विटामिन D क्या है, स्रोत, कमी के लक्षण, रोग, फायदें और नुकसान
What is vitamin D, sources, deficiency symptoms, diseases, benefits and side-effects in hindi
Vitamin D kya hai, strot, kami ke lakshan, rog, fayde aur nuksaan in hindi
एक नज़र
- विटामिन D शरीर की हड्डियों के लिए बहुत ज़रूरी है।
- हमारी त्वचा धूप में इसका निर्माण करती है।
- विटामिन D हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
- इसको डॉक्टर की सलाह से ले नहीं तो शरीर के आवश्यक अंगों को नुक्सान पहुँच सकता है।
Introduction

विटामिन D हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
यह हमारे शरीर की हड्डियों को मज़बूती देता है।
हमारी हड्डियाँ में बहुत बड़ा भाग कैल्शियम (calcium) का होता है।
विटामिन D हमारे शरीर में कैल्शियम (calcium) को अवशोषित करके उसे हड्डियों तक पहुँचाने का काम करता है।
हमारा शरीर सूरज की रौशनी में विटामिन D बना लेता है।
इसके अलावा हमें विटामिन D भोजन से और विभिन्न सप्लीमेंट (supplement) से प्राप्त होता है।
विटामिन D का बनना कई कारकों जैसे दिन का समय, मौसम और त्वचा के रंग पर निर्भर करता है।
सर्दियों में विटामिन D का निर्माण बहुत ही कम मात्रा में होता है।
इसके अलावा सनस्क्रीन (sunscreen) लगाने से भी विटामिन D के निर्माण में कमी आती है।
आइये विटामिन डी के बारे में इस लेख के माध्यम से विस्तार में जानते हैं।
इस लेख़ में
विटामिन D के कौन-कौन से स्त्रोत हैं ?
What are the sources of vitamin-D ?in hindi
Vitamin D ke kaun-kaun se shrot hain in hindi
विटामिन D के प्रमुख स्त्रोत निम्न है :-
पनीर
मछली
अंडे की ज़र्दी
मशरूम (mushroom)
कोड लीवर आयल (cod liver oil)
ओएस्टर (oyster)
खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन D निर्माता के द्वारा डाला गया हो जैसे गायें का दूध, नारंगी का जूस और कुछ अनाज।
विटामिन D की कमी के क्या लक्षण हैं ?
What are the symptoms of deficiency of Vitamin D ?in hindi
Vitamin D ki Kami ka kya lakshan Hain in hindi
विटामिन D की कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं : -
जल्दी से बीमार पड़ना (Falling ill easily)
विटामिन D की कमी से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
विटामिन D उन सेल्स को प्रभावित कतरा है जो रोगों के खिलाफ लड़ते हैं।
हड्डियों और पीठ में दर्द (Bone and back pain)
अध्ययनों से पता चला है की जिन लोगों में विटामिन D की कमी थी उनमे से कई लोगों की पीठ में इतना तेज दर्द था की वे अपने रोज़ के कार्य भी नहीं कर पा रहे थे।
घाव का देरी से भरना (Late wound healing)
विटामिन D उस प्रक्रिया में अपना योगदान देता है जिसके द्वारा शरीर में नयी त्वचा बनती है।
जितनी जल्दी नयी त्वचा बनेगी, घाव भी उतना ही जल्दी ठीक होगा।
मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle cramps)
कई लोगों में मांसपेशियों का दर्द विटामिन D की कमी की वजह से होता है।
विटामिन D को पर्याप्त मात्रा में लेने से मांसपेशियों का दर्द ठीक हो जाता है।
कमज़ोरी (Weakness)
विटामिन D की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी होती है और जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
बच्चों में देरी से विकास होना (Slow growth of children)
देरी से विकास में विटामिन D की कमी एक कारक हो सकता है।
बालों का गिरना (Loss of hair)
विटामिन D की कमी से बाल भी झड़ सकते हैं।
यह पाया गया है कि रिकेट्स (rickets) और बालों के गिरने के बीच में कुछ सम्बन्ध है।
डिप्रेशन की शिकायत (Depression)
बूढ़े लोगों में विटामिन D की कमी से डिप्रेशन हो सकता है।
जिन लोगों को विटामिन D दिया गया उनमे डिप्रेशन कम हुआ था।
विटामिन D की कमी से क्या रोग हो सकते हैं ?
What are the disease due to Vitamin D deficiency ?in hindi
Vitamin D ki kami we kya rog ho sakte Hain?
विटामिन D की कमी से निम्न रोग हो सकते हैं : -
रिकेट्स (Rickets)
कैल्शियम फॉस्फेट के क्रिस्टल्स के कारण ही हड्डियों को मज़बूती मिलती है।
विटामिन D इन क्रिस्टल्स को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
छोटे बच्चों में विटामिन D की कमी से हड्डियाँ तो बनती है किन्तु उनमे ताकत न होने के कारण टेढ़ी हो जाती है।
इस बीमारी को रिकेट्स कहते हैं।
ओस्टीओमेलेशिया (Osteomalacia)
बड़े लोगों में हड्डियों का बढ़ना तो बंद हो जाता है किन्तु हड्डियाँ लगातार रेमोडेलिंग प्रक्रिया में चलती है।
विटामिन D की कमी से यह प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल पाती और हड्डियों में मिनरल्स की कमी हो जाती हैं।
इस बीमारी में मरीज़ की हड्डियों में दर्द रहता है।
ओस्टीओपोरेसिस (Osteoporosis)
ओस्टीओमेलेशिया की वजह से ओस्टीओपोरेसिस होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
इस बीमारी में हड्डियाँ बहुत कमजोर हो जाती है क्योंकि विटामिन D की कमी से उनमें पर्याप्त कैल्शियम नहीं पहुँच पाता और हड्डी टूटने का ख़तरा बढ़ जाता है।
तंत्रिका-तंत्र सम्बन्धी रोग (Nervous system disorders)
विटामिन D की कमी तंत्रिका-तंत्र पर भी प्रभाव डालती है।
इसकी कमी की वजह से याददाश्त कमजोर होती है और शीजोफ्रेनिया (schizophrenia) होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
हृदय-सम्बन्धी रोग (Heart disorders)
अध्ययनों से पता चला है की विटामिन D की कमी से हृदय-सम्बन्धी रोगों के होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
विटामिन D की कमी की वजह से हाइपरटेंशन और स्ट्रोक हो सकता है।
विटामिन D के क्या फायदें हैं ?
What are the benefits of Vitamin D ?in hindi
Vitamin D ke kya fayde hindi
विटामिन D निम्न स्थितियों में फायदा पहुंचता है :
शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
हड्डियों को मजबूत करता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
डिप्रेशन (depression) को कम करता है।
रिकेट्स (rickets) को ठीक करता है।
डायबिटीज (diabetes) होने की संभावना को कम करता है।
बच्चों के शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी है।
गर्भावस्था में बच्चे व माँ के लिए लाभदायक है।
शिजोफ्रेनिया (schizophrenia) के लक्षणों को कम करता है।
फ्रैक्चर (fracture) होने के जोखिम को कम करता है।
विटामिन D के क्या नुकसान हैं ?
What are the side-effects of Vitamin D ?in hindi
Vitamin D ke kya nuksan hain in hindi
ज्यादा मात्रा में विटामिन D के निम्न नुक्सान है :-
चक्कर आ सकते है एवं उलटी भी हो सकती है।
भूख भी कम लगती है और कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है।
हृदय-सम्बन्धी बीमारी हो सकती है।
किडनी (kidney) खराब हो सकती है।
शरीर में कमज़ोरी रहती है और वजन भी घट सकता है।
प्यास अधिक लगती है और बार-बार पेशाब जाना पड़ता है।
किडनी स्टोंस (kidney stones) बनने का खतरा बढ़ जाता है।
हड्डियों में दर्द रहता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
विटामिन D शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी विटामिन है।
हमारा शरीर इसे सूरज की रौशनी में बना लेता है।
इसके अलावा यह हमे भोजन से भी मिल जाता है।
विटामिन D हमारे शरीर की हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
इसकी कमी से रिकेट्स (rickets) एवं ओस्टीओपोरेसिस (osteoporosis) हो सकता है। अधिक विटामिन D की मात्रा से शरीर को नुक्सान भी पहुंचाता है।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 31 Aug 2019
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