टेस्ट ट्यूब बेबी और सामान्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चों के बीच क्या अंतर है?
How does Test Tube Baby differ from Normal Conception in hindi
Test tube baby or normal roop se conceive kiye gaye bachon mein kya antar hai, test tube baby kya hain aur normal pregnancy se kaise bhinn hai, test tube baby process in hindi
एक नज़र
- नार्मल प्रेगनेंसी की तुलना में आईवीएफ में समय से पहले बच्चे के जन्म होने का रिस्क होता है।
- आईवीएफ प्रेगनेंसी में बच्चों को ऑटिज़्म होने का ख़तरा रहता है।
- नार्मल बेबी की तुलना में टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म के समय वज़न कम होता है।
Introduction

वैवाहिक जीवन में बाँझपन एक ऐसी समस्या है जो महिला को मानसिक रूप से परेशान कर देती है। बच्चे की चाहत और असफलताओं के दौर से गुज़रने पर एक महिला अंदर से टूट जाती है।
ऐसे में निसंतान दंपत्ति के लिए ज़िंदगी में आशा की किरण है आईवीएफ तकनीक, जिसका आविष्कार लगभग चालीस वर्ष पहले हुआ था।
आज की उन्नत दुनिया में, बांझपन की स्थिति का इलाज करने और अपने स्वयं के बच्चे के माता-पिता होने के लिए बहुत सारे तरीके हैं।
पहले, लोग इस बात से बहुत चिंतित और परेशान रहते थे कि वे बांझ हैं और बच्चे को जन्म नहीं दे सकते।
हालांकि, लोग अभी भी इस तकनीक की ओर रूख करने से पहले हिचकते हैं क्योंकि जागरूकता के अभाव के कारण से लोग पूरी तरह से इसपर विश्वास नहीं कर पाते हैं।
आज भी लोगों के मन में ये धारणा बनी हुई है कि आईवीएफ के माध्यम से जन्मे टेस्ट ट्यूब बेबी प्राकृतिक रूप से जन्मे बच्चों की तुलना में कमज़ोर होते हैं या फिर उनमें कोई कमी होती है।
आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि टेस्ट ट्यूब बेबी और सामान्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चे में क्या फर्क है।
इस लेख़ में
आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब शिशु आम शिशुओं से कैसे अलग होते हैं?
How ivf/test tube babies are different from normally conceived babies? in hindi
IVF ya test tube babies aam taur par garbhit shishuon se kaise alag hote hain in hindi?, test tube baby kya hai aur normal delivery se kaise bhinn hain
आईवीएफ की मदद से एक टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म होता है, जो कई तरह के मेडिकल और सर्जिकल प्रोसीजर से गुज़रता है।
आईवीएफ प्रक्रिया में मेल के स्पर्म का और फीमेल के एग के फर्टिलाइजेशन लिए परिपक्व अंडे को फीमेल के अंडाशय(ovary) से प्राप्त किया जाता हैं।
अंडा पुनर्प्राप्ति से कुछ समय पहले, वीर्य का एक नमूना एकत्र किया जाता है। प्राप्त किए गए अंडे को मोटाइल शुक्राणु के साथ प्रयोगशाला में डिश में रखा जाता है, जहां एग और स्पर्म का निषेचन(fertilization) होता है।
फिर निषेचित अंडे या भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
आईवीएफ के एक पूर्ण चक्र में लगभग तीन सप्ताह लगते हैं। कभी-कभी इन चरणों को विभिन्न भागों में विभाजित किया जाता है और इस प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।
आईवीएफ के सफतलता के लिए फर्टिलाइजेशन (fertilization)प्रक्रिया में महिला के अंडे और पुरुष के स्पर्म में सुधार किया जाता है।
जब एक दंपत्ति प्राकृतिक या सामान्य रूप से बच्चे जन्म देने में सफल नहीं हो पाते हैं तब गर्भाधान (conception) के लिए चिकित्सा हस्तक्षेप (medical intervention) की आवश्यकता होती है।
ऐसे मामलों में, बच्चे आईवीएफ प्रक्रियाओं के माध्यम से पैदा होते हैं, जहां एक महिला के शरीर के बाहर अंडे निषेचित होते हैं।
वहीं एक नार्मल बेबी उसे कहते हैं, जो प्राकृतिक गर्भावस्था और निषेचन के माध्यम से पैदा होता है। सामान्य गर्भावस्था में महिला के गर्भाशय (uterus) में शुक्राणु (sperm) द्वारा ओवम (ovum) का फर्टिलाइजेशन होता है।
एक प्राकृतिक गर्भावस्था को इन-विवो फर्टिलाइज़ेशन (In Vivo Fertilization) भी कहा जा सकता है, जो मानव शरीर के अंदर महिला के अंडे और पुरुष के स्पर्म के बीच फर्टिलाइज़ेशन की सामान्य विधि का वर्णन करता है।
इन-विवो फर्टिलाइज़ेशन (In Vivo Fertilization) में शुक्राणु और अंडे का जुड़ाव नेचुरल रूप से फैलोपियन ट्यूब(fallopian tube) में होता है, फैलोपियन ट्यूब(fallopian tube) संकरी ट्यूब होती हैं जो महिला में अंडाशय से गर्भाशय तक जाती हैं।
जब निषेचन(fertilization) महिला शरीर के अंदर अपने प्राकृतिक स्थान पर होता है, तो इसे इन-विवो फर्टिलाइज़ेशन (In Vivo Fertilization कहा जाता है, जबकि महिला शरीर के बाहर लैब में एग(egg) और स्पर्म(sperm) के निषेचन(fertilization) को इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (In vitro fertilisation) कहा जाता है।
आईवीएफ एक दुर्लभ विषय है, बहुत से लोग अभी भी इसके बारे में संदेह करते हैं।
लोगों का एक सामान्य पूर्वाग्रह है कि आईवीएफ से जन्मे बच्चे पूरी तरह से ‘सामान्य’ नहीं होते है क्योंकि वे डॉक्टरों की तकनीकी विशेषज्ञता से उत्पाद होते हैं।
कुछ का यह भी तर्क है कि आईवीएफ बच्चे कृत्रिम हैं क्योंकि वे अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में डिज़ाइन किए गए हैं। उनके तर्क का आधार यह है कि आईवीएफ बच्चे कपल के बिच के प्राकृतिक प्रक्रिया जो संभोग है उससे निर्माण नहीं होते।
और चूंकि तकनीकी विशेषज्ञता और सर्जिकल मशीनो से टेस्ट ट्यूब बेबी को निर्माण किया जाता हैं, इसलिए उन्हें लगता है कि आईवीएफ बच्चे स्वाभाविक रूप से पैदा नहीं हो सकते।
आईवीएफ द्वारा हुए बच्चों में समय से पहले जन्म और मानसिक विकार का खतरा क्या हैं?
What are the risks of preterm birth and mental disorders after IVF in hindi
IVF baby mei samay se pehle janm or mansik vikar ke jokhim kya hai, test tube baby kya hain aur test tube baby mein preterm birth ka khatra kitna hain
1. आईवीएफ के बाद समय से पहले बच्चे के जन्म के जोखिम (Risks for premature baby after IVF)
अध्ययनों की मानें तो आईवीएफ से प्रीमैच्योर यानि समय से पहले बच्चे के जन्म होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है।
हालांकि, वक़्त से पहले बच्चे के जन्म के लिए सिर्फ आईवीएफ नहीं, बल्कि गर्भवती महिला की जीवनशैली, उसकी उम्र और उसके खान-पान की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
इतना ही नहीं अगर इन कारकों को छोड़ भी दें तब भी नार्मल जन्म की तुलना में आईवीएफ की मदद से कंसीव हुए बच्चों का जन्म समय से पहले होता ही है। यह कई कारणों से होता है।
आईवीएफ के बाद समय से पहले बच्चे के जन्म के जोखिम को निम्न कारक प्रभावित करते हैं :
- एक से अधिक भ्रूण स्थानांतरण (Multiple embryo transfer)
- हार्मोनल कारण (Hormonal causes)
- मातृ कारक (Maternal factors)
- चिकित्सा प्रबंधन में वृद्धि (Increased medical management)
2. मानसिक विकारों का खतरा (Risk of mental disorders)
चाहे एक बच्चा प्राकृतिक रूप से कन्सीव किया गया हो या फिर आईवीएफ के माध्यम से, इसका असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर बिलकुल नहीं पड़ता है।
हालांकि, कई शोधों ने ये दिखाया है कि जो महिलाएं आर्टिफिशियल तरीके से बच्चे को कन्सीव करती है, उनके बच्चों में थोड़ा लेकिन बढ़ता हुआ मानसिक विकार (mental disorder) जैसे आटिज्म होने का रिस्क रहता है।
अध्ययन का सामान्य निष्कर्ष यह है कि टेस्ट-ट्यूब बेबी आमतौर पर मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चों की तरह ही स्वस्थ होते हैं।
क्या टेस्ट ट्यूब शिशु स्वस्थ होते हैं?
Are test tube babies healthy? in hindi
Test tube shishu kitne swasth hote hain?
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब बेबी अन्य बच्चों की तरह सामान्य व स्वस्थ होते हैं।
गर्भाधान की प्रक्रिया के कारण शारीरिक या मानसिक विकृति या विकलांगता नहीं होती है। हालांकि, कई टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म के समय वज़न कम होता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी में आमतौर पर गर्भ धारण किए गए शिशुओं की तुलना में 2.5 किलोग्राम कम वज़न होता है। ये केवल जुड़वाँ या अन्य कई जन्मों के मामले में नहीं है; एकल शिशुओं के लिए भी यही सच है।
हर माँ को यह लगता है की उसका बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त हो, चाहे बच्चा नार्मल प्रेगनेंसी से हो यार टेस्ट ट्यूब द्वारा हो।
आइये जानते है टेस्ट ट्यूब बेबी के समय पर किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
टेस्ट ट्यूब बेबी से हुई गर्भावस्था में ली जाने वाली सावधानिया
Precautions one should take during test tube baby pregnancyin hindi
Test tube baby ya IVF se hui garbhavastha me li jane wali savdhaniya
टेस्ट ट्यूब बेबी के गर्भ में ट्रांसप्लांट के बाद कुछ खास सावधानिया लेनी चाहिए या नहीं यह जानने के लिए कुछ साल पहले एक अध्ययन हुआ था उसमे यह साबित हुआ है कि नार्मल गर्भावस्था और आईवीफ़ से हुई गर्भावस्था में कोई अंतर नहीं है।
हालांकि, कई महिलाये टेस्ट ट्यूब बेबी के गर्भ में ट्रांसप्लांट के बाद पूर्व रीति-रिवाजों के कारण खुद को प्रतिबंध में रखती हैं। उन महिलाओं के लिए डॉक्टर यह सुझाव देते हैं कि गतिविधि स्तर न तो भ्रूण के आरोपण में मदद करेगा और न ही बाधा डालेगा।
टेस्ट ट्यूब बेबी के गर्भ में ट्रांसप्लांट के बाद गर्भवती स्त्री को क्या करना चाहिये -
- गर्मी से बचना चाहिए
स्नान, विशेष रूप से गर्म स्नान, साथ ही सौना, हीटिंग पैड का इस्तेमाल या कुछ भी जो स्थानीय तापमान को बढ़ा सकता है उससे बचा जाना चाहिए।
एक अध्ययन से यह साबित हुआ है की गर्मी निर्माण करने वाले कारण जैसे जो सौना का उपयोग करना टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया से गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोषों(Neural Tube Defect) में वृद्धि करता है।
- तीव्र व्यायाम करने से बचे
तीव्र व्यायाम या उच्च प्रभाव गतिविधियों से अंडाशय को हानि पोहच सकती है।
सामान्यतः कम प्रभाव, हल्के व्यायाम (धीमी गति से चलना, ट्रेडमिल-treadmill) की अनुमति है, जब तक कि महिलाओं को कोई असुविधा न हो।
- बेड रेस्ट से बचे
हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि टेस्ट ट्यूब बेबी के गर्भावस्था के दौरान बिस्तर पर आराम करना याने कम्पलीट बेस्ट रेस्ट लेना बेकार है।
क्यों की यह थ्रोम्बोटिक एपिसोड(Thrombotic Episode) के बढ़ते जोखिम का कारण हो सकता है।
थ्रोम्बोटिक एपिसोड(Thrombotic Episode) में ज्यादा बेड रेस्ट से शिरा या धमनी(Artery) में ब्लड क्लॉट्स (blood clots) के साथ जुड़े नैदानिक संकेत और लक्षण निर्माण हो सकते है।
यह एक जानलेवा घटना हो सकती है
- धूम्रपान से दूर रहे
गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान आपके बच्चे को जन्म दोष के साथ पैदा होने में खतरा निर्माण करता है।
समस्याएं जैसे जन्म जात हृदय दोष और हृदय की संरचना में समस्या निर्माण हो सकती है।
टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए ली जाने वाली सावधानिया डॉक्टर के सलाह से ले और महिला ये गर्भावस्था में कुछ परेशानियाँ या टठिनाईया महसूस करती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
निष्कर्ष के रूप में देख जाए तो आइवीएफ़ के माध्यम से जन्म लेने वाले बच्चे सामान्य बच्चों के समान ही स्वस्थ होते हैं। आइवीएफ़ से जन्म लेने वाले बच्चों में ज्यादातर मानसिक विकृति होने का जोखिम नहीं होता है।
हालांकि, कुछ मामलों में सामान्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चों की तुलना में आइवीएफ़ से जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म के समय वजन कम हो सकता है।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 01 Jun 2020
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