एंड्रोजेन हार्मोन टेस्ट क्या होते हैं?
What is androgen hormone test? in hindi
एक नज़र
- एंड्रोजेन हार्मोन पुरुष और महिला दोनों में समान रूप से होते हैं।
- टेस्टेरोरोन हार्मोन पुरुषों में सेक्स हार्मोन के रूप में जाने जाते हैं।
- आवश्यकता महसूस होने पर एंड्रोजेन परीक्षण को घर पर भी कर सकते हैं।
- स्वस्थ व्यक्ति हो भी आजीवन एंड्रोजेन हार्मोन के स्तर को बनाना जरूरी होता है।
Introduction

वर्तमान समय में काम के बढ़ते तनाव और व्यस्त जीवनशैली के कारण लोग तनाव में काम कर रहें हैं। यदि आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति या दोस्त है जो निरंतर झड़ते बालों और मांसपेशियों की कमज़ोरी से परेशान है तब आपको उसके मन की थाह ज़रूर लेनी चाहिए। अगर वह अपनी सेक्स लाइफ से भी परेशान है जिसके लिए वह स्वयं को ही जिम्मेदार मानता है तब आपको उसे निश्चय ही एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण (androgen hormone testing) की सलाह दे सकते हैं। आमतौर पर एंड्रोजेन को पुरुष हार्मोन के रूप में माना जाता है, लेकिन वे महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। पुरुषों में, एण्ड्रोजन हार्मोन शुक्राणु उत्पादन और पुरुष लक्षणों के निर्माण के विकास का समर्थन करते हैं।
इस लेख के माध्यम से एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण की विस्तृत जानकारी आपको मिलेगी।
इस लेख़ में
एण्ड्रोजन हार्मोन क्या होते हैं?
What is androgen hormone? in hindi
Androgen hormone kya hote hain in hindi
मानव शरीर में हर गतिविधि के साथ शारीरिक विकास के लिए जो तत्व मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं उन्हें हार्मोन कहा जाता है। मानव मस्तिष्क में पीयूष ग्रंथि (pituitary glands) नामक ग्रंथि के माध्यम से प्रजनन अंगों और सेक्स व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का निर्माण होता है। [1] मूल रूप से इन्हें पुरुष हार्मोन की संज्ञा भी दी जाती है क्योंकि यह मानव में पुरुषोचित गुण जैसे शरीर पर बालों का विकास, प्रजनन अंगों का विकास आदि का नियंत्रण करते हैं। पुरुष में मुख्य सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन (testosterone) होते हैं जिनका निर्माण पुरुष के प्रजनन अंग अंडकोश या वृषण (testes) में होता है। [2] यह हार्मोन पुरुष की प्रजनन क्षमता और सेक्स करने की क्षमता का निर्धारण करते हैं।
एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण क्या है?
What is androgen hormone test in hindi
Androgen hormone test kya hota hai in hindi
प्रत्येक मानव शरीर में हार्मोन हर गतिविधि व शारीरिक तथा मानसिक अवस्थाओं को नियंत्रित करते हैं। लेकिन जब इन हार्मोनों के आदर्श स्तर में अंतर आ जाता है तब न केवल संबंधित अंग व गतिविधि पर अंतर पड़ता है बल्कि कहीं न कहीं मानसिक अवस्था भी प्रभावित होती है। इस अवस्था में हार्मोन संबंधी विभिन्न जांच व परीक्षण करके समस्या का मूल कारण जानने का प्रयास किया जाता है। एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण इसी दिशा में किया जाने वाला एक परीक्षण है। [3]
इस जांच के माध्यम से पुरुष शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर का पता लगाया जाता है। महिलाओं में, एण्ड्रोजन शरीर के अंडाशय और अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal gland) में उत्पादित होते हैं और एस्ट्रोजेन (estrogen) में परिवर्तित होते हैं। एस्ट्रोजेन हार्मोन फीमेल सेक्स कैरेक्टर (female secondary sex characteristics) के विकास को बढ़ावा देता है। यह एंडोमेट्रियम (endometrium) जो गर्भाशय की अंदर की परत होती है, को मोटा करने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में भी शामिल है। और जो एंड्रोजेन हार्मोन, एस्ट्रोजन हॉर्मोन में परिवर्तित नहीं होते है वह एंड्रोजेन हार्मोन महिला में सेक्स ड्राइव को बढ़ाने और समय के साथ होने वाले हड्डियों के नुकसान को धीमा करने में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। [4]
एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण कब ज़रूरी होता है?
When to have androgen hormone test in hindi
Androgen hormone test kab karna chahiye in hindi
सामान्य रूप से एण्ड्रोजन हार्मोन परीक्षण किसी भी महिला या पुरुष में उस समय करवाया जाता है जब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में अंतर महसूस होता है। इस अंतर को मनुष्य में निर्माण होने वाले शारीरिक लक्षणों से महसूस किया जा सकता है :- पुरुषों में एंड्रोजेन हार्मोन के असंतुलन के लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते है -
- सेक्स की इच्छा में बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के कमी आना
- सेक्स के समय इररेक्शन और स्खलन में परेशानी आना [5]
- प्रजनन संबंधी समस्या का होना
- अचानक बिना किसी कारण के बालों का झड़ना
- बालकों का जल्दी या देर से मैच्योर होना
- मांसपेशियों का कमजोर होना
महिलाओंमे एंड्रोजेन हार्मोन के असंतुलन के लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते है -
- शरीर या चेहरे पर अतिरिक्त बालों का आना (Hirsutism) [6]
- अनियमित पीरियड्स
- पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) [7]
- प्रजनन संबंधी समस्या का होना
- हड्डियों का कमजोर होना
- मांसपेशियों का कमजोर होना
- अचानक बिना किसी कारण के बालों का झड़ना
सामान्य रूप से एक वयस्क व्यक्ति को इन समस्याओं का सामना उस समय करना पड़ सकता है जब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी आ जाती है। लेकिन इस बात को सुनिश्चित करने के लिए एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण ज़रूरी होता है।
एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण का परिणाम क्या बताता है?
What do androgen hormone test result tells in hindi
Androgen Hormone Test ke result se kya pata lag sakta hai in hindi
सामान्य रूप से टेस्टोस्टेरोन (testosterone) ब्लड टेस्ट का परिणाम व्यक्ति की आयु, लिंग, उसकी मेडिकल हिस्ट्री के साथ ही टेस्ट के लिए प्रयोग की गई आधुनिकतम तकनीक पर निर्भर करती है। अनुमानित सामान्य फ्री एंड्रोजेन इंडेक्स (FAI) की मात्रा आमतौर पर पुरुषों में 30 और 150 के बीच होते हैं। 30 से नीचे के स्तर का मतलब संभावित टेस्टोस्टेरोन की कमी का होना है। आमतौर पर एक स्वस्थ पुरुष में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर 270-1070 ng/dL होता है। [8]
सामान्यतः इसका स्तर पुरुषों में 679 ng/dL होता है। महिलाओं के रक्त में, सामान्य टेस्टोस्टेरोन का स्तर 15 से 70 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर (ng/dL) तक होता है। यदि एंडरोजेन हार्मोन टेस्ट के परिणाम सामान्य रेफेरेंस रेंज में आते हैं तब तो आगे किसी भी मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं होती है। अगर रेंज में कोई अंतर आता है तो डॉक्टर आपको अन्य कुछ परीक्षणों की सलाह दे सकते है।
1. एंड्रोजेन हार्मोनल टेस्ट के परिणाम सामान्य से अधिक हैं (Androgen hormonal tests result is above normal) पुरुषों में निम्न तरह की परेशानियाँ हो सकती है -
- पुरुष को सेक्स की अत्यधिक इच्छा
- बांझपन
- मुँहासे
- अंडकोष कैंसर
- हाई ब्लडप्रेशर
- उत्तेजित व्यवहार
- स्पर्म की कम संख्या
- गंजेपन
टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि होने के कई कारण हैं। आनुवंशिक कारणों के अलावा टेस्टीकुलर या एड्रेनल ट्यूमर्स (Testicular or adrenal tumors) या फिर सामान्य से अधिक स्टेरॉयड (steroids) दवाइयों का सेवन की वजह से भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
2. एंड्रोजेन हार्मोनल टेस्ट के परिणाम सामान्य से कम हैं (Androgen hormonal tests result is less than normal) यदि इस हार्मोन का स्तर सामान्य से कम है तब इसका अर्थ है कि पुरुष अंडकोश ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
एंडरोजेन हार्मोनल टेस्ट के परिणाम सामान्य से कम होने से पुरुषों में निम्न तरह की परेशानियाँ हो सकती है -
- अंडकोश का निष्क्रिय होना
- पीयूष ग्रंथि में विकार
- जेनेटिक विकार
- मोटापा
- एड्रेनल कैंसर
- अत्यधिक मात्रा में तनाव
या किसी सर्जरी को करना पड सकता है। फिर भी इस परीक्षण के परिणाम में यदि अंतर आता है तो इसका अर्थ हमेशा यह नहीं हो सकता है कि पुरुष को कोई समस्या ही है। इस परिणाम के बाद चिकित्सक से मिलकर विस्तृत परिणाम की जानकारी ली जा सकती है।
क्या एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण घर पर किया जा सकता है?
Can androgen hormone testing be performed at home? in hindi
kya Androgen Hormone Test ghar par kiya ja sakta hai in hindi
आधुनिक समय में अनेक टेस्ट घर बैठे भी किए जा सकते हैं। यही स्थिति एंड्रोजेन हार्मोन टेस्ट के साथ भी है। इसके लिए बाज़ार में कई टेस्टोस्टेरोन हार्मोन टेस्ट किट (Testosterone hormone test kit) मिलती है जिसमें टेस्ट करने के लिए ब्लड के स्थान पर व्यक्ति के मुंह की लार का प्रयोग किया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए मुंह की लार का सैंपल लेकर इस काम के लिए बनी एडवांस्ड मेडिकल लैब (advanced medical lab) में भेज दिया जाता है। इस टेस्ट का परिणाम जल्द ही कुछ दिनों के अंदर मिल जाता है।
क्या टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल बढ़ाया जा सकता है?
Can testosterone level be increased? in hindi
Kya testosterone hormone ka level badhaya ja sakta hai in hindi
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मुख्य रूप से सेक्स हार्मोन के रूप में पहचाना जाता है जो महिला व पुरुष में समान रूप से मौजूद होता है। यह महिला की ओवरी और पुरुष के अंडकोश में बनता है। मानव शरीर में एडर्नेल ग्रंथियां (Adrenal glands) भी थोड़ी मात्रा में इस हार्मोन का निर्माण करती हैं। पुरुषों में यही वह हार्मोन होता है जो एक बच्चे को वयस्क किशोर में परवर्तित होने में मदद करता है। लेकिन इसके बाद भी आजीवन इस हार्मोन को एक उपयुक्त लेवल पर बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। एक व्यस्क व्यक्ति को भी शरीर के समुचित विकास, शारीरिक, मानसिक व यौन सेहत के लिए इस हार्मोन को उचित स्तर पर रखना ज़रूरी है।
कोई भी व्यक्ति निम्न कार्यों के माध्यम से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल को सही स्तर पर प्राकृतिक रूप से बनाए रखने में समर्थ हो सकता है :-
- नियमित रूप से व्यायाम करना
- अपने भोजन में प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट के सही संतुलन को बनाना
- तनाव रहित जीवन को जीना
- विटामिन डी का पर्याप्त सेवन
- शारीरिक श्रम के साथ समुचित आराम करना
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
एंड्रोजेन हार्मोन परीक्षण में मूल रूप से ब्लड में मौजूद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को टेस्ट किया जाता है। यदि किसी समय किसी व्यक्ति को इस प्रकार के संकेत मिलते हैं जिनसे एंड्रोजेन हार्मोन के लेवल में अंतर महसूस होने का अनुमान है तब इसके लिए समुचित परीक्षण करवाना उचित रहता है। इसके लिए एक अच्छे फर्टिलिटी विशेषज्ञ की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Mayoclinic. “Pituitary tumors”. Mayoclinic, March 16, 2019.
Bain J. “The many faces of testosterone”. Clin Interv Aging. 2007;2(4):567-576, PMID: 18225457.
WebMD. “What Is an Estrogen Test?”. WebMD, Accessed 28 Feb 2020.
Davis SR, Wahlin-Jacobsen S. “Testosterone in women--the clinical significance”. Lancet Diabetes Endocrinol. 2015;3(12):980-992, PMID: 26358173.
Sandher RK, Aning J. “Diagnosing and managing androgen deficiency in men”. Practitioner. 2017;261(1803):19-22, PMID: 29020729.
van Zuuren EJ, Pijl H. “Hirsutisme [Hirsutism]”. Ned Tijdschr Geneeskd. 2007;151(42):2313-2318, PMID: 18064932 .
Lim SS, Hutchison SK, Van Ryswyk E, et al. “Lifestyle changes in women with polycystic ovary syndrome”. Cochrane Database Syst Rev. 2019;3(3):CD007506, PMID: 30921477.
Harvard Health Publishing. “Testosterone, aging, and the mind”.Harvard Health Publishing- Harvard Medical School, Accessed on 02 July 2020.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jul 2020
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