क्लोमिड टैबलेट - डोज़, उपयोग, फ़ायदे और दुष्प्रभाव

Clomid tablet - dose, use, benefits and side-effects in hindi

Clomid tablet ke dose, upyog, fayde aur side-effects in hindi


Introduction

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इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जिससे हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित है। आज के समय में भी इनफर्टिलिटी के लिए सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले तरीके में प्रजनन दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं महिला के शरीर में कुछ महत्वपूर्ण हार्मोन को उत्तेजित करके गर्भधारण में मदद करती हैं। इन दवाओं से ओव्यूलेशन को ट्रिगर करने में भी मदद मिलती है।

कभी-कभी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (in-vitro-fertilization) या अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान उपचार (intrauterine insemination treatments) जैसे अन्य एआरटी तरीकों के साथ भी फ़र्टिलिटी दवाओं का सेवन किया जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में फर्टिलिटी दवाओं का असर अधिक होता है।

कुछ विशिष्ट प्रजनन दवाएं होती हैं जो आमतौर पर विशेषज्ञों द्वारा इनफर्टिलिटी के इलाज़ के लिए दी जाती है और उनमें से एक हैं - क्लोमिड। इस लेख में क्लोमिड के उपयोग क्या हैं, क्लोमिड की खुराक क्या होनी चाहिए, क्लोमिड दवा को लेते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, क्लोमिड की सफलता और इससे संबंधित सवाल-जवाबों के बारे में चर्चा करेंगे।

इस लेख़ में

 

क्लोमिड क्या है?

What is Clomid in hindi

Clomid kya hai in hindi

क्लोमिड को क्लोमिफीन (clomiphene) के रूप में भी जाना जाता है।

इसमें क्लोमिफीन साइट्रेट (clomiphene citrate) नामक घटक होता है जो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में उपयोग होने वाली दवाओं के एक समूह से संबंधित है।

क्लोमिड दवा का उपयोग इनफर्टिलिटी के इलाज़ के लिए किया जाता है और ये उन महिलाओं को दी जाती है जिनमें ओव्ल्यूशन नहीं हो रहा होता है।

इसमें ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम - पीसीओएस (polycystic ovary syndrome - PCOS) की समस्या होती है और इसे इनफर्टिलिटी का एक आम कारण माना जाता है।

 

क्लोमिड की खुराक क्या होनी चाहिए?

What should be the dose of clomid in hindi

Clomid ki khurak kya honi chahiye in hindi

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए क्लोमिड टैबलेट को शुरुआत में एक दिन में एक बार दिया जाता है और एक महीने में 5 दिनों के लिए 50 मिलीग्राम की एक 1 टैबलेट दी जाती है।

इसकी खुराक केवल उन महिलाओं को ज्यादा दी जाती है जिनमें 50 मिलीग्राम टैबलेट 5 दिनों तक लेने के बाद भी असर नहीं होता है।

जिन महिलाओं में पिट्यूटरी गोनाडोट्रोपिन (pituitary gonadotropin) के प्रति असामान्य संवेदनशीलता होती है ऐसी महिलाओं को ये दवाई देने से पहले कई प्रकार की जांच से गुजरना पड़ता है।

यह दवाई विशेष रूप से पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं को दी जाती है।

 

क्लोमिड की संरचना में कौन से घटक शामिल हैं?

Clomid is made up of which components in hindi

Clomid kisse bana hai in hindi

क्लोमिड की संरचना में शामिल दो तरह के दर्द निवारक ड्रग्स निम्न हैं :

क्लोमिड में दो जियोमेट्रिक आइसोमर्स (geometric isomers) होते हैं।

इसमें सिस जूक्लोमीफेने (cis - zuclomiphene) और ट्रांस -एन्क्लोमीफीन (trans -enclomiphene) का मिश्रण होता है, जिसमें 30% और 50% सिस आइसोमर्स का मिश्रण होता है।

 

क्लोमिड टैबलेट की सलाह कब दी जा सकती है ?

What are the situations in which clomid can be suggested in hindi

Clomid tablet ka sevan kab kiya ja sakta hai in hindi

क्लोमिड की गोली कुछ स्थितियों में भी लेने की सलाह दी जा सकती है :

  • अनियमित ओव्यूलेशन (Irregular Ovulation)

जब एक महिला का मासिक चक्र अनियमित होता है तो गर्भधारण करना मुश्किल होता है और ऐसे में ओव्ल्यूशन का सही समय जान पाना चुनौतीपूर्ण होता है।

अगर क्लोमिड टैबलेट का प्रभाव शरीर पर हो जाता है तो संभोग या अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI) के समय यही ओव्ल्यूशन के कारकों को उत्तेजित कर देता है जिसके कारण गर्भधारण करने के आसार बढ़ जाते हैं।

  • अस्पष्टीकृत इनफर्टिलिटी (Unexplained Infertility)

क्लोमिड टैबलेट को उन युवा स्वस्थ जोड़ों को लेने की सलाह दी जाती है जिनमें इनफर्टिलिटी के कारण स्पष्ट नहीं होते हैं।

यह टैबलेट गर्भावस्था की दर को बढ़ाने में भी फ़ायदेमंद होती है।

इस टैबलेट को उन महिलाओं को भी लेने की सलाह दी जाती है जिनमें इनफर्टिलिटी का कारण ज्ञात होने पर भी इलाज संभव नहीं हो पाता है।

  • पुरुष कारक इनफर्टिलिटी की समस्या (Male factor infertility problems)

कभी-कभी समस्या महिला में ना होकर पुरुष के वीर्य की गुणवत्ता में होती है।

ऐसे मामलों में चिकित्सक संबंधित जोड़े को गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने किए लिए अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (intrauterine insemination - IUI) का तरीका अपनाने की सलाह देते हैं।

ऐसे मामलों में क्लोमिफीन साइट्रेट का उपयोग महिला के चक्र के साथ गर्भाधान के समय को बेहतर बनाने में मदद करता है।

क्लोमिड टैबलेट से पुरुष के शुक्राणु मोटिलिटी (motility) में सुधार आ सकता है।

 

क्लोमिड की गोली कैसे करती है काम?

How Clomid tablet works in hindi

Clomid tablet kaise karti hai kaam in hindi

क्लोमिड एक ऐसी दवा है जो मुंह के जरिए पानी द्वारा ली जाती हैं।

इस दवा का उपयोग ओव्ल्यूशन को उत्तेजित करने के लिए किया जाता है।

यह हाइपोथैलेमस (hypothalamus) में हार्मोन एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स (hormone estrogen receptors) को अवरुद्ध करने का काम करती है।

हाइपोथैलेमस शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है जिसको हार्मोन नियंत्रण करने का केंद्र माना जाता है।

जब ओव्ल्यूशन होता है, तो हाइपोथैलेमस फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन -एफएसएच (follicle stimulating hormone -FSH) और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन - एलएच (luteinizing hormone - LH) को उत्तेजित करता है।

ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और फॉलिकल ओवरी को उत्तेजक करने वाले हार्मोन होते हैं।

 

क्लोमिड के दुष्प्रभाव से कैसे बचें ?

How to avoid the side-effects of Clomid in hindi

Clomid ke dushprabhav se kaise bache in hindi


क्लोमिड टैबलेट लेने पहले कुछ सामान्य निम्न बातों का रखें ध्यान :

  • क्लोमिड टैबलेट को डॉक्टर के परामर्श के बिना नहीं लेना चाहिए।
  • ध्यान रखें कि मरीज़ को क्लोमिड टैबलेट से एलर्जी न हो।
  • रोगी को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्लोमिड या इसके घटकों से उसे कोई एलर्जी ना हो।
  • क्लोमिड के सेवन के दौरान शराब का सेवन ना करें।
  • पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो क्लोमिड लेने से पहले डॉक्टर को बताएं।
  • दवा के सेवन के बाद रोगी को अपने शरीर में होने वाले प्रतिकूल परिवर्तनों की सूचना डॉक्टर को तुरंत देनी चाहिए।
  • लिवर और किडनी के रोगियों को यह दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • फर्टिलिटी के डॉक्टर के लिए यह जांचना बहुत महत्वपूर्ण होता है कि महिला के शरीर पर किस तरह से क्लोमिड टैबलेट कोर्स उपचार का प्रभाव हो रहा है।

क्लोमिड टैबलेट लेने पहले कुछ अहम बातों का रखें ध्यान :

  • कार्सिनोजेनेसिस, म्यूटेगेनिटी, और इंफर्टिलिटी की हानि (Carcinogenicity, mutagenicity, and impairment of infertility)

कार्सिनोजेनेसिस किसी महिला में कैंसर के कारण होने या कैंसर की स्थिति होने की अवस्था है।

म्यूटेगेनिटी (mutagenicity) के कारण डीएनए में म्युटेशन (mutation) की एक स्थिति है जो कुछ मामलों में कैंसर का कारण बन सकती है।

इन स्थितियों को रोकने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए।

  • भ्रूण जोखिम (Fetal Risk)

क्लोमिफीन साइट्रेट देने से पहले इसके संपर्क में आने वाले भ्रूण में होने वाली विकृतियों के संभावित ख़तरों और जटिलताओं के बारे में महिला को अवगत करवाना चाहिए।

  • क्लीनिकल कंर्सन (Clinical Concerns)

क्लोमिफीन साइट्रेट से जुड़े कुछ क्लिनिकल कंर्सन होते हैं जैसे - क्लोमिड थेरेपी के छह से अधिक कोर्स लेना हानिकारक साबित हो सकता है।

इतनी अधिक संख्या में क्लोमिफीन साइट्रेट चिकित्सा लेने से प्रजनन स्तर पर कुछ दीर्घकालिक प्रभाव पड़ते हैं।

  • स्तनपान (Breastfeeding)

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कभी-कभी क्लोमिफीन साइट्रेट लेने की सलाह दी जाती है।

इसका सेवन करने से पहले महिलाओं को अपने फर्टिलिटी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि क्लोमिड का सेवन स्तन के दूध की आपूर्ति को कम करता है।

  • ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)

क्लोमिड जैसी प्रजनन दवाओं का उपयोग अक्सर फर्टिलिटी विकारों के इलाज में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है लेकिन इसके उपयोग से पहले ओवेरियन कैंसर के जोखिम के बारे में जानना आवश्यक है।

 

क्लोमिड के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

What are the side-effects of clomid in hindi

Clomid ke side-effects kya hai in hindi

जैसे हर दवा के फ़ायदे और नुकसान होते हैं, वैसे ही क्लोमिड के भी कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं।

जैसे- हल्की सीने में जलन, त्वचा पर खुजली, मतली होना, पेट दर्द और थकान।

कम नज़र आने वाले क्लोमिड के दुष्प्रभाव निम्न हैं :

  • मतली और उल्टी
  • त्वचा पर खुजली
  • पेट की परेशानी
  • सूजन
  • तेज पेट दर्द
  • सिरदर्द
  • स्तनों में कोमलता
  • चक्कर आना

कुछ स्थितियों में क्लोमिड के दुष्प्रभाव निम्न हैं :

  • गर्भावस्था (Pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान क्लोमिड गोली को लेने की सलाह नहीं दी जाती।

इसके कारण शिशु या गर्भ में पल रहे भ्रूण में कुछ जन्मजात असामान्यताएं हो सकती हैं।

क्लोमिफीन दवा लेने से पहले महिला को प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए।

  • जिगर की बीमारी (Liver disease)

क्लोमिड दवा (क्लोमीफेन साइट्रेट) को उन महिलाओं को लेने की सलाह नहीं दी जाती है जिनमें लिवर की बीमारी या जिनकी फैमिली में लिवर डिसफंक्शन (liver dysfunction) की हिस्ट्री होती है।

  • क्रोनिक एलकोहलिज़्म (Chronic alcoholism)

यदि रोगी एल्कोहल का सेवन करता है तो उसे लिवर की समस्या हो सकती है, ऐसे रोगियों के लिए क्लोमिड खतरनाक है।

  • असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (Abnormal uterine bleeding)

उन महिलाओं को क्लोमिड लेने के निर्देश नहीं होते हैं जिन्हे हार्मोन निर्भर ट्यूमर (hormone-dependent tumors) होता है।

ऐसी महिलाओं में जिनमें असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव हो रहा होता है और उन्हें असामान्य रक्तस्राव के कारणों का पता नहीं होता है तो उन्हें क्लोमिफीन साइट्रेट नहीं दी जाती है।

  • ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cysts)

जिन महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी (polycystic ovary) की स्थिति होती हैं उन्हें ये दवाई लेने के निर्देश नहीं दिए जाते हैं।

अन्य स्थितियों जैसे ओवेरियन अल्सर की स्थिति वाली महिलाओं को क्लोमिड दवा दे सकते हैं लेकिन क्लोमिड दवा देने से पहले महिलाओं को कुछ परीक्षण से गुजरना पड़ता है।

  • स्कॉटोमस और धुंधली दृष्टि (scotomas and blurred vision)

क्लोमिड उन महिलाओं को भी नहीं दिया जाता जिन मामलों में स्कॉटोमस और धुंधली दृष्टि की समस्या होती है।

कुछ शोधों के अनुसार क्लोमिफीन दवा से स्तनपान कम हो सकता है।

आज के परिदृश्य में बांझपन के उपचार से गुजरने वाले जोड़ों के लिए प्रजनन दवाएं सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक हैं। क्लोमिड महिलाओं को प्रमुख रूप से पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम की समस्या से निजात पाने के लिए दी जाती है। क्लोमिड का एक अन्य लाभ यह है कि ये दवा एक स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित की जा सकती है। यह लेख क्लोमिड दवा के उपयोग से संबंधित संभावित संकेत, सावधानियाँ और मतभेद प्रस्तुत करता है। अन्य प्रजनन दवाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, Zealthy.in पर जाएं या +916366363030 पर सर्वोत्तम इंफर्टिलिटी विशेषज्ञों से परामर्श करें।

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अक्सर पूछे गए प्रश्न

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क्लोमिड लेने के बाद एक से ज्यादा बच्चे होने के कितने आसार होते हैं?

क्लोमिड थेरेपी लेने के बाद गर्भधारण करने वाली महिलाओं में एक साथ एक से ज्यादा बच्चे के जन्म होने का ख़तरा बढ़ जाता है। जो महिलाएं फर्टिलिटी दवाएं नहीं लेती हैं उनमें जुड़वा बच्चे होने की लगभग 1.2 प्रतिशत संभावना होती है।

क्या क्लोमिड किसी प्रकार के जन्म दोष का कारण बनता है?

अभी तक क्लोमिड को बच्चे में किसी भी प्रकार के जन्म दोष के विकास का कारण नहीं बताया गया है।

जुड़वा बच्चों करने के लिए क्लोमिड का सेवन कितने दिनों तक किया जाना चाहिए?

ओव्ल्यूशन क्लोमिड दवा की आखिरी खुराक लेने के 5 से 10 दिन बाद होता है। इसलिए यदि कोई महिला अपने चक्र के 3 से 7 दिनों में क्लोमिड लेती है, तो चक्र के 10 और 16 दिन के बीच ओव्ल्यूलेशन होने की संभावना होती है। यदि महिलाएं 5 से 9 वे दिन पर क्लोमिड ले रही है, तो चक्र 12 और 17 दिन के बीच ओव्ल्यूशन होने की संभावना होती है।

आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 13 Feb 2020

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