स्पर्म काउंट बढ़ाने के घरेलु उपाय और पुरुष बांझपन दूर करने के उत्तम तरीके

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एक नज़र

  • पुरुष शुक्राणु की संख्या व स्वास्थ्य गर्भधारण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
  • सेक्स की इच्छा में कमी का कारण शुक्राणु की कम संख्या हो सकती है।
  • खराब जीवनशैली के कारण वीर्य और स्पर्म को नुकसान हो सकता है।
  • स्वस्थ व पौष्टिक भोजन से स्पर्म की गिनती को सुधारा जा सकता है।
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Introduction

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स्पर्म की संख्या में कमी या शुक्राणुओं की बनावट में दोष, पुरुष बाँझपन की सबसे बड़े कारणों में से हैं, लेकिन कुछ आसान घरेलू उपायों से स्पर्म काउंट में वृद्धि की जा सकती है।

एक शिशु के जन्म के लिए स्त्री के अंडाणु (egg) और पुरुष के शुक्राणु (sperm) का स्वस्थ व पूर्ण रूप में उपलब्ध होना बहुत जरूरी है। लेकिन, आधुनिकता के उपहार स्वरूप तनाव और जीवनशैली संबंधी परेशानियों के कारण स्त्री और पुरुष दोनों की ही प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

विश्व के अनेक हिस्सों में पुरुष शुक्राणुओं या स्पर्म काउंट की कम संख्या के कारण दंपत्ति बांझपन की परेशानी से ग्रस्त हो रहे हैं। एक पुरुष के सीमेन में औसतन १५ मिलियन स्पर्म से ले कर २०० स्पर्म तक हो सकते हैं।

१५ मिलियन स्पर्म से कम स्पर्म काउंट होने पर उसे लो स्पर्म काउंट कहा जाता है और यह पुरुष बाँझपन का कारण हो सकता हैं।

दुनिया भर में बांझपन एक बढ़ती हुई समस्या है। बाँझपन या इनफर्टिलिटी हर छह जोड़ों में से एक को प्रभावित करता है, और शोधकर्ताओं का यह अनुमान है कि प्रत्येक तीन मामलों में से एक पुरुष साथी में प्रजनन समस्याओं के कारण होता है।

पुरुष बांझपन तब होता है, जब एक पुरुष को अपनी महिला साथी को गर्भवती करने में असमर्थ होता है।

महिलाओं को गर्भवती कर पाने की क्षमता, आमतौर पर पुरुष के शुक्राणु कोशिकाओं (sperm cells) की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

हालांकि, बांझपन हमेशा इलाज योग्य नहीं होता है। इसे कभी-कभी स्वस्थ आहार, पौष्टिक आहार और जीवनशैली में अन्य बदलाव के साथ बेहतर बनाया जा सकता है।

यह लेख कुछ मुख्य जीवनशैली कारकों, खाद्य पदार्थों, पोषक तत्वों और पूरक पदार्थों को सूचीबद्ध करता है, जो पुरुषों में स्पर्म काउंट को बढ़ने में मदद करते हैं।

घरेलू उपाय की मदद से स्पर्म काउंट में बढ़ोतरी कर के पुरुष बांझपन को दूर किया जा सकता है। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि स्पर्म की गुणवत्ता और स्पर्म काउंट किस कारण प्रभावित होती है और इससे बचने के 8 कारगर घरेलू उपाय क्या हैं!

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इस लेख़ में

 

स्पर्म काउंट और स्पर्म की गुणवत्ता किन कारणों से प्रभावित होती है?

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एक स्वस्थ व सामान्य पुरुष के रक्त में प्रति सेकेंड लगभग 1500 स्पर्म्स का निर्माण होता है।

लेकिन कई बार पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होती है, जिसे मेडिकल भाषा में ऑलिगॉस्पर्मिया (oligospermia) कहते है। ऑलिगॉस्पर्मिया में प्रत्येक एमएल स्पर्म इजाकुलेशन में 15 मिलियन से कम शुक्राणु होते हैं।

शुक्राणुओं से संबंधित ऐसे ही एक स्थिति है, एझूस्पर्मिया (azoospermia) जिसमें वीर्य में शुक्राणु अनुपस्थित होता है।

लेकिन, विभिन्न कारणों से न केवल पुरुषों के रक्त में बनने वाले स्पर्म की संख्या में कमी हो रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस कारण पुरुष बांझपन के भी शिकार हो रहे हैं।

इसके अलावा स्वस्थ पुरुष जिन परेशानियों से गुज़र रहे हैं वो हैं :-

  • सेक्स इच्छा में कमी (Decreasing Libido)

जब एक व्यक्ति सामान्य स्थितियों में भी सेक्स की घटती हुई इच्छा से ग्रस्त होता है, तब यह एक चिंताजनक स्थिति मानी जाती है।

इस परेशानी के कारण व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक अवस्था के साथ ही उसके सामाजिक समीकरण भी बिगड़ जाते हैं।

खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स जो कामेच्छा बढ़ाने का दावा करते हैं, उन्हें एफ्रडिजियाक (aphrodisiacs) यानि कामोत्तेजक कहा जाता है।

  • स्खलन में विकार (Erection Issue)

पुरुष द्वारा सेक्स में स्खलन में परेशानी भी वीर्य में स्पर्म काउंट की कमी (low sperm count) का कारण माना जाता है।

स्खलन में विकार को इजेक्यूलेशन फ़ेलियर कहा जाता है।

जब सेक्स के समय एक पुरुष सही रूप में उत्तेजित होने में असमर्थ होता है या फिर उपयुक्त समय तक इसे बनाए रखने में असमर्थ होता है, तब यह उनके लिए शारीरिक के साथ ही मानसिक परेशानी भी बन जाती है।

  • शुक्राणु संख्या में कमी (Sperm Count)

पुरुष वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में कमी भी पुरुष बांझपन का एक मुख्य कारण है।

पुरुषों में सामान्यतः शुक्राणु की संख्या प्रति मिलीलीटर (एमएल) सीमेन में 15 मिलियन से 200 मिलियन तक होती है।

यदि पुरुषों में प्रति एमएल में 15 मिलियन से कम शुक्राणु की संख्या होती है, तो इसे अक्सर ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है।

यह वीर्य की खराब गुणवत्ता का उदाहरण होता है।

  • शुक्राणु गतिशीलता में विकार (Sperm Motility)

स्वस्थ शुक्राणु की सबसे बड़ी पहचान, उनके रक्त और वीर्य में स्वस्थ रूप से जीवित रहने और गतिमान रहने की क्षमता के रूप में दिखाई देती है।

वीर्य में एक निश्चित समय में जीवित स्पर्म काउंट और स्पर्म की गतिशीलता से ही वीर्य के स्वास्थ्य को मापा जा सकता है।

  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर (Level of Testosterone)

पुरुष शरीर में बनने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मुख्य रूप से सेक्स हार्मोन के रूप में जाना जाता है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुष प्रजनन ऊतकों जैसे कि टेस्टिस और प्रोस्टेट के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

साथ ही मांसपेशियों और हड्डी की ताकत बढ़ाता है और शरीर में यौन लक्षण जैसे बालों की वृद्धि और पुरुषों के आवाज़ में बदलाव को मदद करता है।

जब पुरुष के शरीर में इस हार्मोन के लेवल में कमी हो जाती है, तब इसके परिणामस्वरूप पुरुष में स्पर्म काउंट की कमी हो कर बांझपन की शिकायत हो सकती है।

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स्पर्म काउंट को बढाने के घरेलु उपाय

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एक परिवार शुरू करना कई पुरुषों के लिए एक जीवन लक्ष्य होता है। वे अपने साथी के साथ अपने जीवन में अगला कदम उठाना चाहते हैं और यह बहुत खुशी और उत्साह का कारण होता है।

हालांकि, कई पुरुष बांझपन के साथ संघर्ष करते हैं, चाहे वो कम शुक्राणुओं की संख्या हो या कमजोर शुक्राणु गतिशीलता (sperm motility) हो।

हमारा देश ऋषि मुनियों का देश माना जाता है, हम घरेलु उपयों से भी किसी भी समस्या का इलाज कर सकते हैं।

  • मेथी के दाने का नियमित सेवन (Fenugreek Supplements)

भारतीय रसोई में मेथी दाना अन्य मसालों की भांति एक अनिवार्य मसाला है।

स्वाद के साथ ही मेथी दाने का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोग और बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।

पुरुष शुक्राणु बढ़ाने के लिए अगर प्रतिदिन 500 मिलीग्राम मेथी दाने का सेवन किया जाये तो सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के लेवल में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा सकती है।

इसके साथ ही शरीर पर आई अतिरिक्त चर्बी को कम करने और मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मेथी दाने का उपयोग प्रभावशाली हो सकता है।

प्रतिदिन 600 मिलीग्राम मेथी दाने का सेवन सेक्सजनित इच्छा, सेक्स परफ़ोर्मेंस, उत्तेजना विकार में सुधार के साथ ही सेक्स गतिविधि में तीव्रता से जुड़ी परेशानी का निवारण भी कर सकता है।

  • माका रूट का सेवन करें (Eat maca root)

माका रूट एक लोकप्रिय भोजन है। परंपरागत रूप से, इसका उपयोग कामेच्छा और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है।

पुरुषों में कई अध्ययनों से यह पता चला है कि तीन महीने के लिए 1.53 ग्राम सूखे माका रूट का पाउडर लेने से आत्म-यौन इच्छा या कामेच्छा में सुधार हुआ है।

अध्ययन से यह भी पता चलता है कि माका रूट यौन प्रदर्शन में सुधार कर सकता है। माइल्ड इरेक्टाइल डिसफंक्शन वाले पुरुषों में, 2.4 ग्राम सूखे माका रूट पाउडर खाने से इरेक्टाइल फ़ंक्शन में थोड़ा सुधार देखा जा सकता है।

स्वस्थ पुरुषों ने तीन महीने के लिए हर दिन 1.75 ग्राम माका रूट पाउडर लेने से भी स्पर्म काउंट और गतिशीलता में वृद्धि हुई है।

  • लहसुन का सेवन करें

लहसुन को फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में बहुत ज्यादा फायदेमंद माना गया है क्योंकि लहसुन पुरुषों के शुक्राणु और स्त्रियों में अंडे को स्वस्थ रखता है।

लहसुन यह उन पोषक तत्वों से भरपूर है, जो पुरुषों और महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं।

लहसुन के रोज़ाना सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। रोज़ाना 2-4 कली कच्ची लहसुन रिप्रोडक्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

लहसुन एक ब्लड क्लींजर के रूप में कार्य करता है, जो रक्त संचार में सहायक होता है। इस प्रकार लहसुन, एक स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं में सहनशक्ति प्रदान करता है।

लहसुन में पाए जाने वाले सेलेनियम और विटामिन सी और बी 6 क्रोमोसोमल (chromosomal) दोष को खत्म करते हैं।

लहसुन में एलिसन होता है जो यौन अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।

इस तरह लहसुन को स्पर्म काउंट बढाने वाले उपायों में सबसे अच्छा माना जाता है।

  • मुकुना प्र्यूरीन्स या वेलवेट बिन का सेवन (Take Mucuna pruriens or velvet bin)

मुकुना प्र्यूरीन्स एक लोकप्रिय भारतीय औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग लंबे समय से पारंपरिक आयुर्वेदिक भारतीय औषधि के रूप में किया जाता है।

एक अध्ययन में ये पाया गया है कि प्रभावी रूप से मुकुना प्र्यूरीन्स के बीज से प्राप्त पाउडर का इस्तेमाल पुरुष बांझपन में किया जा सकता है।

इसे जिसे वेलवेट बिन या कौंच के रूप में भी जाना जाता है।

यह भी साबित हुआ है कि मुकुना प्र्यूरीन्स के नियमित सेवन से शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता में वृद्धि हुई।

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए मुकुना प्र्यूरीन्स के बीज के 5gm पाउडर का सेवन रोज़ाना दूध के साथ करें तो स्पर्म काउंट और स्पर्म की गतिशीलता में सुधार पाया जा सकता है।

यह टेस्टोस्टेरोन मात्रा बढ़ाने में मदद करता है, जो पुरुषों मे कामेच्छा के लिए महत्वपूर्ण है। यह इरेक्शन में शिथिलता को सुधारने में मदद करता है।

और पढ़ें:अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान की सफलता को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
 

स्पर्म काउंट बढाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

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आजकल पुरुषों में बांझपन यह एक बढ़ती समस्या है। जैसे ही एक व्यक्ति 35 वर्ष की आयु के करीब पहुंचता है, वह अपनी कामेच्छा और फर्टिलिटी को खोना शुरू कर देता है।

पुरुष बांझपन के इलाज के लिए बाजार में बहुत सारी रासायनिक रूप से उत्पादित दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमे ज्यादातर स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हम उन दवाईयों के एडिक्ट बन जाते हैं।

इसलिए बांझपन को ठीक करने के लिए और स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आप आयुर्वेद की मदद लें।

इसके लिए आप निम्न आयुवेदिक विकल्प चुन सकते हैं : -

  • तालमखाना (long leaved balaria)

तालमखाना या इक्षुरा सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है। तालमखाना बीज नपुंसकता और नेचुरल रूप से स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए एक आदर्श आयुर्वेदिक समाधान है।

तालमखाना बीजों में जीवाणुनाशक, कामोद्दीपक, मूत्रवर्धक गुण होते हैं। तालमखाना बीज यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष और ओलिगोस्पर्मिया यानि स्पर्म काउंट में कमी के उपचार के लिए फायदेमंद होते हैं।

तालमखाना पुरुषों के अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। शरीर में उचित रक्त परिसंचरण का अर्थ है “बिस्तर में बेहतर प्रदर्शन”।

पुरुष बांझपन का प्रमुख कारण शुक्राणु की संख्या कम होना है और यह जड़ी बूटी इसे बढ़ाने में मदद करती है।

  • अश्वगंधा (Ashwagandha)

अश्वगंधा का उपयोग कई आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है, क्योंकि इसका औषधीय महत्व है। यह जड़ी बूटी बांझपन के उपयुक्त मानी जाती है। यह आपको अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

अश्वगंधा एक कामोत्तेजक है और इसका उपयोग पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक उपचार के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा का अर्क जब पुरुषों द्वारा सेवन किया जाता है, तो वह उनके शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड(Nitric oxide)के उत्पादन को उत्तेजित करता है।

इससे रक्त वाहिकाओं का फैलाव होता है और पुरुषों में अंतरंगता की इच्छा को बढ़ावा देने में मदद करता है।

इसके साथ ही अश्वगंधा पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ा के प्रजनन प्रणाली को शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।

  • शतावरी (Asparagus)

शतावरी को हमेशा ही आयुर्वेद में पुरुष बांझपन में स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस्तेमाल किया गया है। शतावरी एक कामोद्दीपक के रूप में लोकप्रिय जड़ीबूटी है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ाता है।

यह न केवल स्पर्म काउंट में सुधार करता है, बल्कि इसके उपयोग से स्पर्म की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है। इसके फायदे यहीं खत्म नहीं होते हैं।

शतावरी शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हुए शरीर को शांत और उत्तेजित करने के गुण रखती है। शतावरी का उपयोग पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा बांझपन को ठीक करने के लिए किया जाता है।

नपुंसकता एक बड़ी बाधा है, लेकिन आप शतावरी के नियमित उपयोग से इसे पार कर सकते हैं।

शतावरी, टेस्टोस्टेरोन (Testosteron)के स्तर को बढ़ाता है और साथ ही सेक्स की इच्छा को भी बढ़ावा देती है।

  • शिलाजीत

शिलाजीत एक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग पुरुष बांझपन, विशेष रूप से स्तंभन दोष के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। यह पुरुषों के रक्त परिसंचरण में सुधार करके पुरुषों को लंबे समय तक संभोग का आनंद लेने में मदद करता है।

शिलाजीत में कई खनिज और साथ ही कार्बनिक कंपाउंड्स होते हैं, जिन्हें फुल्विक एसिड(Fulvic acid) के रूप में जाना जाता है।

शोध से पता चला है कि यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन, शुक्राणुजनन, शुक्राणु गतिशीलता और शुक्राणुओं की संख्या यानि स्पर्म काउंट के स्तर को बढ़ाता है।

शिलाजीत तनाव से राहत देता है और यह एक उत्कृष्ट कामोद्दीपक (Excellent aphrodisiac) माना जाता है।

इसतरह अगर आप आयुर्वेदिक उपयोंद्वारा पुरुष बांझपन और स्पर्म काउंट में बढ़त पाना चाहते है तो आप ऊपर दिए हुए आयुर्वेदिक जड़ीबूटियोंका इस्तेमाल अपने जीवन शैली में कर सकते है।

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स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए क्या खाएं?

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किसी भी व्यक्ति के शरीर में स्पर्म की संख्या व गुणवत्ता के कम होने के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।

ये कारण व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य, बीमारियाँ, आनुवंशिक कारण या वातावरण से संबंधित हो सकती हैं।

लेकिन इन कारणों को दूर करके व्यक्ति के स्पर्म की हेल्थ व संख्या को बढ़ाने के लिए आहार में बदलाव के स्वरूप कुछ उपाय के रूप में निम्न काम किए जा सकते हैं :-

  • डी -ऐसपार्टिक एसिड सप्लिमेंट्स (D-Aspartic Acid Supplements)

पुरुष शरीर में डी-ऐसपार्टिक एसिड एक विशेष प्रकार के अमीनो एसिड या प्रोटीन का एक रूप होता है, जो मुख्य रूप से कुछ ग्लैंड्स ,सीमेन , स्क्रोटम और सीमेन सेल्स में पाया जाता है।

अगर किसी पुरुष के शरीर में यह अमीनो एसिड कम होता है, तब उनकी प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

इसलिए इसको पुनः प्रभावशील बनाने के लिए डी-ऐसपार्टिक एसिड(D-aspartic acid) युक्त सप्लिमेंट्स लेने होंगे।

शोध रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति यदि तीन महीने तक 2.66 ग्राम डी-ऐसपार्टिक एसिड युक्त सप्लिमेंट्स लेता है, तब उसके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में 30-60% और गुणवत्ता में 60-100% वृद्धि संभव हो सकती है।

इसके साथ ही स्पर्म काउंट में भी डी -ऐसपार्टिक एसिड सप्लिमेंट्स से वृद्धि होती है।

  • विटामिन सी (Vitamin C)

शरीर में विटामिनों की कमी के कारण कोई भी व्यक्ति विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का शिकार बन जाता है।

इसके अतिरिक्त खराब जीवनशैली, बढ़ती उम्र और पर्यावरण प्रदूषण भी शरीर के इमम्युनिटी सिस्टम को कमजोर कर देते हैं।

इन सबका मिला-जुला प्रभाव पुरुष की प्रजनन क्षमता पर विपरीत होता है।

इस विपरीत प्रभाव के असर को कम करने के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन बहुत जरूरी है।

इसके नियमित सेवन से या फिर विटामिन सी युक्त 1000 एमजी सपलीमेंट्स को दिन में दो बार लेने से दो महीने में ही स्पर्म की गुणवत्ता में 92% की वृद्धि संभव हो सकती है और स्पर्म काउंट बढ़ने में फायदा होता है।

इसके अलावा विटामिन सी युक्त खाने की चीजें जैसे आंवला, संतरा, अंगूर, मुनक्का, शिमला मिर्च आदि का नियमित सेवन भी किया जा सकता है।

  • विटामिन डी (Vitamin D)

विटामिन डी भी पुरुष शुक्राणु और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करने वाला तत्व माना जाता है।

अगर किसी व्यक्ति के शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाती है, तब व्यक्ति के शुक्राणु अधिक स्वस्थ नहीं रह पाते हैं और वे बांझपन के शिकार हो जाते हैं।

इसलिए इसके उपाय के रूप में प्रतिदिन 3.000 एमजी विटामिन डी का सेवन बहुत जरूरी माना जाता है।

लगभग एक साल तक इस मात्रा के नियमित सेवन से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में लगभग 25% की वृद्धि देखी जा सकती है और यह स्पर्म काउंट बढ़ाने में भी लाभदायक है ।

  • ज़िंक आधारित भोजन (Enough Zinc)

जो पुरुष, बांझपन की शिकायत से ग्रस्त होते हैं, वे ज़िंक आधारित भोजन के सेवन से इस परेशानी से उबर सकते हैं।

इसके लिए वे मांसाहारी भोजन के रूप में मांस, मछ्ली और अंडे ले सकते हैं।

पुरुष शरीर में ज़िंक की कमी होने से पुरुष को टेस्टोटेरोन हार्मोन की कमी, स्पर्म की कम संख्या और बांझपन की शिकायत महसूस कर सकते हैं।

लेकिन, ज़िंक या जस्ता आधारित भोजन में आप मछली, सेम, मटर, दही आदि का सेवन कर सकते हैं।

इस तरह के भोजन का पुरुष आहार में समावेश करेंगे तो उन्हें स्पर्म काउंट बढाने में बहुत मदद मिलती है।

  • विटामिन ए (Vitamin A)

विटामिन ए की कमी से न केवल स्वास्थ्य में गिरावट आती है बल्कि स्पर्म काउंट में भी कमी आती है।

इसलिए घरेलू उपचार के रूप में केला और गाजर का सेवन करें और इस परेशानी से मुक्ति का सरल उपाय करें।

इसके अलावा ब्रोकोली और फूल गोभी भी विटामिन ए का उत्तम स्त्रोत मानी जाती है जो स्पर्म काउंट बढ़ाने में उपयुक्त मानी गयी है ।

  • ओमेगा 3 फ़ैटि एसिड (Omega 3 Fatty Acids)

जो पुरुष स्पर्म काउंट के कम होने और स्पर्म के गिरते स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं, उनके लिए ओमेगा 3 का सेवन निश्चय ही लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

इसके लिए मांसाहारी लोग सेलमन मछली और शाकाहारी लोग अखरोट, राजमा सोयाबीन तेल का सेवन कर सकते हैं जिससे स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद होती है ।

और पढ़ें:आईएमएसआई आईवीएफ क्या है?
 

स्पर्म काउंट बढ़ाने के कुछ आसान उपाय

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स्पर्म काउंट को बढाने के लिए जीवनशैली में बदलाव की कुछ ध्यान देने योग्य बातें इस प्रकार हैं :-

  • दैनिक भोजन में अधिक से अधिक फल और सब्जियों का सेवन करें;
  • शारीरिक वज़न को नियंत्रित रखें;
  • रोज़ाना लगभग 30 मिनट तक नियमित व्यायाम करे;
  • तनाव से दूर रहकर प्रसन्नचित जीवन-यापन करें;
  • अधिक कसे और टाइट अन्तःवस्त्र न पहनें;
  • लैपटॉप को हमेशा मेज़ पर रखकर ही इस्तेमाल करें;
  • मोबाइल को हर समय पैंट की जेब में न रखें;
  • सेक्स के वक़्त हमेशा लुब्रिकेंट का प्रयोग न करें;
  • सोया मिल्क भी पुरुष शुक्राणु को हानि पहुँचाता है, इसलिए इसका सेवन कम से कम करें;
  • चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें;
  • स्टीम बाथ के लिए अधिक गरम पानी का इस्तेमाल न करें;
  • धूम्रपान का त्याग करे; निकोटीन शरीर को कई तरह से नुकसान पहुँचाता है, यह स्पर्म काउंट कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
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निष्कर्ष

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पुरुष अगर किसी कारण से सेक्स में सक्रिय भाग नहीं ले पा रहे हैं या इसकी इच्छा में कमी पाते हैं, तो उन्हें टेस्ट करवाना चाहिए।

अगर टेस्ट में स्पर्म की अनिवार्य गिनती या उनकी जीवन प्रत्याशी में कमी निकलती है, तब इसके लिए समुचित घरेलू उपायों से स्पर्म काउंट में कमी की इस परेशानी को ठीक किया जा सकता है।

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आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 07 May 2020

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