नियमित मैमोग्राम से स्तन कैंसर का अतिव्यापन (ओवर डायग्नोसिस) हो सकता है
Regular mammograms may lead to overdiagnosis of breast cancer in hindi
kya mammogram test ke result galat bhi aa sakte hain
एक नज़र
- 50-70 वर्ष की महिलाओं को मैमोग्राफी का लाभ सबसे अधिक होता हैं।
- मैमोग्राफी के परिणामस्वरूप स्तन कैंसर से मृत्यु दर में 20% की कमी आई हैं।
- फाल्स पॉजिटिव मैमोग्राम (False-positive mammogram) से महिलाओं में तनाव बढ़ जाता हैं।
- फाल्स नेगेटिव मैमोग्राम (False-negative mammogram) आने से कैंसर ट्रीटमेंट देर से शुरू होता है।
Introduction

हर साल लगभग 40,000 महिलाओं की स्तन कैंसर से मृत्यु होती है। हालाँकि नियमित मैमोग्राम कराने से स्तन कैंसर का जोखिम कम होता है, लेकिन यह स्तन कैंसर के जोखिम को पूरी तरह से दूर नहीं करता है।
मैमोग्राफी के लाभ उम्र के अनुसार भिन्न होते हैं लेकिन 50-70 वर्ष की महिलाओं को मैमोग्राफी का लाभ सबसे अधिक होता हैं।
आज के समय में मैमोग्राम को स्तन स्क्रीनिंग का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता हैं जिसके द्वारा स्तन कैंसर (breast cancer) का पता लगाया जा सकता हैं।
इस लेख़ में
स्तन कैंसर का अतिव्यापन (ओवर डायग्नोसिस)
Overdiagnosis of breast cancer in hindi
Mammogram ka overdiagnosis kab hota hai
जैसे हर मेडिकल टेस्ट के रिजल्ट्स 100 % सही होने का आसार नहीं होते, उसी प्रकार मैमोग्राम टेस्ट के रिजल्ट भी गलत आ सकते हैं।
किसी महिला को स्तन कैंसर है या नहीं , मैमोग्राम टेस्ट कभी-कभी गलत परिणाम भी दिखा सकता हैं।
स्तन स्क्रीनिंग मैमोग्राम हर 5 में से 1 स्तन कैंसर नहीं डायग्नोज़ कर पाते हैं। मैमोग्राम के परिणाम दो तरह से गलत हो सकते है जिसके कारण स्तन कैंसर का ओवर डायग्नोसिस हो जाता हैं:
- फाल्स पॉजिटिव (False positive)
- फाल्स नेगेटिव (False negative)
फाल्स नेगेटिव मैमोग्राम
False negative mammogram in hindi
Mammogram ka kab false negative result aata hai
मैमोग्राम टेस्ट फाल्स नेगेटिव रिपोर्ट आने पर स्क्रीनिंग में कोई भी असामान्यता दिखाई नहीं देती (स्तन कैंसर के लक्षण नहीं दिखाई देते) जबकि स्तन कैंसर मौजूद होता है।
फाल्स नेगेटिव मैमोग्राम महिलाओं को स्वस्थ स्तन होने के आसार दिखाता जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं हैं।
फाल्स नेगेटिव मैमोग्राम आने से कैंसर ट्रीटमेंट देर से शुरू होता है।
फाल्स नेगेटिव रिपोर्ट निम्न स्थितियों में आती हैं:
- हैवी ब्रेस्ट (heavy breast) वाली महिलाओं में ऐसा परिणाम आने की ज्यादा सम्भावना होती हैं
- छोटे आकार की गांठ जो स्क्रीनिंग में नहीं आ पाई
- कैंसर टिश्यू का ऐसी जगह पर होना जो स्क्रीन पर नहीं दिख सकती
- युवा महिलाओं में ऐसा परिणाम आने की ज्यादा सम्भावना होती है क्योंकि युवा उम्र में स्तन हैवी होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ स्तनों में हैवीनेस (heaviness) कम होती जाती है
फाल्स पॉजिटिव मैमोग्राम
False-positive mammogram in hindi
mammogram ka result kab false positive aata hai
फाल्स पॉजिटिव मैमोग्राम आने पर स्तन कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं जबकि वास्तव में स्तन कैंसर नहीं होता हैं।
फाल्स पॉजिटिव मैमोग्राम रिपोर्ट तब आती है जब एक रेडियोलॉजिस्ट को मैमोग्राम में असामान्यता दिखाई देती है लेकिन वास्तव महिला को स्तन कैंसर नहीं होता है।
ऐसी निम्न स्थितियों में हो सकता हैं:-
- युवा महिलाओं में
- हैवी ब्रेस्ट (heavy breast) वाली महिलाओं में
- एस्ट्रोजेन (estrogen) लेने वाली महिलाओं में
- परिवार में स्तन कैंसर की हिस्ट्री वाली महिलाओं में
- 10 साल में एक बार मैमोग्राम करवाने वाली लगभग आधी महिलाओं में
- जो महिलायें पहली बार मैमोग्राम करवाती हैं
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
फाल्स पॉजिटिव फाल्स नेगेटिव रिपोर्ट मैमोग्राम के मामलों में कुछ अन्य टेस्ट करने पड़ते है, इनसे पता लगाया जा सकता है कि स्तन कैंसर है या नहीं, जैसे:
- डायग्नोस्टिक मैमोग्राम (Diagnostic mammograms)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- एमआरआई - मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (MRI - Magnetic Resonance Imaging)
- स्तन बायोप्सी (Breast biopsy)
मैमोग्राम टेस्ट के रिजल्ट्स के परिणाम एक महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं।
महिलाओं को यह बताना महत्वपूर्ण है कि इस बात का यह मतलब नहीं बनता कि मैमोग्राम करवाना अनावश्यक हैं या संभावित रूप से हानिकारक हैं।
नियमित रूप से मैमोग्राम करवाने से आप ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 10 Oct 2019
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