हिस्टेरोस्कोपी - प्रक्रिया, प्रकार और हिस्टेरोस्कोपी का ख़र्च

Hysteroscopy - Procedure, types & hysteroscopy cost in hindi

Hysteroscopy - prakriya, prakar, or hysteroscopy ka kharch in hindi


एक नज़र

  • हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) का खर्च डॉक्टर की टीम और क्लिनिक के सक्सेस रेट (success rate) पर निर्भर करता है।
  • यह प्रक्रिया तभी अपनाई जाती है जब गर्भपात (miscarriage) और इनफर्टिलिटी (infertility) की समस्या होती है।
  • हिस्टेरोस्कोपी दो प्रकार की होती है।
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Introduction

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हिस्टेरोस्कोपी (hysteroscopy) उन महिलाओं को कराने की सलाह दी जाती है जो कई मेडिकल कारणों जैसे गर्भपात (miscarriage) और इनफर्टिलिटी (infertility) की वजह से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं। [1]

बस यही नहीं, इस प्रक्रिया को उन महिलाओं को भी कराने के लिए कहा जाता है जिन्हें मासिक धर्म से जुड़ी कोई समस्या हो और वह समस्या लम्बे समय से चली आ रही हो।

हिस्टेरोस्कोपी दो प्रकार की होती हैं और डॉक्टर आपके रोग के अनुसार उनमें से किसी एक प्रक्रिया का चुनाव करते हैं।

हिस्टेरोस्कोपी कराने का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस क्लिनिक (clinic) व किस डॉक्टर से यह प्रक्रिया करा रहे हैं।

आइये हिस्टेरोस्कोपी से जुड़ी अन्य जानकारियों को समझते हैं इस लेख में।

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इस लेख़ में

 

हिस्टेरोस्कोपी के प्रकार

Types of hysteroscopy in hindi

Hysteroscopy ke prakar in hindi

हिस्टेरोस्कोपी (hysteroscopy) के दो प्रकार हैं : -

  • डायग्नोस्टिक हिस्टेरोस्कोपी (Diagnostic hysteroscopy)
    यह हिस्टेरोस्कोपी महिला के गर्भाशय में चल रही समस्याओं का पता लगाने के लिए उपयोग की जाती है।
    हिस्टेरोस्कोपी प्रक्रिया के जरिये एचएसजी (HSG - Hysterosalpingography) टेस्ट कन्फर्म किये जाते हैं।
  • ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी (Operative hysteroscopy)
    ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी (operative hysteroscopy) की प्रक्रिया के दौरान गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का उपचार किया जाता है।
    यह प्रक्रिया अक्सर डायग्नोस्टिक हिस्टेरोस्कोपी (diagnostic Hysteroscopy) के प्रक्रिया के बाद ही इस्तेमाल की जाती है।
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हिस्टेरोस्कोपी क्यों किया जाता है?

Why do we do hysteroscopy ?in hindi

Hysteroscopy kyun kiya jata hai in hindi?

हिस्टेरोस्कोपी की प्रक्रिया तभी अपनाई जाती है जब रोगी इन समस्याओं से गुजर रहा हो : - [2]

  • सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट (cervical cancer screening test) या पैप टेस्ट (PAP test) का परिणाम असामान्य आना।
  • अगर रोगी के बिना किसी वजह से दो या दो से अधिक गर्भपात (miscarriages) हुए हैं।
  • अगर गर्भाशय के आंतरिक हिस्से में सूजन या बढ़ोतरी हो या फिर वहां पर फाइब्रॉयड्स (fibroids) पनप आएँ हों।
  • अगर आईयूडी (IUD - Intrauterine device - एक प्रकार की डिवाइस जो बर्थ कंट्रोल के लिए इस्तेमाल की जाती है) अपनी जगह से अलग हो गया हो।
  • अगर रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद भी महिला को ब्लीडिंग होती है।
  • अगर महिला के गर्भाशय की परत में बायोप्सी (biopsy) की जरूरत पड़ती है।
और पढ़ें:अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान की सफलता को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
 

हिस्टेरोस्कोपी की प्रक्रिया

Process of Hysteroscopy in hindi

Hysteroscopy ki prakriya in hindi

हिस्टेरोस्कोपी की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है : -

  • प्रक्रिया के आधार पर डॉक्टर हिस्टेरोस्कोप (hysteroscopy) का इस्तेमाल करते हैं। यह एक प्रकार की पतली ट्यूब जैसी डिवाइस (device) होती है। [3]
  • अवस्था के अनुसार डॉक्टर रोगी को बेहोश करने की दवा देते हैं।
  • इसके बाद डॉक्टर सर्वाइकल (cervical) के ओपनिंग सेंटर पर फोकस करते हैं ताकि वे हिस्टेरोस्कोप (hysteroscope) को सही ढंग से रख सकें। इस प्रक्रिया को सर्जरी करने वाले कुछ उपकरण और प्रोस्टग्लैण्डिन्स (prostaglandins) जैसी मेडिसीन की मदद से किया जाता है।
  • लगाए गए हिस्टेरोस्कोप की मदद से एक स्पेकुलम (speculum) को गर्भाशय में डाला जाता है।
  • अब डॉक्टर हिस्टेरोस्कोप के जरिये कुछ गैस और लिक्विड को गर्भाशय में डालते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि, डॉक्टर गर्भाशय के सूक्ष्म स्ट्रक्चर (structure) को सही तरीके से देख सकें।
  • आमतौर पर यूएसजी द्वारा दिए गए परिणामों को देखे जाने के बाद ही डायग्नोस्टिक या ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी (operative hysteroscopy) करने का निर्णय लिया जाता है।
  • इसके अलावा कुछ मामलों में डायग्नोस्टिक (diagonstic) या ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी (operative hysteroscopy) दोनों प्रक्रियाओं को करना पड़ता है।
  • इनमें से एक मामला है फाइब्रॉयड का। जब फाइब्रॉयड छोटा होता है, तब हिस्टेरोस्कोपी की प्रक्रिया से हटा दिया जाता है।
    लेकिन इनफर्टिलिटी की किसी अन्य कारण को जानने के लिए जैसे गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा की जांच और फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए सलाइन (saline) या डाई की मदद से हिस्टेरोसॉफिनोग्राम (hysterosalphinogram) प्रक्रिया की जाती है।

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हिस्टेरोस्कोपी प्रक्रिया का ख़र्च

Cost of hysteroscopy procedure in hindi

Hysteroscopy prakriya ka kharch in hindi

हिस्टेरोस्कोपी प्रकिया का पूरा खर्च 16,700 से 51,200 रुपये तक होता है।

फीस क्लिनिक की सक्सेस रेट, डॉक्टर और स्पेशलिस्ट (specialist) के हिसाब से घटती या बढ़ती है।

उपचार का नाम सक्सेस रेट न्यूनतम खर्च अधिकतम खर्च

हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) अच्छा 16,700 रुपये 26,400 रुपये

हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) बेहतर 25,700 रुपये 42,200 रुपये

हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) बहुत बेहतर 41,500 रुपये 51,200 रुपये

और पढ़ें:आईएमएसआई आईवीएफ क्या है?
 

निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

हिस्टेरोस्कोपी की दो प्रक्रिया है और जरूरत के अनुसार डॉक्टर किसी एक या दोनों प्रक्रिया का चयन करते हैं।

जबकि, इस प्रक्रिया का कुल खर्च डॉक्टर की टीम, और अस्पताल के सक्सेस रेट पर निर्भर करती है।

अगर डॉक्टर आपके फर्टिलिटी से जुड़ी किसी समस्या का इलाज हिस्टेरोस्कोपी की मदद से करना चाहते हैं तो एक बार इस प्रकिया के बारे में डॉक्टर से पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसे कराने के लिए कदम उठाना चाहिए।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 03 Jun 2020

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