महिला बांझपन के कारण, लक्षण, जोख़िम और उपचार

Causes, Symptoms, Risks and Treatment of Female Infertility in hindi

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Introduction

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जब एक महिला नियमित रूप से 12 महीने या इससे अधिक समय तक असुरक्षित संभोग (unprotected sex) )करने के बाद भी प्रेग्नेंट होने में असमर्थ होती है, तो यह महिला बांझपन (infertility) की स्थिति हो सकती है।

हाल ही में किए गए शोध के अनुसार भारतीय महिलाओं में 8.8 प्रतिशत तक बांझपन की समस्या पाई जाती है।

डॉक्टर आमतौर पर उन जोड़ों को प्रजनन मूल्यांकन यानि फर्टिलिटी टेस्ट (fertility test) कराने की सलाह देते हैं, जो असुरक्षित संभोग के 12 महीनों के बाद गर्भ धारण (conceive) नहीं कर पाते।

बांझपन के इलाज के लिए डॉक्टर महिला की मेडिकल हिस्ट्री, दवाओं, यौन इतिहास और यौन गतिविधि का विश्लेषण करते हैं।

डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि महिला नियमित रूप से ओव्युलेट करती है और उसके ओवरीज़ अंडे रिलीज़ करते हैं।

इसके बाद हार्मोन के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण (blood test) किया जाता है।

गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे परीक्षण द्वारा अंडाशय (ovaries) और गर्भाशय (uterus) की जांच की जा सकती है।

बांझपन के मुख्य कारणों में से एक है - महिलाओं द्वारा अधिक उम्र में गर्भधारण (conception) की कोशिश करना और कई बार कुछ स्वास्थ्य स्थिति भी महिला बांझपन का कारण हो सकती है।

हालांकि, ऐसे कई कारक हैं जो बांझपन के कारण हो सकते हैं।

आइये इस लेख के माध्यम से महिला बांझपन के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।

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इस लेख़ में

 

महिला बांझपन के लक्षण

Symptoms of infertility in hindi

Banjhpan ke lakshan in hindi

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बांझपन के लक्षण इस प्रकार हैं : -

  • अनियमित पीरियड (Irregular period)

महिलाओं में औसत मासिक धर्म का चक्र लगभग 28 दिन लंबा होता है।

हालाँकि, यदि यह चक्र 21 से 35 दिनों तक रहता हो और ऐसा लगातार न हो तब भी यह सामान्य माना जाता है।

अगर अनियमित पीरियड होने के कारण यह पता कर पाने में परेशानी होने लगे कि अगला पीरियड कब होगा, तब यह असामान्य होता है।

यह थायरॉयड हाइपो- या हाइपरफंक्शन (hyperfunction), हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया (hyperprolactinemia) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (polycystic ovarian syndrome (PCOS) जैसे हार्मोनल मुद्दों के कारण होता है - ये सभी बांझपन (infertility) का कारण बन सकते हैं।

  • दर्दनाक और लंबी अवधि के पीरियड (Heavy, long or painful periods)

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हल्के फ्लो का अनुभव होता है, तो कई महिलाओं को लगातार पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग और ऐंठन (heavy bleeding) का अनुभव होता है।

दर्दनाक और लंबी अवधि के पीरियड्स एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) के लक्षण हो सकते हैं, एक ऐसी स्थिति जहां आमतौर पर गर्भ में पाए जाने वाले ऊतक (tissue) शरीर में कहीं और मौजूद होते हैं।

एंडोमेट्रियोसिस बांझपन के लिए एक जोखिम कारक है।

  • सेक्स के दौरान दर्द होना (Pain during sex)

सेक्स के दौरान दर्द, या डिस्पेर्यूनिया (dyspareunia) स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जो एक महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

ऐसे स्वास्थ्य मुद्दों के उदाहरणों में इन्फेक्शन, एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis), और फाइब्रॉएड (fibroids) शामिल हैं।

  • हार्मोनल असंतुलन के लक्षण (Symptoms of hormonal imbalance)

अचानक वज़न बढ़ना, बालों का झड़ना, लगातार थकान, एग्जीमा, सिरदर्द, निप्पल डिस्चार्ज, चेहरे के बाल या गंभीर मुंहासे संभावित हार्मोनल विकारों (disorder) के संकेत हैं।

ये स्थितियाँ, जिनमें शरीर के हार्मोन असंतुलित होते हैं और गर्भधारण कठिन बना देते हैं।

  • मोटापा (Obesity)

2018 के एक अध्ययन में पाया गया कि मोटापा प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में गर्भधारण करने की संभावना कम होती है और प्रेगनेंसी से जुड़े कम्प्लीकेशन का रिस्क भी अधिक होता है।

  • अंडरवेट होना या वजन कम होना (Being underweight)

अंडरवेट या वजन कम होने से महिलाओं में खाने के विकार जैसे एनोरेक्सिया या बुलिमिया (anorexia or bulimia), प्रजनन समस्याओं को जन्म देते हैं।

जो महिलाएँ बहुत कम कैलोरी (calorie) या प्रतिबंधक आहार (restrictive diet) का पालन करती हैं, उनमे भी प्रेगनेंसी रहने में प्रॉब्लम हो सकती है।

  • लंबे समय तक प्रेग्नेंट न होना (Not getting pregnant for long)

लंबे समय से प्रयास करने के बाद भी अगर महिला गर्भवती नहीं हो पा रही है तो ये बांझपन या इनफर्टिलिटी का प्राथमिक संकेत होता है।

अगर महिला 6 महीने की कोशिश के बाद गर्भवती नहीं हुई है और वह 35 वर्ष से अधिक है तो वह इनफर्टाइल (infertile) हो सकती है।

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फीमेल इंफर्टिलिटी या महिला बांझपन के कारण

Health causes of infertility in hindi

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इनफर्टिलिटी की समस्या या तो ओवुलेशन प्रॉब्लेम्स (ovulation problem) , फैलोपियन ट्यूब की रुकावट (fallopian tube block) , खराब गुणवत्ता या फ़िर शुक्राणुओं की गिनती से जुड़ी हुई होती होती है।

5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत जोड़ों में, सभी परीक्षण सामान्य होते हैं, फिर भी इसका कारण अज्ञात होता है।

ऐसे में जानते हैं कि महिला बांझपन के पीछे कुछ कारणों के बारे में।

फ़ीमेल इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं : -

  • ओव्यूलेशन विकार (Ovulation disorder)

महिलाओं में बांझपन के 25 प्रतिशत मामलों में ओव्यूलेशन विकार होता है।

यह तब होता है जब एक महिला या तो नियमित रूप से ओव्यूलेट नहीं करती है या बिल्कुल नहीं करती है।

प्रजनन हार्मोन (reproductive hormones) के विनियमन (regulation) और उत्पादन से जुड़ी समस्याएँ इसके संभावित कारण हैं।

पीसीओएस (PCOS), अतिरिक्त प्रोलैक्टिन (prolactin) की उपस्थिति या समय से पहले डिम्बग्रंथि की विफलता (premature ovarian failure) ओवुलेशन विकार पैदा कर सकती हैं।

  • फॉलोपियन ट्यूबल ब्लॉकेज (fallopian Tubal occlusion)

एक शोध के अनुसार, फैलोपियन ट्यूब विकार बांझपन के 35 से 40 प्रतिशत मामलों को जन्म देता है।

पैल्विक इंफ्लेमेटरी की बीमारी या क्लैमाइडिया (chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) जैसे एसटीआई (STIs) फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज का कारण हो सकते हैं।

फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी पिछली पेल्विक सर्जरी भी बांझपन की संभावना को बढ़ा सकती है।

  • एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जब गर्भाशय की आंतरिक परत यानि एंडोमेट्रियम (endometrium) फैलोपियन ट्यूब, ओवरीज़, छोटी या बड़ी आंत (small or large intestine), और पेट की गुहा (abdominal cavity) और पेल्विस (pelvis) आदि में जुड़कर बढ़ने लगती है।

इस तरह के ऊतक के विकास और इसको सर्जरी की मदद से हटाने से स्कारिंग (scarring) हो सकती है, जिससे फर्टिलाइजेशन प्रभावित होता है।

  • गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा के कारण (Uterine and cervical causes)

गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में समस्याएं प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकती हैं।

सर्वाइकल स्टेनोसिस (cervical stenosis -एक संकुचित गर्भाशय ग्रीवा) या सर्वाइकल म्यूकस की कमी अक्सर गर्भाशय में गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से शुक्राणु की गतिशिलता में बाधा पैदा करती है।

एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) (विशेष रूप से यदि क्रोनिक), गर्भाशय फाइब्रॉएड - मायोमा (uterine fibroids - myomas) या गर्भाशय का असामान्य आकार गर्भाधान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

  • उम्र (Age)

जैसे-जैसे महिअलों की उम्र बढ़ती है, आमतौर पर उनके लिए गर्भधारण करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

अंडों की गुणवत्ता और मात्रा 30 की उम्र के बाद कम होना शुरू हो जाती है, और 40 साल की उम्र तक पहुंचने पर पूरी तरह ख़त्म हो जाती है।

ऐसे में एक महिला के गर्भवती होने की संभावना अधिक जटिल हो जाती है और गर्भपात की संभावना भी अधिक होती है।

  • अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained infertility)

कभी-कभी, आवश्यक फर्टिलिटी टेस्ट करने के बाद भी डॉक्टर बांझपन का कारण नहीं खोज पाते हैं।

अस्पष्टीकृत प्रजनन क्षमता दुनिया भर में लगभग 10 प्रतिशत जोड़ों को प्रभावित करती है।

संभावित कारणों में अंडे का सही समय पर रिलीज़ नहीं होना, अंडे के फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचने में असमर्थता, या अंडे तक पहुंचने में शुक्राणु की अक्षमता शामिल है।

 

महिला बांझपन की संभावना को बढ़ाने वाले कारक

Risk factors that can increase chances of women infertility in hindi

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आजकल हमारी जीवनशैली के कारण हमे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में जानते हैं कि महिला बांझपन से जुड़े उन जोखिम कारकों के बारे में जो उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती हैं।

महिला बांझपन की संभावना को बढ़ाने वाले कारक : -

  • शराब का सेवन (Liquor)

महिलाओं के लिए, गर्भाधान या गर्भावस्था के दौरान अल्कोहल के सेवन का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है।

ऐसे में शराब का उपयोग बांझपन में योगदान दे सकता है।

  • तंबाकू का इस्तेमाल (Tobacco)

धूम्रपान प्रजनन क्षमता के उपचार की संभावित प्रभावशीलता को भी कम करता है।

धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भपात अधिक होता है।

  • वज़न ज़्यादा होना (Weight gain)

खराब जीवनशैली के कारण महिलाओं के बढ़ते वज़न के कारण बांझपन का ख़तरा बढ़ सकता है।

  • व्यायाम की कमी (No Exercise)

व्यायाम की कमी मोटापे में योगदान देती है, जिससे बांझपन का ख़तरा बढ़ जाता है।

  • तनाव (Stress)

एक शोध के अनुसार तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।

एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं में अल्फा-एमाइलेज़ (alpha-amylase) का स्तर ऊंचा होता है, उनमें एक एंजाइम का उत्पादन होता है, जो तनाव से संबंधित है।

यह एंजाइम (enzyme) गर्भवती (pregnant) होने में कठिनाइयाँ उत्पन्न करता है।

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महिला बांझपन का निदान और फर्टिलिटी टेस्ट के प्रकार

Diagnosis for female infertility and types of fertility test in hindi

Mahila banjhpan ka nidan

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महिला बांझपन का निदान और फर्टिलिटी टेस्ट के निम्नलिखित प्रकार : -

  • सर्विकल टेस्ट (Cervical test)

अगर आपको गर्भवती होने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर आपको एक ग्रीवा स्क्रीनिंग टेस्ट यानि पैप स्मीयर (pap smear) का सुझाव दे सकते हैं।

ये परीक्षण सर्विकल कैंसर (cervical cancer) और गर्भाशय ग्रीवा (cervix) के साथ अन्य समस्याओं की जांच करते हैं, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

एक ग्रीवा परीक्षण के दौरान, डॉक्टर आपके गर्भाशय ग्रीवा की सतह से कोशिकाओं का एक सैंपल लेने के लिए एक छोटे, नरम ब्रश का उपयोग करेंगे।

प्रक्रिया असहज हो सकती है, लेकिन यह दर्दनाक नहीं होती है।

इसके बाद सैंपल को विश्लेषण के लिए एक लैब में भेजा जाता है।

परिणाम आपके क्लिनिक के माध्यम से शीघ्र ही उपलब्ध होंगे।

इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर से एसटीडी (STD) परीक्षण पर चर्चा कर सकती हैं।

  • ओव्यूलेशन टेस्ट (Ovulation test)

कुछ महिलाओं को ओवुलेशन की समस्याओं के कारण गर्भवती होने में परेशानी होती है।

क्लीनिक और ड्रगस्टोर्स में उपलब्ध ओव्यूलेशन किट की मदद से ओव्यूलेशन टेस्ट का मूल्यांकन किया जा सकता है।

इस ओव्यूलेशन टेस्ट को सटीक और सुरक्षित रूप से घर पर किया जा सकता है।

ओव्यूलेशन प्रेडिक्शन किट ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (luteinizing hormone (LH) में वृद्धि का पता लगाता है जो ओव्यूलेशन से 24-36 घंटे पहले बढ़ जाता है।

जिससे इंफर्टिलिटी की समस्या होती है।

  • हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम (Hysterosalpingogram - HSG)

गर्भधारण के लिए आपके गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।

आपके डॉक्टर आपकी प्रजनन प्रणाली में समस्याओं की जाँच करने के लिए कई सुझाव दे सकते हैं।

एक हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम - एचएसजी को ट्यूबोग्राम (tubogram) के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह डॉक्टर को आपके फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) की स्थिति की जांच करने की अनुमति देता है।

एचएसजी (HSG) फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज की जाँच करने के साथ-साथ गर्भाशय के दोषों की जांच कर सकता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

आपके डॉक्टर आमतौर पर आपकी पीरियड के तुरंत बाद ट्यूबोग्राम करेंगे और आपकी योनि में एक हार्मलेस डाई (harmless dye) इंजेक्ट कर आपके प्रजनन प्रणाली के एक्स-रे लेंगे।

कभी-कभी डॉक्टर डाई के बजाय एचएसजी में खारे पानी और हवा का उपयोग कर सकते हैं और एक्स-रे के बजाय अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy)

हिस्टेरोस्कोप एक पतली, लचीली ट्यूब होती है, जिसके एक सिरे पर कैमरा लगा होता है।

हिस्टेरोस्कोपी करने के लिए आपके डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से और गर्भाशय में इस ट्यूब को डालेंगे।

इसके बाद कैमरे की मदद से डॉक्टर प्रजनन प्रणाली (reproductive system) की संरचना को देखने की कोशिश करेंगे।

इसके साथ ही एक टिश्यू का सैम्पल लेकर किसी भी तरह के असामान्यताओं के लक्षण की जांच कर सकते हैं।

  • लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy)

इस न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी में आपकी नाभि के नीचे एक छोटा चीरा लगाया जाता है।

इसके बाद आपके फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और गर्भाशय की जांच करने के लिए एक पतली देखने वाली डिवाइस इस्तेमाल की जाती है।

लेप्रोस्कोपी से एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis), स्कारिंग (scaring), ब्लॉकेज (blockage) या फैलोपियन ट्यूब की अनियमितता (irregularities) का पता लगाया जा सकता है।

इसके साथ-साथ अंडाशय (ovaries) और गर्भाशय (uterus) की समस्याओं की पहचान भी हो सकती है।

 

महिलाओं में बांझपन का इलाज

Treatment for infertility in women in hindi

Mahilaon mei infertility ke liye ilaj

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बांझपन का कारण, इनफर्टाइल होने की अवधि, महिला की उम्र और आपके साथी की उम्र और आपके व्यक्तिगत वरीयताओं के आधार पर इनफर्टिलिटी उपचार की आपको पेशकश की जा सकती है।

ऐसे में जानते हैं कुछ प्रमुख इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में।

महिलाओं में इंफर्टिलिटी के इलाज इस प्रकार हैं : -

  • फर्टिलिटी ड्रग्स (Fertility drugs)

ये ड्रग्स अंडे के परिपक्व होने और रिलीज़ करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को उत्तेजित करने का काम करते हैं और जिन महिलाओं को ओवेरियन डिसऑर्डर हैं उनकी मदद भी कर सकते हैं।

फर्टिलिटी ड्रग्स में क्लोमीफीन साइट्रेट(Clomiphene citrate) या क्लोमिड (clomid), गोनैडोट्रॉपिंस इंजेक्शन (Gonadotropins injection), मेटफोर्मिन(Metformin) इ. शामिल है।

हालांकि, प्रजनन दवाओं का उपयोग से साइड-इफेक्ट होते हैं, जैसे ओवेरियन हाइपरस्टीमुलेशन (ovarian hyperstimulation) या ओवेरियन ट्यूमर (ovarian tumour)।

  • सर्जिकल प्रक्रियाएं (Surgical procedures)

ये सर्जरी गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में असामान्यताओं या ब्लॉकेज को ठीक करती है।

हालाँकि, अन्य बांझपन उपचार (infertility treatments) की उच्च सफलता दर की वजह से सर्जिकल प्रक्रियाओं का उपयोग अब शायद ही कभी किया जाता है।

  • आईयूआई (IUI)

फर्टिलिटी डॉक्टर भी इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (IUI) यानि कि आईयूआई की सलाह दे सकते हैं।

इस उपचार में, ओव्यूलेशन के समय महिला के गर्भाशय में लाखों स्वस्थ शुक्राणु इंजेक्ट किए जाते हैं।

  • आईवीएफ (IVF)

सबसे प्रभावी सहायक प्रजनन उपचार इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन (IVF) है।

इस प्रक्रिया में एक परिपक्व अंडे को मां से लिया जाता है और एक प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है।

फिर निषेचित अंडे को वापस गर्भाशय में रखा जाता है।

इस विधि को कई सप्ताह लगते हैं और सफल आरोपण(Implantation) सुनिश्चित करने के लिए दैनिक हार्मोन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है।

डॉक्टर से निम्न स्थितियों में मिलें :

  • आप 35 वर्ष से कम उम्र की हैं और गर्भवती होने के लिए एक साल से अधिक समय से असुरक्षित सेक्स कर रही हैं।
  • आपकी उम्र 40 से अधिक है और गर्भवती होने के लिए लगातार छह महीने से सेक्स कर रही हैं।
  • आपके दो या अधिक लगातार गर्भपात हुए हैं।
  • आपको एंडोमेट्रियोसिस या ब्लॉक या स्कार्ड फैलोपियन ट्यूब के लिए माइक्रोसेर्जरी (microsurgery) या उपचार (treatment) की आवश्यकता है।
  • आप और आपका साथी गर्भाधान करने के लिए इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ), गैमेट इंट्राफॉलोपियन ट्रांसफर (जीआईएफटी), या अन्य प्रजनन विधियों पर विचार कर रहे हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महिलाओं के लिए प्रजनन विशेषज्ञ आमतौर पर प्रजनन संबंधी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (reproductive endocrinologists) होते हैं जो प्रजनन को प्रभावित करने वाले हार्मोनल विकारों के विशेषज्ञ होते हैं।

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डॉक्टर से कब मिलें

When to see a doctor in hindi

Doctor se kab mile

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डॉक्टर से निम्न स्थितियों में मिलें :

  • आप 35 वर्ष से कम उम्र की हैं और गर्भवती होने के लिए एक साल से अधिक समय से असुरक्षित सेक्स कर रही हैं।
  • आपकी उम्र 40 से अधिक है और गर्भवती होने के लिए लगातार छह महीने से सेक्स कर रही हैं।
  • आपके दो या अधिक लगातार गर्भपात हुए हैं।
  • आपको एंडोमेट्रियोसिस या ब्लॉक या स्कार्ड फैलोपियन ट्यूब के लिए माइक्रोसेर्जरी (microsurgery) या उपचार (treatment) की आवश्यकता है।
  • आप और आपका साथी गर्भाधान करने के लिए इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ), गैमेट इंट्राफॉलोपियन ट्रांसफर (जीआईएफटी), या अन्य प्रजनन विधियों पर विचार कर रहे हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महिलाओं के लिए प्रजनन विशेषज्ञ आमतौर पर प्रजनन संबंधी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (reproductive endocrinologists) होते हैं जो प्रजनन को प्रभावित करने वाले हार्मोनल विकारों के विशेषज्ञ होते हैं।

 

निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

गर्भवती होने की अक्षमता से निपटना बहुत मुश्किल होता है और ये जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर सकता है।

महिला बांझपन के कई कारण हो सकते हैं। फ़ीमेल इंफर्टिलिटी के कुछ कारणों का निदान हो सकता है वहीं कई इनके कारणों का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

आज के दौर में कई उपचारों की मदद से इस समय का समाधान किया जा सकता है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 15 Dec 2020

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