शुरुआत में स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए 3डी मैमोग्राफी

3D Mammography to detect breast cancer in hindi

What is mammography in hindi


एक नज़र

  • 3-डी मैमोग्राफी स्तन कैंसर की जांच में अधिक एक्यूरेट साबित होती है।
  • 3-डी मैमोग्राफी से फॉलो अप मैमोग्राम 40% तक कम हो गए हैं।
  • 3-डी मैमोग्राफी से फाल्स पॉजिटिव मेमोग्राम 15% तक कम हुए हैं।
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Introduction

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दुनिया भर में, स्तन कैंसर महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है, और इसकी घटनाओं और मृत्यु दर में आगे काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। [1] यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर सार्वजनिक-स्वास्थ्य का मुद्दा बना हुआ है। [2] हालांकि, कई मामलों में जब इस बीमारी का पता समय से पूर्व नहीं चल पता है तो ये जोखिमों से भरा हो सकता है। ऐसे में जल्द-से-जल्द या शुरुआत में इसका पता लगाने के लिए 3डी मैमोग्राफी एक कारगर टूल साबित हो सकती है। [3]

इसकी मदद से शुरुआत में ही इस बीमारी का पता लगाकर समय रहता इसका इलाज संभव हो सकता है। कई मामलों में देखा जाता है कि महिलाएं स्तन कैंसर के लक्षणों को जान नहीं पाती थी लेकिन अब मैमोग्राफी की मदद से ये आसान हो चुका हैं। असामान्य परिवर्तनों से जुड़ीं समस्याओं को और स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी (mammography in hindi) तकनीक के प्रयोग से स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में गिरावट आई हैं। आइए जानते हैं कि 3डी मैमोग्राफी क्या है और कैसे इसकी मदद से शुरुआत में ही स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

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इस लेख़ में

 

3डी मैमोग्राफी क्या होती है?

What is 3D mammography in hindi

मैमोग्राफी क्या है जानें

3 डी मैमोग्राफी को थ्री-डायमेंशनल (three-dimensional) मैमोग्राफी और डिजिटल ब्रेस्ट टोमोसिन्थिसिस - डीबीटी (Digital Breast Tomosynthesis - DBT) भी कहा जाता है। यह स्तन इमेजिंग या ब्रेस्ट स्क्रीनिंग की सबसे नई और एडवांस तकनीक है। इसमें एक्स-रे सिस्टम और कंप्यूटर के माध्यम से स्तन की 3-डाइमेंशनल पिक्चर बनाने के लिए ब्रेस्ट टिश्यू की 3 डाइमेंशनल इमेज ली जाती है।

ब्रेस्ट टिश्यू की इमेज लेने के लिए मैमोग्राफी मशीन स्तन पर प्रेशर डालकर उसको समतल (compress) करती हैं। औसत स्तन दबाब (average breast compression) 6 से 7 सेंटीमीटर तक होता है। टोमोसिन्थिसिस के द्वारा ब्रेस्ट टिश्यू की मिलीमीटर तक इमेज ली जाती है और इस प्रकार से छह या सात इमेज बन जाती है। जिससे स्तन कैंसर का पता लगाया जाता। है

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3डी मैमोग्राफी प्रारंभिक चरण में स्तन कैंसर को पकड़ सकते हैं?

How 3D mammograms can detect breast cancer at early stage in hindi

जानें ocd क्या है

3 डाइमेंशनल मैमोग्राम, 2-D मैमोग्राम और डिजिटल मैमोग्राम की तुलना में अधिक बेहतर साबित हुए हैं। ब्रेस्ट टोमोसिंथेसिस से स्तन कैंसर की अन्य तकनीकों की सीमाओं (limitations) पर काबू पाना आसान हो गया हैं। टोमोसिंथेसिस मैमोग्राफी की सबसे नयी तकनीक है, जिसमे एक्स-रे और कंप्यूटर की मदद से स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पता लगाने में सहायक होती हैं। नए 3D मैमोग्राम ब्रेस्ट टिश्यू के अधिक विस्तृत इमेज दिखाते हैं, जिसके द्वारा स्तन असामान्यताओं का बेहतर पता लगाया जा सकता हैं।

हालांकि, कुछ मामलों में मैमोग्राम के परिणाम गलत भी आ सकते हैं। यहाँ देखें मैमोग्राम के गलत परिणाम का कारण क्या हो सकता है। अगर स्तन कैंसर की पहचान प्रारंभिक चरण के समय पर नहीं होती है, तो कम आक्रामक कैंसर समय के साथ अधिक आक्रामक कैंसर बन जाते हैं। शरीर में फैलने के साथ ट्यूमर का आकार भी बढ़ जाता है। कई बार महिलायें एमआरआई और मैमोग्राम के बीच कन्फ्यूज हो जाती हैं, यहाँ जानें दोनों का अंतर।

और पढ़ें:एरोला और निप्पल से जुड़े तथ्य
 

3डी मैमोग्राफी - टोमोसिंथेसिस के फायदे

Benefits of 3D Mammography- Tomosynthesis in hindi

What is mammography in hindi

वर्तमान में स्तन कैंसर और स्तन से जुड़ी समस्यायों का पता लगाने के लिए तीन प्रकार की मैमोग्राफी तकनीक प्रयोग की जाती है। एनालॉग मैमोग्राफी (Analog Mammography),डिजिटल मैमोग्राफी-2D मैमोग्राफी (Digital- 2D Mammography) और टोमोसिंथेसिस (Tomosynthesis - 3D Mammography) है। एक शोध के अनुसार, 3-डी मैमोग्राफी रिजल्ट स्तन कैंसर की जांच में अधिक सही साबित होते हैं।

हाल ही में हुए रिसर्च के अनुसार, 50 से 69 वर्ष की आयु की 12,631 महिलाओं का अध्ययन किया गया और पाया गया कि 3-डी मैमोग्राफी तकनीक के आने के बाद से इनवेसिव स्तन कैंसर (Invasive Breast Cancer) और नॉन इनवेसिव स्तन कैंसर (Non invasive Breast Cancer) के 27 प्रतिशत ज्यादा मामले सामने आए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि 3डी मैमोग्राफी के क्या-क्या फायदे होते हैं।

3डी मैमोग्राफी के फायदे निम्न हैं : -

  1. प्रारंभिक डायग्नोसिस और समय पर ट्रीटमेंट (Early diagnosis and quick treatment)
    एक प्रारंभिक स्तन कैंसर या पूर्व-कैंसर के पता लगने से जीवन दर बढ़ जाती है। इसके द्वारा छोटे ट्यूमर का इलाज भी आसान होता है, और स्तन कैंसर वाली महिलाओं के पास ट्रीटमेंट के अधिक विकल्प उपलब्ध होते हैं। स्तन कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगने से उसके फैलने की संभावना भी कम हो जाती हैं। जानें महिलाओं को मैमोग्राम की सबसे अधिक आवश्यकता कब पड़ती है।
  2. अपेक्षाकृत अधिक स्तन कैंसर का पता लगाना (Detecting relatively difficult to detect breast cancer)
    3-डी मैमोग्राम्स प्रारंभिक चरण स्तन कैंसर वाली महिलाओं के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि 3-डी मैमोग्राम स्तन कैंसर को खोजने में बाकी तकनीकों से अपेक्षाकृत अधिक बेहतर हैं।3-डी मैमोग्राम्स से स्तन के डेन्स टिश्यू एरिया (dense tissue area) को भी देखा जा सकता हैं। टोमोसिंथेसिस में छोटे से छोटे कैंसर के कारण का पता लगाया जा सकता हैं। इसके द्वारा इनवेसिव कैंसर (invasive cancer) 40% तक अधिक पाए गए हैं।
  3. कम संख्या में फॉलो अप मैमोग्राम (Few Follow Up Mammograms)
    3डी मैमोग्राफी से फॉलो अप मैमोग्राम 40 % कम हो गए हैं। जब डॉक्टर 2-D या डिजिटल मैमोग्राम पर असामान्यताओं को देखते हैं तो स्तन कैंसर या किसी अन्य समस्या की पुष्टि के लिए फॉलो अप मैमोग्राम करवाने की सलाह देते हैं। महिलाओं के लिए फॉलो अप मैमोग्राम तनाव और चिंता का कारण बनाते है और इसमें पैसा भी अधिक खर्च होता हैं। 3डी मैमोग्राम फॉलो-अप इमेजिंग की आवश्यकता को कम करता है और ज्यादा बेहतर परिणाम देता है।
  4. घने (dense) ब्रेस्ट और 3-डी मैमोग्राफी (Dense breast and 3D mammography)
    3डी मैमोग्राफी विशेष रूप से घने स्तनों वाली महिलाओं की जांच के लिए उपयोगी हैं। लगभग 65 प्रतिशत से अधिक प्रीमेनोपॉज़ल (pre-menopausal) महिलाओं में और 25 प्रतिशत से अधिक पोस्टमेनोपॉज़ल (post-menopausal) महिलाओं में घने स्तन ऊतक होते हैं और ऐसे में किसी असामान्यता या ट्यूमर को देख पाना मुश्किल हो जाता है। 3डी मैमोग्राफी से घने स्तन ऊतक वाली महिलाओं के स्तनों में डेन्स टिश्यू एरिया से आगे भी देखा जा सकता है। 3डी मैमोग्राफी डेन्स टिश्यू को मिलीमीटर में देख सकता है।
  5. फाल्स पॉजिटिव रीडिंग के कम मामलें (Less false positive readings)
    2-D मैमोग्राफी और डिजिटल मेमोग्राफी टेस्ट से लगभग 78 प्रतिशत महिलाओं के स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता हैं, जिसमे 83 प्रतिशत एक्यूरेसी (accuracy) की संभावना होती है।
    इसमें कुछ मामले फाल्स पॉजिटिव रीडिंग के हो सकते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है जिससे चिंता, तनाव और दर्द होना स्वाभाविक हैं। एक शोध के अनुसार, टोमोसिंथेसिस - 3डी मैमोग्राफी से फाल्स पॉजिटिव मेमोग्राम 15 % तक कम हो हुए हैं। [4]
  6. महिलाओं का बेहतर अनुभव (Better Women's Experience)
    अगर महिलाओं के 2-डी मैमोग्राम और 3-डी मैमोग्राम के अनुभव की बात की जाए तो उन्हें वास्तव में इन दोनों के बीच का अंतर नहीं पता चल पाता क्योंकि स्तन की पोजीशन और दबाव में कुछ ज्यादा फ़र्क़ नहीं होता। 3-D टोमोसिंथेसिस के नए उपकरणों में नए प्रकार के लचीले पैडल आ गए है, जो कुछ महिलाओं को वास्तव में अधिक आरामदायक लगते हैं।


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निष्कर्ष

Conclusionin hindi

breast cancer ke liye mammography in hindi

निष्कर्ष = Conclusion

टोमोसिंथेसिस के लाभ दोगुना है - एक तरफ स्तन कैंसर का समय पर पता लगाना और दूसरी तरफ फाल्स पॉजिटिव रीडिंग और फॉलो अप स्क्रीनिंग से बचाव। इसी के साथ ही 3-डी मैमोग्राफी में पैसे और समय दोनों की बचत होती है। यहाँ देखें मैमोग्राम के परिणाम का अर्थ क्या होता है।

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references

संदर्भ की सूचीछिपाएँ

1 .

Anastasiadi Z, Lianos GD, et al.”Breast cancer in young women: an overview”. Updates Surg. PMID: 28260181.

2 .

Veronesi U, Boyle P, et al. ”Breast cancer”. PMID: 15894099.

3 .

Houssami N. “Digital breast tomosynthesis (3D-mammography) for screening women with dense breasts”. Expert Rev Med Devices. PMID: 27133355.

आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 12 Oct 2020

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