एंग्जायटी और शुगर कैसे है संबंधित
How anxiety and sugar are related in hindi
anxiety or sugar kaise hai sambandhit
एक नज़र
- तनाव और शुगर का एक खास सम्बन्ध है।
- शोधों में ये बात साबित हो चुकी है कि शुगर हमारे तनाव को और बढ़ाता है।
- तनाव या एंग्जायटी (anxiety) में अधिक शुगर वाली चीजें न खाएं।
- शुगर हमारे वजन बढ़ाने के साथ साथ तनाव को भी बढ़ाता है।
Introduction

मीठा किसे पसंद नहीं होता है।
मगर मीठे (शुगर) के अधिक सेवन को हानिकारक माना जाता है।
हालांकि शुगर में ग्लूकोज़ (glucose) पाया जाता है, जो हमें एनर्जी देता है मगर कई सारी शोधों में ये बात साबित हो चूका है कि शुगर के अधिक सेवन से हमारे शरीर को कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमे वज़न और तनाव का बढ़ना भी शामिल है।
इस लेख़ में
तनाव और शुगर का क्या है रिश्ता
Relationship between anxiety and sugar in hindi
tanav or sugar ka kya hai rishta
हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स (carbohydrates) खाने से एनर्जी मिलती है और वो एनर्जी हमारे शरीर में ग्लुकोज़ (glucose) लेवल के रूप में जमा होती है।
जब भी हमें ऊर्जा (energy) की जरूरत होती है, इसी ग्लुकोज़ को हमारा शरीर ऊर्जा में बदलता है जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ जाता है।
इसके साथ ही ब्लड शुगर बढ़ने से पसीना आने लगता है, हमारी धड़कन तेज़ हो जाती हैं, शारीरिक तनाव महसूस होने लगता है।
यही कारण है कि हमें अधिक मेहनत करते समय ऐसे खाने की इच्छा होती है, जिसमें शुगर अत्यधिक हो जैसे रोटी, चावल, पिज़्ज़ा, चॉकलेट आदि।
शुगर कैसे बढ़ाती है तनाव को
How sugar increase the stress in hindi
sugar kaise badhati hai tanav
ब्लड शुगर बढ़ने और घटने का चक्र हमारे दिमाग पर कई बार काफी भारी पड़ जाता है और हमारे शरीर में एंग्जायटी (anxiety) के लक्षण दिखने लगते हैं।
जब भी हमारा शुगर लेवल एकदम बहुत कम हो जाता है तो हमारा शरीर कोर्टिसोल (cortisol) और एड्रेनैलिन (adrenaline) हार्मोन्स (harmones) को छोड़ता है ताकि इस तनाव से बचा जा सके और इन्हीं हार्मोन्स के बॉडी में आने की वजह से हमारी एंग्जायटी या तनाव और भी बढ़ जाता है।
इसलिए हम कह सकते हैं कि तनाव और शुगर का रिश्ता बेहद मजबूत है।
शुगर से कम होता बीडीएनएफ (BDNF) प्रोटीन का स्तर
Sugar reduces the BDNF protein level in hindi
sugar se kum hota hai BDNF protein level
एक और चीज़ जो शुगर और तनाव को जोड़ती है वो है ब्रेन संचालित न्यूट्रोफिक फैक्टर (Brain Derived Neutrophic Factor) जिसे आम भाषा में बीडीएनएफ (BDNF Protein) प्रोटीन भी कहते है।
ये प्रोटीन हमारे शरीर में तनाव, टेंशन और थकान दूर करने के काम आता है।
अगर किसी वजह से हमारे शरीर में इसकी कमी हो जाए तो ये हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।
शुगर का अत्यधिक सेवन इस प्रोटीन के हमारे शरीर में बनने को प्रभावित करता है और यह प्रोटीन हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है जिसकी वजह से हमारा शरीर तनाव और एंग्जायटी से लड़ नहीं पाता है।
तनाव कम करने के लिए शुगर की जगह क्या खाएं
What to eat to lower the anxiety instead of sugar in hindi
sugar ke sthan par tanav kum karne ke liye kya khaye
तनाव कम करने के लिए आपको अत्यधिक शुगर वाली चीज़ें खाने से बचना चाहिए और जितना हो सके उतना तला या ज्यादा कार्बोहायड्रेट युक्त खाना जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, चावल आदि खाने से भी दूर रहना चाहिए।
इनकी बजाए आप अपने खाने में दाल, होल व्हीट (whole wheat), दलिया, ओट्स (oats) जैसी स्वादिष्ट और पौष्टिक चीजें ले सकते हैं।
इससे आपका शुगर लेवल को तो कंट्रोल में रहेगा ही, साथ ही आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी ।
ऐस्पैरागस (Asparagus) का सेवन भी शुगर कंट्रोल करने में काफी लाभदायक होता है।
आप अपनी डाइट में ऐस्पैरागस को भी शामिल कर सकते हैं।
अवोकेडो (Avocado) में काफी मात्रा में विटामिन बी6 (vitmain-b6) होता है, जो हमें एंग्जायटी से लड़ने में काफी मददगार साबित हो सकता है, आप इसे भोजन में शामिल कर सकते हैं।
फिश ऑयल (fish oil) में काफी मात्रा में ओमेगा 3 (omega-3) होता है जो हमारी सेहत के लिए और शुगर कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद हैं।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
nishkarsh in hindi
अंत में आप यह कह सकते हैं कि अगर आज की इस तनाव भरी जिंदगी में हमें शांति से रहना है तो सबसे पहले हमें अपनी डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है।
खासकर अपने शुगर लेवल पर जो कि तनाव को बढ़ाने में सबसे बड़ा कारण है।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 22 May 2019