5 पोषक तत्व, जो 15 से 65 वर्षीय महिलाओं के लिए ज़रूरी हैं
Nutrients for women aged between 15 and 65 years in hindi
15 se 65 saal ki mahilaon ke liye jaroori poshak tatva in hindi
एक नज़र
- पौष्टिक और संतुलित डाइट का अभाव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक हो सकता है।
- आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन ना होने पर एनीमिया हो सकता है।
- कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) या ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) बीमारी होने का डर रहता है।
Introduction

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों की जरुरत होती है।
ये पोषक तत्व शरीर को सुचारू रूप से काम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्वस्थ जीवन जीने के लिए ज़रुरी होता है स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित पौष्टिक भोजन खाना।
विशेष रूप से, महिलाओं और बच्चों को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
बच्चों के लिए इसलिए क्योंकि उनका विकास उनकी डाइट पर बहुत निर्भर करता है।
वहीं अगर महिलाओं की बात करें तो उन्हें एक साथ बहुत सारी जिम्मेदारियों को निभाना होता है।
इसी के साथ वो अपने जीवन में कई शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है जिसके कारण उनके लिए हर उम्र में पौष्टिक और संतुलित डाइट लेना बेहद जरूरी होता है।
ये पोषक तत्व ना केवल महिलाओं के शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि उनके शरीर में समय के साथ होने वाले परिवर्तनों के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाते हैं।
आज इस लेख में हम आपको उन पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे जो 15 से 65 साल की महिलाओं के लिए जरूरी हैं।
इस लेख़ में
15 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए ज़रूरी है आयरन
Iron is essential for women aged between 15 to 65 in hindi
15 se 65 varsh ki mahilaon ke liye zaroori hai iron in hindi
महिलाओं के शरीर को आयरन की जरूरत होती है।
इसकी जरुरत उनके शरीर में स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए आवश्यक होती है।
आयरन की जरूरत विशेष रूप से तब अधिक होती है जब लड़कियों को मासिक धर्म शुरू होता है।
आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन ना होने पर यह एनीमिया (anemia) का कारण बन सकता है।
जब महिला या लड़की एनीमिया से पीड़ित होती है तो वो कमजोर और थका हुआ महसूस करती है।
इसी के साथ उनका शरीर सुस्त महसूस करता है।
गर्भावस्था के दौरान भी आयरन अधिक मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।
इसका कारण है प्रसव के समय शरीर में रक्त की अधिक कमी होने से शिशु के एनीमिक पैदा होने के डर रहता है।
इसलिए किशोर लड़कियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और नई माँओं को पर्याप्त मात्रा में आयरन लेना चाहिए।
15 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए ज़रूरी है कैल्शियम
Calcium is essential for women aged between 15 to 65 in hindi
15 se 65 varsh ki mahilaon ke liye zaroori hai calcium in hindi
हर उम्र की महिला के लिए कैल्शियम बेहद ज़रूरी है।
इसकी आवश्यकता एक महिला को जीवन के हर पड़ाव पर पड़ती है।
कैल्शियम का सेवन करने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि इसके सेवन से स्वस्थ दांत और हड्डियों का विकास होता है।
किशोरावस्था में इसकी आवश्यकता ज्यादा होती है क्योंकि इस समय हड्डियां अधिक कैल्शियम अवशोषित (absorb) करती हैं।
यदि इस समय शरीर को पर्याप्त कैल्शियम मिलता तो शरीर हड्डियों से कैल्शियम को अवशोषित कर हड्डियों को कमजोर बना देता है।
इसी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) या ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) बीमारी होने का डर रहता है।
इसी प्रकार गर्भावस्था के दौरान हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम के पर्याप्त सेवन की आवश्यकता होती है।
15 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए ज़रूरी है मैग्नीशियम
Magnesium is essential for women aged between 15 to 65 in hindi
15 se 65 varsh ki mahilaon ke liye zaroori hai magnesium in hindi
अगर शरीर में मैग्नीशियम का स्तर कम होता है तो ये पीएमएस (PMS) , ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis), माइग्रेन (migraine) का कारण बनता है।
इसी के साथ मैग्नीशियम की कमी अवसाद को बढ़ाती है।
कोशिकाओं में कैल्शियम प्रवाह के लिए और न्यूरोनल फ़ंक्शन (neuronal function) को विनियमित (regulated) रूप से चलाने में भी मैग्नीशियम की भूमिका होती है।
ये थायराइड फ़ंक्शन (thyroid function) में भी भूमिका निभाता है।
हर उम्र की महिला को आहार में पर्याप्त मैग्नीशियम लेने की सलाह दी जाती है।
यह शरीर को तनाव से निपटने और हड्डियों के निर्माण में मदद करता है।
ये पीएमएस (PMS) से जूझ रही महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इससे प्रीमेंस्ट्रुअल माइग्रेन (premenstrual migraines), चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग और ऐंठन को कम करने में मदद मिलती हैं।
15 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए ज़रूरी है ओमेगा-3
Omega-3 is essential for women aged between 15 to 65 in hindi
15 se 65 varsh ki mahilaon ke liye zaroori hai omega-3 in hindi
ओमेगा-3 हर आयु वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य लाभ देता है।
महिलाओं के लिए ओमेगा-3 बेहद आवश्यक तत्व है।
ओमेगा-3 स्वस्थ हृदय, रक्तचाप को कम करने, रक्त में वसा के स्तर को कम करने और उस दर को धीमा करने में मददगार होता है।
ओमेगा-3 मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने में विशेष मदद करता है और महिलाओं को हड्डियों की कमज़ोरी से भी बचाता है।
हेउमोटोईड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है और महिलाओं में इसके अधिक गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं।
कई अध्ययनों से पता चला है कि मछली का तेल जिसमें ओमेगा 3 होता है वो गठिया से होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करता है।
ओमेगा 3 स्तन और रेक्टल कैंसर के ख़तरे को भी कम करता है।
ये महिलाओ में मूड स्विंग (mood swing) की समस्या को भी ठीक रखता है।
15 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए ज़रूरी है प्रोटीन
Protein is essential for women aged between 15 to 65 in hindi
15 se 65 varsh ki mahilaon ke liye zaroori hai protein in hindi
प्रोटीन उन पोषक तत्वों में से एक है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
प्रोटीन मांसपेशियों को हानि से भी बचाता है। महिलाओं के शरीर को इसकी उच्च मात्रा में आवश्यकता होती है।
प्रोटीन हमें भोजन को पचाने वाले एंजाइमों के लिए, प्रतिरक्षा प्रणाली को कार्यशील बनाये रखने, मांसपेशियों को मज़बूत बनाने और शरीर को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए जरूरी होता है।
ये कोशिकाओं, बालों, हड्डियों और ऊतकों की संरचना को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है।
प्रोटीन से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत बनती है।
गर्भावस्था के दौरान यह एमनियोटिक (amniotic) द्रव के निर्माण में भी मदद करता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कई गंभीर बीमारियां जैसे हड्डियाँ कमजोर होना, कैंसर, हार्ट डिजीज़, जोड़ों में दर्द, थकान, डायबिटीज़,डिप्रेशन, मोटापा, स्तन कैंसर, टीबी जैसे रोग हो सकते हैl
अपने आहार में सभी जरूरी पोषक तत्वों जैसे आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, वाटर, ओमेगा 3 आदि को शामिल करें।
समय-समय पर अपने टेस्ट करवाएं और कुछ भी समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 21 Apr 2020
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