जानें डिलीवरी के बाद दर्दनाक सेक्स के कारण
Reasons of pain during sex after delivery in hindi
डिलीवरी सेक्सी क्या है
एक नज़र
- प्रसव के बाद महिला शरीर में परिवर्तन आते हैं।
- डिलीवरी के बाद शरीर को सामान्य होने में समय लगता है।
- बच्चे के जन्म के बाद सेक्स करने में तकलीफ एक सामान्य कारण है।
Introduction

डिलीवरी के बाद सेक्स या संभोग के दौरान दर्द होना बेहद आम बात है। दर्दनाक संभोग एक सामान्य महिला स्वास्थ्य समस्या है। इसे मेडिकल भाषा में डिस्पेर्यूनिया (Dyspareunia) कहा जाता है। यह एक जटिल विकार है, जो अक्सर उपेक्षित हो जाता है। डिस्पेर्यूनिया की व्यापकता दुनिया भर में 3 से 18% तक है, और ये जीवनकाल में 10 से 28% महिला आबादी को प्रभावित कर सकती है।[1]
डिस्पेर्यूनिया को तकनीकी रूप से दर्दनाक पेनेट्रेशन (penetration), संभोग के दौरान दर्द (pain during sexual intercourse) या संभोग पर दर्द (pain on orgasm) के रूप में परिभाषित किया गया है। डिलीवरी के बाद आम यौन स्वास्थ्य के मुद्दों में सेक्स में रुचि का कम होना, सेक्स के दौरान दर्द, योनि की जकड़न और लुब्रिकेशन की कमी जैसी समस्याएं शामिल हो सकती है। [2] इसके कई कारण होते हैं लेकिन, अधिकतर मामलों में महिलाएं इन कारणों से अनभिज्ञ होती हैं और वे अपने आपको इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार मान लेती हैं।
ये स्थिति शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। ये अवसाद, चिंता, दर्द के प्रति अतिसंवेदनशीलता, अपने शरीर को लेकर नकारत्मकता पैदा होना और आत्मसम्मान में कमी को जन्म दे सकता है।[3] ऐसे में ये जानना आवश्यक है कि डिलीवरी के बाद दर्दनाक सेक्स के क्या कारण होते हैं और साथ ही ये भी बताएंगे कि डिलीवरी के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए।
इस लेख़ में
डिलीवरी के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए या संभोग करना चाहिए
How long after delivery is sex safe in hindi
डिलीवरी सेक्सी जाने
डिलीवरी के कितने दिनों बाद संबंध बनाना चाहिए या सेक्स करना चाहिए तो इसका जवाब -महिला का की डिलीवरी नार्मल हुई है या सिजेरियन डिलीवरी से बच्चे का जन्म हुआ है। हालांकि, सुरक्षित अवधि कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों या महीनों तक की हो सकती है। आपको डिलीवरी के बाद होने वाले रक्तस्त्राव के समाप्त होने तक इंतजार करना चाहिए। बच्चे के जन्म के करीब तीन सप्ताह बाद तक यह रक्तस्त्राव बंद हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अपरा (प्लेसेंटा) के बाहर निकलने से गर्भाशय में हुए घाव अभी भी भर रहे होते हैं।
अगर, आप रक्तस्त्राव बंद होने से पहले ही संभोग करती हैं, तो आपको संक्रमण (infection) का खतरा हो सकता है। दरअसल, आप कितने समय बाद अपने पति के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो सकती हैं, यह निर्भर करता है कि आपका प्रसव सामान्य/योनि के माध्यम से हुआ है या फिर ऑपरेशन के माध्यम से हुआ है। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान बच्चे के बर्थ के समय वैक्यूम फोर्स (Vacuum force) के दौरान महिला को बहुत दर्द से गुजरना पड़ता है। वैसे तो वजाइना को पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम छह हफ्ते का समय लग सकता है।
डिलीवरी के छह महीने के बाद भी कभी-कभी दर्द रह जाता है। कभी-कभी तो वजाइना के टिश्यू इतने टाइट हो जाते हैं कि सेक्स करना मुश्किल हो जाता है। अगर आपकी डिलीवरी सी-सेक्शन (C-Section or cesarean delivery) की जरिए हुई है तो छह महीने तक आपको सेक्स से दूर रहना पड़ सकता है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अक्सर सी-सेक्शन के कारण महिलाओं मे बोवेल प्रॉबल्म (bowel problem) जैसे कब्ज़ या कॉन्स्टिपेशन (constipation), ब्लैडर प्रॉबल्म (bladder problem) हो सकती है जिससे आपको पेशाब करने में परेशानी आ सकती है पर इसके कारण सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है।
डिलीवरी के बाद दर्दनाक सेक्स के कारण
What are the reasons of painful sex after delivery in hindi
डिलीवरी सेक्सी क्या है
प्रसव प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सामान्य डिलीवरी (normal delivery), योनि प्रसव (vaginal delivery) या ऑपरेशन के द्वारा प्रसव (cesarean delivery) के रूप में जाना जाता है। किसी भी परिस्थिति में हर स्थिति में महिला के जननांग किसी न किसी भारी लेबर प्रोसेस से गुज़रते ही हैं। इसके कारण नवप्रसूता भी अपने अंदर शारीरिक और मानसिक बदलाव महसूस करती है। डिलीवरी (delivery) के बाद माँ और बच्चे दोनों को देखभाल की जरूरत होती है। इन बदलावों के मानसिक दबाव और आंतरिक परिवर्तनों के कारण शारीरिक दबाव बढ़ जाता है। यही दबाव प्रसव के बाद सेक्स करने में तकलीफ़ का कारण बन जाता है। इसके अलावा कुछ और कारण होते हैं, जो डिलीवरी के बाद दर्दनाक सेक्स के कारण बन सकते हैं।
डिलीवरी के बाद दर्दनाक सेक्स के निम्नलिखित के कारण हो सकते हैं : -
1. हार्मोनल परिवर्तन
प्रसव के बाद महिला के शरीर में ओक्सिटोसिन (oxytocin) हार्मोन के लेवल में वृद्धि हो जाती है। इसी के साथ एस्ट्रोजेन (estrogen) हार्मोन के लेवल में भी कमी आ जाती है। इस कारण महिला के शरीर में योनि में सूखापन आने के कारण सेक्स की इच्छा में कमी होती है और उसका झुकाव मातृत्व की ओर अधिक हो जाता है।
2. योनि से रक्तस्त्राव
बच्चे के जन्म के बाद महिला की योनि से रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है। यह रक्त्स्त्राव सामान्य रूप से दो-तीन सप्ताह तक हो सकता है। यह रक्तस्त्राव गर्भाशय में बचे हुए प्लेसेन्टा (placenta) और गर्भाशय की दीवारों (uterine lining) के टूटने के कारण होता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो 2-3 सप्ताह तक हो सकती है।
3. योनि के आकार में परिवर्तन
प्रसव के बाद हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिला की योनि सिकुड़ जाती है या फिर बच्चे के शरीर के अनुसार अपना आकार व्यवस्थित करने के कारण फैल कर बड़ी हो जाती है। दोनों ही अवस्थाओं में महिला संभोग के समय दर्द महसूस कर सकती है।
4. योनि में सूजन या चोट
प्रसव प्रक्रिया में यदि किसी उपकरण का प्रयोग किया गया है या फिर सर्जरी की गई है, तब इससे महिला के गुप्तांगों में चोट या सूजन आ जाती है। कुछ महिलाओं को योनि में इन्फेक्शन की भी शिकायत हो सकती है। जिस कारण डिलीवरी के बाद सेक्स करने की इच्छा में कमी आ सकती है।
5. सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में दर्द
अगर महिला को योनि में प्रसव के समय कट लगाया गया है, तब उसे स्टिच करने के लिए वहां टांके भी लगाए जाते हैं। इन टांकों की तकलीफ़ महिला को सेक्स के आनंद को लेने से रोक देती है। जिस कारण डिलीवरी के बाद संभोग करने में परेशानी आ सकती है। ऐसे में जब सवाल उठता है कि डिलीवरी के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए या ऑपरेशन के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए तो इसका जवाब होता है कि लगभग 6-7 हफ्ते बाद ताकि महिला का शरीर पहले की अवस्था में समय के बाद आ जाए और उसे सेक्स में कठिनाई न हो।
6. स्तनों में दर्द
डिलीवरी के बाद जब महिला शिशु को स्तनपान करवाती है तब कुछ महिलाएं स्तनों में दर्द का अनुभव करती हैं। ये दर्द समय के साथ अपने आप ही कम हो जाता है, लेकिन तब तक सेक्स अनुभूति महिला के मस्तिष्क से दूर ही रहती है।
7. गुप्तांगों में दर्द और थकान
नवजात शिशु की प्रसव प्रक्रिया में महिला के गुप्तांग (pelvic muscles) की मांसपेशियों में दर्द और थकान आ जाती है। ऐसे में महिला सेक्स के लिए शारीरिक रूप से तैयार नहीं होती है। इस तरह से उसे सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव होने के कारण सेक्स की इच्छा में कमी आ जाती है।
8. योनि का ढीलापन
बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं की योनि में ढीलेपन की भी शिकायत होती है। हालांकि, यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो 2-3 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाती है। इन परिवर्तनों के अतिरिक्त बच्चे को जन्म देने के बाद नवप्रसूत अलग-अलग भावनात्मक तनाव में भी फँस जाती है। इन्हें बच्चे के जन्म के बाद होने वाले भावनात्मक परिवर्तन या परेशानियाँ जो महिला को सेक्स करने में दर्द का अनुभव करवाते हैं।
9. शिशु के कारण व्यस्तता
नवजात शिशु अपनी हर जरूरत के लिए अपनी माँ पर ही निर्भर होता है। ऐसे में माँ को न तो पूरा आराम ही मिलता है और न ही वह ठीक से सो पाती है। इस प्रकार अनियमित दिनचर्या और रात-दिन की शारीरिक और मानसिक थकान के कारण अधिकतर महिलाएं शारीरिक संबंधों के प्रति उदासीन हो जाती हैं।
डिलीवरी के बाद सेक्स करने के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए
Precautions to take during sex after delivery in hindi
ऑपरेशन के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए या नहीं
बच्चे के जन्म के बाद सेक्स में होने वाला दर्द सामान्य है, इसलिए इसे ठीक होने का समय देना चाहिए। इतना ही नहीं, कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए ताकि एक महिला को बच्चे के जन्म के बाद सेक्स लाइफ को लेकर किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। ऐसे में आइए अब जानते हैं कि डिलीवरी के बाद किस-किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
डिलीवरी के बाद सेक्स करने के लिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार निम्न सावधानियों के साथ सेक्स के समय दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है :-
- आपसी बातचीत और समझ के अनुसार पत्नी को शारीरिक और मानसिक आराम देते हुए ही सेक्स की योजना पर अमल करना चाहिए।
- नार्मल डिलीवरी के वजह से योनि में आए टांकों में होने वाले दर्द और जलन के लिए चिकित्सक से दर्द निवारक दवा ली जा सकती है।
- प्रसव के बाद होने वाले इन्फेक्शन को रोकने के लिए अपने गुप्तांगों को हमेशा साफ रखें।
- नवप्रसूता अपने खाने-पीने का ध्यान रखकर और ज़रूरी नींद लेकर स्वयं को जल्दी स्वस्थ रख सकती है और पति के रूप में आप उनका सहयोग कर सकते हैं।
- कीगल एक्सरसाइज (Kiegel Exercise) पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने में मदद कर सकता है जिससे बच्चे के जन्म के बाद तेजी से रिकवरी हो सकती है। यह एक्सरसाइज पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टाइट करने के लिए लगभग दस सेकंड के लिए किया जा सकता है। फिर थोड़ा रेस्ट कर प्रक्रिया दोबारा दोहराए। आप इसे गर्भावस्था के दौरान भी कर सकती हैं जिससे सर्वोत्तम परिणाम मिलेगा।
- अगर वैजाइना में सूखापन के कारण दर्द होता है, तो आप सेक्स करते समय घर्षण को कम करने के लिए लुब्रीकेंट का उपयोग कर सकती हैं। (यहाँ पढ़े - वजाईना के सूखेपन को दूर करने के आसान घरेलू उपाय )
- पति-पत्नी के बीच एक बच्चा पुल का काम करता है। इसलिए डिलीवरी के बाद नवप्रसूता को थोड़ा आराम देने के लिए परिवार के किसी सदस्य या पति की मदद से बच्चे के कुछ काम करवा कर मदद ली जा सकती है।
- इससे नवप्रसूता को शारीरिक और मानसिक आराम जल्दी मिल सकता है और वह सेक्स के लिए स्वयं को जल्दी तैयार कर सकती है।
इस तरह डिलीवरी के बाद सेक्स के समय दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। इसीलिए किसी तनाव में ना रहे और अपने चिकित्सक से सही परामर्श लें।
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
डिलीवरी सेक्सी क्या है
बच्चे के जन्म के बाद महिला को शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों के दौर से गुजरना पड़ता है। इनके कारण पति के साथ निभाए जाने वाले शारीरिक संबंधों के प्रति अस्थायी रुचि पनप सकती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए यह जरूरी है कि महिला के शरीर में हुए आंतरिक घावों और परिवर्तनों को दवा और प्रेम से भरने का समय दें। इसके साथ ही शिशु कि देखभाल में थोड़ी मदद कर पत्नी को मानसिक और भावनात्मक आराम देकर पति जल्द ही अपनी पत्नी के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं।
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references
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
Tayyeb M, Gupta V. “Dyspareunia”. StatPearls Publishing. PMID: 32965830.
McDonald E, Woolhouse H, et al. “Consultation about Sexual Health Issues in the Year after Childbirth: A Cohort Study”. PMID: 26467855.
Tayyeb M, Gupta V. “Dyspareunia”. StatPearls Publishing. PMID: 32965830.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 06 Oct 2020
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