स्किन ब्राइटनिंग
Skin brightening in hindi
Introduction

जो त्वचा साफ़, निखरी, गोरी और दाग रहित दिखे, उसे स्किन ब्राइटनिंग कहते हैं।
ब्राइट स्किन हर किसी को आकर्षित करती है क्योंकि ऐसी स्किन पर न एक्ने होता है, न पिंपल्स की समस्या होती है बल्कि ये साफ़-सुथरी और गोरी दिखती है।
हालांकि कुछ कारणों से कई लोगों की गोरी त्वचा प्रभावित हो जाती है और चेहरे का रंग डार्क हो जाता है, जिसे ह्यपरपिगमेंटशन (Hypepigmentation) भी कहते हैं।
हाइपरपिग्मेंटेशन एक व्यापक शब्द है, जिसमें एक्ने (Acne) होने के कारण स्किन का रंग प्रभावित होता है या फिर सनस्पॉट (sunspot) के कारण झाइयों का होना या सोरायसिस और एक्ज़िमा (Psoriasis and Eczema) जैसी स्थितियों के कारण त्वचा का काला पड़ना सभी हाइपरपिग्मेंटेशन के तहत आते हैं।
हाइपरपिग्मेंटेशन के परिणामस्वरूप चेहरे या स्किन पर डार्क पैच या स्पॉट हो जाता है। प्रभावित क्षेत्र बाकी त्वचा की तुलना में गहरा दिखाई देता है।
ऐसे में लोग खोयी हुई चमक और गोरी त्वचा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
इस लेख़ में
किन कारणों से स्किन की रंगत बदल जाती है
Causes of skin darkening in hindi
Kin karan se skin mein kalapan aane llagta hai in hindi

गोरी त्वचा हर किसी को आकर्षित करती है लेकिन कई कारणों से गोरी त्वचा प्रभावित हो जाती है या यूं कहें कि उनकी त्वचा का रंग हल्का या काला पड़ने लगता है।
ऐसे में हम आपको बताते हैं आखिर किन कारणों से स्किन के रंग पर असर पड़ता है और त्वचा काली हो जाती है।
आईये जानते हैं किन कारणों से महिलाओं की गोरी त्वचा काली पड़ने लगती है:
सन एक्सपोज़र (Sun exposure)
चेहरे का रंग गहरा होने का सबसे प्रमुख कारण है सन डैमेज (Sun damage)। हर किसी की त्वचा सूर्य और यू-वी किरणों के अन्य रूपों से प्रभावित हो सकती हैं।
जब आपकी त्वचा सूरज की किरणों से क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो यह आपकी त्वचा को और भी अधिक क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए और भी अधिक मेलेनिन (Melanin) बनाती है।
इसके कारण त्वचा का रंग बदल जाता है।
हार्मोन्स (Hormones)
हार्मोनल प्रभाव एक विशेष प्रकार के हाइपरपिग्मेंटेशन का मुख्य कारण है जिसे मेलास्मा (Melasma) या क्लोस्मा (Chloasma) कहा जाता है।
यह विशेष रूप से महिलाओं के बीच आम है और ऐसा तब होता है जब महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesteron, मेलेनिन के अतिप्रवाह (overflow) को उत्तेजित करते हैं, जब त्वचा सूर्य के संपर्क में होती है।
विटामिन की कमी (Lack of Vitamins)
बी-12 जैसे विटामिन त्वचा को एक इवन टोन देने में मदद करते हैं।
अगर शरीर इन विटामिनों की कमी होती है, तो स्किन कलर में बदलाव आ सकता है और स्किन टोन डार्क हो सकती है।
मेडिसिन्स (Medication)
कुछ दवाएं स्किन की पिगमेंटेशन को बढ़ा सकती हैं और काले धब्बों को जन्म दे सकती हैं। ऐसी ही सबसे आम दवाएं हैं, नॉन-स्टेरायडल एंटीइंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Non-steroidal anti-inflammatory drugs - NSAIDs), फ़िनाइटोइन (Phenytoin), एंटीमाइरियल (Antimalarials), एमियोडैरोन(Amiodarone), एंटीसाइकोटिक ड्रग्स (antipsychotic drugs), टेट्रासाइक्लिन (Tetracyclines)।
इन दवाओं के सेवन से स्किन का टोन डार्क हो सकता है।
डायबिटीज़ (Diabetes)
डायबिटीज़ के कारण भी स्किन टोन डार्क हो सकता है।
डायबिटीज़ से जुड़ी स्थितियों में अकन्थोसिस निगरिकन्स (Acanthosis nigricans) कंडीशन, त्वचा को मोटा करने और त्वचा को काला करने का कारण बनती है।
उम्र (Ageing)
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मेलानोसाइट्स (Melanocytes) के रूप में जानी जाने वाली मेलेनिन-सिंथेसाइजिंग सेल्स (Melanins synthesising cells) अधिक धूप के संपर्क में आने से, सूजन, फ्री-रैडिकल्स और हार्मोनल परिवर्तनों का शिकार हो जाती हैं।
इस कारण उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्किन की रंगत बदलने लगती है।
स्किन को डार्क होने से कैसे बचाएं
How to prevent skin darkening in hindi
skin ko kala hone se kaise bachaye in hindi

गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज़ किरणें स्किन का टोन असामान्य कर देती है जिस कारण गोरी त्वचा काली पड़ने लगती है।
हालांकि अगर हम पहले से ही अपने आपको तैयार रखें कुछ उपायों को अपना लें तो आपकी स्किन काली होने से बच सकती है।
स्किन डार्क होने से बचने के कुछ उपाय:
बाहर निकलने से 15-20 मिंट पहले सनस्क्रीन लगा लें।
अधिक-से-अधिक पानी पिए, जिससे स्किन और बॉडी हाइड्रेटेड (hydrated) रहे।
कहीं जाने से पहले अपनी स्किन को पूरी तरह से कवर कर लें, बेहतर होगा कि फुल-स्लीव्स के कॉटन कपड़े (full sleaves cotton clothes) पहने।
कहीं बाहर से आने के बाद तुरंत फेस वॉश करें।
अपने खाने में फोलिक एसिड (Folic acid) युक्त आहार को शामिल करें।
त्वचा को लाइट और ब्राइट बनाने के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट
Surgical treatment for skin lightening in hindi
Twacha ko gora aur light banane ke liye surgical treatment in hindi

स्किन व्हाइटनिंग और ब्राइटनिंग सर्जरी हमारी स्किन में मेलेनिन के प्रोडक्शन को कम करने में मदद करती है।
स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी में कैमिकल पीलिंग (डर्माब्रेशन और माक्रोडर्माब्रेशन) लेजर, क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) कई तरीके उपयोग किए जाते है।
नीचे बताये जा रहे सभी थेरेपी में स्किन व्हाइटनिंग के लिए सबसे ज़्यादा कैमिकल पीलिंग का इस्तेमाल किया जाता है।
स्किन को लाइट और ब्राइट बनाने वाली सारी सर्जरी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं:
त्वचा की सर्जरी करने वाली इन सारी सर्जरी के बारे में नीचे बताया गया है:
माक्रोडर्माब्रेशन (Microdermabrasion)
माइक्रोडर्माब्रेशन एक बहुत ही अच्छा और पेनलेस प्रोसीजर (painless procedure) है।
जिसमें किसी डिवाइस का उपयोग करके आपकी त्वचा की सबसे ऊपरी परत को हटा दिया जाता है। हालांकि इसके अच्छे परिणाम पाने के लिए आपको कई सेशंस (sessions) की आवश्यकता होगी।
इस प्रोसीजर में एस्टेथियन (aesthetician) आपकी त्वचा से डेड स्किन सेल्स की परतों को धीरे-धीरे हटाने के लिए एक एक्सफ़ोलीएटिंग टिप (exfoliating tip) के साथ एक डिवाइस का उपयोग करता है।
माइक्रोडर्माब्रेशन त्वचा की सतह को चिकना करता है, और डेड स्किन सेल्स हटाने में मदद करता है जिसके बाद स्किन पर चमक आ जाती है।
ये कोलेजन प्रोड्कशन (Collagen prodcution) और सेल रेजेनेरशन (Cell regenration) को उत्तेजित करता है, जिससे स्किन टोन में निखार आता है।
डर्माब्रेशन (Dermabrasion)
यह तकनीक माक्रोडर्माब्रेशन से ही मिलता-जुलता है।
डर्माब्रेशन त्वचा की डैमेज बाहरी परतों को हटा देता है और त्वचा की नई परतों को उजागर करता है जिससे त्वचा जवां और साफ़ दिखने लगती है।
इस ट्रीटमेंट के दौरान एक वायर ब्रश, डायमंड व्हील और एक सैंडपेपर की मदद से एपिडर्मिस (Epidermis) के गहरे परतों को निकाला जाता है, ऐसे में ब्लीडिंग होने की संभावना हो सकती है।
लेजर स्किन रिसर्फेसिंग (Laser skin resurfacing)
इस ट्रिटमेंट के माध्यम से आपकी स्किन के ऊपर की परत को हटाया जाता है।
लेजर बीम के ज़रिये डैमेज स्किन सेल्स को खत्म किया जाता है। लेजर थेरेपी की मदद से एक्ने युक्त स्किन को क्लियर किया जा सकता है।
क्रायोसर्जरी (Cryosurgery)
त्वचा की सर्जरी के लिए क्रायोसर्जरी अंतिम उपाय है। क्रायो से तात्पर्य है कि ठंड या बेहद ठंडा होना।
इस प्रोसीजर को तब किया जाता है, जब सारे टेक्निक फेल हो जाते हैं।
इस ट्रीटमेंट में लिक्विड नाइट्रोजन (Nitrogen) का इस्तेमाल किया जाता है।
ये ट्रीटमेंट हर तरह की स्किन टोन के लिए उपयुक्त होता है।
लिक्विड नाइट्रोजन ठंडा होने के कारण त्वचा में मेलेनिन (Melanin) को साफ़ करने में मदद करता है।
जिससे स्किन कुछ ही दिनों में स्किन क्लियर दिखने लगता है और आपकी स्किन लाइट और ब्राइट हो जाती है।
सुंदर त्वचा आपकी पहचान होती है। त्वचा हमेशा स्वस्थ और सुंदर बनी रहे इसके लिए जरूरी है स्किन की सही तरीके से देखभाल करना।
ऐसे में आप अपनी स्किन केयर रुटीन में क्लींजिंग, टोनिंग और मॉयस्चरराइजिंग को शामिल करें और साथ ही अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
सारांश
सुंदर दिखने के लिए सबसे पहली जरूरत है चमकदार त्वचा लेकिन कई कारणों गोरी त्वचा प्रभावित हो जाती है।
ऐसे में कारणों को समझकर हमे अपनी स्किन का बचाव करना चाहिए।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 28 May 2019
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