तनाव, चिंता और आलस्य दूर करने के लिए योग
Yogasana to relieve fatigue and tension in hindi
alas dur karne ke liye yoga kya
एक नज़र
- सुस्ती, थकान और तनाव के लिए योग एक शक्तिशाली उपचार है।
- प्राणायाम दिन की शुरुआत करने के शानदार तरीका है।
- शरीर को ऊर्जावान रखने के करें भुजंगासन।
Introduction

आधुनिक जीवनशैली में लोग शरीर के बजाय दिमाग को अधिक तनाव दे रहे हैं। हर समय तनाव और चिंता उन्हें घेरे रहती है। नतीजतन, वे जल्दी थक जाते हैं और उन्हें आलस आने लगता है। अधिक चिंता, थकान और सुस्ती के कारण शरीर में कई बीमारियाँ पनपने लगती हैं जैसे- लोग मोटापा का शिकार हो जाते हैं, उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की समस्या होने लगती है, उच्च कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol), हृदय रोगों (cardiovascular diseases) इत्यादि। ऐसे लोगों को नियमित रूप से योगाअभ्यास करने से फायदा मिल सकता है।
एक अध्ययन ने 24 महिलाओं का अनुसरण करके तनाव पर योग के शक्तिशाली प्रभाव का देखा, जो खुद को भावनात्मक रूप से व्यथित मानती थी। तीन महीने के योग कार्यक्रम के बाद, महिलाओं में कोर्टिसोल का स्तर काफी कम था। जिसके बाद उनके तनाव, चिंता, थकान और अवसाद का स्तर भी कम हो गया था। [1]
131 लोगों के एक अन्य अध्ययन के समान परिणाम थे, जिसमें दिखाया गया कि 10 सप्ताह के योग ने तनाव और चिंता को कम करने में मदद की। यह जीवन और मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है। [2]
इन अध्ययनों से ये पता चलता है कि योग जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और इसका उपयोग कुछ स्थितियों के लिए सहायक चिकित्सा के रूप में किया जा सकता है। ऐसे में आलस्य दूर करने के लिए योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और साथ तनाव और चिंता से भी मुक्ति दिला सकता है।
इस लेख़ में
- 1.चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है प्राणायाम
- 2.चिंता, थकान और आलस्य दूर करने के लिए योग है ध्यान
- 3.आलस्य दूर करने के लिए योग है शलभासन
- 4.चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है शवासन
- 5.चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है भुजंगासन
- 6.चिंता, थकान और आलस्य दूर करने के लिए योग है वज्रासन
- 7.निष्कर्ष
चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है प्राणायाम
Pranayama to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
alas dur karne ke liye yoga hai
श्वास हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एकमात्र तरीका है जिससे हम अपने शरीर के अंदर और अपने अंगों में ऑक्सीजन भेज सकते हैं। प्राणायाम आपको अपनी सांस को कई अलग-अलग तरीकों से लेने की कला सिखाता है। यह आपको सांस लेने की गहराई, दर और पैटर्न को बदलना सिखाता है। इस प्रकार आपको तरोताज़ा बनाए रखने में प्राणायाम बहुत फायदेमंद हो सकता है।
जानें प्राणायाम कब और कैसे करें :-
- प्राणायाम को कब करें (When to do pranayama)
प्राणायाम योग आपके दिन की शुरुआत करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है, खासकर बाहर जहां आप ताज़ी हवा पा सकते हैं।खाली पेट श्वास व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। - प्राणायाम को कैसे करें (How to do pranayama)
प्राणायाम के 2 मुख्य प्रकार है जिन्हें सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है- कपालभाती प्राणायाम और अनुलोम-विलोम प्राणायाम। - अनुलोम और विलोम प्राणायाम (Anulom vilom pranayama)
पद्मासन में आरामदायक जगह पर बैठ जाएं। अब अपनी नाक के दाहिने हिस्से को बंद करने के लिए अपने दाहिने अंगूठे का उपयोग करें।
बाएं नथुने (nostril) का उपयोग करके गहराई से सांस लें।
अब बायीं नाक को बंद करें और दायें को प्रयोग करते हुए सांस छोड़ें।
इसी प्रक्रिया को दूसरी तरह से भी करें। आप इस अभ्यास को लगभग 10 - 15 बार कर सकते हैं। - कपालभाति प्राणायाम (Kapalabhati pranayama)
पद्मासन की तरह पैर करके आरामदायक जगह पर बैठ जाएं।
दो से तीन बार गहरी सांस लें और सांस छोड़ें। अब गहराई से लंबी सांस लें और तेजी से सांस छोड़ते हुए सभी हवा को बाहर की ओर खींचे।
जैसे-जैसे आप सांस छोड़ते जाएं, आपका पेट अंदर की तरफ खींचना चाहिए। आप इस अभ्यास को लगभग 20-30 बार कर सकते हैं।
चिंता, थकान और आलस्य दूर करने के लिए योग है ध्यान
Meditation to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
savasana yoga in hindi kya hai
ध्यान यानि मेडिटेशन एक तनावपूर्ण दुनिया से आराम देने का सबसे बेहतरीन तरीका है। जब हमारी इंद्रियां (senses) अक्सर सुस्त होती हैं तो ध्यान उन्हें जागरूक करता है। शोध बताते हैं कि ध्यान में अस्थायी तनाव से अधिक राहत की संभावना है और घबराहट और चिंता से भी निजात पाने में मदद करती है, खासकर जिन लोगों की चिंता रात के समय अधिक बढ़ जाती है। चलिए जानते हैं इसे कब और कैसे करें।
ध्यान कब और कैसे करें :-
- ध्यान कब करें (When to do meditation)
ये सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप रोज़ाना एक ही समय में ध्यान लगाएं। हालांकि मेडिटेशन करने का सबसे सही समय सुबह सवेरे खाली पेट माना गया है। यदि आपके लिए ये संभव नहीं है तो आप खाने के चार घंटे बाद ध्यान लगा सकते हैं। - ध्यान कैसे लगाएं (How to meditate)
आमतौर पर ध्यान पद्मासन में लगाकर किया जाता है लेकिन आप लेटकर भी कर सकते हैं।
अपने शरीर को ढीला छोड़ते हुए लेट/बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
सामान्य प्रक्रिया में सांस लें और छोड़ें।
सांस लेते हुए अपने शरीर के मूवमेंट (movement) पर ध्यान दें।
धीरे-धीरे अपने ईष्ट देवता का याद करें और 20 मिनट तक बिना मन को भटकाएं इसी अवस्था में रहें।
आलस्य दूर करने के लिए योग है शलभासन
Shalabhasana to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
alas dur karne ke liye yoga kya hai
एक अध्ययन में पाया गया कि 40 साल से अधिक उम्र के प्रतिभागियों ने पांच साल तक योग का अभ्यास किया, उनमें रक्तचाप और पल्स रेट उन लोगों की तुलना में कम थी, जो योगाभ्यास नहीं करते थे। [3] शलभासन योग मुद्रा एक शलभ यानि टिड्डी (grasshopper) जैसी दिखती है इसीलिए इसे ये नाम दिया गया है। इस आसान को करने थकान के साथ-साथ तनाव से भी निजात दिलाने में मदद करते हैं। तनाव से लोग कई बार इतने अधिक परेशान हो जाते हैं कि नौकरी में भी इसका प्रभाव दिखने लगता है।
ऐसे में नौकरी में होने वाले तनाव से भी मुक्ति पाने में आपको ये आसान आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इसे कब और कैसे करें।चलिए जानते हैं इसे कब और कैसे करें।
शलभासन कब और कैसे करें :-
- शलभासन को कब करें (When to do salabhasana)
इस आसन को खाली पेट करेंगे तो सबसे अधिक फायदा होगा। खाने से चार घंटे बाद ही इस आसन को करें क्योंकि इस आसन में पेट पर अधिक दबाव पड़ता है। - शलभासन को कैसे करें (How to do salabhasana)
पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। ठोड़ी (chin) को जमीन पर छूने दें।
पैर पूरी लंबाई तक पीछे की तरफ खींचें। इस आसन में पैर की उंगलियां बाहर की ओर इशारा करती हैं।
हाथों को आराम से नीचे की ओर रखें और हथेलियों को जांघों (thighs) के नीचे थोड़ा सा दबाएँ। आंखों को बंद करें
और इस पोज में जितनी देर संभव हो रहें।
चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है शवासन
Savaasan to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
savasana yoga in hindi kya hai
एक अध्ययन में, 135 वरिष्ठों को छह महीने के लिए या तो योग, वाकिंग या एक कंट्रोल ग्रुप को सौंपा गया था। अन्य समूहों की तुलना में योग का अभ्यास करने से जीवन की गुणवत्ता, साथ ही साथ मनोदशा और थकान में काफी सुधार हुआ। [4]शवासन में शरीर मृत अवस्था की तरह होता है इसीलिए इसे शवासन नाम दिया गया है। इस आसन को सभी योगाभ्यासों के बाद किया जाता है। ये सबसे आखिरी आसन होता है। चलिए जानें इसे कब और कैसे करें।
शवासन कब और कैसे करें :-
- शवासन को कब करें (When to do savasana)
शवासन को दिनभर में कभी भी किया जा सकता है लेकिन खाने के तुरंत बाद इस व्यायाम को ना करें। आप वर्कआउट के बाद या शारीरिक गतिविधियों को करने के बाद भी इसे कर सकते हैं। - शवासन को कैसे करें (How to do savasana)
फर्श पर सपाट लेटें, तकिए का उपयोग न करें।
अपनी आँखें बंद करें।
शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें।
हाथों को भी ढीला छोड़ते हुए शरीर से थोड़ा दूर रखें और हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
धीरे-धीरे सांस लेना शुरू करें और शरीर को तनावमुक्त करें।
जैसे-जैसे आप सांस लेंगे आपका शरीर ऊर्जावान और शांत हो जाएगा।
इस स्थिति में लगभग 10 से 12 मिनट रहें।
चिंता, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए योग है भुजंगासन
Bhujangasana to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
alas dur karne ke liye yoga kya hai
शरीर को ऊर्जावान रखने और बीमारियों से बचाने के लिए भुजंगासन सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है। भुजंगासन को कोबरा पोज (cobra pose) के नाम से भी जाना जाता है। कोबरा मुद्रा शरीर में चार चक्रों को खोलते हुए है और तनाव, थकान और आलस को कम करने में मदद करती है। चलिए जानते हैं इसे कब और कैसे करें।
भुजंगासन कब और कैसे करें :-
- भुजंगासन को कैसे करें (How to do bhujangasana)
पेट के बल लेट जाएं और पेट पर दबाव डालें।
अपने हाथों को बगल में रखें और पैर एक दूसरे को स्पर्श करती हुए पोज में करें।
अपने हाथों को सामने की ओर कंधे के स्तर तक ले जाएं और अपनी हथेलियों को फर्श पर रखें।
अब अपने शरीर का भार अपनी हथेलियों पर रखें, श्वास लें और अपने सिर और धड़ को ऊपर उठाएं।
ध्यान दें कि इस अवस्था में आपकी भुजाएं आपकी कोहनी पर झुकनी चाहिए।
अपने हिप्स, जांघों और पैरों को फर्श से दबाएं।
सामान्य रूप से सांस लेते हुए आसन को लगभग 15 से 30 सेकंड तक रोके। - भुजंगासन को कब करें (When to do bhujangasana)
यदि आपने किसी पेय पदार्थ का सेवन किया है तो उसके आधे घंटे बाद ही इस आसन को करें। खाना खाने से पहले या खाली पेट ये आसन करना सही रहता है।
आप खाने के चार घंटे बाद भी इसे कर सकते हैं।
चिंता, थकान और आलस्य दूर करने के लिए योग है वज्रासन
Vajrasana to relieve fatigue, tension and anxiety in hindi
savasana yoga in hindi kya hai
वज्रासन आलस दूर करने के लिए एक बढ़िया योग हो सकता है। ये योग पाचन प्रक्रिया को तेज करती है, इसलिए व्यक्ति हल्का और ऊर्जावान महसूस करने लगता है। चलिए जानते हैं इसे कब और कैसे करें।
वज्रासन कब और कैसे करें :-
- वज्रासन को कैसे करें (How to do vajrasana)
इस आसन में केवल एड़ी पर बैठना है और नितंब (hips) को दोनों पैरों की एड़ी पर स्थापित करना होगा।
पीठ सीधी और दोनों हथेलियां जांघ पर रखें।
इसी मुद्रा को 4 से 5 बार 10-10 मिनट के लिए किया जा सकता है। - वज्रासन को कब करें (When to do vajrasana)
ये एकमात्र मुद्रा ऐसी है जिसे खाना खाने के तुरंत बाद भी अभ्यास किया जा सकता है। ऐसा करने से खाना पचाने में आसानी होती है और पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
savasana yoga in hindi kya hai
ये तो आप जानते ही हैं योग की क्रियाओं को सही तरीके से और सही समय पर करने से कई तरह की मुश्किलों को दूर करते हुए शरीर को स्वस्थ बनाया जा सकता है। आप प्राणायाम, ध्यान, शलभासन, शवासन, व्रजासन और भुजंगासन जैसी योग क्रियाएं करने से शरीर से चिंता, थकान और आलस को छूमंतर कर सकते हैं। इसके अलावा ये आपकी आंतों की देखभाल करते हुए हृदय रोग, कब्ज, सांस संबंधी विकार, स्लिप्ड डिस्क (slipped disk), किडनी और लीवर की समस्याओं से भी बचाता हैं।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Michalsen A, Grossman P, et al. “Rapid stress reduction and anxiolysis among distressed women as a consequence of a three-month intensive yoga program.” Med Sci Monit. PMID: 16319785
Smith C, Hancock H, et al. “A randomised comparative trial of yoga and relaxation to reduce stress and anxiety. Complement Ther Med.” PMID: 17544857
Bharshankar JR, Bharshankar RN, et al. “Effect of yoga on cardiovascular system in subjects above 40 years.” Indian J Physiol Pharmacol. PMID: 15255625
Oken BS, Zajdel D, Kishiyama S, et al. “Randomized, controlled, six-month trial of yoga in healthy seniors: effects on cognition and quality of life.” Altern Ther Health Med. PMID: 16454146
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 28 Aug 2020
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