स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस)

Breast infection (Mastitis) in hindi

Stan sankraman in hindi


Introduction

ब्रेस्ट_इन्फेक्शन_क्या_है_-_Breast_infection_kya_hai_

स्तन संक्रमण, जिसे मैस्टाइटिस (mastitis in hindi) भी कहा जाता है, स्तन के ऊतक (breast tissues) के भीतर होने वाला संक्रमण है। स्तनपान (breastfeeding) कराने वाली महिलाओं में स्तन संक्रमण होना आम है। क्योंकि बच्चे के मुँह से मौजूद बैक्टीरिया स्तन में प्रवेश करता है और स्तन को संक्रमित करता है। इसे लैक्टेशन मैस्टाइटिस (lactation mastitis) के नाम से भी जाना जाता है। मैस्टाइटिस उन महिलाओं को भी होता है जो स्तनपान नहीं कराती, पर ऐसा बहुत ही कम केसेस में पाया जाता है।संक्रमण आमतौर पर स्तन के फैटी उत्तकों (fatty tissues) को प्रभावित करता है, जिससे ब्रेस्ट में सूजन (swelling), ब्रेस्ट में गाँठ (lump in breast) और ब्रेस्ट में दर्द (breast pain) होता है।

वैसे ज्यादातर संक्रमण स्तनपान और स्तन में मोजूद मिल्क डक्ट में रूकावट (milk duct blockage) के कारण होते हैं, पर बहुत ही कम केसेस में ये संक्रमण स्तन कैंसर से भी जुड़े होते हैं। मैस्टाइटिस स्तन की सूजन है और स्तनपान करने वाली महिलाओं मे अधिक प्रचलित है। [1] स्वस्थ महिलाओं में, स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) दुर्लभ है। हालांकि, मधुमेह, पुरानी बीमारी, एड्स या कम इम्युनिटी पावर वाली महिलाओ में मैस्टाइटिस या स्तन संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। स्तनपान कराने वाली माताओं में से लगभग 1% -3% महिलाओं में मैस्टाइटिस (mastitis) विकसित होता है। ब्रेस्ट इंगोरजमेन्ट (breast engorgement) और स्तन को अच्छे से खाली न करना इस समस्या को बदतर बना सकता है। स्तनों में दूध भर जाने के कारण स्तनों का आकार बढ़ जाता हैं, इसे इंगोरजमेन्ट (engorgement) कहा जाता हैं।

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इस लेख़ में

 

स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) के लक्षण

Symptoms of breast infection (Mastitis) in hindi

Stan sankraman (Mastitis) ke lakshan in hindi

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स्तन संक्रमण के ब्रेस्ट में दर्द, लालिमा और स्तन का टेम्प्रेचर बढ़ाने के साथ साथ निम्नलिखित लक्षणों के साथ नजर आ सकते है: [2]

1. ब्रेस्ट में सूजन (Swelling in breast)

स्तन में असामान्य रूप से सूजन आ जाती है। एक स्तन दूसरे स्तन से बड़ा हो जाता है।

2. बदन दर्द (Body aches)

स्तन संक्रमण में बहुत बदन दर्द होता है।

3. थकान (Fatigue)

संक्रमण के दौरान काफी थकान महसूस होती है।

4. बुखार (Fever)

संक्रमण के दौरान बुखार के साथ तेज़ ठण्ड लगती है।

बुखार में टेम्परेचर 101 F (38.3 C) या उससे अधिक रहता है। बुखार की दवा लेने और इलाज़ कराने के बाद भी 2 -3 दिनों तक बुखार का कम नहीं होना।

5. गर्म स्तन (Warm breasts)

मैस्टाइटिस (mastitis) में स्तन में कोमलता रहती है और उनका स्पर्श काफी गर्म महसूस होता है।

6. ब्रेस्ट में खुजली (Itching of breast)

स्तन में खुजली शुरू हो जाती है।

7. ब्रेस्ट में गाँठ (Tender breast lump)

स्तन में निविदा गाँठ का होना जो की स्तनपान कराने के बाद भी कम नहीं होती।

8. लिम्फ नोड्स में सूजन (Lymph nodes swelling)

कांख या गर्दन के क्षेत्र में लिम्फ नॉड्स या गाँठ हो जाता है।

9. स्तनपान कराते समय दर्द और जलन (Pain or burning while breastfeeding)

स्तनपान कराते समय काफी दर्द और जलन होता है। जिससे स्तनपान करना मुश्किल हो जाता है।

10. ब्रेस्ट एब्सेस (Breast Abscess)

ब्रेस्ट एब्सेस में ब्रेस्ट पस (Pus) से भर जाता है उसके साथ निप्पल से पस भरा रिसाव होता है। ब्रेस्ट एब्सेस ( Breast Abscess) बहुत दर्दनाक होते है। ब्रेस्ट एब्सेस जो फोड़े जैसे होते है वह ब्रेस्ट के त्वचा के नीचे विकसित होते हैं और जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) के कारण होते हैं।

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स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) के कारण

Causes of breast infection (Mastitis) in hindi

Stano ke sankaraman ke karan in hindi

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स्तनपान कराने वाली महिलाओं में मैस्टाइटिस तब हो सकता है जब दूध नलिकाएं दूध (दूध के ठहराव) का अनुभव करती हैं। स्तन में संक्रमण तब होता है जब स्तन का दूध स्तन से कुशलता से नहीं निकाला जाता है। दूध के ठहराव के लिए निम्न लिखित कारण शामिल होते हैं:

1. स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया (Staphylococcus aureus bacteria)

स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया सबसे अधिक स्तन संक्रमण का कारक माना जाता है। जिसे आमतौर पर स्टैफ संक्रमण (Staph infection) के नाम से जाना जाता है।

2. स्ट्रेप्टोकोकस एग्लैक्टिया बैक्टीरिया (Streptococcus agalactiae bacteria) )

स्ट्रेप्टोकोकस एग्लैक्टिया बैक्टीरिआ दूसरा सबसे बड़ा कारक है स्तन संक्रमण का।

3. मिल्क डक्ट का जाम होना (Clogged milk duct)

अगर आप स्तनपान कराने वाली महिला हैं, तो मिल्क डक्ट यानी की दूध नलिका का जाम होने से भी स्तन संक्रमण होता है। इससे गाँठ, दर्द और सूजन के लक्षण देखने को मिलते हैं।

4. निप्पल क्रैक (Nipple Crack)

क्रैक निप्पल भी स्तन संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। बच्चे के मुँह से बैक्टीरिया क्रैक निप्पल के जरिये अंदर चला जाता है, जिससे संक्रमण होता है।

5. कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता (Weak Immune System)

आमतौर पर स्तन संक्रमण स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ही होता है। लेकिन जिन महिलाओं के शरीर में प्रतिरक्षा क्षमता कम होता है उन्हें भी संक्रमण से जूझना पड़ता है। जैसे डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

6. उत्तेजनात्मक ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory breast carcinoma)

संक्रमण का एक रूप क्रोनिक मैस्टाइटिस और कैंसर भी होता है जो कार्सिनोमा के कारण होता है। स्तन संक्रमण के लक्षण सूजन वाले स्तन कैंसर से भी जुड़े हो सकते हैं, जो एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है। इस प्रकार का कैंसर तब शुरू होता है जब स्तन की नलिकाओं में असामान्य कोशिकाएं विभाजित हो जाती हैं और जल्दी से बढ़ जाती हैं। फिर ये असामान्य कोशिकाएं स्तन की त्वचा में लसीका वाहिकाओं (लसीका प्रणाली का हिस्सा, जो शरीर से वेस्ट और विषाक्त पदार्थों (waste and toxins) को बाहर निकालने में मदद करती हैं) को रोकती हैं, जिससे ब्रेस्ट पे लालिमा, सूजी हुई त्वचा जो गर्म एहसास देती है और स्पर्श के लिए दर्दनाक होती है। उत्तेजनात्मक ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory breast carcinoma) के लक्षणों में शामिल है -

  • एक स्तन का मोटा होना
  • प्रभावित स्तन में असामान्य गर्मी महसूस होना
  • स्तन का रंग बदलना, जिससे यह उभरा हुआ, बैंगनी या लाल रंग का दिखाई देता है
  • स्तन में कोमलता और दर्द
  • ब्रेस्ट की त्वचा पर खुरदरापन आना और गड्डे पड़ना
  • बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास लिम्फ नोड्स (limph nodes) का बढ़ना
और पढ़ें:एरोला और निप्पल से जुड़े तथ्य
 

स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) से जुड़े जोखिम कारक

Risk factors associated with breast infection (Mastitis) in hindi

boobs infection se jude jokhim karak in hindi

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1. स्तनपान के दौरान पहले कभी मैस्टाइटिस हुआ हो। सूजा या क्रैक निप्पल - हालांकि क्रैक निप्पल के बगैर भी मैस्टाइटिस विकसित हो सकता है। (जाने स्तनपान करते समय स्तन संक्रमण से कैसे बचे )

2. स्तनपान (breastfeeding) केवल एक ही पोजीशन में कराना।

3. टाइट फिटिंग ब्रा (tight-fitting bra) पहनना या फिर सीट बेल्ट का उपयोग के दौरान या भारी वजन वाले सामान को ले जाने के दौरान स्तन पर दबाव पड़ना। जिससे की दूध के प्रवाह प्रभावित होता है।

4. स्तनपान कराने का गलत तरीका।

5. थकावट और तनावग्रस्त होना।

6. धूम्रपान करना।

7. अपने पोषण का ख्याल ना रखना।

ब्रेस्ट इन्फेक्शन (Mastitis) की जोखिम को स्तन का पूरा खाली करके और स्तनपान तकनीक का अनुकूलन करके कम किया जा सकता है। [3]

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स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) की पहचान कैसे की जाती है

How to diagnose breast infection (Mastitis) in hindi

Stan infection ki pehchan kaise ki jaati hai in hindi

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अगर आप स्तन में संक्रमण से पीड़ित है तो डॉक्टर आपको निम्लिखित स्तन परीक्षण करने की सलाह दे सकते है -

1. डॉक्टर द्वारा परिक्षण (Doctor’s examination)

अगर आप स्तनपान कराने वाली महिला हैं तो डॉक्टर द्वारा जांच से ही इसका पता लग सकता है। डॉक्टर द्वारा शारीरिक परिक्षण और लक्षणों की जांच से, मैस्टाइटिस के निदान की विधि बता सकते हैं। शारीरिक परीक्षण के द्वारा ही पता चलेगा की स्तन में कोई फोड़ा तो नहीं हुआ।

2. दूध की लैबोरेट्री जांच (Milk test in laboratory)

अगर संक्रमण दुबारा हो रहा है तो आपके दूध को लेबोरेट्री में जांच के लिया भेजा जा सकता है। ताकि स्तन में बैक्टीरिया का पता लगाया जा सके।

4. मैमोग्राम (Mammogram)

अगर आप स्तनपान नहीं करा रही हैं और स्तन संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं तो मैमोग्राम परिक्षण की सलाह दी जाती है। मैमोग्राम एक इमेजिंग परिक्षण (Imaging procedure) है जो स्तन की जांच के लिए कम ऊर्जा वाली एक्स-रे (X-ray) का उपयोग करता है।

4. बायोप्सी जांच (Biopsy test)

स्तन संक्रमण कहीं कैंसर का रूप तो नहीं। इसी की जांच के लिए स्तन की त्वचा के उत्तक (Breast skin tissues) का बायोप्सी जांच किया जाता है।

और पढ़ें:क्यों मैमोग्राम की आवश्यकता 40 पर शुरू होती है
 

स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) का उपचार

Breast infection (Mastitis) treatment in hindi

Stan sankaraman ka upchar in hindi

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1. एंटीबायोटिक दवाइयां (Antibiotic medicine course)

आपका डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाइयॉं का कोर्स दे सकते हैं। ये कोर्स 10 से 14 दिनों का होता है। इससे महिलाओं को 2-3 दिनों में ही रहता मिलनी शुरू हो जाती है। लेकिन ठीक होने पर दवाइयां खाना बंद नहीं करनी चाहिए और दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए। इन दवाइयों को खाते हुए भी स्तनपान करा सकते हैं। अगर स्तनपान कराना मुश्किल हो रहा है तो ब्रैस्ट पंप (Breast pump) का उपयोग कर सकते हैं। ताकि आपके दूध की प्रवाह प्रभावित ना हो।

2. फोड़ा हटाना (Removal of lump)

अगर आपके स्तन में फोड़ा हुआ है तो इसे हटाया जा सकता है या फिर इसके सूखने का इंतज़ार करना होगा। डॉक्टर की सलाह पर अमल करना चाहिए।

3. सर्जरी (Surgery)

स्तन या कांख के आस पास आये लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) को सर्जरी द्वारा हटाया जाता है।

4. कीमोथेरपी या रेडिएशन थेरेपी (Chemotherapy or Radiation therapy)

अगर आपको दुर्लभ कैंसर है तो, कैंसर के चरण के अनुसार आपका इलाज होगा। ज्यादातर कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी द्वारा इसका इलाज होता है। कीमोथेरपी में दवाइयों का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं (Cancer cells) को मारा जाता है और रेडिएशन थेरेपी में उच्च शक्ति के रेडिएशन का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है।

और पढ़ें:जाने स्तन मसाज करने के लाभ
 

स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) का घरेलू उपचार

Home remedies of breast infection (Mastitis) in hindi

Stan sankaraman ka gharelu upchar in hindi

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संक्रमण के लिए उपचार प्राप्त करते समय, आप घर पर स्तन संक्रमण के असहज लक्षणों से राहत पाने के लिए भी कदम उठा सकते हैं:

1. गर्म पानी से सेंक (Warm compression)

गर्म पानी में भीगा हुआ साफ़ तौलिया रखने से और सेकने से दर्द को कम कर सकता है और स्तनपान में मदद भी करता है।

2. ब्रैस्ट पंप का उपयोग (Use of breast pump)

अगर स्तन बहुत भरा लगे तो उसे पंप की सहायता से खाली करें।

3. स्तनपान का तरीका (Breastfeeding technique)

स्तनपान की तकनीक को बदलें और अलग- अलग पोजीशन में स्तनपान कराएं।

4. ज्यादा पानी पिए और अपने शरीर को डिहाइड्रेट (Dehydrate) होने से बचे।

और पढ़ें:जॉगर्स निप्पल के जोखिम और इससे बचाव
 

स्तन संक्रमण (मैस्टाइटिस) की जटिलताएं

Complications of Breast infection (Mastitis) in hindi

Stan sankaraman ke pareshaniyaan in hindi

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स्तन संक्रमण के गंभीर मामलों में स्तन में एक फोड़ा (Breast abscess) हो सकता है। फोड़े में मवाद यानी की पस (pus) भरा होता है जो आपके त्वचा में या शरीर के अंदर हो सकता है। ऐसे में आपको तेज़ बुखार (high fever) और स्तन में असहनीय दर्द हो सकता है। इसके इलाज़ के लिए स्तन में हुए फोड़े के मवाद को बाहर निकाला जाता है। फोड़ा होना और उसके बाद की प्रक्रिया जटिल भी होती है और इसमें आपके शरीर को काफी तकलीफ से भी गुजरना पड़ता है।

और पढ़ें:निप्पल की समस्याएँ
 

निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

यदि आप स्तनपान करा रही हैं, और आपको सूजन, दर्द, गाँठ, बुखार या लालिमा जैसे लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। एंटीबायोटिक्स संक्रमण का प्रभावी इलाज़ है। इसका कोर्स पूरा करना जरूरी है ताकि आप दुबारा संक्रमण से पीड़ित ना हों। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें ताकि दोबारा आपको मैस्टाइटिस का सामना ना करना पड़े।

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references

संदर्भ की सूचीछिपाएँ

1 .

Beltrán Vaquero DA, Crespo Garzón AE, et al. “[Infectious mastitis: a new solution for an old problem]”. Nutr Hosp. 2015;31 Suppl 1:89-95, PMID: 25659061.

2 .

Mayoclinic. “Mastitis”. Mayoclinic, July 19, 2018.

3 .

Spencer JP. “Management of mastitis in breastfeeding women”. Am Fam Physician. 2008;78(6):727-731, PMID: 18819238.

आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 31 Jul 2020

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