क्या अधिक वजन होने से गर्भधारण होने में परेशानी हो सकती है?

Does excess weight reduce chances of conception in hindi

kya adhik wajan hone se garbh dharan hone mein paresani ho sakti hai


एक नज़र

  • गर्भधारण से पूर्व महिला के शरीर का वजन सामान्य होना चाहिए।
  • मोटापा गर्भधारण में विभिन्न परेशानियाँ खड़ी कर सकता है।
  • गर्भधारण में बीएमआई की जांच जरूरी होती है।
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Introduction

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मोटापा या शरीर का अधिक वजन वैसे तो अनेक परेशानियों का मुख्य कारण होता है।

लेकिन महिलाओं के लिए विशेषकर जब वे गर्भधारण का प्रयास कर रहीं हों, तब यह सबसे बड़ी परेशानी बन जाता है।

विभिन्न प्रकार की शोधों से यह निष्कर्ष निकल कर आया है कि जिन महिलाओं का वजन सामान्य से अधिक होता है उन्हें गर्भधारण करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

यूएसए स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार जब पति-पत्नी दोनों का वजन सामान्य से अधिक होता है तब पत्नी को प्रेग्नेंट होने में एक अन्य स्वस्थ महिला की तुलना में 55-59% का समय अधिक लगता है।

इसके अलावा भी अन्य विभिन्न परेशानियाँ हो सकती हैं।

आज इस लेख में हम जानेंगे कि अधिक वजन होने से गर्भावस्था के दौरान क्या परेशानियाँ आ सकती हैं :

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इस लेख़ में

 

मोटापा किस प्रकार गर्भधारण को प्रभावित करता है

How excess weight affects conceiving in hindi

Pregnancy ki koshish karne mein motapa rukaavat daal sakta hai in hindi

चिकित्सकों का मानना है कि किसी भी महिला का शारीरिक वजन उसकी गर्भधारण की क्षमता को पूरी तरह से प्रभावित करता है।

महिला का वजन चाहे सामान्य से कम हो या सामान्य से अधिक हो, दोनों ही स्थितियों में गर्भधारण के प्रयास में कठिनाई आ सकती है।

अगर कोई महिला मोटापे का शिकार है तब उसे गर्भधारण करने में निम्न कारणों से कठिनाई आ सकती है :

  • ओव्यूलेशन में रुकावट (Problem in ovulation)
    महिला की ओवरी में एस्ट्रोजेन हार्मोन का निर्माण होता है।
    इसी प्रकार चर्बी की कोशिकाएँ भी एस्ट्रोजेन हार्मोन का उत्पादन करती हैं।
    अब अगर महिला मोटापे का शिकार है तब चर्बी की कोशिकाएँ अधिक मात्रा में एस्ट्रोजेन हार्मोन बनाने लगती हैं।
    यह हार्मोन गर्भनिरोधक उपाय के रूप में काम करते हैं और इसके कारण मासिक धर्म के बाद ओवुलेशन में रुकावट आ जाती है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome)
    अतिरिक्त वजन होने के कारण महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) होने की परेशानी हो सकती है।
    इसके कारण महिलाओं को बांझपन की शिकायत भी हो सकती है।
    दरअसल मोटापा होने से महिला के शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होने लगती है जिसके कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम हो सकता है।
    इसके अतिरिक्त पीरियड में अनियमितता या देरी से होने की शिकायतें भी गर्भधारण में कठिनाई उत्पन्न कर सकती हैं।
  • प्रजनन संबंधी उपचारों का असर कम (Preventing fertility treatment)
    यदि महिला गर्भधारण के लिए आईवीएफ जैसे उपायों का सहारा लेती हैं तब भी मोटापा इन उपायों के असर को होने से रोक सकता है।
    इसलिए यदि गर्भधारण के लिए आई वी एफ का उपचार करवाने का विचार किसी महिला के मन में तब इसके लिए सबसे पहले अपने शारीरिक वजन की जांच कर लें।
    अगर महिला मोटापे की शिकार है तब पहले शारीरिक वजन को कम करके ही इस उपाय की ओर अपने कदम बढ़ाएँ।
  • गर्भपात की संभावना अधिक हो जाती है (Risk of abortion)
    महिला का मोटापा, शरीर में हार्मोनल असंतुलन और पीसीओएस के साथ बांझपन का ख़तरा भी बढ़ा देता है।
    कई बार गर्भधारण करने के बाद भी मृत शिशु जन्म या गर्भपात की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।
    इसके बाद दूसरी बार गर्भधारण करने में कठिनाई आ सकती है।
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गर्भधारण करने के लिए आदर्श वजन क्या होना चाहिए

What could be an ideal weight to get pregnant in hindi

Pregnant hone ke liye ideal weight kya hona chahiye in hindi

गर्भधारण करने से पूर्व महिला का वजन कितना होना चाहिए, इस प्रश्न का उत्तर हर वह महिला ढूंढती है जिसका शारीरिक वजन अधिक होता है।

दरअसल आप गर्भधारण करने से पहले अपने शारीरिक वजन का माप लेने के स्थान पर यह देखें कि आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) कितना है।

  • बीएमआई (Body Mass Index)
    सरल शब्दों में बीएमआई किसी व्यक्ति का लंबाई के तुलना में उसके शारीरिक वजन का अनुपात होता है।
    इस अनुपात से यह पता चलता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में उसकी लंबाई और वजन के अनुपात में कुल फैट कितनी है।
    आदर्श अनुपात 18.5-23.5 माना जाता है। यदि यह अनुपात 23 के बाद 25 से अधिक है तो वह महिला मोटापे की शिकार मानी जा सकती है।
    इस स्थिति में महिला की प्रजनन क्षमता के प्रभावित होने की संभावना हो जाती है।
    इसलिए गर्भ धारण करने के निर्णय से पूर्व अपने बीएमआई की जांच ज़रुर कर लें।
    अगर यह अनुपात आपके मोटापे की ओर इशारा करता है तब सबसे पहले अपने शारीरिक वजन को नियंत्रित करने का प्रयास करें।
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गर्भधारण के लिए शारीरिक वजन कैसे कम करें

How to reduce weight before trying to conceive in hindi

pregnancy se pahle excess weight kaise kam karein in hindi

गर्भधारण करने से पहले शारीरिक वजन को कम करने के लिए आप जो काम कर सकती हैं उसमें शामिल हैं :

  • अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम और योगा को शामिल करें।
  • पौष्टिक और हेल्दी भोजन करें और अधिक वसायुक्त व कारबोहाईड्रेट युक्त भोजन से परहेज करें।
  • स्वस्थ जीवन शैली को अपनाते हुए धूम्रपान व शराब आदि का सेवन न करें।
  • तनावपूर्ण वातावरण के स्थान पर अपने आसपास के वातावरण को खुशनुमा बनाकर हमेशा खुश रहें।
  • जितना संभव हो उतना हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ फल और सलाद का सेवन करें।
  • जल ही जीवन मानते हुए अत्यधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
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निष्कर्ष

Conclusionin hindi

Nishkarsh

गर्भधारण से पूर्व आदर्श वजन का होना बहुत ज़रूरी है, ऐसा न होने पर गर्भावस्था में विभिन्न प्रकार की परेशानियाँ आ सकती हैं।

मधुमेह, गर्भपात, मृत शिशु जन्म आदि जैसी परेशानियाँ उन गर्भवती महिलाओं को हो सकती हैं जिनका शारीरिक वजन सामान्य से कहीं अधिक होता है।

इसके लिए चिकित्सक की सलाह से अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें और गर्भधारण के लिए उपयुक्त वजन पर ही स्थित रहें।

ऐसा करके स्वस्थ गर्भकाल व शिशु का जन्म ही संभव हो सकेगा।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020

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