क्यों मैमोग्राम की आवश्यकता 40 पर शुरू होती है
Why Mammograms are required more frequently after you reach 40 in hindi
40 ki umar ke baad mammogram ki jarurat kyu hoti hai
एक नज़र
- मैमोग्राफी के परिणामस्वरूप स्तन कैंसर से मृत्यु दर में 20% की कमी आई हैं।
- 40-60 वर्ष की महिलाओं को मैमोग्राफी का लाभ सबसे अधिक होता हैं।
- 40 वर्ष की उम्र से अधिक महिलाओ को साल में एक बार और 50 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को वर्ष में दो बार इस टेस्ट को करवाना चाहिए।
Introduction

पिछले कुछ समय से सबसे आम कैंसर - स्तन कैंसर (Breast cancer) है जो महिलाओं की मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण हैं।
आज के समय में मैमोग्राम को स्तन स्क्रीनिंग का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता हैं जिसके द्वारा स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता हैं।
कई महिलाओं को यह ग़लतफहमी रहती है कि मैमोग्राफी सिर्फ उन्हीं को करानी चाहिए जो ब्रेस्टं कैंसर से जूझ रही हैं या फिर जिनको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा हैं। ‘
मैमोग्राफी’ जनरल फिजिकल एग्जामिनेशन (General physical examination) का एक पार्ट हैं, जिसके द्वारा किसी प्रकार की स्तन असामान्यता की जांच की जाती है।
मेमोग्राफी के जरिये स्तन कैंसर का पता लगाकर स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
मैमोग्राफी की जरूरत क्यों हैं
Why do we need Mammography in hindi
mahilao ko Mammography ki kyun jarurat hoti hai
अक्सर महिलाएं स्तन कैंसर के लक्षणों को जान नहीं पाती हैं। स्तन की स्वयं जांच (Breast self examination) करके होने वाले परिवर्तनों को जाना जा सकता हैं।
असामान्य परिवर्तनों से जुडी समस्याओं को और स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी तकनीक का प्रयोग करके यह बात पता चलती हैं कि स्तन में कैंसर है या नहीं।
स्तनों में कोई समस्या होने पर डॉक्टर मैमोग्राफी करके समस्या के रूट्स (Root) तक जाने की कोशिश करते है।
मैमोग्राफी द्वारा छोटी से छोटी गांठ को देखा जा सकता हैं।
40 की उम्र तक महिलाओं के स्तन की डेंसिटी (Density) अधिक होने की वजह से मैमोग्राम के रिजल्ट गलत आ सकते है इसलिए 40 वर्ष की उम्र से अधिक महिलाओ को साल में एक बार और 50 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को वर्ष में दो बार इस टेस्ट को करवाना चाहिए।
मैमोग्राफी की जरूरत 40 पर क्यों शुरू होती हैं
Why do we need Mammography regularly post the age of 40 in hindi
40 ki umar ke baad humne mammography kyuin karwani chahiye
मैमोग्राफी के लाभ उम्र के अनुसार भिन्न होते हैं लेकिन 40-60 वर्ष की महिलाओं को मैमोग्राफी का लाभ सबसे अधिक होता हैं।
मैमोग्राम की आवश्यकता 40 पर शुरू होती हैं या 40 के बाद, ये कई बातों पर निर्भर करता हैं जैसे :
बढ़ती उम्र (growing age)
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है इसलिए सभी मेनोपॉज़ल (Menopausal) महिलाओं को नियमित मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती हैं।
आनुवांशिक सिंड्रोम (Genetic reasons)
अगर एक परिवार में आनुवांशिक सिंड्रोम जैसे स्तन कैंसर या ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) की हिस्ट्री होने पर मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती हैं।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy exposure)
अगर आपने कभी रेडिएशन थेरेपी करवाई हो तो आपको स्तन कैंसर का खतरा हो सकता है इसलिए आपको मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती हैं।
हाई रिस्क जीन - BRCA1/BRCA2 म्युटेशन (high risk gene mutation)
जिन महिलाओं में हाई रिस्क BRCA1/BRCA2 जीन म्युटेशन होने की सम्भावना होती है, उनमें स्तन कैंसर के विकास का अधिक जोखिम होता है।
उन्हें मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती हैं।
महिला का स्वास्थ्य (Existing health issues)
जिन महिलाओं को अन्य स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी है तो मैमोग्राम के रिजल्ट फाल्स पॉजिटिव (false-positive) या फाल्स नेगेटिव (false-negative)आ सकते हैं। इसलिए उन्हें 40 के बाद मैमोग्राम करवाने की सलाह दी जाती हैं।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
आपको मेम्मोग्राम की आवश्यकता 40 की उम्र के बाद है या 50 की उम्र के बाद, ये आपका व्यक्तिगत निर्णय है।
लेकिन यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है तो अपने डॉक्टर से सलाह करें कि आपको मैमोग्राम स्क्रीनिंग कब शुरू करवानी चाहिए।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 30 May 2019
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