ओव्यूलेशन में देर : कारण और लक्षण

Late Ovulation : Causes and Symptoms in hindi

Late Ovulation ke karan aur lakshan in hindi


एक नज़र

  • ओव्यूलेशन को देर से तब माना जाता है जब यह 21 दिन के बाद होता है।
  • देर से ओव्यूलेशन गर्भावस्था में देरी कर सकता है।
  • देर से ओव्यूलेशन बांझपन का कारण हो भी सकता है और नहीं भी।
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Introduction

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सबसे पहले, आइए ओव्यूलेशन की परिभाषा को देखें। यह तब होता है जब कुछ हार्मोनल परिवर्तनों के कारण आपके अंडाशय (ovaries) से एक परिपक्व अंडा निकलता है और गर्भाशय ट्यूब के माध्यम से आपके गर्भाशय तक पहुँचना शुरू कर देता है, जहां यह एक शुक्राणु द्वारा फर्टीलाइज हो सकता है।

आमतौर पर, ओव्यूलेशन आपकी अगली माहवारी की शुरुआत से लगभग 14 दिन पहले होता है, जो कि आपके समग्र 28-दिवसीय मासिक चक्र के मध्य में होता है।

अधिकांश महिलाएं अपने चक्र के 11 से 21 दिन के बीच ओव्यूलेट करती हैं, जरूरी नहीं कि दिन 14वें दिन ही महिला ओवुलेट करे। ओव्यूलेशन को देर से तब माना जाता है जब यह 21 दिन के बाद होता है।

देर से ओव्यूलेशन कभी-कभी समस्या पैदा कर सकता है। देर से ओव्यूलेशन वाले मामलों में सिर्फ 25-30 प्रतिशत ऐसे हैं जहां महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। हालांकि, देर से ओव्यूलेशन का मतलब यह नहीं है कि कोई ओवुलेशन हो नहीं सकता।

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इस लेख़ में

 

देर से ओव्यूलेशन के कारण क्या हैं

What causes late ovulation in hindi

Late ovulation ke karan kya hain in hindiहर महिला अलग होती है, इसलिए देरी से ओव्यूलेशन का कारण एक महिला से दूसरी महिला में भिन्न होता है। देर से ओव्यूलेशन के कुछ कारण यहां दिए गए हैं।

1.दवाएं (Medicines)

कई दवाएं का सेवन ओव्यूलेशन में देरी का कारण हो सकता है।

यदि आप देर से ओव्यूलेशन का अनुभव करती हैं और निम्नलिखित दवाओं में से कोई भी ले रही हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

  • स्टेरॉयड (Steroids)
  • एंटीडिप्रेसन्ट (Antidepressants)
  • हार्मोन आधारित बाल और त्वचा उत्पाद (Hormone-based hair and skin products)
  • सेंट्रल नर्वस सिस्टम की दवाएं -कुछ एंटीसाइकोटिक्स और एंटीपीलेप्टिक दवाएं (Central nervous system medications -some antipsychotics and antiepileptic drugs)
  • एंटीहाइपरटेंसिव दवाओं (Antihypertensive medications)
  • थायराइड की दवाएं (Thyroid medications)
  • कीमोथेरेपी और अन्य कैंसर उपचार (Chemotherapy and other cancer treatments)

2.स्तनपान (Breastfeed)

स्तनपान और विलंबित ओव्यूलेशन या एनोव्यूलेशन (anovulation) के बीच सीधा संबंध है।

भले ही आप स्तनपान करते समय मासिक धर्म का अनुभव करती हों लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ओव्यूलेशन हुआ है।

प्रोलैक्टिन (prolactin) के ऊंचे स्तर के कारण लैक्टेशन (lactation) ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है।

स्तनपान के इस प्रभाव का उपयोग जन्म नियंत्रण के लिए किया जाता है।

यदि आप स्तनपान कराने के दौरान देर से ओव्यूलेट कर रही हैं, तो आपको अपनी स्थिति का मूल्यांकन करने और यह तय करने की आवश्यकता है कि स्तनपान जारी रखना है या गर्भधारण पर ध्यान केंद्रित करना है।


3. पीसीओएस- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS - Polycystic ovary syndrome)

यदि आप पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम से ग्रस्त हैं, तो इसकी संभावना है कि आपको ओव्यूलेशन की समस्या होगी।

पीसीओएस के लक्षणों में एक या दोनों अंडाशय पर सीस्ट्स (cysts), पुरुष हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन का उच्च स्तर और अनियमित मासिक चक्र आदि शामिल हैं।

इसलिए अनियमित या बिना माहवारी के लक्षण, चेहरे, छाती या पेट पर अतिरिक्त बाल उगना, मुँहासे और वजन बढ़ने जैसे लक्षण होने पर अपने डॉक्टर से मिलें।


4. थायराइड (Thyroid)

आपकी थायरॉयड ग्रंथि आपके शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है, और असंतुलित होने पर अनियमित पीरियड्स, एनोव्यूलेशन और बांझपन जैसी प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।

हाइपर फंक्शन थायरॉयड ग्रंथि (Hyper function thyroid gland) के लक्षणों में चिड़चिड़ापन, वजन कम होना, अधिक पसीना आना और अनियमित या तेज़ दिल की धड़कन शामिल हैं।

दूसरी ओर, वजन बढ़ना, डिप्रेशन, थकान और मांसपेशियों में दर्द आदि हाइपो थायरॉयड ग्रंथि (Hypo Thyroid gland) का संकेत दे सकता है।

यदि आप इनमें से किसी को नोटिस करती हैं, तो चिकित्सक से बात करें।

5. तनाव (Stress)

तनाव हमारे मासिक धर्म चक्र को बाधित करता है।

तनाव को दूर करने की कोशिश करें ताकि आपका शरीर गर्भधारण करने के लिए तैयार हो।

यदि यह संभव नहीं है, तो तनाव को प्रबंधित करने के बेहतर तरीकों की तलाश करें जैसे कि ध्यान, व्यायाम या कोई शौक।


6.उम्र और वजन (Age and weight)

अधिक उम्र की महिलाओं में ओव्यूलेशन कम या देर से हो सकता है।

दूसरी ओर, किशोर लड़कियां ओव्यूलेशन ना होने या देर से होने के कारण अनियमित मासिक चक्र का अनुभव कर सकती हैं।

अधिक वजन के साथ-साथ कम वजन वाली महिलाएं भी असामान्य इंसुलिन और अन्य हार्मोन के स्तर के कारण देर से ओव्यूलेशन या अनियमित चक्र का अनुभव कर सकती हैं।

और पढ़ें:अजवायन से पाएं पीरियड्स के दर्द से छुटकारा
 

ओव्यूलेशन के लक्षण क्या हैं ?

What are the symptoms of ovulation in hindi

Ovulation ke symptoms kya hai in hindi

ओव्यूलेशन के कई लक्षण निम्न हैं:

  • लाइट स्पॉटिंग (Light spotting)
  • उच्च शरीर का तापमान (बेसल बॉडी टेम्परेचर - BBT)
  • योनि स्राव में परिवर्तन – कर्विकल म्यूकुस (cervical mucus)
  • उच्च कामेच्छा
  • हल्के पेल्विक (pelvic) दर्द

यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव नहीं हुआ है और आपकी माहवारी नहीं हुई है, तो यह देर से ओव्यूलेशन का संकेत है।

आप सुनिश्चित करने के लिए एक अल्ट्रासाउंड करवा सकती हैं।

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देर से ओव्यूलेशन के साथ क्या गर्भधारण हो सकता है ?

Can you get pregnant with late ovulation in hindi

Late ovulation ke bawjood kya pregnant hona sambhav hai in hindi

देर से ओव्यूलेशन गर्भावस्था में देरी कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गर्भावस्था होगी नहीं।

जब आप बाद में ओव्यूलेट करती हैं तो गर्भधारण करना पूरी तरह से संभव है।

ऊपर बताए गए लक्षणों को देखें, और अपने योनि स्राव पर पूरा ध्यान दें।

एक बार अंडा जारी होने के बाद, इसे फर्टीलाइज करने के लिए 12 से 24 घंटे का समय लगता है।

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देर से ओव्यूलेशन के संभावित परिणाम क्या हैं ?

What are the possible consequences of late ovulation in hindi

Late ovulation ke results kya ho sakte hain in hindi

देर से ओवुलेशन के संभावित कारण निम्न हैं:

  1. देर से ओव्यूलेशन का मुख्य परिणाम गर्भवती नहीं होना है।
  2. देर से ओव्यूलेशन गर्भाधान की संभावना को कम करता है।
    गर्भधारण न करने का तनाव आपके स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण पर विभिन्न प्रभाव डाल सकता है।
  3. देर से ओव्यूलेशन आपकी जीवनशैली और शेड्यूल को भी बाधित कर सकता है।
  4. देर से ओव्यूलेशन के परिणामस्वरूप बांझपन भी हो सकता है।
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देर से ओवुलेशन होने पर आपको डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?

When should you visit a doctor while ovulating late in hindi

Late ovulation hone par doctor se kab milna chahiye in hindi

यदि आपको लगता है कि आप लगातार देर से ओव्यूलेट कर रही हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

इसी तरह, यदि आप ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं जो प्रजनन समस्याओं से जुड़े हैं, या उन दवाओं पर निर्भर हैं जो ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकते हैं, तो भी डॉक्टर से बात करें।

और पढ़ें:अनियमित माहवारी या अनियमित पीरियड
 

देर से ओव्यूलेशन के उपचार क्या हैं ?

What is the treatment for late ovulation treatment in hindi

Late ovulation ka ilaj in hindi

देर से ओव्यूलेशन का उपचार किया जा सकता है।

उपचार की प्रक्रिया पूरी तरह से एनोव्यूलेशन के कारण पर निर्भर करती है।

कुछ लोगों को निर्धारित दवा दी जाती है जो शरीर को जल्दी या अधिक बार अंडे जारी करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

जीवनशैली में बदलाव जैसे कि वजन कम करना या दिनचर्या बदलना भी इलाज़ में शामिल हो सकता है।

यदि कोई समाधान नहीं मिलता है, तो आईवीएफ (IVF) जैसी गर्भाधान की एक वैकल्पिक विधि का सुझाव दिया जा सकता है।

सबसे अच्छा उपचार विकल्प का पता लगाने के लिए एक डॉक्टर की सलाह से बेहतर कुछ नहीं।

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निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

ओवुलेशन गर्भधारण का आधार होता है।

देर से ओव्यूलेशन निराशाजनक है और आपकी चिंता का कारण हो सकता है, लेकिन यह एक आम विकार है और काफी हद तक इसका उपचार भी संभव है।

यदि आपको लगता है कि आप देर से ओव्यूलेशन कर रही हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह लेनी चाहिए।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 21 Nov 2019

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