क्या गर्भावस्था के लक्षण आ कर जा सकते हैं?
Can pregnancy symptoms come and go? in hindi
Kya garbhavastha ke lakshan aakar jaa sakte hain
एक नज़र
- गर्भावस्था के लक्षण महीने दर महीने बदलते रहते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान कोई भी लक्षण 24 घंटे नज़र नहीं आते।
- पहली तिमाही के लक्षण दूसरी तिमाही में ख़त्म होने लगते हैं।
Introduction

आमतौर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था से जुड़े कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं।
जी मिचलाना, उल्टी लगना, खाने से मन उठना गर्भावस्था के कुछ आम लक्षण हैं।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गर्भावस्था के लक्षण गर्भावस्था के दौरान आते-जाते रहते हैं। क्या यह सामान्य है?
कई बार महिलाएं लक्षणों के आने-जाने से चिंता में रहती हैं।
मगर हर बार लक्षणों का नज़र आना, और नहीं आना चिंता का विषय नहीं होता।
मगर चिंता ना हो इसके लिए लक्षणों को लेकर पूरी जानकारी होना जरूरी है।
इस लेख़ में
- 1.गर्भावस्था के दौरान कुछ ख़ास लक्षणों का आकर जाना
- 2.गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
- 3.गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
- 4.गर्भावस्था के 16वें से 25वें हफ़्ते में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
- 5.गर्भावस्था के दौरान ‘लक्षण मुक्त दिनों’ में लक्षणों का आकर जाना
- 6.निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान कुछ ख़ास लक्षणों का आकर जाना
Some symptoms of pregnancy come and go during pregnancy in hindi
Garbhavastha ke dauran kuch khas lakshanon ka akar jana
गर्भधारण के साथ लक्षणों का नज़र आना आम है।
और हर महिला गर्भावस्था के साथ ही इसके लिए तैयार हो जाती हैं।
मगर ऐसा बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि हर महिला को गर्भावस्था में एक जैसे ही लक्षण महसूस हो।
कभी-कभार कुछ महिलाओं में सुबह नींद से उठने के बाद थकान और चिड़चिड़ापन देखा जाता है।
मगर वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाएं अपने स्वभाव में ऐसे लक्षण नहीं पातीं।
कुछ लक्षणों को लेकर अगर आप सोच रही हैं कि आपके शारीरिक मानसिक या भावनात्मक लक्षण किसी और के जैसे क्यों नहीं है तो सोचना बंद कर दीजिए, क्योंकि यह बिल्कुल सामान्य है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
Symptoms of pregnancy come and go during first trimester in hindi
Garbhawastha ki pahli timahi mein garbhavastha ke lakshanon ka akar jana
स्तन में तनाव, स्तनों का बढ़ना, यूटरस पर दबाव के कारण बार-बार पेशाब आना, पेट में दर्द होना, पीठ में दर्द, मूड स्विंगस, पेट में गैस बनना या कब्ज़ जैसी समस्याएं आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही यानि गर्भावस्था के पहले तीन महीने से ही देखी जाने लगती हैं।
मगर ये लक्षण भी दो महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं।
तो अगर इनमें से कुछ लक्षण आपको नज़र नहीं आ रहें तो भी यह आम बात है।
यह भी जरूरी नहीं है कि आप दिन के चौबीसों घंटे गर्भावस्था के लक्षणों से जूझती रहें।
ये लक्षण आपको कभी महसूस हो सकते हैं या कभी नहीं भी हो सकते हैं।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
Symptoms of pregnancy come and go during second trimester of pregnancy in hindi
Garbhavastha ki dusri timahi mein garbhavastha ke lakshanon ka akar jana
पहली तिमाही में होने वाले लक्षण दूसरी तिमाही में कम होने लगते हैं। ज्यादातर लक्षण ख़त्म हो जाते हैं।
ऐसे में अगर आपको लगे कि पहली तिमाही जैसे लक्षण आपको दूसरी तिमाही में क्यों नज़र नहीं आ रहें तो घबराएं नहीं, क्योंकि समयानुसार ये बदलते रहते हैं।
गर्भावस्था के 16वें से 25वें हफ़्ते में गर्भावस्था के लक्षणों का आकर जाना
Symptoms of pregnancy come and go between 16th to 25th week of pregnancy in hindi
Garbhavastha ke 16vein se 25vein hafte mein garbhavastha ke lakshano ka akar jana
16वें से 25वें हफ़्ते के बीच गर्भवती महिला को गर्भ में पल रहे बच्चे की हरकत साफ़ महसूस होने लगती हैं।
अगर इस वक़्त आप ये लक्षण महसूस नहीं करतीं या फिर अचानक से यह हलचल बंद हो जाएं तो ख़तरे की संभावना हो सकती है।
ऐसे में अगर आपको कोई हरकत महसूस नहीं हो तो बेहतर होगा आप डॉक्टर से मिल लें।
गर्भावस्था के दौरान ‘लक्षण मुक्त दिनों’ में लक्षणों का आकर जाना
Symptoms of pregnancy come and go during ‘symptoms free days’ of pregnancy in hindi
Garbhavastha ke dauran lakshan mukt dino mein lakshano ka aakar jaana
गर्भावस्था के चौथे हफ़्ते से लक्षण महसूस होना शुरू हो जाते हैं।
मगर ये लक्षण महीने के तीसों दिन और दिन के चौबीस घंटे आप महसूस नहीं कर सकतीं।
खासतौर पर कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आपको कोई भी लक्षण महसूस नहीं होंगे। ये ‘लक्षण मुक्त दिन’ (Symptoms free days) होते हैं।
ऐसे में घबराएं नहीं, जरूरी नहीं कि लक्षणों का महसूस ना होना कोई बुरा संकेत ही हो। क्योंकि आम तौर पर गर्भपात के बाद ब्लीडिंग और दर्द होता है।
लेकिन सावधानी के तौर पर आप डॉक्टर से मिल सकती हैं।
अल्ट्रासाउंड करा कर आप हर महीने गर्भ में पल रहे बच्चे की हालत जान सकती हैं।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
गर्भावस्था के दौरान लक्षणों का आना जाना गर्भावस्था की बेहद आम क्रिया है।
गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के लक्षणों का आना जाना गर्भावस्था के पहली दूसरी और तीसरी तिमाही में महसूस कर सकतीं हैं।
समयानुसार ये लक्षण आते जाते रहते हैं। कोई भी लक्षण दिन के 24 घंटे नहीं नज़र आते हैं।
गर्भ में बच्चे की हलचल को गर्भावस्था के आख़िरी हफ्तों दौरान महसूस ना करना ही ख़तरनाक हो सकता है।
ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 02 Jun 2020
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