टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने की दवा
Medicine to increase the testosterone in hindi
Testosterone ko badhane ki dawa kya hai in hindi
एक नज़र
- सामान्य रूप से एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में प्रति डेसीलीटर (D/L) में 300-800 नैनोग्राम टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा होती है।
- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण व संकेत विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
- सुबह 8 बजे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का निर्माण अपने उच्चतम स्तर पर और रात को 9 बजे निम्नतम स्तर पर होता है।
Introduction

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का निर्माण पुरुषों के वृषण (testicle) में होता है और इन हार्मोन के निर्माण और विकास के कारण ही पुरुषों की शारीरिक और मानसिक शक्ति के साथ सेक्स लाइफ पर भी प्रभाव पड़ता है।
लेकिन आधुनिक जीवनशैली के दुष्प्रभाव जैसे खराब और असमय खाना-पीना, सुस्त जीवनशैली और रसायानिक वातावरण में अधिक से अधिक समय बिताने के कारण स्वास्थ्य के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी (low level of testosterone in hindi) भी देखी जा सकती है।
लेकिन टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने की दवा (medicine to increase the testosterone in hindi) को समय पर लेने से इस परेशानी से बचा जा सकता है।
इस लेख़ में
- 1.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का क्या प्रभाव हो सकता है?
- 2.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के क्या लक्षण हो सकते हैं?
- 3.किस कारण से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाती है?
- 4.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी को किस प्रकार जांचा जा सकता है?
- 5.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने का इलाज क्या है?
- 6.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए क्या खाना चाहिए?
- 7.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने वाली दवा क्या है?
- 8.टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
- 9.निष्कर्ष
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का क्या प्रभाव हो सकता है?
What are the effects of low testosterone in hindi
Testosterone ki kami se kya hota hai in hindi
सामान्य रूप से एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में प्रति डेसीलीटर (D/L) में 300-800 नैनोग्राम टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा होती है। लेकिन, जब शरीर में इन हार्मोन की निचली सीमा अथार्थ 300 नैनोग्राम से कम होने लगती है, तब यह स्थिति टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी कहलाती है।
इस हालत में पुरुष के शरीर पर होने वाला दुष्प्रभाव निम्न रूप में देखा जा सकता है : -
1) सेक्स संबंधी समस्याएँ (Sex related problems due to low testosterone in hindi)
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction)
वह स्थिति जब सेक्स क्रिया के समय पुरुष का लिंग (penis) पूरी तरह से उत्तेजित नहीं हो पाता है।
- सेक्स की इच्छा में कमी (Low sex drive)
पुरुष सामान्य स्थितियों में सेक्स क्रिया के लिए स्वयं को तैयार नहीं कर पाते हैं।
- नपुंसकता (Infertility)
पुरुषों में स्पर्म काउंट या वीर्य की गुणवत्ता में कमी आ सकती है, जिसके कारण नपुंसकता की परेशानी हो सकती है।
2) शारीरिक प्रभाव (Physical Side effect due to to low testosterone in hindi)
- शारीरिक वजन में अत्यधिक वृद्धि होना
- कार्य करने की शक्ति में कमी महसूस करना
- मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना
- हड्डियों का कमजोर होकर जल्दी-जल्दी टूटने की प्रवृति हो जाना
- शरीर के बालों में कमी आ जाना
- छाती के उत्तकों (tissues) में सूजन या फूलापन महसूस होना
- हॉट फ्लेशेस महसूस होना
- अत्यधिक थकान का महसूस होना
- कोलेस्ट्रॉल बनने पर बुरा प्रभाव पड़ना
3) अन्य प्रभाव (Other side effects of low testosterone in hindi)
- नींद न आने की शिकायत का बढ़ जाना
- डिप्रेशन बढ़ जाना
- यादादाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ना
- ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई होना
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के क्या लक्षण हो सकते हैं?
What are the symptoms of low testosterone in hindi
Testosterone ki kami ke lakshan kya hote hai in hindi
सामान्य रूप से यह देखा गया है कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण व संकेत विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। इन लक्षणों को इनकी प्रकृति के अनुसार विशिष्ट और सामान्य श्रेणी में विभाजित किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं : -
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के विशिष्ट लक्षण (Specific symptoms of low testosterone in hindi)
- सेक्स क्रिया में घटती हुई रुचि
- लिंग की उत्तेजना में कमी
- पुरुष शरीर में बालों की कमी
- दाड़ी-मूंछ के बालों में कमी
- मांसपेशियों में कमजोरी
- हर समय थकान का महसूस होना
- अत्यधिक मोटापा
- डिप्रेशन
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के सामान्य लक्षण (Non-Specific Symptoms of low Testosterone in hindi)
- खराब यादाश्त
- शरीर में काम करने की शक्ति न होना
- बातचीत करते समय शब्दों का भूल जाना
- किसी काम में ध्यान न लगा पाना
- किसी काम को करने में मन न लगना
कृपया इस बात को ध्यान में रखें कि यहाँ बताए गए विशिष्ट या सामान्य लक्षणों के आधार पर ही स्वयं को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का शिकार नहीं मान लेना चाहिए। लेकिन, यदि इनमें से एक से अधिक लक्षण महसूस होते हैं तब निश्चय ही अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
किस कारण से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाती है?
Causes of low Testosterone in hindi
Testosterone hormone ki kami ke karan kya hote hai in hindi
सामान्य रूप से यह देखा गया है कि पुरुषों में 20 से 30 वर्ष तक की उम्र में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर अधिकतम होता है उसके बाद उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी होने लगती है।
पुरुष की आयु 30-35 वर्ष की होने के बाद ये हार्मोन स्वाभाविक रूप से प्रति वर्ष 1% की दर से घटने लगता है। इसके साथ ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर समय के अनुसार बदलता भी है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का निर्माण 24 घंटे के चक्र पर घटता और बढ़ता रहता है। सुबह 8 बजे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का निर्माण अपने उच्चतम स्तर पर और रात को 9 बजे निम्नतम स्तर पर होता है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी होने के कारण निम्न भी हो सकते हैं : -
1. पीयूष ग्रंथि (pituitary gland) में बीमारी का शुरू हो जाना
2. कुछ आनुवांशिक बीमारियाँ जैसे क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome) आदि से व्यक्ति का प्रभावित होना
3. पुरुष के शरीर में आयरन तत्व का स्वाभाविक मात्रा से अधिक का पाया जाना
4. कैंसर बीमारी के उपचार के लिए कीमो या रेडिएशन आदि का प्रयोग करना
5. कुछ विशिष्ट हार्मोनल और कोर्टिकोस्टेरॉयड मेडिसीन (corticosteroid medicine) आदि का प्रयोग करना जिन्हें प्रोस्टेट कैंसर आदि में प्रयोग किया जाता है।
6. पुरुष अंडकोश (testicles) में चोट लगना या किसी प्रकार का इन्फेक्षन हो जाना
7.: सारकॉइडोसिस (sarcoidosis) जैसी बीमारी का होना जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों विशेषकर फेफड़ों में सूजन आने लगती है।
8. टाइप 2 मधुमेह की बीमारी तीव्र रूप में होना
9. हाइपोथायराइड (hypothyroid) आदि परेशानी का होना
10. एस्ट्रोजेन हार्मोन की अधिकता होना
11. एचआईवी यानी एड्स की बीमारी
12. एड्स जैसी घातक बीमारी
इसके अलावा, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के कारण निम्न जोखिम भी हो सकते हैं : -
1. व्यक्ति का अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना
2. बहुत अधिक मोटापे का शिकार होना
3. हर समय तनाव जैसी स्थिति में रहना
4. व्यक्ति को लीवर में सूजन जिसे सिरोसिस (cirrhosis) भी कहा जाता है, जैसी बीमारी का होना
5. पुरुष का किसी गंभीर या पुरानी बीमारी से ग्रस्त होना
6. सिर में गंभीर चोट लगना
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी को किस प्रकार जांचा जा सकता है?
Diagnosis and tests to check the low Testosterone in hindi
Testosterone hormone ki kami me kounsi janch kare in hindi
चिकित्सक पहली नज़र में लक्षणों के आधार पर या अलावा ब्लड टेस्ट में कुल टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा को जांच कर इनकी कमी या अधिकता को जांच सकते हैं।
डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा को जांचने के लिए निम्न जानकारी ले सकते हैं : -
1. व्यक्ति के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी (Medical history to check the low testosterone in hindi)
डॉक्टर व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी को जाँचने के लिए सबसे पहले उसके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जानकारी लेते हैं। इस समय पर आपके डॉक्टर आपके स्वस्थ से जुड़े सवालों के द्वारा यह समझने की कोशिश करते हैं कि कहीं आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) के शिकार तो नहीं है और फिर आप लो लिबीडो यानि सेक्स में कम रुचि का एहसास तो नहीं कर रहें हैं।
कुछ सामान्य प्रश्न जो डॉक्टर आप से अपॉइंटमेंट के समय पूछ सकते हैं : -
1. सिर में दर्द, दृष्टि में किसी प्रकार का परिवर्तन (मस्तिष्क में विशेषकर पीयूष ग्रंथि में आने वाला किसी परिवर्तन का संकेत) और सूंघने की शक्ति में कमी होना या पूरी तरह से खो जाना (anosmia)
2. सिर में किसी प्रकार का आघात लगने की घटना या सिर में किसी प्रकार की सर्जरी या ब्रेन ट्यूमर या किमोथेरेपी
3. अंडकोश में किसी प्रकार की चोट का लगना या अंडकोष में इन्फेक्शन
4. मादक पदार्थों का सेवन, कुछ विशेष प्रकार की दवाएं जिसमें नशे या स्टेरॉयड आदि मिला हुआ हो
4. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का पारिवारिक इतिहास
2. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी की जांच के लिए शारीरिक जांच (Physical Examination to check the low testosterone in hindi)
1. मोटापे की जांच के लिए बीएमआई (BMI) या कमर के घेरे की जांच
2. मेटाबोलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) की जांच जिसमें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कमर के चारों ओर आई अतिरिक्त चर्बी, और असामान्य कोलेस्ट्रॉल आदि कारकों की जांच की जाती है।
3. बालों की प्रवृति, उनकी मात्रा और उगने की जगह
4. बड़ी हुई ब्रेस्ट (gynecomastia)
5. अंडकोशों की स्थिति और उनका आकार
6. प्रोस्टेट का आकार और अगर कोई अन्य विकार यदि है तो उसे भी देखना
3. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी की जांच के लिए रक्त परीक्षण (Blood test to check the low testosterone in hindi)
डॉक्टर ब्लड टेस्ट के द्वारा टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी का पता लगा सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर क्योंकि दिन भर में चढ़ता उतरता रहता है, यानि सुबह के समय अधिक और दिन चढ़ने के साथ कम होता रहता है।
इस कारण डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को मापने के लिए सुबह के समय पर ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। ब्लड टेस्ट के द्वारा शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारणों को जानने के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं : -
- एम आर आई (MRI) / सी टी स्कैन (CT Scan)
अगर आपके डॉक्टर को शक है कि पीयूष ग्रंथि में किसी तरह की कोई ग्रोथ है जिस कारण टेस्टोस्टेरोन की कमी हो रही है, तो वह आपको एम आर आई या सी टी स्कैन करने की सलाह दे सकते हैं।
- हॉरमोन टेस्ट (Other hormone tests)
अगर आपके डॉक्टर को लगता हैं कि पीयूष ग्रंथि की असामान्यता के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो रहा है, तो इसकी जाँच के लिए डॉक्टर हारमोन टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं जैसे, एल एच हॉर्मोन टेस्ट (LH hormone test), ब्लड प्रोलेक्टिन टेस्ट (blood prolactin test), एफ एस एच टेस्ट (FSH hormone test) आदि।
- अनुवांशिक जांच (Genetic testing)
कभी कभी अनुवांशिक कारणों की वजह से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्र में कमी हो सकती है जिसका पता लगाने के लिए डॉक्टर अनुवांशिक जांच करने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा ही एक टेस्ट है कार्यो टाइप टेस्ट (karyotype test) जिसमें व्यक्ति के क्रोमोजोम (chromosome) या गुणसूत्रों की संरचना का पता लगाया जाता है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण का सही पता लगा डॉक्टर आपको इलाज की सलाह देंगे।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने का इलाज क्या है?
Treatment for low testosterone level in hindi
Testosterone hormone ko badhane ka ilaj in hindi
ऐसे व्यक्ति जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से ग्रस्त होते हैं, उनके इलाज के रूप में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी (testosterone replacement therapy) सबसे अच्छा इलाज माना जाता है।
इस थेरेपी में निम्न में से किसी एक विधि के द्वारा उपचार किया जा सकता है: -
1) हर 10-14 दिन में इंट्रामस्क्यूलर इंजेक्शन (intramuscular injections) यानि सीधे मसल्स में दिये जाने वाला इंजेक्शन।
2) टेस्टोस्टेरोन पैच (testosterone patches) के द्वारा, जिनका इस्तेमाल शरीर के विभिन्न भागों जैसे कूल्हे, बांह, पीठ और पेट आदि पर किया जा सकता है।
3) टेस्टोस्टेरोन जैल जिसे प्रतिदिन सूखी और साफ स्किन पर लगाया जा सकता है। यह जैल पीठ के ऊपरी हिस्से और बांह पर लगाई जाती है। इसे लगाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह जैल या क्रीम किसी अन्य व्यक्ति के शरीर या किसी भी अंग को स्पर्श करके उसके शरीर में प्रवेश नहीं करनी चाहिए।
यहाँ यह बात ध्यान रखने लायक है कि टेस्टोस्टेरोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
यह दुष्प्रभाव निम्न रूपों में देखे जा सकते हैं : -
1. नींद में कमी आ जाना
2. प्रोस्ट्रेट (prostrate) का बढ़ जाना
3. पुरुष की छाती के आकार में वृद्धि होना
यदि टेस्टोस्टेरोन रिपलेसमेंट थेरेपी के दौरान या इसके बाद आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं तब अपने डॉक्टर से संपर्क करके तुरंत सलाह लें।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए क्या खाना चाहिए?
Food items to boost the testosterone in hindi
Testosterone booster food konsa hai in hindi
संतुलित और पोषक आहार शरीर में होने वाली हर बीमारी और कमी को सरलता से दूर करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि के लिए डॉक्टर निम्न पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं : -
1. ज़िंक (Zinc)
शरीर में ज़िंक की कमी होने से ब्लड सर्क्युलेशन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा स्पर्म निर्माण में वृद्धि करके उनकी गुणवत्ता में भी वृद्धि करने में ज़िंक उपयोगी सिद्ध होता है।
इसके नियमित सेवन से सम्पूर्ण सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और इसके साथ ही टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में भी वृद्धि होने लगती है। इसके लिए अपने भोजन में प्याज़ और लहसुन का उपयोग अच्छी मात्रा में किया जा सकता है।
2. ओमेगा 3 (Omega 3 fatty acid)
ओमेगा 3 मुख्य रूप से रक्त में जमी हुई वसा को काट कर खत्म करने का काम बहुत अच्छी तरह करता है। रक्त के साफ होने से गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और शरीर की नसों में रक्त का सर्क्युलेशन बढ़ जाता है। इसके साथ ही ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड के सेवन से शरीर में हार्मोन का संतुलन भी बन जाता है, इसका सीधा असर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में भी होता है।
इसके लिए गाय का दूध, सूखे मेवे में मूँगफली और विशेषकर अखरोट, सूरजमुखी और सरसों के साथ अलसी के बीज, सोयाबीन, अंकुरित अनाज, पत्ता गोभी, टोफू, शलजम, बीन्स, ब्रोकली, और हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
इसके साथ रसभरी और स्ट्रोबेरी फल भी लिए जा सकते हैं। मांसाहारी भोजन में अंडे, हिलसा, सेलमोन, ट्यूना आदि मछ्ली और शैवाल, झींगा आदि सी फूड भी ओमेगा 3 के अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं।
3. प्रोटीन (Protein)
प्रोटीन को शरीर में सीमेंट के रूप में माना जाता है जो शरीर के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए व्यक्ति अपनी डाइट में प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत दूध, अंडा, बादाम, पिस्ता और अखरोट, पनीर और चिकन आदि को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा दालों में मसूर की दाल, ओट्स, आलू, विभिन्न प्रकार के बीज जैसे कद्दू और मूँगफली के बीज और फलों में अमरूद को हाई प्रोटीन डाइट माना जाता है।
4. मैग्निशियम (Magnesium)
शरीर में मैग्निशियम की कमी से रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और इसका असर यौन अंगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा पड़ता है। इसलिए अपने रोज़ के भोजन में सूखे मेवों में बादाम और काजू, हरी पत्तेदार सब्जी, सोया मिल्क, कद्दू के बीज, मूँगफली, ओट्स, फलियाँ और फलों में केले को विशेष रूप से शामिल किया जा सकता है।
5. विटामिन डी (Vitamin D)
वो व्यक्ति जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से ग्रस्त होते हैं उनके शरीर में विटामिन डी की भी कमी हो जाती है। इसलिए उन्हें अपने भोजन में फोर्टिफाइड अनाज और दूध के साथ पनीर और अंडे का भी सेवन करें। इसके अतिरिक्त नियमित रूप से 10-15 मिनट धूप का भी सेवन फायदेमंद रहता है।
6. आयरन (Iron)
आयरन की कमी होने से भी शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन में अंतर आ जाता है जिसके कारण भी पुरुष के लिंग में उत्तेजना की कमी महसूस हो सकती है। इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सोया और फलियाँ, उबला अंडा, अंकुरित अनाज, सूखे मेवे आदि नियमित रूप से लिए जा सकते हैं।
7. विटामिन एवं मिनरल्स (Vitamin and Minerals)
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लगभग सभी प्रकार के विटामिन और मिनर्ल्स या खनिज लवण की पर्याप्त मात्रा की ज़रूरत होती है। इसके लिए ज़िंक के साथ विटामिन बी, ए, सी और ई की प्रचुर मात्रा लेना अनिवार्य होता है। इसलिये डॉक्टर की सलाह से मल्टी विटामिन सपलीमेंट्स लेकर शरीर को स्वस्थ बनाते हुए शरीर में हार्मोन के असंतुलन को भी दूर किया जा सकता है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने वाली दवा क्या है?
Medicines to boost the testosterone in hindi
Testosterone hormone ko badhane ki dawa in hindi
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने वाली दवा लेने से पहले यह सलाह दी जाती है कि इस संबंध में कोई भी दवा बिना डॉक्टर की मदद व सलाह के नहीं लेनी चाहिए।
भारत में इस संबंध में टेस्टोस्टेरोन अनडेकानोएट 40एमजी कैप्सूल (testosterone undecanoate 40mg capsule) का प्रचलन देखा गया है। यह दवा कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है जिसे खाने के बाद पानी के साथ लेना होता है। यह मेडिसीन मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी संबंधी लक्षणों को दूर करके प्रकृतिक रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने का प्रयास करती है।
इस दवा के साइड इफेक्ट के रूप में नींद में कमी, स्पर्म काउंट में कमी, रक्त में लाल कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि के रूप में दिखाई दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त यौन अंगों में खुजली, पस से भरे छाले के अलावा कहीं-कहीं स्किन के लाल होने की शिकायत हो सकती है। इसलिए इस दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
Ayurvedic treatment to boost the testosterone in hindi
Testosterone badhane ke liye ayurvedic upay in hindi
आयुर्वेद भारत का ही नहीं विश्व का प्राचीनतम ग्रंथ है जिसमें हर संभव बीमारी का उपाय व उपचार बताया गया है।
इसमें टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि करने के लिए निम्न जड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह दी गई है: -
1. गोखरू (Tribulus)
गोखरू जिसे अँग्रेजी में पंचर बेल (panchar bel) भी कहा जाता है। भारत और चीन जैसे देशों में प्राचीन काल से पुरुष की यौन संबंधी समस्याओं के हल के रूप में इस्तेमाल होती आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इसके सेवन से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में प्राकृतिक रूप से वृद्धि हो जाती है। इसके साथ ही लिंग और नपुंसकता से जुड़ी परेशानियों का भी हल निकल आता है।
2. अश्वगंधा (Ashvgandha)
अश्वगंधा का प्रयोग मानसिक परेशानियों जैसे चिंता, तनाव और थकान को दूर करने में मदद करती है। इसके साथ ही इसके सेवन से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में भी सुधार होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर निश्चित रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि होने की संभावना हो जाती है।
3. शिलाजीत (Shilajit)
हिमालय क्षेत्र में पायी जाने वाली यह जड़ी-बूटी का मुख्य उपयोग यौन संबंधी परेशानियों को दूर करना है। इसके उचित उपयोग से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि होने की भी संभावना होती है। शिलाजीत का उपयोग करते समय इसकी क्वालिटी अच्छी तरह से देखकर ही लेनी चाहिए। खराब क्वालिटी का शिलाजीत किसी भी प्रकार से लाभकारी नहीं हो सकती है।
4. शतावरी (Asparagus)
शतावरी हर्ब का प्रयोग प्राचीन काल से महिलाओं की समस्याओं के उपयोग के रूप में किया जाता रहा है। इसके नियमित उपयोग से शरीर में ऊर्जा का तो संचार होता ही है, साथ ही महिलाओं व पुरुषों के प्रजनन अंगों को भी पोषण मिल जाता है।
व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है। इसे तनाव रहित जीवन जीते हुए और व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन के साथ स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हुए दूर भी किया जा सकता है।
यदि समस्या अधिक गंभीर हो तब कुशल चिकित्सक से संपर्क करके विधिवत इलाज करवाना ही श्रेयस्कर होता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, मुख्य रूप से सेक्स हार्मोन कहलाते हैं, क्योंकि इन हार्मोन के निर्माण और विकास पर ही पुरुष का शारीरिक और मानसिक विकास निर्भर करता है। इसके साथ ही पुरुष के यौन अंग व सेक्स क्रिया में प्रदर्शन भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से ही प्रभावित होते हैं।
शरीर में इन हार्मोन की कमी से सेक्स संबंधी परेशानियों को जन्म दे सकती है। इस कमी को दूर करने लिए स्वस्थ जीवनशैली के साथ पौष्टिक भोजन और समुचित इलाज करवाना ठीक रहता है।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 11 Sep 2020
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