क्या तनाव के कारण गर्भधारण करने में परेशानी आ सकती है?

Can stress cause problems in conceiving in hindi

तनाव और गर्भधारण में संबंध


एक नज़र

  • तनावपूर्ण जीवन में व्यक्ति की जीवनशैली अव्यवस्थित हो जाती है।
  • चाय-कॉफी का अधिक सेवन प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है।
  • शारीरिक व्यायाम को संतुलित मात्रा में किया जाना ठीक रहता है।
  • सेक्स की इच्छा में कमी के कारण भी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
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Introduction

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आधुनिकता की भाग दौड़ में एक नया शब्द पता नहीं कब एक नन्हें बच्चे से लेकर वृद्ध व्यक्ति तक के शब्दकोश में जुड़ गया। ये शब्द है ‘तनाव’ जो लगभग हर व्यक्ति हर दूसरे पल में बोलता है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि यही एक शब्द किसी महिला के गर्भधारण के प्रयासों को भी विफल करने के लिए काफी होता है। तनाव से जहां लोगों की निजी ज़िंदगी बहुत हद तक प्रभावित होती जा रही है, तो उसी में एक और भाग अब जुड़ने लगा है और वो है तनाव और गर्भधारण का संबंध।

ऐसा देखा जाता है कि जब कोई महिला बहुत अधिक तनाव मुक्त होती है तो उससे उसकी माँ बनने की संभावनाओं पर प्रभाव पड़ता है। दरअसल, जब महिला डॉक्टर किसी महिला के गर्भधारण के प्रयासों के लगातार विफल होने के लिए किसी ठोस कारण नहीं ढूंढ पाते हैं, तब वे यह भी सोचने लगे हैं कि कहीं माँ न बन पाने का कारण मानसिक तनाव तो नहीं है। आखिर ऐसा क्यों होता, क्या वाकई तनाव युक्त होने से महिला के गर्भधारण करने में परेशानी आती है। आईए, इस लेख के माध्यम से समझते हैं कि तनाव और गर्भधारण में क्या संबंध है।

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इस लेख़ में

 

तनाव और गर्भधारण के प्रयास में क्या संबंध है

How stress and getting pregnant are related in hindi

stress and pregnancy in hindi

हालांकि, इस बात को तकनीकी रूप से सिद्ध करना थोड़ा कठिन है कि तनाव और गर्भधारण के प्रयासों में संबंध है या नहीं। लेकिन, विश्लेषण किया जाये तो तनाव, पति-पत्नी के शारीरिक, मानसिक और इमोशनल स्वस्थ्य पर बुरा असर डालता है और इसके कारण गर्भधारण के प्रयास भी कभी-कभी विफल हो जाते हैं। तनाव के कारण बांझपन हो सकता है - मिथ या सत्य लेकिन, यह सत्य है कि तनाव के कारण प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।

शरीर पर तनाव का प्रभाव अनियमित मासिक धर्म के रूप में दिखाई देता है। इसके अलावा कभी-कभी महिलाएं मासिक धर्म न होने की भी शिकायत करती हैं। हालांकि, यह एक अस्थायी स्थिति होती है लेकिन लंबे समय में इसका दुष्प्रभाव ओव्यूलेशन पर होता है जिसके कारण गर्भधारण में कठिनाई आ सकती है।

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क्या तनाव आपको गर्भवती होने से रोक सकता है?

Can stress keep you from getting pregnant in hindi

तनाव और गर्भधारण क्या है

तनाव और गर्भधारण को लेकर कई तरह के मिथ हैं कि तनाव के कारण महिला को गर्भधारण करने में परेशानी आती है। जी हां, अत्यधिक तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अगर आप लंबे समय तक आपको इस स्थिति में गर्भधारण करने में परेशानी नहीं आती है। तनाव के कुछ समय के लिए आपकी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है न की लंबे समय के लिए। उदाहरण के लिए, आप एक असामान्य रूप से तनावपूर्ण समय के दौरान देर या अनियमित पीरियड का अनुभव कर सकती हैं लेकिन, लंबे समय के लिए ऐसी स्थिति नहीं होती है।

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तनाव के कारण जीवनशैली में परिवर्तन आता है

Stress leads to unhealthy lifestyle in hindi

तनाव से गर्भधारण में परेशानी आती है

कई अध्ययन के मुताबिक, तनाव और गर्भपात के बीच एक जुड़ाव की पहचान की है। तनाव के कारण पति-पत्नी की जीवनशैली में इस प्रकार का परिवर्तन आ जाता है, जो गर्भधारण के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।

यह परिवर्तन निम्न रूप में देखा जा सकता है :-

  • जरूरत से ज्यादा या कम समय की नींद लेना (Sleeping too much or too less)
    असमय काम करने वाले व्यक्ति या तो अपनी नींद अधिक सोने से पूरी करते हैं या फिर उन्हें सोने का कम समय मिलता है। इसलिए विश्व भर के डॉक्टर अब यह मानने लगे हैं कि जिन लोगों के रोज़ सोने का एक ठीक समय नहीं होता है या वो निश्चित पाँच से छह घंटे की नियमित नींद नहीं लेते हैं, वो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से परेशान रहते हैं। इनमें से प्रमुख है मोटापे की परेशानी और इसके कारण महिला व पुरुष की प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं देर रात तक काम करती हैं या रात की शिफ्ट में काम करतीं हैं उनके ओव्यूलेशन में परेशानी होती है। ऐसी महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में गर्भपात के मामले भी अधिक देखे जाते हैं। इसके कारण नींद के अनियमित होने के कारण मासिक धर्म भी अनियमित हो जाता है। यह सब स्थितियाँ गर्भधारण के प्रयासों को धूमिल कर देती हैं।
  • तनाव या डिप्रेशन के कारण अधिक भोजन करना या कम मात्रा में करना (Eating too much or too less)
    जब व्यक्ति तनाव में होता है तब उनके खाने-पीने का व्यवहार स्वास्थ्यकारी न होकर मन मर्ज़ी का हो जाता है। अधिकतर इसमें व्यक्ति वो सब खाने की चीज़ें पसंद करते हैं जिनका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत कुछ लोग तनाव में खाना बिलकुल छोड़ देते हैं और खाते भी हैं, तो उसमें भी हेल्थ का ध्यान नहीं रखा जाता है। इसके कारण शरीर का वजन अधिक बढ़ सकता है। वजन बढ़ने से मोटापे की शिकायत हो सकती है और मोटापा, गर्भधारण में कठिनाई उत्पन्न करता है।
  • तनाव से परेशान होकर या तो बहुत अधिक व्यायाम करना या बिल्कुल न करना (Exercising heavily or not at all)
    शारीरिक व्यायाम, शरीर को हर प्रकार से स्वस्थ रखने का एक उत्तम तरीका माना जाता है। लेकिन, जब व्यक्ति तनाव में होता है तब उन्हें कितना व्यायाम करना चाहिए, इस बात का आकलन ठीक प्रकार से नहीं कर पाते हैं। विभिन्न शोधों से यह स्पष्ट हो गया है कि जो महिलाएं अपना अधिकतम समय भारी व्यायाम में व्यतीत करती हैं उनके गर्भधारण की संभावना, बिल्कुल व्यायाम न करने वाली महिलाओं की तुलना में कम ही होती है। इसलिए जब आपने माँ बनने का निर्णय लिया है तब व्यायाम की गतिविधि में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।
  • तनाव को दूर करने के लिए शराब और/या धूम्रपान का सहारा लेना (Start drinking liquor or smoking)
    अधिकतर देखा गया है कि पुरुष हो या महिला, अपना तनाव कम करने के लिए अधिकतर शराब और सिगरेट सेवन का सहारा लेते हैं। लेकिन, आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि शराब और धूम्रपान, महिला और पुरुष दोनों की ही प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है। इसलिए, तनाव को कम करने के लिए शराब या धूम्रपान का सहारा लेकर आप स्वयं ही प्रग्नेंसी की कोशिशों को कम कर रही हैं।
  • चाय-कौफ़ी आदि कैफीन पेय का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करना (Having too much caffeine)
    सामान्य रूप से दफ्तर में काम करने वाले महिला-पुरुष अपनी नींद और बोरियत या फिर तनाव के पलों को दूर करने के लिए चाय और कॉफी का सहारा लेते हैं। लेकिन, शोध रिपोर्ट में यह सिद्ध हो चुका है कि अगर आप गर्भधारण का प्रयास कर रही हैं तो दिन में अधिक चाय-काफी का सेवन आपकी प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • साथी के साथ सेक्स में रुचि न लेना (Less interest in sexual relationship)
    आधुनिक समय में सेक्स को हमेशा से तनाव से मुक्त होने का सबसे सरल उपाय माना जाता है।
    लेकिन, बढ़ते हुए काम के घंटे और तनाव के कारण जीवन साथी के साथ बिताए ये पल भी अक्सर एक औपचारिकता मात्र रह जाते हैं। इसका प्रमुख कारण है कि तनाव के कारण सेक्स में रुचि तो खत्म हो ही जाती है और साथ ही शरीर में सेक्स इच्छा उत्पन्न करने वाले हार्मोन का निर्माण भी कम हो जाता है। जिसका सीधा प्रभाव प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।

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कैसे नींद, तनाव और गर्भधारण होना जुड़ा हुआ है

How stress, sleep, and getting pregnant are connected in hindi

गर्भधारण कैसे होता है

अगर आपके काम का समय या जीवनशैली जल्दी उठने के साथ और देर रात तक चलती है, तो नींद की निरंतर कमी आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है, और इसलिए, आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है ।शोध से पता चला है कि जिन लोगों को पांच घंटे से कम नींद आती है, उनमें मोटापे का शिकार होने की संभावना अधिक होती है, और मोटापे से प्रजनन क्षमता की समस्या हो सकती है। बेहिसाब तरीके की शिफ्ट में काम करने से और तनाव लेने से महिला की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। नाइट-शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं पर किए गए शोध के मुताबिक, रात की शिफ्ट में ओव्यूलेशन के दिन के करीब काम करने से गर्भपात होने का रिस्क बढ़ जाता है।

शोध से यह भी पता चला है कि नाइट शिफ्ट के काम से कुछ महिलाओं में अनियमित माहवारी हो सकती है। अनियमित माहवारी प्रजनन समस्याओं के लिए एक जोखिम कारक है। रात को पर्याप्त नींद लेना और यदि संभव हो तो रात की शिफ्ट से बचना गर्भवती होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

और पढ़ें:अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट क्या है और क्यों पड़ती है इसकी ज़रूरत
 

निष्कर्ष

Conclusion in hindi

तनाव और गर्भधारण में संबंध

तनाव सीधे तौर पर गर्भधारण करने में मुश्किल का कारण नहीं हो सकता है, लेकिन जैसा कि आपने ऊपर देखा है कि तनाव जीवनशैली विकल्पों को जन्म दे सकता है जो गर्भवती होने में मुश्किल कर सकता है। तनाव के कारण जीवन पर होने वाले परिवर्तनों और इन सभी कारणों से महिला व पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए जहां तक हो सके,तनाव-मुक्त रहें और जीवन से तनाव को दूर करके प्रसन्ता को स्थान देकर गर्भ ठहरने के प्रयासों को सफल बनाने का प्रयत्न करें।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 29 Oct 2020

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