स्तन फोड़ा : लक्षण, कारण और इलाज़
Breast abscess symptoms, causes and treatment in hindi
Breast foda ke lakshan, karan aur ilaj
एक नज़र
- स्तन फोड़ा किसी को भी हो सकता है।
- स्टेफीलोकोकस औरियस (Staphylococcus aureus ) बैक्टीरिया इसका मुख्य कारक है।
- 2 हफ़्तों में अगर फोड़े ठीक ना हों तो डॉक्टर की सलाह लें।
Introduction

स्तन फोड़ा एक सामान्य बीमारी है, जो कि बहुत सी महिलाओं को होता है। शर्म और हिचकिचाहट के कारण महिलाएं आमतौर पर इसका इलाज़ खुद करना चाहती हैं। पर इन फोड़ों को कभी नोचना या दबाना नहीं चाहिए, नहीं तो ये आपके लिए और तकलीफदेह हो जाएगा। स्तन फोड़ा बैक्टीरिया द्वारा होने वाला दर्दनाक संक्रमण है। बैक्टीरिया का प्रकार जो सबसे अधिक बार स्तन संक्रमण पैदा करता है, वह है स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) । बैक्टीरिया स्तन की त्वचा में या निप्पल पर दरार के माध्यम से प्रवेश कर सकता है। परिणामी संक्रमण, जिसे मास्टिटिस कहा जाता है, स्तन के वसायुक्त ऊतक पर हमला करता है, जिससे दूध नलिकाओं पर सूजन और दबाव होता है। संक्रमण के कारण ब्रेस्ट में स्तन फोड़ा होता है उसमे पस (Pus) भर जाता है। स्तन संक्रमण सभी महिलाओं को प्रभावित कर सकता है, लेकिन स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सबसे अधिक बार होता है।
स्तन फोड़ा क्या है
What is breast abscess hindiin hindi
stan foda kya hain
जब आपके स्तन के रोम (hair follicile) और पसीने की ग्रंथि (sweat gland) संक्रमित हो जाती है, तो स्तन में फोड़े होने का खतरा बढ़ जाता है। फोड़े आमतौर पर उन जगहों पर होते हैं जहाँ पसीना जमा हो जाता है, जैसे कांख, कमर और स्तन के मध्य या नीचे। आपके स्तनों के बीच में और नीचे आमतौर पर स्टेफीलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया आपके रोम और पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित कर सकता है। जिससे आपके स्तन में फोड़े हो सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में आपको इन फोड़ों को नोचना या फोड़ना नहीं चाहिए इससे ये और भी ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं। इन्हे ब्रेस्ट बॉईल भी कहा जाता है छोटी गांठ या बुम्प आते है जो गुलाबी-लाल रंग के पीला या सफेद केंद्र के होते है जिनसे सफेद या पीले रंग का स्त्राव होता रहता है। अगर इनका इलाज न किया जाये तो यह यह ब्रेस्ट एब्सेस में रूपातंरित हो सकते है। ब्रेस्ट एब्सेस (Breast Abscess) में अधिकांश फोड़े सिर्फ त्वचा के नीचे विकसित होते हैं और जीवाणु संक्रमण के कारण होते हैं। स्तन फोड़े दर्दनाक हैं, इनमे सूजन और गांठ भी हो सकती हैं, स्तन फोड़ा लाल और स्पर्श गर्म लगना वह ब्रेस्टएब्सेस (Breast Abscess) का लक्षण होता है।
स्तन फोड़ा के लक्षण
Symptoms of breast abscess in hindi
breast ke foda ke lakshan
स्तन फोड़ा के लक्षणों में स्तन में दर्द और सूजन, बुखार और निप्पल का निर्वहन शामिल है। लक्षणों की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है।
स्तन फोड़ा के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
- स्तन वृद्धि या स्तन में सूजन
- ब्रेस्ट में दर्द
- स्तन फोड़ा के आसपास के भाग पर खुजली
- निप्पल से निर्वहन या पस निकलना
- निप्पल की कोमलता
- स्तन ऊतक की सूजन, गर्मी और लालिमा
- प्रभावित स्तन के साइड वाले हात की कांख में लिम्फ नोड्स का बढ़ना
- स्तन में गाँठ (Breast lumps)
स्तन फोड़ा के गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:
- जो महिलाएं स्तनपान नहीं करवा रही हैं, उनमें स्तन फोड़े की उपस्थिति मधुमेह के शुरवाती लक्षण हो सकते है
- जो महिलाएं स्तनपान नहीं करवा रही हैं उनमे यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है या एक असामान्य प्रकार के भड़काऊ कैंसर का लक्षण हो सकता है।
- कभी कभी चेतना की हानि या का भ्रम निर्माण होना
- सांस लेने में कठिनाई या तेज सांस लेना
- उच्च बुखार (101 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक)
स्तन फोड़ा का कारण
Causes of breast abscess in hindi
stan fodon ke karan
इस तरह के संक्रमण का कारण मुख्य रूप से अवरुद्ध दूध वाहिनी या स्तन ऊतक में बैक्टीरिया का प्रवेश है। जो महिलाएं स्तनपान नहीं करा रही हैं, उनमें भी यह बीमारी हो सकती है।
स्तन फोड़ा के सामान्य कारण हैं-
1. बच्चे को फीडिंग करने का शेड्यूल फॉलो नहीं करना।
2. तंग ब्रा पहनना, तंग ब्रा दूध नलिकाओं पर दबाव डाल सकती है। (यहाँ पढ़े - कैसे खरीदे सही ब्रा )
3. नई माताओं में तनाव और थकावट।
4. शिशु को पेटभर स्तनपान न करने देना और स्तनपान से वंचित करना।
5. वजन ज़्यादा होना।
6. इंफ्लामेटरी स्तन कैंसर (Inflamatory Breast Cancer) का होना।
7. धूम्रपान या तंबाकू का उपयोग करना।
स्तन फोड़ों का इलाज़
Treatment of breast abscess in hindi
stan fodon ka ilaj
स्तन फोड़ा को बनने से रोकने के लिए खुद की देखभाल करके भी स्तन फोड़ाका इलाज किया जा सकता है।
सेल्फ केयर करके स्तन फोड़े का इलाज निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं -
- स्तन की सफाई का ध्यान रखें (Cleanliness)
गंदे हाथों से फोड़ों को ना छुएं। फोड़ों के आस-पास के क्षेत्र को साफ़ रखें।
और किसी भी हालत में फोड़ों को नोचे या दबाये नहीं। इससे ज्यादा जलन, सूजन और संक्रमण होने का खतरा होता है।
- पसीने वाले कपड़े हटाएँ (Remove Sweaty clothing)
अगर आपके कपड़ों में पसीना हो तो जितना संभव हो सके तुरंत कपड़े बदल लें। पसीने के जमा होने से तकलीफ बढ़ेगी।
- तंग कपड़े ना पहने (Do not wear tight cloth)
अगर संभव हो तो तंग कपड़े और तंग अंतःवस्त्र ना पहने। तंग कपड़ों से दूरी बनायें। ताकि कपड़ों के घर्षण से आपकी तकलीफ़ ना बढ़े। नरम कपड़ों और ब्रा का इस्तेमाल करें।
- बच्चे को अच्छी तरह स्तनपान कराये या आप स्तन में ज्यादा जमा हुआ दूध निकलने के लिए ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर सकती है।
- स्तनपान के बाद, निपल्स और इसोला (Areolae) उबला हुए ठंडे पानी से कपास की मदत से साफ़ करे।
- स्तनपान के बाद स्तनोंको स्वाभाविक रूप हवा में से सूखने की अनुमति दें।
- निपल्स की जलन या क्रैकिंग को रोकें। निप्पल और एरिओला को फेंटने से रोकने के लिए लानौलिन क्रीम (lanolin cream) या कोई भी मॉइस्चरीसिंग क्रीम (Moisturising cream) को रोजाना लगाएं।
- कोल्ड कंप्रेस का उपयोग दर्द को कम करने में भी किया जा सकता है।
- जितना संभव हो उतना आराम करने और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करने का प्रयास करे।
- तंबाकू के सेवन से बचें, और धूम्रपान छोड़ दें।
- वजन को कम करने का प्रयास करे।
चिकित्सीय पद्धति से स्तन फोड़ा का इलाज -
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
आमतौर पर एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता उस संक्रमण के उपचार के लिए होती है जो स्तन के फोड़े का कारण बनता है। स्तन फोड़े का सबसे आम कारन है बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस। उसके इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवा का परामर्श देती है। [1]
- शल्य चिकित्सा (Surgical treatment)
अगर आपका फोड़ा दो सप्ताह में सूखता नहीं है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। स्तन फोड़ा में जमा पस निकलना बहुत आवश्यक होता है, जब एंटीबायोटिक्स के सेवन से संक्रमण कम नहीं होता है तब डॉक्टर सर्जरी का विकल्प देते है। इसमें अधिकांश स्तन फोड़े जो ३ सेमी से छोटे हो उनको को सुई का उपयोग करके सूखाया जाता सकता है। स्तन फोड़ा में सुई डालने से पहले त्वचा को सुन्न करने के लिए स्थानीय संवेदनाहारी (Local Anasthesia) का उपयोग किया जाता है। शल्य चिकित्सा में स्तन फोड़ा की स्थिति का पता लगाने और सुई को सही क्षेत्र में निर्देशित कर फोड़े में जमा पूस निकालने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन की मदद ली जाती है। बड़े फोड़े जो ५ सेमी से बड़े हो उनको एक छोटे सर्जिकल कट (चीरा) और ड्रेनेज के साथ इलाज करने की आवश्यकता हो सकती है। [2]
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
स्तन फोड़ा होने पर इन बातों का ख्याल रखें, ताकि आप ज्यादा तकलीफ से बच जाएँ। अपने सफाई का ख़ास ख्याल रखें। फोड़े से आपको परेशानी जरूर होगी, पर यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। इसका इलाज़ संभव है। इसलिए ज्यादा चिंतित ना हों
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Dener C, Inan A. “Breast abscesses in lactating women”. World J Surg. 2003;27(2):130-133.२, PMID: 12616423.
Lam E, Chan T, Wiseman SM. “Breast abscess: evidence based management recommendations”. Expert Rev Anti Infect Ther. 2014;12(7):753-762, PMID: 24791941.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 23 Jul 2020
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