फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने के कारण, लक्षण, निदान और इलाज
Blocked fallopian tubes - Causes, symptoms, diagnosis and treatment in hindi
Blocked fallopian tube ka kaaran, lakshan, nidaan aur ilaj in hindi
एक नज़र
- फैलोपियन ट्यूब एग ट्रांसपोर्टेशन (egg transportation) के लिए बहुत जरूरी है।
- एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) में भ्रूण का निर्माण फैलोपियन ट्यूब के अंदर होता है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) में महिला के किसी भी प्रजनन अंग में इन्फेक्शन के कारण भारी सूजन आ जाती है।
Introduction

फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) मानव प्रजनन तंत्र (human reproductive system) का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है।[1] यह ट्यूब प्रजनन में अहम भूमिका निभाती है। ये नली महिला के अंडाशय (ovary) से पके हुए अंडे को गर्भाशय (uterus) तक पहुंचाने का कार्य करती है। अगर ओवुलेशन टाइम (ovulation time) के दौरान शुक्राणु (sperm) महिला के फैलोपियन ट्यूब तक पंहुचते हैं तब जाकर महिला गर्भवती हो पाती है।[2] लेकिन, अगर यह ट्यूब ब्लॉक हो जाती है तो न ही एग फैलोपियन ट्यूब में पहुँचेगा और न ही महिला गर्भवती होगी। इसलिए फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) का पूरी तरह से खुला रहना ज़रूरी है। लेकिन, कई कारणों की वजह से इनमें ब्लॉकेज आ जाती है और फिर फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब से कुछ महिलाओं को इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे कि श्रोणि या पेट में दर्द, यह दर्द नियमित रूप से पीरियड्स के समय के आसपास हो सकता है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉक महिला बांझपन का एक महत्वपूर्ण कारण है। ज्यादातर महिलाओं मे ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब में अक्सर लक्षण नहीं होते हैं। जब कुछ महिलाये गर्भवती होने की कोशिश करती है और गर्भवती होने में परेशानियाँ उत्पन्न होती है तब उन्हें ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब के बारे मे पता लग सकता है। आइये जानते हैं इस लेख में अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब (blocked fallopian tube) के कारण, लक्षण, निदान और इलाज।
इस लेख़ में
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक्ड होने के कारण क्या हैं?
What are the causes of blocked fallopian tubes? in hindi
Avruddh fallopian tube ke karan in hindi
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के कई सारे कारण होते हैं। ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब का इलाज इनके कारणों को जानने के बाद ही किया जा सकता है। फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) ब्लॉकेज की समस्या के कुछ ख़ास कारण निम्न हैं :
1. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज - पीआईडी (Pelvic Inflammatory Disease - PID)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज एक ऐसा विकार है जिसमें महिला के प्रजनन अंगों में भारी सूजन हो जाती है।
इसका कारण किसी भी तरह का संक्रमण हो सकता है। संक्रमण होने पर पेल्विस का वो भाग जो रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट (reproductive tract) के आस-पास होता है, उसमें भी इन्फेक्शन होने से, फैलोपियन ट्यूब में समस्या हो जाती है। ऐसा होने पर महिला की फैलोपियन ट्यूब में बहुत सूजन जाती है। जिस वजह से स्पर्म और एग का ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो पाता है। [3] अगर गलती से स्पर्म एग तक पहुंच जाता है तो फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही भ्रूण का निर्माण होना शुरू हो जाता है। ऐसा एग के गर्भाशय तक नहीं पहुंचने के कारण होता है। इस अवस्था को एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) के नाम से भी जानते हैं। यह अवस्था बहुत खतरनाक होती है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे- प्रेगनेंसी के बाद भी लगातार ब्लीडिंग होना, गर्भाशय में दर्द इत्यादि।
2. फाइब्रॉएड (Fibroids)
फाइब्रॉएड (fibroids) को गर्भाशय की असामान्य वृद्धि भी कहा जाता है। इस समस्या के होने पर आपका गर्भाशय अंदर या बाहर की तरफ से असामान्य रूप से बढ़ने लगता है। दोनों ही परिस्थितियों में महिला की योनि से रक्तस्राव होता है। इस दौरान आपको दर्द ज्यादा या कम भी हो सकता है। दोनों ही केस में फाइब्रॉएड जानलेवा नहीं होते हैं। [4] फाइब्रॉएड के केस में एनीमिया होने की सम्भावना होती है। आमतौर पर फाइब्रॉएड फैलोपियन ट्यूब और इसके कार्य को प्रभावित नहीं करते हैं। लेकिन गर्भाशय की असामान्य वृद्धि के कारण भ्रूण बनने की प्रक्रिया और भ्रूण का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
3. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
यह समस्या तब होती है जब महिला के गर्भाशय में एंडीमेट्रिकल सेल्स (endometrial cells) की संख्या लगातार बढ़ने लगती है। इससे फैलोपियन ट्यूब का मार्ग अवरुद्ध होता है और एग ट्रांसपोर्टटेशन (Egg transportation) नहीं हो पाता है। [5]
4. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (sexually transmitted infections- STIs)
कुछ यौन संचारित संक्रमण (sexually transmitted infections- STIs) जैसे क्लैमाइडिया (Chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) फैलोपियन ट्यूब में किसी दाग या चोट का निशान (scarring) और पैल्विक सूजन की बीमारी का कारण बन सकता है। जिसके वजह से फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉक हो सकता है।
5. हाईड्रोसाल्फिन्क्स (Hydrosalpinx)
फॉलोपियन ट्यूब में इन्फेक्शन की वजह से हाईड्रोसाल्फिन्क्स (Hydrosalpinx) जैसी समस्याएँ निर्माण करता है। हीड्रोसाल्फिन्क्स (Hydrosalpinx) फैलोपियन ट्यूब को संदर्भित करता है जो पानी जैसे तरल पदार्थ से अवरुद्ध होता है। इस कारण प्रभावित स्थान पर सूजन हो जाती है। एक शोध में माना गया है कि ट्यूब में बनी इस स्थिति के कारण अंडाशय से गर्भाशय में अंडों के जाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है और फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का कारण बनती है।
6. अन्य कारण (Other causes)
इसके अलावा भी इसकी ब्लॉकेज की वजह अपेंडिक्स (appendix) , जेनेटिक डिसऑर्डर (genetic disorders), पूर्व सर्जरी जिसमे फैलोपियन ट्यूब शामिल हुई है और एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) भी हो सकती है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के प्रकार
Types of fallopian tube blockage in hindi
fallopian tube blockage ke prakar in hindi
फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज के तीन प्रकार से हो सकते है, जो फैलोपियन ट्यूब के अलग-अलग भागों पर आधारित होता है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज के निम्न प्रकार हो सकते है।
1. डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज (Distal Tubal Blockage)
जब नली ली में ब्लॉकेज अंडाशय के सबसे पास वाले भाग में हो, तो इस स्थिति को डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज कहा जाता है। डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज फैलोपियन ट्यूब को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध होन का कारण बन सकता है। इस रुकावट में फाइब्रिया (fibria) जो ट्यूब का अंगुली की तरह लगने वाला भाग होता है वह इस ब्लॉकेज में शामिल होता है।
2. मिडसेग्मेंट ब्लॉकेज (Midsegment blockage)
जब फैलोपियन ट्यूब के मध्य भाग में किसी कारण से अवरोध पैदा हो जाता है, तो इसे मिडसेग्मेंट ब्लॉकेज के नाम से जाना जाता है। यह आमतौर पर ट्यूबल लिगेशन (tubal ligation) के कारण होता है।
3. प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज (Proximal tube blockage)
फैलोपियन ट्यूब में आने वाली रुकावट उसके अंतिम भाग (गर्भाशय के पास जहां ट्यूब खत्म होती है) में भी हो सकती है। रुकावट की इस स्थिति को प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज कहा जाता है। म्यूकस प्लग(mucus plug), फाइब्रॉएड (fibroid), एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis), फैलोपियन ट्यूब में स्कारिंग या सूजन इस प्रकार के ट्यूबल रोग का कारण बन सकता है।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावटों के प्रकार जानने के बाद हम इसके लक्षणों के बारे में बात करेंगे।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of blocked fallopian tubes? in hindi
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक के लक्षण (Symptoms of fallopian tube block) इस प्रकार हैं :
- महिलाओं मे पेट के एक तरफ हल्का दर्द हो सकता है। यह दर्द अक्सर हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx) नामक ब्लॉकेज होने पर होता है।
- इस प्रकार के ब्लॉकेज में महिला के फैलोपियन ट्यूब में तरल पदार्थ भर जाता है। योनि से अलग तरह के पदार्थ का स्त्राव हो सकता है या फिर योनि से असामान्य मात्रा में रक्तस्त्राव हो सकता है।
- अनियमित मासिक चक्र और पेट के ऊपरी हिस्से में असहनीय दर्द का होना।
- सेक्स के दौरान आपके पेट के निचले हिस्से में अक्सर दर्द हो सकता है।
- बार-बार बुखार आना भी फैलोपियन ट्यूब से संबंधित हो सकता है।
- पेशाब करने के दौरान योनि में जलन और दर्द हो सकता है।
- जब कोई महिला एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) की समस्या से गुज़र रही होती है तब उनके पीरियड्स सामान्य से अधिक होते हैं। इस वक़्त उन्हें बहुत ज्यादा दर्द सहन करना पड़ता है। एंडोमेट्रियोसिस फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने का एक कारण है।
अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब का निदान क्या है?
How blocked fallopian tubes are diagonsed? in hindi
ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब (blocked fallopian tube) का निदान निम्न तरीकों से हो सकता है :
1. हिस्टेरोस्लिंग्पोग्राम - एचएसजी (Hysterosalpingogram - HSG)
हिस्टेरोस्लिंग्पोग्राम - एचएसजी (Hysterosalpingogram - HSG) यह एक प्रकार का बेसिक एक्स-रे टेस्ट है। इस टेस्ट को करने के लिए पहले एक प्रकार की डाई को आपके गर्भाशय ग्रीवा में इंजेक्ट किया जाता है। इसके बाद यह गर्भाशय में फ़ैल जाती है। जब डाई अच्छी तरह से फैल चुकी होती है तब एक्स-रे टेस्ट किया जाता है। [6] अगर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होती है तो ये डाई बाहर नहीं आती और अगर फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज नहीं होती है तो डाई फैलोपियन ट्यूब से बाहर आ जाती है।
2. क्रोमोटूबेशन (Chromotubation)
इस टेस्ट में डॉक्टर महिला के योनि मार्ग से एक नीली रंग की डाई डालते हैं। [7] अब वे यह देखते हैं कि डाई फैलोपियन ट्यूब तक यह पहुंच रहा है या नहीं। यह देखकर पता लगाया जाता है कि फैलोपियन ट्यूब में कोई ब्लॉकेज है या नहीं।
3. सोनोहिस्टेरॉग्राफी (Sonohysterography)
यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड (ultrasound) टेस्ट है। इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर एक प्रकार का लिक्विड फैलोपियन ट्यूब तक योनि मार्ग से पहुंचाते है। साउंड की हाई फ्रीक्वेंसी (high frequency) और लिक्विड की मदद से स्क्रीन पर किसी भी तरह का ब्लॉकेज आसानी से नज़र आ जाता है। [8]
4. कीहोल सर्जरी (Key Hole surgery)
कीहोल सर्जरी (key hole surgery) जिसे लैप्रोस्कोपी (laproscopy) के रूप में भी जाना जाता है। एक सर्जन शरीर में पेट पर एक छोटा कट/ चीरा करता है और अंदर से फैलोपियन ट्यूब की तस्वीरें लेने के लिए एक छोटा कैमरा इन्सर्ट (insert) करता है। अवरुद्ध ट्यूबों के लिए लेप्रोस्कोपी (Laproscopy) सबसे सटीक परीक्षण है। हालाँकि, डॉक्टर इस परीक्षण की प्रारंभिक निदान के रूप में सलाह नहीं देते है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का उपचार क्या है?
What is the treatment of blocked fallopian tubes? in hindi
fallopian tube block hone ka upchar in hindi
ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब (blocked fallopian tube) के उपचार निम्न हैं :
1. ट्यूबल लीगेशन रिवर्सल सर्जरी (Tubal ligation reversal surgery)
ट्यूबल लीगेशन रिवर्सल सर्जरी तब की जाती है जब फैलोपियन ट्यूब में कोई छोटा-सा ब्लॉक या कट होने की वजह से अंडाशय से अंडे फैलोपियन ट्यूब तक नहीं पहुंच पा रहें हों। [9] इस सर्जरी में डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक्ड हिस्से को बाहर निकाल देते हैं। इस पूरी प्रकिया को ख़त्म होने में लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं। मरीज़ को अस्पताल में कम से कम 3 दिनों तक एड्मिट रहना पड़ता है। डॉक्टर पेशेंट (patient) के स्वास्थ्य की स्थिति को समझकर ही डिस्चार्ज करते हैं।
2. फैलोपियन ट्यूब रीकैनलाइजेशन (Fallopian tube recanalization - FTR)
फैलोपियन ट्यूब में आए ब्लॉकेज को बिना किसी सर्जरी के हटाने की प्रक्रिया को फैलोपियन ट्यूब रीकैनलाइजेशन (एफटीआर) कहा जाता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर योनि को लम्बे समय तक खुला रखने के लिए एक प्रकार के उपकरण स्पेकुलम (speculum) का उपयोग करते हैं। अब डॉक्टर कैथिटर (catheter) की मदद से एक प्रकार की डाई (dye) को योनि मार्ग से अंदर डालकर गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब का एक्स-रे लेते हैं। एक्स-रे की मदद से डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉकेज का पता लगाकर उस ब्लॉकेज को हटाने के लिए एक छोटे से कैथिटर का उपयोग करते हैं। [10] हालांकि, इस प्रक्रिया में एक्टोपिक प्रेगनेंसी का ख़तरा बना रहता है।
3. साल्पिंगोस्टोमी या नियोसाल्पिंगोस्टोमी (Salpingostomy/Neosalpingostomy)
साल्पिंगोस्टोमी को नियोसाल्पिंगोस्टोमी भी कहा जाता है। इस ट्रीटमेंट में डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब को खोलकर उसमें आई हुए सूजन या ब्लॉकेज को दूर करते हैं। साल्पिंगोस्टोमी (salpingostomy) की प्रक्रिया तब इस्तेमाल की जाती है जब कोई किसी तरल पदार्थ या सूजन के कारण फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है। तरल पदार्थ से भरी फैलोपियन ट्यूब को खोलने के बाद डॉक्टर उपचार करके उसमें आई सूजन को अपने आप कम होने के लिए छोड़ देते हैं। फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) में लगाए चीरे के ज़ख्म अपने आप भर जाते हैं। इस प्रकिया से गुजरने वाले रोगी को अपने सेहत, खान-पान और दवा पर बहुत ध्यान देना पड़ता है। अगर थोड़ी-सी भी गलती हुई तो ज़ख्म वाली जगह पर इन्फेक्शन (infection) का ख़तरा बन सकता है।
4. साल्पिंगक्टोमी (Salpingectomy)
इस प्रक्रिया को ज्यादातर तब अपनाया जाता है जब महिला आईवीएफ (IVF) के जरिये गर्भवती होना चाहती है। इस प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब को ही हटा दिया जाता है ताकि भ्रूण का विकास गर्भाशय में स्वतंत्र रूप से हो सके। यह प्रक्रिया लेप्रोस्कोपी (laparoscopy) सर्जरी की मदद से की जाती है। इस प्रक्रिया को करते समय इस बात का ख़ास ध्यान दिया जाता है कि रोगी के अन्य प्रजनन अंग प्रभावित न हों। इसलिए डॉक्टर महिला के फैलोपियन ट्यूब के चारों तरफ एक मजबूत गांठ बांध देते हैं।
5. ट्यूबल कैनुलेशन (Tubal Cannulation)
ट्यूबल कैनुलेशन की प्रक्रिया में, डॉक्टर रोगी की योनि के जरिये कैथेटर ट्यूब अंदर डालते हैं। [11] अल्ट्रासाउंड की मदद से इस ट्यूब को सही जगह पर डाला जाता है। अब हिस्टेरोसलपिंगोग्राफी (hysterosalpingography) नामक एक्स-रे की प्रक्रिया शुरू की जाती है। कैथेटर ट्यूब (catheter tube) के अंत में एक गुब्बारा लगा होता है। जिसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) के ब्लॉकेज को खोला जाता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) के कारण फाइब्रॉएड (fibroids), एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) और इन्फेक्शन हैं। इसका निदान (diagnosis) एचएसजी टेस्ट (HSG test) , क्रोमोट्यूबेशन (chromotubation ) और सोनोहिस्टेरोग्राफी (sonohysterography ) की मदद से किया जाता है। फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के उपचार के लिए साल्पिंगक्टोमी (salpingectomy), ट्यूबल रि-एनास्टोमोसिस (tubal re-anastomosis), फ़िम्ब्रियोप्लास्टी (fimbrioplasty), साल्पिंगोस्टोमी (salpingostomy) और ट्यूबल कैनुलेशन (tubal-cannulation) जैसे कई विकल्प हैं। बांझपन की समस्या के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय भी आजमा सकते है।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 10 Jul 2020
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