स्किन डिंपलिंग: क्या यह स्तन कैंसर है
Skin dimpling: Is it breast cancer in hindi
kya stan ki skin mein dimple hona stan cancer ka karan ho sakta hai in hindi
एक नज़र
- सिर्फ़ 5-10% महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण आनुवंशिक होता हैं।
- स्तन के ऊतकों (tissue) में डिंपल पड़ना इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (inflammatory breast cancer) का संकेत हो सकता हैं।
- इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर युवा महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है।
Introduction

स्तन स्व जांच एक उपयोगी और महत्वपूर्ण जांच है जिसके द्वारा एक महिला अपने स्तन में होने वाले परिवर्तनों और असामान्यताओं के बारें में जानती हैं।
स्तन में गांठ, स्तन कैंसर होने का एक बहुत हीं महत्वपूर्ण लक्षण माना जाता है लेकिन अक्सर महिलाएं स्तन कैंसर के एक ओर लक्षण स्किन डिंपलिंग को भूल जाती है जो स्तन कैंसर का संकेत हो सकता हैं।
जिस प्रकार स्तन में गांठ, कैंसरमुक्त और कैंसरयुक्त दोनों प्रकार की हो सकती हैं, उसी प्रकार स्किन डिंपलिंग जरूरी नहीं है कि कैंसर ही हो लेकिन संभावना कैंसर की हो सकती है।
त्वचा में रंग परिवर्तन के साथ जलन होना या डिंपल पड़ना स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है। स्तन के ऊतकों में डिंपल पड़ना स्तन कैंसर का एकमात्र कारण नहीं हैं।
इस लेख़ में
ब्रेस्ट टिश्यू में स्किन डिंपलिंग के कारण
Causes of skin dimpling in breast tissue in hindi
stan me skin dimpling ke hone ke kya karan hote hai
डर्मेटाइटिस (Dermatitis )
इसमें एक्जिमा (eczema) और सनबर्न के कारण स्किन डिंपलिंग और त्वचा में सूजन सामान्य हैं।
फैट नरकोसिस (Fat necrosis)
फैट नरकोसिस एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें स्तन में फैटी टिश्यू (fatty tissues) खत्म हो जाते हैं जो स्तन की त्वचा में जलन और स्किन डिंपलिंग का कारण बनता हैं।
यह विभिन्न कारणों से हो सकता है जैसे ब्रेस्ट सर्जरी, चोट लगने से, घाव या बायोप्सी के साइड इफेक्ट आदि।
फैट नरकोसिस स्तन की सतह के पास होने के कारण स्किन डिंपलिंग का कारण बनता हैं।
इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory breast cancer)
यह स्तन कैंसर का एक इनवेसिव (Invasive) प्रकार है। स्तन के ऊतकों (tissue) में डिंपल पड़ना इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (inflammatory breast cancer) का संकेत हो सकता हैं।
इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर को प्यू डीऑरेंज (peau d'orange) और पैगेट डिजीज ऑफ़ दी ब्रेस्ट (Paget's disease of the breast) भी कहा जाता है।
इस कैंसर में ट्यूमर सेल्स, लिम्फेटिक सिस्टम (lymphatic system) के फंक्शन में रूकावट पैदा कर देते है।
लिम्फेटिक सिस्टम स्तन के सुचारु रूप से चलने और उसके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लिम्फेटिक सिस्टम के काम में रूकावट आने से स्तन की त्वचा नारंगी रंग की ऑरेंज पील जैसी दिखाई देती है।
इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में स्तन के ऊतकों की सामान्य बनावट में फ़र्क़ आ जाता है जिसके कारण स्तन की त्वचा में परिवर्तन जैसे त्वचा का रंग हल्का होना, त्वचा पर लालिमा और सूजन आना, त्वचा में रूखापन आता हैं।
स्किन डिंपलिंग के लक्षण और स्तन कैंसर की पहचान
Symptoms of breast cancer related to skin dimpling in hindi
breast ki skin mein dimple padne ke kya lakshan hote hai aur kaise pehchane ki wo lakshan breast cancer toh nahi
स्किन डिंपलिंग होने पर त्वचा का टेक्सचर (texture) बदलकर संतरे के छिलके जैसा हो जाता है जो स्तन कैंसर होने का संकेत हो सकता है।
स्तन की त्वचा में आने वाला परिवर्तन कई कारणवश हो सकता है जो स्तन के साथ-साथ शरीर के कुछ अन्य हिस्सों की त्वचा को भी प्रभावित करता है।
इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर होने का सबसे आम संकेत होता है - स्किन डिंपलिंग।
अगर आपको स्किन डिंपलिंग, इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के कारण होती है, तो निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:
स्तन त्वचा में परिवर्तन जैसे स्तन, निप्पल या स्तन की गोलाई के आसपास के क्षेत्र में लालिमा, पपड़ीदार त्वचा या सूजन होना।
स्तन के ऊतकों और अंडरआर्म के पास के क्षेत्र का थिक (thick) होना।
स्किन डिंपलिंग का प्रभाव केवल एक स्तन में होना और किसी भी स्तन में स्तन गांठ का ना होना।
निप्पल में परिवर्तन आना जैसे निप्पल उलटा होना या निप्पल का अंदर की और दबना।
दोनों स्तनों में अंतर आना जैसे एक में ज्यादा और एक में कम सूजन आना।
एक स्तन का सामान्य होना और दूसरे में दर्द और खुजली की शिकायत होना आदि।
त्वचा में रंग परिवर्तन के साथ जलन होना या डिंपल पड़ना स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है।
हालाँकि स्किन डिंपलिंग स्तन कैंसर ही हो इस बात का पता लगाना मुश्किल होता हैं।
इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर में स्तन गांठ नहीं होती है इसलिए डॉक्टर अक्सर इस बात की जांच करने के लिए कि स्किन डिंपलिंग स्तन कैंसर है या नहीं, कुछ अन्य लक्षण देखते हैं, जैसे:
स्तन का लाल होना
स्तन के आस -पास गर्माहट महसूस होना
स्तन की त्वचा के रंग में बदलाव
स्तन और उसके आस-पास सूजन
स्तन पर अल्सर होना
स्तन त्वचा का मोटा होना
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
स्तन कैंसर के खतरे से बचने के लिए स्तन कैंसर के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी हैं और हर महीने अपने स्तन की स्वयं जांच करके आप स्तन में होने वाले परिवर्तनों और लक्षणों को जान सकते हैं।
स्किन डिंपल या स्तन के ऊतकों में कोई परिवर्तन दिखाई देने पर डॉक्टर को दिखाएं।
स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जाम (clinical breast exam) करते है और कुछ भी शंका होने पर वो निम्न परीक्षणों के आधार पर स्तन कैंसर का पता लगाते हैं।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
बायोप्सी (Biopsy)
पीईटी (PET scan)
सीटी स्कैन (CT Scan)
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 14 Jul 2019
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