गर्भावस्था के दौरान ऐंठन के कारण और इलाज
Reasons and treatment of cramps during pregnancy in hindi
Garbhavastha ke dauran cramps ke karan aur ilaj in hindi
एक नज़र
- गर्भवती महिला के गर्भाशय की मांसपेशियों में खिंचाव होने के कारण ऐंठन होती है।
- ऐंठन के साथ यदि योनि से खून आने लगे तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है।
- ऐंठन होने पर महिला को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए।
Introduction

गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में शिशु के विकास के चलते महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं।
इन्हीं के कारण पेट के आस-पास खिंचाव महसूस होता है जिसे ऐंठन कहा जाता है।
हालांकि, यह सिर्फ गर्भावस्था के लक्षण नहीं है, लेकिन गर्भवती महिला में यह आमतौर से देखा जाता है।
वैसे तो यह स्वयं ही ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी होता है।
इस लेख के माध्यम से ऐंठन और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की गयी है।
इस लेख़ में
गर्भावस्था के दौरान होने वाली ऐंठन के कारण क्या हैं?
What are the causes of cramps during pregnancy? in hindi
Garbhavastha ke dauran cramping hone ke karan kya hain in hindi
गर्भाशय के आस-पास की मांसपेशियों में गर्भकाल के बढ़ने पर खिंचाव महसूस होने लगता है क्योंकि गर्भाशय का आकार बढ़ रहा होता है, जिसके कारण ऐंठन होती है।
महिला के खांसने, छींकने या करवट लेने पर यह ज्यादा महसूस होती है जो कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक हो सकती है।
दूसरी तिमाही के दौरान, ऐंठन होने के कारण राउंड लिगामेंट (roundligament) में दर्द होता है।
राउंड लिगामेंट वह मांसपेशी होती है जो गर्भाशय को सहारा देती है।
जब राउंड लिंगामेंट में खिचाव होता है तो महिला को एक तेज़ चुभता हुआ दर्द का अनुभव हो सकता है।
गर्भावस्था में महिला को ऐंठन के अलावा निम्न परेशानियाँ भी हो सकती हैं :
- गैस बनना
- पेट फूलना
- कब्ज
- यौन क्रिया
गर्भावस्था में होनी वाली ऐंठन का इलाज़ क्या है?
What are the treatments for cramps during pregnancy? in hindi
Garbhavastha mein cramps ka ilaj kya hai in hindi
गर्भावस्था में हल्की ऐंठन होने पर निम्न उपायों से राहत मिल सकती है :
- आराम से बैठें, लेटे और करवट बदलते रहें
- गुनगुने पानी से नहाएं
- हल्के व्यायाम करने की कोशिश करें
- ऐंठन वाली जगह पर गर्म पानी की बोतल से सेकें
- ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिएँ
गर्भावस्था में होने वाली ऐंठन कब होती चिंता का विषय?
When does cramping becomes a serious concerns during pregnancy? in hindi
Pregnancy mein hone wali cramping kab ho sakti gambhir in hindi
निम्न परिस्थितियों में गर्भवती महिला को पेट में होने वाली ऐंठन गंभीर हो सकती है :
- अस्थानिक सगर्भता (Ectopic pregnancy)
इस स्थिति में गर्भधारण निषेचित अंडे (fertilized egg) के गर्भाशय (uterus) के बाहर प्रत्यारोपित (implants) होने के कारण होता है।
इसके कारण महिला के पेट और गर्भाशय के आसपास काफी दर्द, खिंचाव और ऐंठन होती है जिसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
- गर्भपात (Miscarriage)
गर्भवती महिला की योनी (vagina) से हल्का खून निकलना और पेट में दर्द या ऐंठन होना गर्भपात की संभावना को इंगित करता है, लेकिन ऐसा हर बार ज़रूरी नहीं होता।
लेकिन अगर दर्द अधिक हो रहा हो और खून भी सामान्य से अधिक आ रहा हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
- प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)
इस अवस्था में उच्च रक्तचाप (high blood pressure) और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
इस स्थिति में पेट के ऊपरी भाग में असहनीय पीड़ा होती है।
- समय से पहले प्रसव (Preterm labor)
यदि गर्भाशय ग्रीवा (cervix) का विस्तार 37 हफ़्तों से पहले ही होने लगे तो रक्तचाप का बढ़ना, पेट में दर्द और ऐंठन, समय से पहले प्रसव का संकेत देते हैं।
- मूत्र मार्ग में संक्रमण (Urinary tract infection)
पेट के निचले हिस्से और यूरीनेशन (urination) के वक़्त दर्द होना मूत्र मार्ग में संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- प्लेसेंटल ऐबरपशन (Placental abruption)
इस स्थिति में शिशु के जन्म के पहले ही प्लेसेंटा (placenta) गर्भाशय से अलग हो जाता है।
यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसमें पेट में होने वाली ऐंठन ना तो कम होती है ना खत्म होती है।
अगर ऐसा होता है तो महिला को तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
महिला को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किडनी स्टोन (kidney stone), खाद्य पदार्थों से एलर्जी (allergy), पेप्टिक अलसर (peptic ulcer) आदि के कारण भी पेट में दर्द हो सकता है।
इसके अलावा नीचे दी गयी स्थितियों में चिकित्सक को तुरंत बुलाएं:
- असहनीय पीड़ा जो कम या खत्म नहीं हो रही हो
- पेट के निचले हिस्से में दर्द और दबाव
- योनि में ऐठन, खून आना, किसी तरह का तरल पदार्थ आना, चक्कर आना
- ऐंठन के साथ कंधों और गर्दन में भी दर्द होना
- बुख़ार के साथ ठंड लगना, उल्टी आना, चक्कर आना, जलन होना
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
माँ बनने वाली स्त्री को अपने शरीर में कई तरह के बदलाव देखने पड़ते हैं जिनके चलते दर्द या ऐंठन होना आम बात लगती है।
और गर्भाशय में एक नए जीवन के विकास के चलते गर्भकाल में पेट और उसके आस-पास के हिस्से में ऐंठन ज्यादा महसूस होती है।
लेकिन यह तब तक सही है जब तक स्त्री इसको सहन कर पा रही है और इसके साथ किसी और तरह की समस्या नहीं होती है।
किसी भी असामान्यता के चलते डॉक्टर का परामर्श लेने में देरी ना करें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 07 Nov 2019
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