गर्भधारण करने से पहले टीकाकरण
Immunizations before conceiving in hindi
Pregnancy se pahle tikakaran in hindi
एक नज़र
- प्रेग्नेंट महिला की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिला को कुछ टीके नहीं लगाए जा सकते हैं।
- गर्भावस्था में संक्रामक रोग होने से शिशु को ख़तरा हो सकता है।
Introduction

गर्भधारण हर महिला के जीवन की सुखद अनुभूति होती है।
हजारों ख्यालों व सपने, एक माँ अपने बच्चे को लेकर सजाने लगती है।
मगर कुछ परिस्थितियों में माँ का शरीर गर्भधारण के लिए तरीके से तैयार नहीं होता।
ऐसा ज़्यादातर तब होता है जब महिला का शरीर कमज़ोर हो जाता है और शारीरिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
इस स्थिति में अगर महिला माँ बनने का निर्णय लेती है तो गर्भधारण से पहले कुछ टीके लगवाने आवश्यक हो जाते हैं।
गर्भधारण करने से पहले लगने वाले टीके
Immunization before getting pregnantin hindi
Garbh Dharan karne se pahle lagne wale tike in hindi
भारतीय समाज में अभी भी अनेक महिलाएं यह सोचती हैं कि क्या गर्भधारण करने से पहले लगने वाले टीके लगने चाहिए?
दरअसल जब महिला गर्भधारण का निर्णय लेती है तब उन्हें चिकित्सक की मदद से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले टीके लगवाने अनिवार्य होते हैं।
यह टीके गर्भधारण करने वाली माँ और उसके आने वाले शिशु को कनफेड़ (Mumps), चेचक (Mesals), और रूबेला (Rubella) जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं।
इन्हें एमएमआर (MMR) भी कहा जाता है।
चिकित्सक की सलाह से यह टीके गर्भधारण करने से तीन माह पूर्व ही लगवा लेना उपयुक्त रहता है।
इस टीकाकरण से गर्भवती माँ और उसके गर्भ में पलने वाले शिशु को निम्न रोगों से बचाव हो जाता है:-
कनफेड़ (Mumps) :
- अगर किसी व्यक्ति को बुख़ार के साथ कान के पीछे लाल रंग की गांठ बनने की शिकायत हो तब उसे कनफेड़ से प्रभावित माना जाता है।
- यदि किसी महिला को पहली तिमाही गर्भावस्था (First Trimester Pregnancy) में कनफेड़ की शिकायत हो जाती है तब शिशु की जान को ख़तरा हो सकता है।
चेचक (Measles) :
- छूत की बीमारियों में चेचक एक ऐसी बीमारी मानी जाती है, जो हल्के बुख़ार के साथ शुरू होती है और बाद में प्रभावित व्यक्ति के शरीर में लाल दाने हो जाते हैं।
- इसके साथ व्यक्ति की नाक बहने लगती है और उसे खाँसी भी हो जाती है।
- गर्भवती महिला को चेचक होने पर समय पूर्व प्रसव (Pre Term Deilvery) या गर्भपात (Miscarriage) की परेशानी हो सकती है।
रूबेला (Rubella) :
- यह एक छूत की बीमारी है, जिसे “जर्मन खसरा” भी कहा जाता है। बोलचाल की भाषा में इसे हल्का खसरा कहा जाता है।
- इस बीमारी के होने पर हल्के बुख़ार के साथ ही शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं।
- गर्भवती महिला का रूबेला से पीड़ित होने पर गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है।
- इसके अतिरिक्त शिशु के किसी न किसी विकार के साथ जन्म लेने की संभावना भी बढ़ जाती है।
- जैसे हृदय विकार (Heart Diseases), आँख या मस्तिष्क में परेशानी (Eye or Brain Defects) आदि की समस्या हो सकती है।
चिकनपोक्स (Chickenpox) :
- छोटी माता के नाम से जानी जाने वाली यह बीमारी अँग्रेजी में Chickenpox के नाम से जानी जाती है।
- इसमें प्रभावित व्यक्ति को बुख़ार के साथ सारे शरीर में छोटे-छोटे लाल दाने और उनमें खुजली हो जाती है।
- इन दानों की शुरुआत पेट, पीठ और चेहरे से होती है और फिर सारे शरीर में फैल जाती है।
- अगर किसी गर्भवती महिला को यह बीमारी हो जाती है तब इसका गर्भ के शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- ऐसी स्थिति में शिशु जन्म-जात बीमारियों के साथ जन्म ले सकता है।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
Nishkarsh in hindi
गर्भधारण से पहले महिला को इन रोगों से बचाव के लिए टीका लगवाना इसलिए अनिवार्य है, क्योंकि यह टीके गर्भधारण होने के बाद नहीं लगाए जा सकते हैं।
इसलिए उचित यही होगा कि जब भी आप गर्भधारण के बारे में विचार करें इस टीकाकरण के नियम का अवश्य पालन कर लें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 14 May 2020
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