गुदा संभोग और एसटीडी का खतरा
Risk of STD through anal sex in hindi
anal sex ke nuksan kya hai
एक नज़र
- गुदा संभोग, सेक्स का एक अप्राकृतिक तरीका है।
- ये शरीर को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है।
- इसमें एसटीडी और एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है।
Introduction

शारीरिक गतिविधि के विभिन्न रूपों में यौन आनंद लिया जाता है, कई में इसमें योनि की उत्तेजना शामिल होती है, जबकि अन्य के लिए गुदा यानि एनल सेक्स और कुछ लोग दोनों का आनंद लेते हैं। [1] गुदा सम्भोग आमतौर पर महिलायें पसंद नहीं करतीं। लेकिन कुछ महिलाओं को इसमें भी आनंद आता है। पुरुष महिलाओं के मुकाबले गुदा सम्भोग (guda sambhog) करने में ज्यादा आनंदित होते हैं। आज इस तरह का सेक्स हमारे देश में भी बहुत प्रचलित होता है जा रहा है, खासकर युवाओं के बीच।
क्योंकि, आज लोग सेक्स को लेकर अधिक जागरूक होते हैं जा रहे हैं और अपनी राय भी इस पर रखते हैं या यूं कहें कि सेक्स को लेकर आज लोगों में खुलापन आ गया है और एक तरह का पॉजिटिव सोच रखने लगे हैं। इसलिए आज गुदा सेक्स को लेकर भी लोग बहुत शरमाते नहीं हैं। हालांकि, सेक्स को लेकर जागरूकता अच्छी बात है लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नार्मल सेक्स की तरह एनल सेक्स (anal sex in hindi) उतना सही नहीं माना जाता है क्योंकि गुदा सेक्स को लेकर यौन संक्रमण जैसे एचआईवी और एसटीडी का खतरा रहता है।
दरअसल, इस प्रकार का सेक्स दो पुरूषों के बीच भी संभव हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, पुरुष भागीदारों के बीच कंडोमलेस एनल सेक्स उन पुरुषों में एचआईवी ट्रांसमिशन के लिए प्राथमिक जोखिम कारक है, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं (एमएसएम)। [2] ऐसे में आइए इस विषय को इस लेख के माध्यम से विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं और जानते हैं कि एनल सेक्स और यौन संचारित रोग में क्या संबंध है और किस तरह से गुदा संभोग से शरीर को नुकसान (anal sex ke nuksan) हो सकता है।
इस लेख़ में
गुदा मैथुन क्या है
What is anal sex in hindi
anal sex kya hai
गुदा मैथुन (guda sambhog) या एनल सेक्स के दौरान एक पुरुष अपना लिंग महिला की योनि की जगह उसके एनल यानि गुदा में डालता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो, गुदा सेक्स के दौरान गुदा में लिंग को डालकर सेक्स की प्रक्रिया की जाती है, जिसे गुदा संभोग या गुदा मैथुन कहा जाता है। इस प्रकार के सेक्स से कहीं-न-कहीं पुरुष और महिला साथी दोनों को सेक्स के दौरान आनंद की प्राप्ति होती है।
हालांकि, गुदा सेक्स करना बहुत सरल नहीं होता है और इससे कई तरह के खतरे भी जुड़े होते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि ये सेक्स दो पुरुषों के बीच भी संभव होता है। अधिकतर मामलों में गुदा मैथुन करने से यौन संचारित रोगों के होने की संभावना अधिक होती है और इससे सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में आइए आपको अब आगे एनल सेक्स से जुड़े एसटीडी रोग के रिस्क के बारे में बताते है।
गुदा संभोग से होता है एसटीडी का खतरा
Risk of STD through anal sex in hindi
anal sex ke nuksan kya hai
एक शोध के मुताबिक गुदा संभोग से एसटीडी का खतरा 30 गुना बढ़ जाता है। इसमें ह्यूमन पेपोलिना वायरस से अनल वाट्स और कैंसर होने का खतरा होता है। साथ ही क्लैमिडिया, गोनोरिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है। सिफ्लिस और हर्पीस जैसे संक्रमण तो कंडोम का उपयोग करने पर भी फ़ैल सकते हैं।
गुदा सम्भोग से हेपेटाइटिस ए, बी और सी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। गुदा संभोग के दौरान तरह के संक्रमण फैलने का ख़तरा इसलिए रहता है क्योंकि योनि सेक्स की तुलना में गुदा मैथुन के दौरान त्वचा के फटने की अधिक संभावना होती है, जिस कारण संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
गुदा संभोग से एचआईवी का खतरा
Risk of HIV through anal sex in hindi
guda sambhog kya hai
गुदा संभोग से एचआईवी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई रिसर्च के आधार पर ये बात सामने आई है कि असुरक्षित रूप से गुदा संभोग करने से यौन संचारित रोग होने का खतरा लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जिसके अंतर्गत एचआईवी एड्स होने की संभावना सबसे अधिक होती है। गुदा संभोग के दौरान जो साथी नीचे की ओर रहता है, उसमें एचआईवी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। क्योंकि रेक्टम लाइन पतली होती है, जिससे एचआईवी वायरस ज्यादा आसानी से खून में जा सकते हैं।
सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, ओरल सेक्स और वैजाइनल सेक्स की तुलना में गुदा सेक्स से एचआईवी ट्रांसमिशन होने का जोखिम सबसे अधिक होता है। हालांकि, ओरल सेक्स भी सेहत के बहुत अच्छा नहीं माना जाता है और इससे भी कई तरह की बिमारियों का खतरा होता है लेकिन गुदा मैथुन की तुलना में कम होता है। कंडोम के उपयोग से ये खतरा थोड़ा कम हो सकता है। ऐसे में जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित सेक्स करना सबसे अच्छा होता है।
गुदा सेक्स के दौरान एचआईवी और एसटीडी से बचने के उपाय
Tips to reduce the risk of STD and HIV during anal sex in hindi
anal sex kya hai jane
एक शोध के अनुसार, दुनिया भर में 75 मिलियन से अधिक लोग मानव इम्युनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) से संक्रमित हैं, और अब लगभग 37 मिलियन व्यक्ति संक्रमण से पीड़ित हैं। [3] ऐसे में इस रोग से बचने के लिए सावधानी और जागरूकता दोनों महत्वपूर्ण हैं। जागरूकता के तौर पर आप गुदा संभोग के हर एक पहलु को समझने के बाद ही इसका आनंद लें या फिर कम-से-कम इस तरह का सेक्स करें ताकि आनंद भी मिले और साथ ही साथ सेहत भी ठीक रहे। इसके अलावा एसटीडी से बचाव के लिए कंडोम के इस्तेमाल की जानकारी होना भी आवश्यक है।
कंडोम और लुब्रिकेंट्स का उपयोग गुदा संभोग के दौरान आवश्यक है। कंडोम के उपयोग से एचआईवी और एसटीडी वायरस फैलने का खतरा कम हो जाता है। गुदा संभोग के दौरान पानी या सिलिकन लुब्रिकेंट्स का उपयोग करना भी काफी जरूरी है, ताकि ये कंडोम को फटने से रोक सके और गुदा के उतकों को भी घायल होने से बचा सके। इसके अलावा महिला नाइट्राइल कंडोम भी एचआईवी और कुछ अन्य एसटीडी को रोक सकते हैं। इस प्रकार से सुरक्षित रूप से सेक्स करने से आप यौन संचारित रोगों से अपने आपको बचा सकते हैं।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
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कंडोम का उपयोग सुरक्षा तो प्रदान करता है पर 100 % सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है। इसलिए सुरक्षा के लिए अन्य बातों का भी ख्याल रखें और किसी भी तरह का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिले। इसके साथ ही एचआईवी और एसटीडी की समय -समय पर जांच कराए। कुल मिलाकर गुदा मैथुन को सुरक्षित और आनंददायक बनाने के लिए उचित सावधानी बरतें, और यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Sendler DJ. “Similar mechanisms of traumatic rectal injuries in patients who had anal sex with animals to those who were butt-fisted by human sexual partner.” J Forensic Leg Med. PMID: 28763709
Semple SJ, Pitpitan EV, et al. “Correlates of condomless anal sex among men who have sex with men (MSM) in Tijuana, Mexico: The role of public sex venues.” PLoS One. PMID: 29065132
Deeks SG, Overbaugh J, et al. “HIV infection.” Nat Rev Dis Primers. PMID: 27188527
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 01 Sep 2020
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