग में से किसी प्रकार का रिसाव होता हो, क्योंकि इनके कारण भी पुरुष महिला को गर्भधारण करवाने में असफल रहता है।
  • पेट के निचले हिस्से में किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है।
  • आमतौर पर इन स्थितियों के कारण एक पुरुष, लगभग एक वर्ष तक स्त्री साथी के साथ असुरक्षित सेक्स संबंध के बाद भी, उसे गर्भवती बनाने में असक्षम होता है।
 

निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

अगर महिला किसी कारणवश गर्भवती नहीं हो पा रही है तो इसका कारण पुरुष बांझपन भी हो सकता है।

पुरुष बांझपन के जीवनशैली से व स्वास्थ्य विकार से जुड़े कई कारण हैं। इसका इलाज सर्जिकल व गैर सर्जिकल दोनों प्रकार से होता है।

आनुवंशिक पुरुष बांझपन का इलाज संभव नहीं है। मगर पुरुष बांझपन के अन्य कारणों से कुछ सावधानियाँ बरत कर बचा जा सकता है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 09 Sep 2020

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