गर्भावस्था की पुष्टि के लिए दोबारा परीक्षण करने से पहले कितना इंतज़ार करना ठीक है?
How long one should wait for another pregnancy test in hindi
Phir se pregnancy test karne se pehle kitna intezaar karna shi hai
एक नज़र
- एक बार नेगेटिव टेस्ट होने पर दूसरी बार जाँच करने के बीच कम से कम 5-7 दिनों का अंतर होना अनिवार्य है।
- होम प्रेगनेंसी किट महिला के शरीर में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (human chorionic gonadotropin - HCG) यानि एचसीजी हॉर्मोन की मात्रा के अनुसार गर्भवती होने की पुष्टि करती है।
- बार -बार नकारात्मक परिणाम मिलने पर डॉक्टर से मिलें।
Introduction

गर्भावस्था की पुष्टि के लिए मेडिकल टेस्ट (medical test) लेना एक मिला-जुला एहसास होता है जिसको लेने से पहले महिला के मन में कई तरह के विचार आते हैं।
यदि प्रेगनेंसी टेस्ट से नए मेहमान के आने की खबर मिल जाती है तो उस ख़ुशी को होने वाली माँ के अलावा कोई और नहीं समझ सकता।
लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो थोड़ा दुःख अवश्य होता है।
ऐसे में निराश ना हो कर फिर से टेस्ट करना चाहिए।
लेकिन, यह परीक्षण कितने समय बाद करना चाहिए इसको समझना ज़रूरी है ताकि स्त्री को सही जानकारी मिल पाए।
इस लेख के माध्यम से यही बताने की कोशिश की गयी है कि एक बार नकारात्मक फल (negative result) मिलने के कितने समय बाद टेस्ट फिर से करना सही रहता है।
इस लेख़ में
किन कारणों से फिर से लेना होता है प्रेगनेंसी टेस्ट?
Why re-pregnancy test is required in hindi
Pregnancy test phir se kyun lena pad sakta hai in hindi
घर पर या स्वयं ही गर्भावस्था की पुष्टि के लिए उपयोग में लायी जाने वाली होम प्रेगनेंसी किट (home pregnancy kit) 98% तक सटीक नतीजे देती हैं। लेकिन फिर भी कुछ कारणों से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही स्त्री फिर से प्रेगनेंसी टेस्ट लेने का निर्णय ले सकती है।
फिर से प्रेगनेंसी टेस्ट लेने के कुछ कारण निम्न हैं :
- महिला ने अपने मासिक धर्म आने से पहले ही जांच कर ली और उसे मिले हुए परिणाम पर विश्वास नहीं है।
- महिला के शारीरिक लक्षण जैसे चक्कर, उल्टी, बेहोशी आदि उसके गर्भवती होने का संकेत देते हैं लेकिन किट के अनुसार वह गर्भवती नहीं है।
- स्त्री को लगता है कि उसके द्वारा ली जा रही दवाइयों जैसे प्रशांतक (tranquilizers), आक्षेपरोधी (anti-convulsants), प्रजनन औषधि (fertility drugs), हेपरिन (heparin) आदि ने शायद टेस्ट के परिणामों को प्रभावित किया होगा।
- महिला ने किट के निर्देशों का सही से पालन नहीं किया था जैसे - रीडिंग स्ट्रिप पर यूरिन गिराना आदि।
- चूँकि महिला गर्भवती होना चाहती है और उसे मिले परिणाम इसके विपरीत हैं इसलिए वह एक बार परीक्षण कर सकती है ताकि गलती की कोई गुंजाईश ना रहे।
नेगेटिव रिजल्ट मिलने पर कितने दिन बाद करना चाहिए प्रेगनेंसी टेस्ट?
After how many days should the next pregnancy test be taken in case of negative result? in hindi
Negative result milne ke kitne din baad karna chahiye pregnancy test in hindi
लगभग सभी होम प्रेगनेंसी किट के निर्देशों में यह लिखा होता है कि एक बार नकारात्मक नतीजे मिलने पर कम से कम एक हफ्ते बाद ही फिर से यह परीक्षण करना चाहिए।
इसके पीछे के कारण कि बात करें तो गर्भवती होने पर महिला के शरीर में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (human chorionic gonadotropin) हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। होम प्रेगनेंसी किट, इसी हॉर्मोन की मात्रा को स्त्री के मूत्र एवं खून के द्वारा मापती है। मात्रा कम होने पर नेगेटिव रिजल्ट मिलता है। एक बार नकारात्मक नतीजे मिलने पर शरीर में इस हॉर्मोन की एक पर्याप्त मात्रा बनने का समय देना चाहिए जिसके लिए एक हफ्ता काफी होता है।
इसलिए एक हफ्ते के अंतर पर ही फिर से परीक्षण करना चाहिए। वैसे तो यह हॉर्मोन हर 48 घंटों में दोगुना होता है इसलिए पूरे एक हफ्ते से पहले भी टेस्ट किया जा सकता है। लेकिन अगर फिर से टेस्ट नेगेटिव आता है तो इससे स्त्री के मानसिक संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है इसलिए थोड़ा इंतज़ार करके ही टेस्ट करना सही निर्णय है।
हालांकि, कई होम प्रेगनेंसी किट यह दावा करती हैं कि स्त्री के पीरियड्स (periods) ना आने से पहले ही वह बता सकते हैं कि गर्भधारण हो चुका है लेकिन चिकित्सीय विज्ञान के अनुसार गर्भवती होने की पुष्टि, एचसीजी हॉर्मोन के मात्रा पर ही निर्भर करती है।इसलिए बार- बार निराश होने से बेहतर है निर्देशित अंतराल के बाद ही फिर से जाँच करना।
कब मिलना चाहिए डॉक्टर से?
When to see a doctor in hindi
Kab milna chahiye doctor se in hindi
यदि स्त्री द्वारा की जा रही गर्भवती होने की जाँच एक हफ्ते बाद करने का बाद भी नेगेटिव ही आ रही है लेकिन उसका मासिक धर्म अभी तक नहीं आया है और शारीरिक लक्षण भी इसी तरफ इशारा कर रहे हैं कि गर्भधारण हो चुका है तो डॉक्टर से मिलना एक सही निर्णय है।
चिकित्सक से परामर्श लेना इसलिए आवश्यक है क्योंकि हो सकता है कि गर्भवती होने जैसे लक्षण यानि फूला हुआ पेट, चक्कर आना, उल्टी या वजन बढ़ने पर भी महिला को कोई और शारीरिक परेशानी हो।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
बार-बार प्रेगनेंसी किट के माध्यम से टेस्ट करने के कोई नुकसान नहीं हैं लेकिन इससे ख़र्च तो बढ़ता ही है साथ ही यदि महिला बहुत दिनों से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हो तो लगातार निराश होना उसके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
इस निराशा के चलते कई बार स्त्री शराब, धूम्रपान आदि का सेवन करने लगती हैं और अवसाद में भी जा सकती है।
इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम एक हफ्ते बाद ही एक बार फिर से गर्भवती होने का टेस्ट किया जाए।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 14 May 2020
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