सुबह उठते ही घबराहट और बेचैनी क्यों होती है
What are the reasons of morning anxiety in hindi
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एक नज़र
- हर सुबह तनावपूर्ण और थके हुए उठना एक गंभीर समस्या हो सकती है।
- अच्छी नींद पाने के लिए रात को शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सुबह उठते ही अपने फ़ोन का उपयोग कम करने से तनाव कम होगा।
Introduction

हम सभी के साथ कभी न कभी ऐसा होता है कि सुबह-सुबह हम चिंता के भाव के साथ उठते हैं। यह पिछले दिन से जुड़ी किसी घटना के कारण या आज के दिन में होने वाली किसी बड़ी गतिविधि के कारण होना एक आम बात है जैसे एक महत्वपूर्ण मीटिंग होना, परीक्षा होना, आदि। लेकिन, अगर आप बिना किसी कारण भी सुबह चिंता, भय या घबराहट को महसूस करते हुए उठते हैं, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। "तनाव हार्मोन" कोर्टिसोल भय या तनाव के कारण एड्रेनल ग्लैंड द्वारा रिलीज़ किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने कोर्टिसोल अवेकनिंग रिस्पांस (सीएआर) का अध्ययन किया है और पाया है कि जिनके जीवन में तनाव का स्तर बढ़ा हुआ रहता है, उनमें सुबह के पहले एक घंटे में कोर्टिसोल का स्तर सबसे अधिक होता है [1]। अपनी सुबह को बिना किसी चिंता के शुरू करने के लिए ऐसे कारणों को समझना और दूर करना ज़रूरी है। इस लेख में ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में बात की गई है, जिससे सुबह उठते ही बेचैनी होने लगती है (bechaini kyu hoti hai) या फिर सुबह-सुबह घबराहट (subah subah ghabrahat hona) क्यों होती है।
इस लेख़ में
- 1.विटामिन डी की कमी के कारण होती है सुबह के समय बेचैनी
- 2.नींद की कमी हो सकती है सुबह की बेचैनी की वजह
- 3.सामान्यकृत चिंता विकार से पीड़ित होने पर सुबह-सुबह बढ़ सकती है बेचैनी
- 4.सुबह उठते ही फोन चेक करने पर हो सकती है बेचैनी
- 5.नकारात्मक विचार के कारण हो सकती है बेचैनी
- 6.अधिक शराब के सेवन से हो सकती है बेचैनी
- 7.धूम्रपान से बढ़ती है सुबह के समय बेचैनी
- 8.निष्कर्ष
विटामिन डी की कमी के कारण होती है सुबह के समय बेचैनी
Deficiency of Vitamin D leads to morning anxiety in hindi
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सुबह उठकर भी अगर थकान लगती रहे और जोड़ों में दर्द हो, तो यह इसी बात कि तरफ इशारा करता है कि आपके शरीर में विटामिन डी (Vitamin D) की कमी हो रही है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है तो ब्लड प्रेशर (blood pressure) का स्तर बिगड़ने लगता है, जिसकी वजह से अच्छी नींद के बावजूद भी सुबह उठकर ताज़गी का अनुभव नहीं होता। इसकी वजह से रोगों से लड़ने की क्षमता भी कमजोर होने लगती है।
इतना ही नहीं, 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी की खुराक लेने से टाइप 2 मधुमेह वाली महिलाओं में अवसाद और चिंता दोनों में सुधार हुआ [2]। इसलिए विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन-डी युक्त खाद्य-पदार्थों का सेवन करें या फिर सप्लीमेंट लें।
नींद की कमी हो सकती है सुबह की बेचैनी की वजह
Not having quality sleep can lead to anxiety in hindi
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कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (California university, Berkeley) में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों में चिंता करने की प्रवृति होती है और अगर उनकी नींद अच्छी तरह से पूरी ना हो, तो तनाव बढ़ जाता है। नींद की गुणवत्ता (quality) की कमी की वजह से मानसिक शांति नहीं मिल पाती है, जिसके कारण सुबह उठकर उन प्रभावों को महसूस किया जा सकता है। इसलिए, कोशिश करनी चाहिए कि रात में बिना किसी प्रकार के विचार को रखते हुए मन एवं मस्तिष्क को शांत करके सोये और अच्छी और पर्याप्त नींद ज़रूर लें।
सामान्यकृत चिंता विकार से पीड़ित होने पर सुबह-सुबह बढ़ सकती है बेचैनी
Generalized anxiety disorder leads to morning anxiety in hindi
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किसी महत्वपूर्ण गतिविधि या घटना जैसे नौकरी के लिए साक्षात्कार (interview), कोई ज़रूरी मीटिंग या किसी प्रकार के भावनात्मक उतार-चढ़ाव के चलते चिंता या तनाव के कारण नींद ना आना सामान्य है। लेकिन, यदि आप नियमित रूप से बिना किसी कारण ही चिंता, भय या तनाव के साथ सुबह उठते हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आप सामान्यकृत चिंता विकार (generalized anxiety disorder) (जीएडी -GAD) से पीड़ित हो सकते हैं।
इस समस्या से जूझ रहे लोगों को पता होता कि वे ज़रुरत से ज्यादा चिंता कर रहे हैं लेकिन, फिर भी वे मानसिक रूप से परेशान ही रहते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि यह आम जीवन पर बुरा असर डालने लगता है। यही कारण है कि ऐसे लोगों को सुबह-सुबह बेचैनी या घबराहट (subah subah ghabrahat hona) होने लगती है।
सुबह उठते ही फोन चेक करने पर हो सकती है बेचैनी
Checking phone first thing in the morning can lead to anxiety in hindi
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हम सभी अपने फ़ोन में अलार्म लगा के ही सोते हैं लेकिन, सुबह उठते वक़्त अलार्म बंद करके हम फ़ोन को रखते नहीं हैं, बल्कि अपने ईमेल (emails) या संदेश (messages) देखने लगते हैं जिसके चलते पिछले दिन किसी तनावपूर्ण स्थिति याद आ सकती है या फिर आज के दिन में होने वाली किसी चीज़ को लेकर तनाव हो सकता है। इसलिए सुबह एक अच्छे मन से उठ कर भी तनाव या चिंता से भरी परिस्थिति बन जाती है।
नकारात्मक विचार के कारण हो सकती है बेचैनी
Negative thoughts can lead to anxiety in hindi
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एक अध्ययन के मुताबिक, बार-बार नकारात्मक सोचना अवसाद और चिंता से जुड़े विकारों का एक सामान्य लक्षण है [3]। अगर सुबह उठकर भी आपके दिमाग में किसी भी चीज़ से जुड़े नकारात्मक ख्याल या बुरे विचार ही आ रहे हैं, तो आपकी चिंता या भय से चलते दिन की शुरुआत करने का यह एक कारण हो सकता है। इसके लिए ज़रूरी है अपने आप से कहना कि हर चीज़ का एक अच्छा पहलू भी होता है, जिसे देखना ज़रूरी है।
ऐसा करना शुरू में मुश्किल हो सकता है लेकिन, यह अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए करना अनिवार्य है। इसके साथ ही तनाव-मुक्त रहने की कोशिश करें और मन में अच्छे और सकारात्मक ख्याल या विचार लाएं।
अधिक शराब के सेवन से हो सकती है बेचैनी
Liquor leads to anxiety in hindi
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अगर सोने से पहले बहुत अधिक मात्रा में शराब पी ली जाये तो अगली सुबह चिंतित या तनाव में उठना सामान्य है। यह स्थिति उन लोगों में ज्यादा गंभीर हो जाती है, जिनकी घबराहट या तनाव में रहने की प्रवृत्ति होती है। इसके कारण की बात कि जाए तो सुबह जब शराब का असर कम होने लगता है तो हमारे शरीर में एड्रेनलिन (adrenaline) हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो चिंता या घबराहट के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि रात के समय ज्यादा शराब ना पी जाये।
धूम्रपान से बढ़ती है सुबह के समय बेचैनी
Smoking leads to morning anxiety in hindi
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सोने से पहले या काफी अधिक मात्रा में धूम्रपान करने से भी रात को नींद के वक़्त बैचनी हो सकती है, जो सुबह तक चलती है और आपके दिन की शुरुआत चिंता और तनाव के साथ होती है। इसके पीछे के कारण की बात की जाए तो धूम्रपान के बाद शरीर में निकोटीन विड्रौल (nicotine withdrawal) के कारण रात के समय सोते वक़्त ही शरीर में बैचनी और घबराहट के लक्षण दिखने लगते है, जो सुबह उठते समय तक रहते हैं।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
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हर कोई चाहता है कि उसके दिन की शुरुआत एक अच्छे मन और शांत चित्त से हो ताकि पूरे दिन ताजगी से भरपूर रहे। लेकिन, कई बार पिछले दिन हुई किसी घटना या सोते समय किसी बुरे सपने के चलते सुबह उठ कर भी मन भारी रहता है, जैसे शरीर को आराम मिला ही ना हो। कभी-कभी ऐसी स्थिति का सामना करना आम बात है लेकिन, अगर ऐसा हर दो दिन में एक बार हो रहा हो तो यह एक चिंता करने वाली समस्या है। जिसके लिए अपनी जीवनशैली पर ध्यान देने के साथ-साथ किसी चिकित्सक की मदद भी ली जा सकती है।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Powell DJ, Schlotz W. “Daily life stress and the cortisol awakening response: testing the anticipation hypothesis”. PLoS One. PMID: 23284871.
Fazelian S, Amani R, et al.”Effect of Vitamin D Supplement on Mood Status and Inflammation in Vitamin D Deficient Type 2 Diabetic Women with Anxiety: A Randomized Clinical Trial”. Int J Prev Med.PMID: 30820304.
Kertz SJ, Koran J, et al. “Repetitive negative thinking predicts depression and anxiety symptom improvement during brief cognitive behavioral therapy”. Behav Res Ther.PMID: 25812825.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 03 Nov 2020