तनाव आपकी सेहत पर कैसे असर डालता है
How stress affects your health in hindi
tanav aapki sehat par kaise dalta hai asar
एक नज़र
- एक सर्वे के अनुसार भारत की 89 प्रतिशत जनसंख्या ज़िंदगी में तनाव से जूझ रही है।
- तनाव से केवल एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार और समाज भी प्रभावित होता है।
- एक छोटा सा तनाव धीरे-धीरे बढ़कर शरीर को कई बड़े नुकसान पहुंचाता हैं।
- ७५ प्रतिशत तनाव ग्रस्त लोगों को मालूम ही नहीं होता कि वो तनाव में हैं।
Introduction

हमारा दिमाग एक मशीन की तरह है, जो मिलने वाली इनफार्मेशन (information) के अनुसार शरीर के अलग-अलग अंगो पर अलग-अलग प्रभाव डालता है।
हाल ही में हुई रिसर्च से पता चला है कि एक छोटे से तनाव से मोटापा (obesity), मधुमेह (diabetes), अल्सर (ulcer) , गेस्ट्रिक रिफ्लक्स डिसीज (gastric reflux disease), कोलायटिस (colitis), मायग्रेन (migraine), हाइपरटेंशन (hyper tension), ह्रदय रोग (heart disease) जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञ मानते है कि लगभग ७५ प्रतिशत बीमारियां केवल तनाव के वजह से हो सकती है।
इस आर्टिकल के ज़रिये आपको बताते हैं कि तनाव की वजह से कौन-कौन सी समस्या हो सकती हैं।
इस लेख़ में
यादाश्त में कमी
Memory Loss in hindi
yadasht mei aati hai kami
तनाव का सीधा-सीधा असर आपके मस्तिष्क पर पड़ता है।
ज्यादा टेंशन लेने से मस्तिष्क के सूचना स्नायु (neuron) सेल्स डैमेज होने लगती है, जिससे एक सामान्य व्यक्ति की मेमोरी में कमी आने लगती है।
गंभीर तनाव की स्थिति में भूलने की बीमारी- अल्जाइमर (alzheimer) तक हो सकती है।
पाचन की परेशानियां
Digestion related problem in hindi
badh jati hai pachan se judi pareshaniyan
टेंशन लेने के कारण लोगों के डाईजेशन पर बहुत असर पड़ता है।
व्यक्ति तनाव में होता है तो उसके भोजन को चबाकर खाने की रेट कम हो जाती है।
इस कारण से खाना ढंग से पचता नही है और फैट आंत (intestine) में इकट्ठा होने लगता है।
इससे पेट भी बढ़ जाता है।
बालों का झड़ना
Hair fall in hindi
balon ka jhadna
तनावग्रस्त व्यक्ति को अपने प्यारे बालों से हाथ धोना पड़ सकता है।
रिसर्च कहती है कि टेंशन लेने से सर में रुसी (dandruff) और खुजली हो जाती है।
इस वजह से बाल जड़ से कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
त्वचा सम्बंधित समस्यायें
Skin problems in hindi
twacha sambandhi samasyayein
काफी समय तक रहने वाला टेंशन ऑटो इम्यून डिसीज (autoimmune disease) को जन्म दे सकता है।
जिससे स्किन की बीमारियां जैसे – सोरायसिस (psoriasis), डर्मेटाइटिस (dermatitis) आदि हो जाती हैं।
ये स्किन की बीमारियां एक बार हो गई तो इनसे निजात पाना बहुत मुश्किल होता है।
इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाना
Weakening of immune system in hindi
kamzor ho jata hai immune system
एक रिसर्च के अनुसार स्ट्रेस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
अक्सर तनावग्रस्त लोग जल्द ही किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ जाते है।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
nishkarsh in hindi
तनाव से आजकल हर कोई ग्रसित है।
सभी शारीरिक और मानसिक परेशानियो की जड़ तनाव ही है।
तनाव धीरे-धीरे शरीर में घर कर दूसरी कई शारीरिक बिमारियों को जन्म देता है।
इसलियें जितना हो सके खुश रहने का प्रयास करे । छोटी-छोटी बातों को मन पर हावी न होने दें।
अगर तनाव अधिक बढ़ जाएं तो किसी मनोचिकित्सक से तुरंत परामर्श लें।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 22 May 2019