स्वयं स्तन जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन
Breast self examination in hindi
Stan ki savayam janch ya breast self exam in hindi
Introduction

महिलाओं में स्तनों का विकास सामान्य होने पर कोई समस्या नहीं होती लेकिन जब स्तनों का विकास असामान्य हो या स्तन में दर्द, स्तन लाल होना, ब्रेस्ट में तकलीफ़ या कुछ अन्य समस्या के होने पर ये किसी बीमारी का संकेत हो सकता हैं।
अगर सही समय पर होने वाले परिवर्तन और इसका कारण ज्ञात हो जाए तो समय पर उपचार करके जीवन बचाया जा सकता हैं।
अगर सही समय पर ब्रेस्ट कैंसर का पता लग जाता है तो 97 प्रतिशत मामलों में इसका इलाज हो जाता है।
अगर नहीं पता लगता है तो इलाज की संभावना 30 प्रतिशत ही शेष रह जाती है।
नियमित रूप से स्व स्तन जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन (Breast Self-Examination - BSE) करने से स्तन कैंसर के साथ-साथ स्तन की अन्य समस्यायों का भी पता लगाया जा सकता हैं।
इस लेख़ में
स्तन स्व-जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एक्ज़ाम क्या है
What is breast self-examination in hindi
Stano ki jaanch ke bare mein janiye hindi me
स्तन स्व जांच एक उपयोगी और महत्वपूर्ण जांच है जिसके द्वारा एक महिला अपने स्तन में होने वाले परिवर्तनों और असामान्यताओं के बारें में जान सकती हैं।
स्व ब्रेस्ट जांच एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे एक महिला अपने दोनों हाथों और आंखों की रोशनी का उपयोग करके अपने स्तनों और अंडरआर्म (underarms) के भागों की जांच करके स्तन समस्यायों का पता लगाती हैं।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन प्रक्रिया को कई तरीकों से किया जा सकता हैं जैसे आईने के सामने खड़े होकर, फ्लोर पर लेटकर, कुर्सी पर बैठकर, हिप्स और ब्रेस्ट मसल्स को फ्लेक्स (Flexing hips and breast muscles) करके, नहाते समय।
स्तन में होने वाले परिवर्तनों को जानने के लिए समय-समय पर स्वयं जांच करनी चाहिए।
- वैसे तो आप कभी भी स्वयं ब्रेस्ट जांच कर सकते हैं लेकिन उत्तम परिणामों के लिए पीरियड्स (Periods) शुरू होने के बाद 7 -10 दिन के बीच स्तनों में होने वाले परिवर्तन की जांच करें।
- अगर आप मासिक धर्म या पीरियड्स (Periods) के समय या उसके शुरू होने से एक हफ्ता पहले स्व स्तन जांच करते समय कुछ असामान्य महसूस करते है तो ये परिवर्तन हार्मोन में उतार-चढ़ाव की वजह से हो सकता हैं।
- इसी तरह स्तन में किसी तरह की गांठ (lump) का होना जरूरी नहीं है कि वो स्तन कैंसर ही हो।
- यदि आप गर्भवती हैं तो आप स्तन स्व जांच करने के लिए हर महीने की एक डेट (Date) चुन लें। हर महीने की उसी डेट को स्तन स्व जांच करें।
स्तनों की जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एक्ज़ाम की प्रक्रिया में निम्न परिवर्तनों की जांच करें
Check following symptoms while performing breast self test in hindi
Stano ki jaanch ke samay niche diye lakshon ko janiye in hindi

- स्तन गांठ
स्तन में गांठ होना सामान्य है और इस प्रकार की गांठ नॉन कैंसर, संक्रमण या सिस्ट के कारण भी हो सकती है। स्तन स्व जांच के दौरान स्तन गांठ में परिवर्तन जैसे गांठ का आकार बड़ा या छोटा होना, गांठ का सख्त होना आदि किसी भी परिवर्तन की जांच करें। - निप्पल की जांच
स्तन स्व एक्ज़ाम के दौरान निप्पल में किसी तरह की समस्या जैसे सूजन या निप्पल की गोलाई या निप्पल्स का लाल होना या निपल्स में डिंपल पड़ना या सिकोड़ आना आदि परिवर्तन की जांच करें। इस दौरान अगर किसी प्रकार का डिस्चार्ज या गांठ दिखाई दें तो उसे भी नोट करें। - स्तन का आकार
स्तन स्व जांच के दौरान अगर आपको शक होने लगता है कि दोनों स्तन के आकार एक जैसे नहीं लग रहे है तो इसे गंभीरतापूर्वक ना लें। किसी भी महिला के दोनों स्तन बिल्कुल एक बराबर नहीं होते हैं। इनके आकार में फर्क होता ही है। स्तन के आकार का स्तन के गांठ या फिर स्तन कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है। - अन्य जांच
स्तन स्व जांच के दौरान स्तन में दर्द होना, स्तन का लाल होना, ब्रेस्ट में तकलीफ़ या कुछ अन्य समस्या आदि की जांच करें।
ब्रेस्ट स्व-परीक्षा का क्या उद्देश्य होता हैं
What is the purpose of breast self-examination in hindi
Savayam stano ki jaanch ka uddeshya jaane in hindi

एक रिसर्च (Research) के अनुसार, 90% से अधिक स्तन कैंसर के मामलों में महिलाओं ने स्व स्तन जांच से ब्रेस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षणों का पता लगाया हालाँकि बाद में स्तन कैंसर (Breast cancer) होने की पुष्टि मैमोग्राफी (Mammography) तकनीक से की गई।
आइये हम आपको बताते है कि ब्रेस्ट सेल्फ टेस्ट का क्या उद्देश्य होता हैं:
- ब्रेस्ट में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच करना हैं ताकि स्तन समस्या या स्तन कैंसर के खतरें से बचा जा सके।
- सामान्य स्तन के आकार और उसमे हुए बदलाव के बारें में पता लगाना हैं ताकि किसी भी असमान्य बदलाव के बारे में डॉक्टर से सलाह कर समय पर इलाज किया जा सकें।
- महिलाओं को अल्सर या अन्य स्तन समस्यायों से अवगत करवाना हैं।
- ब्रेस्ट स्व जांच उन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो मैमोग्राफी और अन्य स्तन परीक्षाओं को करवा पाने में समर्थ नहीं है या उनके क्षेत्र में इन सुविधाओं का अभाव हैं।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम करने के क्या लाभ है
What are the benefits of breast self-examination in hindi
Breast self exam karne ke kya labh hai in hindi

- स्तन कैंसर का खतरा
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन से स्तन में कैंसर का खतरा कम होता हैं।
एक शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने यह पाया कि 71% महिलाओं में स्तन कैंसर का पता स्तन जांच से चला, 24% महिलाओं में स्तन कैंसर का पता मेम्मोग्राफी से चला और 3% महिलाओं में स्तन कैंसर का पता डॉक्टर द्वारा किये गए शारीरिक स्तन परीक्षण के कारण चला। - स्तनों के स्वास्थ्य की जानकारी
स्तन कैंसर का पता लगाने का सबसे प्रभावी तरीका मैमोग्राफी या 3-डी मैमोग्राफी माना जाता है जो डॉक्टर या रेडियोलाजिस्ट (Radiologist) द्वारा किया जाता हैं।
लेकिन आप इस बात से इंकार नहीं कर सकते है कि अपने शरीर के बारें में आपसे बेहतर कोई नहीं जानता।
महिलाओं को उनके स्तनों के स्वास्थ्य की जानकारी देने में स्तन जांच प्रक्रिया बहुत की उपयोगी साबित होती हैं। - अन्य लाभ
स्तन जांच से आप यह जान जाते है कि वास्तव में आपके स्तन सामान्य रूप से कैसे दिखते और महसूस होते हैं।
यह प्रक्रिया महिलाओं में जागरूकता लाने का एक जरिया है जिससे समय पर स्तनों में होने वाले परिवर्तनों को जानकार किसी भी खतरे के होने पर समय पर इलाज किया जा सकता हैं।
उन महिलाओं के लिए जो मेम्मोग्राफी और अन्य महंगे टेस्ट करवाने में असमर्थ हैं, ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन को स्तनों में परिवर्तन की जाँच के लिए एक उपयोगी और प्रभावी उपकरण माना जाता है।
सारांश
Summaryin hindi
भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर बहुत आम है। ऐसे में महिलाएं अपनी देखभाल करके और समय-समय पर स्वयं स्तन जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करके ही इस कैंसर से बची रह सकती हैं।
स्तन स्वयं जांच करने से स्तन में होने वाले परिवर्तनों को जाना जा सकता हैं।
स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाएं समय-समय पर घर पर ही खुद की जांच करें और किसी भी असामन्य परिवर्तन के दिखाई देने पर बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
ध्यान रहें, सतर्कता ही बीमारी का सही इलाज है।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 08 May 2020
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